इंडिया गेट की सम्पूर्ण जानकारी – Information about india gate in Hindi
About India Gate in Hindi – इंडिया गेट भारत की राजधानी, नई दिल्ली के लगभग केंद्र में स्थित है। राजपथ के पूर्वी छोर पर स्थित यह इंडिया गेट बहुत ही सुंदर और भव्य युद्ध स्मारक है। इंडिया गेट का निर्माण अंग्रेजों ने करवाया था।
एक युद्ध स्मारक के रूप में पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस युद्ध स्मारक के दीवारों पर प्रथम विश्व युद्ध में शहीद सैनिकों के नाम दर्ज हैं। इंडिया गेट कहां स्थित है, इसकी बात करें तो यह राष्ट्रपति भवन के ठीक सामने महज चंद किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
इंडिया गेट के पास खड़ा होकर राष्ट्रपति भवन का दीदार किया जा सकता है। इस स्मारक के दीवार पर 70 हजार से अधिक उन भारतीय सैनिक का नाम अंकित है। इंडिया गेट अविभाजित भारतीय सेना के सैनिकों का सम्मान के लिए समर्पित है।
जिन्होंने 1914 से 1919 के बीच प्रथम बिश्व युद्ध के दौरन अपने प्राण की आहुति दी थी। इंडिया गेट का नाम पहले ‘ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल’ था। जिसे बाद में नाम परिवर्तित कर इंडिया गेट किया गया।
इस लेख में इंडिया गेट से जुड़े सवाल जैसे इंडिया गेट कहां है (India gate kahan hai), इंडिया गेट किसने बनवाया, इंडिया गेट किस राज्य में है, इंडिया गेट किस शहर में स्थित है के जवाब आपको मिल जाएंगे।
इंडिया गेट का सम्पूर्ण इतिहास – History of India Gate in Hindi
इंडिया गेट का इतिहास की बात करें तो इसका निर्माण में सन 1921 ईस्वी में शुरू हुआ था। सन 1921 ईस्वी में डयूक ऑफ कनॉट ने इस स्मारक की आधारशिला रखी थी।
इस इतिहासिक युद्ध स्मारक की नींब 10 फरवरी 1921 को एक सैन्य समारोह के दौरना रखा गया था। इस अवसर पर भारत के प्रथम वायसराय विस्कॉन्ड चेम्सफोर्ड भी वहां मौजूद थे।
नई दिल्ली स्थित 43 मीटर ऊंचे इस युद्ध स्मारक को बनाने में करीब 10 साल का समय लगा। भारत का यह प्रसिद्ध युद्ध स्मारक सन 1931 ईस्वी में बनकर तैयार हुआ।
उसके बाद 12 फरवरी 1931 को तत्कालीन वाइसराय, लॉर्ड इरविन ने इस स्मारक का उदघाटन किया। इंडिया गेट का निर्माण अंग्रेजों नें युद्ध में शहीद सैनिकों के याद में बनवाया था।
प्रथम विश्व युद्ध तथा तीसरे एंग्लो-अफ़गान युद्ध में बड़ी संखया मे ब्रिटिश भारतीय सैनिक नें ब्रिटिश साम्राज्य के रक्षा के लिए अपने जान की कुर्बानी दी थी। इस युद्ध में करीब 80,000 सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी।
इन्ही सैनिकों की याद में अंग्रेजों ने इंडिया गेट को निर्माण करवाया था। अंग्रेजों ने इस युद्ध स्मारक का नाम All India War Memorial रखा था।
इंडिया गेट के वास्तुकार कौन है? – india gate information in hindi
भारत के इस प्रसिद्ध युद्ध स्मारक इंडिया गेट के वास्तुकार ‘सर एडविन लुटयेंस‘ को माना जाता है। सर एडविन लुटयेंस अपने समय के महान वास्तुकार थे। उन्होंने इंडिया गेट के अलावा विश्व के और भी कई स्मारक के डिजाइन तैयार कीये थे।
सर एडविन लुटयेंस IWGC के सदस्य थे, इस कारण उन्होंने एसिया के अलावा यूरोप में भी कई युद्ध स्मारक का डिजाईन तैयार किया था।
इंडिया गेट बनावट व संरचना – fact about india gate in hindi
इंडिया गेट की विशेषता की बात करें तो यह वास्तुकला की दृष्टि से अनुपम है। जो सालों भर देशी विदेशी पर्यटक को अपने ओर आकर्षित करता है। कहते हैं की इंडिया गेट की बनावट फ्रांस की राजधानी में स्थित ‘आर्क डि ट्रायम्फ’ की तरह है।
इंडिया गेट एक षट्कोणीय जगह के बीचों बीच बनाया गया है। इसकी ऊंचाई 43 मीटर और चौड़ाई 9.1 मीटर और व्यास 625 मीटर के बराबर है। इंडिया गेट लगभग 360,000 वर्ग मीटर के एरिया में बनाया गया है।
इसके निर्माण में लाल और पीले रंग के बलुआ पत्थरों का उपयोग किया गया है। इस पत्थर को विशेषकर भरतपुर से लाया गया था। इंडिया गेट के सबसे ऊपर एक गुंबद सी आकृति बनी हुई है।
इसके ठीक सामने एक खाली छत दिखाई देती है, जिसमें शुरू में जॉर्ज पंचम की प्रतिमा लगी हुई थी। सन 1960 में इस प्रतिमा को कोरोनेशन पार्क में शिफ्ट कर दिया गया। इसमें सरकार ने 2022 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने का फैसला किया है।
इंडिया गेट की दीवारों पर क्या लिखा हुआ है?
इंडिया गेट के दीवारों पर लगभग 13300 सैनिकों के नाम उत्कीर्ण हैं। साथ ही निम्न बातें इंडिया गेट की दीवारों पर लिखा हुआ है?
इंडिया गेट और अमर जवान ज्योति – amar jawan jyoti information in hindi
इंडिया गेट के ठीक नीचे अमर शहीद वीर जवान के यादगार में हमेशा मशाल जलती रहती है। इंडिया गेट की इसी मशाल को अमर जवान ज्योति के नाम से जाना जाता है।
इस “अमर जवान ज्योति” के पास एक राइफल उल्टाकर रखा गया है जिसके ऊपर युद्ध में प्रयुक्त होने वाले सैनिक का हेलमेट रखा हुआ है। इसके सामने देवनागरी लिपि में ‘अमर जवान’ लिखा हुआ है।
अमर जबान ज्योति पर प्रज्वलित ज्योति हमेशा जलती रहती है। अमर जवान ज्योति का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरी गाँधी के द्वारा 26 जनवरी 1972 को किया गया था।
अमर जवान ज्योति के निर्माण के निर्माण में काले मार्बल पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और इन्फैन्ट्री डे के मौके पर भारत के प्रधान मंत्री और तीनों सेनाओं के सेनाप्रमुख अमर जवान ज्योति में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
भारत सरकार ने सन 1947 के बाद शहीद हुए भारत के सशस्त्र बलों के जवानों को सम्मानित करने के उद्देश्य से इंडिया गेट के तर्ज पर ही एक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का निर्माण करने का फैसला किया।
जिसका उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। जनवरी 2022 को इंडिया गेट का अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ज्योति से साथ विलय कर दिया गया।
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इंडिया गेट और गणतंत्र दिवस परेड
गणतंत्र दिवस के अवसर पर हर साल 26 जनवरी के दिन इंडिया गेट पर विशेष परेड का आयोजन किया जाता है। इस दिन भारत के राष्ट्रपति और अन्य गण्यमान्य व्यक्ति द्वारा इंडिया गेट के नीचे स्थित अमर जवान ज्योति पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया जाता है।
इस दिन इंडिया गेट के राजपथ पर भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। यह परेड राष्ट्रपति भवन के पास से शुरू होकर इंडिया गेट के पास से गुजरती हुई लालकिल तक जाती है। इस अवसर पर लाखों लोग इस परेड को देखने इंडिया गेट पहुचते हैं।
इस झांकी में उस राज्य के कला व संस्कृति की साफ झलक मिलती है। इस परेड के दौरान भारत की लेटेस्ट रक्षा उपकरण को भी प्रदर्शित किया जाता है। यह भारत की सामरिक शक्ति को व्यक्त करता है।
इस परेड के दौरान बिभिन राज्यों की झांकी का विशेष प्रदर्शन किया जाता है जो देखने में बहुत मनमोहक लगती है।इस झांकी में भारत के अलग-अलग प्रांतों के विविध सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलती है।
शाम के बक्त इंडिया गेट की छटा – delhi India gate in Hindi
दिल्ली के लोग और पर्यटक शाम के समय इंडिया गेट के पास घूमने जाते हैं। इसके आस पास हरी घास से भरे मैदान, फव्वारे के पास बहती शाम की ठण्डी हवा, ढेर सारे पर्यटक को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं।
शाम के समय इंडिया गेट के चारों ओर लगी रंगीन रोशनियों जब प्रकाशमान होती है। तब एक मनमोहक दृश्य की रचना होती है। हर उम्र के लोग इंडिया गेट के पास लगे फव्वारे पर लाइट शो का आनंद उठाते हैं।
देश विदेश से लाखों लोग दिल्ली स्थित इस इतिहासिक युद्ध स्मारक को देखने आते हैं। गर्मियों में देर रात तक इसके आस-पास लोगों की भीड़ दिखाई पड़ती है।
इंडिया गेट खुलने का समय
दिल्ली के प्रमुख आकर्षण में दिल्ली का इंडिया गेट प्रसिद्ध है। किसी विशेष परिस्थिति को छोड़कर इंडिया गेट हमेशा दर्शक के लिए खुला रहता है। लोग देर रात तक इंडिया गेट के रंगीन लाइटिंग का आनंद लेते हैं।
इंडिया गेट के बारे में 10 लाइन – few lines History and Facts about India Gate in hindi
- इंडिया गेट भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित इस युद्ध स्मारक है।
- इस स्मारक का निर्माण अंग्रेजों ने प्रथम विश्व युद्ध में शहीद सैनिकों के याद में करवाया था।
- इंडिया गेट के दीवारों पर करीब 13300 सनिकों के नाम अंकित हैं।
- इस युद्ध स्मारक का निर्माण कार्य सन 1921 में शुरू हुआ था।
- इंडिया गेट के निर्माण में करीब 10 साल लगे और यह 1931 में बनकर तैयार हुआ।
- इंडिया गेट के वास्तुकार सर एडविन लुटयेंस थे।
- इंडिया गेट की ऊंचाई लगभग 43 मीटर है।
- इंडिया गेट का उद्घाटन भारत के तत्कालीन वाइसराय, लॉर्ड इरविन ने किया था।
- इंडिया गेट की बनावट फ्रांस की राजधानी में स्थित ‘आर्क डि ट्रायम्फ से मिलती है।
- इंडिया गेट का उद्घाटन के समय नाम All India War Memorial रखा गया था।
इंडिया गेट कैसे पहुंचे – How to reach India Gate in Hindi
इंडिया गेट पहुचने के लिए दिल्ली एयर पोर्ट, नई दिल्ली , पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन अथवा सराय रोहिला रेलवे स्टेशन से सीधे बस या टैक्सी दे द्वारा पहुंचा जा सकता है। इंडिया गेट दिल्ली मेट्रो से भी पहुंचा जा सकता है।
इंडिया गेट के नजदीक मेट्रो स्टेशन – nearest metro station of India Gate in hindi
इंडिया गेट के सबसे नजदीक का मेट्रो स्टेशन केन्द्रीय सचिवालय (Central Secretariat metro station) है। यहॉं से पैदल इंडिया गेट पर जाया जा सकता है।
अबाउट इंडिया गेट इन हिंदी (F. A.Q)
इंडिया गेट की ऊंचाई कितनी है
इंडिया गेट एक षट्कोणीय स्थल के ठीक मध्य स्थित है। भारत के दिल्ली मे स्थित इस प्रसिद्ध इंडिया गेट ऊंचाई 43 मीटर, चौड़ाई 9.1 मीटर और व्यास 625 मीटर के करीब है।
इंडिया गेट क्यों प्रसिद्ध है?
इंडिया गेट भारतीय सेना के अदम्य साहस और वीरता का प्रतीक है। 26 जनवरी को हर साल यहाँ विशेष परेड का आयोजन किया जाता है।
इंडिया गेट क्यों बनाया गया था?
इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध में शहीद सैनिकों के सम्मान में बनवाया गया था। इसकी दीवार पर करीब 13000 हजार से ज्यादा सैनिकों के नाम लिखे हुए हैं।
इंडिया गेट किसने बनवाया और क्यों? (india gate kisne banvaya tha)
इंडिया गेट का ब्रिटिश सरकार ने बनवाया था। उन्होंने इस युद्ध स्मारक का निर्माण प्रथम युद्ध में शहीद होने वाले वीर जवानों के याद में बनवाया था।
इंडिया गेट का निर्माण कब हुआ था? (india gate ka nirman kab hua)
इंडिया गेट का निर्माण 10 फरवरी 1921 को शुरू हुआ था। इसके शीलायांस के अवसर पर भारत के प्रथम वायसराय विस्कॉन्ड चेम्स भी मौजूद थे।
इंडिया गेट का पुराना नाम क्या था?
जब अंग्रेजों ने इस स्मारक का निर्माण करवाया था। तब इसका नाम अखिल भारतीय युद्ध स्मारक ( All India War Memorial) रखा गया था। जिसका बाद में नाम बदल कर इंडिया गेट कर दिया गया।
इंडिया गेट का इतिहास (about India gate in Hindi ) शीर्षक वाले इस लेख से आपको इंडिया गेट कहां है क्यों प्रसिद्ध है, जरूर पता चल गया होगा। अगर आप इंडिया गेट पर निबंध हिंदी में सर्च कर रहें हैं तो यह आर्टिकल्स आपको जरूर पसंद आया होगा।
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