सिक्किम का इतिहास और उसका भारत में विलय – History of Sikkim in Hindi,
हमारे पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम का इतिहास वर्षों पुराना है। भारत का खूबसूरत राज्य सिक्किम का इतिहास जितना रोचक है उतनी ही सिक्किम की संस्कृति भी दिलचस्प है। क्षेत्रफल के नजरिये से देखें तो सिक्किम भारत का दूसरा सबसे छोटा राज्य है।
गंगटयेक इस प्रदेश की राजधानी है। सिक्किम की समुद्र तल से ऊंचाई करीव 200 मी से लेकर 8500 मीटर तक है। पहले यहाँ राजाओं का शासन था। लेकिन सन 1975 ईस्वी में एक संधि की तहद सिक्किम का भारत में विलय हुआ।
हिमालय की तराई में बसा सिक्किम भारत का 22 वां राज्य है। अपने अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के कारण सिक्किम का इतिहास बहुत ही धनी है। इस कारण इसकी गिनती भारत के सबसे अद्भुत राज्य में की जाती है।
यहाँ के पर्वत, पठार, झरने, झील बरबस ही पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करती है। तो आइये History of Sikkim in Hindi शीर्षक वाले इस लेख के माध्यम से सिक्किम का इतिहास, सिक्किम की संस्कृति, सिक्किम यात्रा और सिक्किम पर्यटन के वारे में विस्तार से जानते हैं।
सिक्किम का इतिहास – History of sikkim in hindi
यहाँ हम सिक्किम के इतिहास को दो भाग में बाँट कर वर्णन करेंगे। भारत की आजादी के पहले का इतिहास’ तथा आजादी के बाद का इतिहास।
आजादी से पहले – History of Sikkim in Hindi
जैसा की हम जानते हैं की सिक्किम का इतिहास कई सौ साल पुरानी मानी जाती है। सिक्किम में राजतन्त्र का प्रारंभ सन 1641 ईस्वी से माना जाता है। कहते हैं की सन 1641 ईस्वी में फुन्त्सोंग नाम्ग्याल को सिक्किम का प्रथम शासक होने का गौरव प्राप्त हुआ।
तिब्बत के तीन बौद्ध भिक्षुओं के द्वारा फुन्त्सोंग नाम्ग्याल को सिक्किम का प्रथम चोग्याल बनाया गया। चोग्याल, राजा को कहा जाता था। इस प्रकार नाम्ग्याल राजवंश ने 300 साल से भी ज्यादा दिनों तक सिक्किम पर राज किया। कहते हैं की जब बौद्ध भिक्षुओं ने राजा गियालयों को नियुक्त किया था ।
उस बक्त इस राज्य का विस्तार काफी दूर तक था। नेपाल का पूर्वी भाग, भूटान का कुछ अंश, तिब्बत का कुछ इलाका और दार्जिलिंग, सिक्किम के ही भाग हुआ करते थे। बाद में अंग्रेजों ने साम-दाम से दार्जिलिंग को अपने कब्जे में ले लिया।
कहते हैं की अंग्रेजों की चालबाजी से क्रोधित होकर सिक्किम के महाराज ने ब्रिटेन के अनुसंधानी दल को बंधक बना लिया था।
बाद में सन 1861 ईस्वी में अंग्रेजी सरकार और सिक्किम के राजा के बीच संधि हुई। उस संधि के बाद सिक्किम ने ब्रिटिश भारत की सार्वभौम सत्ता को अंगीकार किया।
आजादी के बाद का इतिहास’
कलांतर में जब सन 1947 से भारत, ब्रिटिश सरकार की गुलामी के चंगुल से से आजाद हुआ तब सन 1861 वाली दोहरी संधि के नीति के तहद ही सिक्किम भारत का अभिन्न अंग बना। क्या आप जानते हैं, आजादी के 28 साल के बाद सिक्किम का विलय भारत में हुआ था।
सिक्किम का इतिहास और भारत में विलय की कहानी (how sikkim became a part of india)
इतना बक्त क्यों लगा इसके बारें में आजादी के बाद के सिक्किम का इतिहास और तत्कालीन परिस्थितियों को समझना होगा।
हमारा देश भारत जब 15 अगस्त 1947 को आजद हुआ। तब भारत के तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में भारत में अलग-अलग सैकड़ों रियासतों का विलय हुआ।
लेकिन पूर्वोत्तर का राज्य सिक्किम, आजादी के 28 साल बाद भारत में विलय हुआ। कुछ इतिहासकारों का मानना है की आजादी के बाद सिक्किम के राजा भारत में विलय के पक्ष में नहीं थे। सन 1973 में सिक्किम में गृह युद्ध छिड़ गया।
संधि के तहद भारतीय फौज गृह युद्ध को रोकने के लिए सिक्किम पहुंची। इस प्रकार संधि के तहद सिक्किम ने स्वतंत्र भारत की प्रभुसत्ता को भी अंगीकार किया।
सिक्किम की 97.5% जनता द्वारा भारत में विलय का समर्थन
जब सिक्किम की 97% से ज्यादा लोगों ने भारत में विलय को अपनी सहमति दि थी। कहते हैं की 1975 सिक्किम में हुए जनमत संग्रह में वहाँ के 97% जनता ने भारत में विलय के पक्ष में सहमति दी।
उसके बाद सिक्किम को भारत का विलय का विधेयक 23 अप्रैल, 1975 को लोकसभा में पेश पास हुआ।
तत्पश्चात यह विधेयक राज्य सभा में पास हुआ। लोकसभा और राज्य सभा में यह विल पास होने के बाद इसे तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद के पास भेजा गया।
15 मई, 1975 भारत के राष्ट्रपति ने इस पर हस्ताक्षर किए। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करते ही सिक्किम से नाम्ग्याल वंश का आधिपत्य समाप्त हो गया।
सिक्किम राज्य का गठन – history of sikkim in hindi
विधेयक दोनो सदनों में पारित होने के बाद सिक्किम राज्य का गठन का रास्ता साफ हो गया। इस प्रकार सिक्किम राज्य का गठन 15 मई 1975 ईस्वी को हुआ। फलतः सिक्किम को भारत का 22वां राज्य बनने का गौरव प्राप्त हुआ।
आधुनिक सिक्किम का इतिहास (sikkim history in hindi)
राज्य के गठन के बाद से ही सिक्किम प्रगति के पथ पर लगातार अग्रसर है। विलय के बाद सिक्किम की राजधानी सुंदर शहर गंगटोक को बनाया गया। गंगटोक की समुद्र तल से ऊंचाई करीव 1800 मी. है। भारत के पूर्वोत्तर राज्य में सिक्किम का तेजी से विकास हुआ है।
अपनी अद्भुत सुंदरता के कारण सिक्किम पर्यटक का आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। कहते हैं की गंगटोक में छोटे व बड़े करीब 140 की संख्या में गुफ़ाएं मौजूद हैं। सिक्किम का भारतवर्ष में विलय बाद से यहाँ आने भले पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
इन्हें भी पढ़ें – बिहार का गौरवशाली इतिहास
उपसंहार – conclusion history of sikkim in Hindi
भारत के ठोस कदम के कारण ही आज सिक्किम भारत का अभिन्न अंग है। हालांकि सिक्किम के भारत में विलय का चीन और नेपाल ने विरोध किया था।
लेकिन बाद में दोनो देशों को भारत के फैसले को मानना पड़ा। दोस्तों सिक्किम का इतिहास (History of Sikkim in Hindi ) शीर्षक वाली यह लेख् कैसा लगा अपने सुझाव से जरूर अवगत करायें।