जैसलमेर किला दुनिया के सबसे बड़ा रेगिस्तानी क्षेत्र का किला है। इस किले को 'सोनार किला' या 'स्वर्ण किले' के नाम से भी जाना जाता है।
खूबसूरत जैसलमेर का किला को विश्व प्रसिद्ध संस्था यूनेस्को द्वारा 2013 में विश्व विरासत की सूची में शामिल किया गया।
इस किला का निर्माण 1156 ई में जैसल नामक एक भाटी राजपूत शासक ने किया। त्रिकुरा पहाड़ी पर स्थित यह किला गौरवशाली इतिहास का साक्षी है।
जैसेलमेर किले के निर्माण में पीले रंग के बलुआ पत्थरो का इस्तेमाल हुआ है। जिस पर सूरज की रोशनी पड़ने से और भी खिल जाता है।
इस किले पर सूरज की रौशनी पड़ने से रंग सुनहरे हो जाता है। इस कारण से जैसेलमेर के किला को सोनार किला या गोल्डन फोर्ट कहा जाता है।
जैसेलमेर का किला राजस्थान में स्थित दूसरा सबसे पुराना किला है। वास्तुकला की दृष्टि से बेहद खास यह किला करीब तीस फुट ऊंची दीवार से घिरी है।
99 बुर्जों वाला इस विशाल किले में अखाई पोल, हवा पोल, सूरज पोल और गणेश पोल नामक चार प्रवेश द्वार हैं। जिसमें अखाई पोल सबसे प्रसिद्ध है।
किले की सुंदरता, हवेलियां, राज भवन, दुर्ग, जलाशयों आदि पर्यटकों को अपनी तरफ अन्यास ही आकर्षित करती है।
राजपूत और मुगल स्थापत्य शैली में निर्मित किले पर सूर्यास्त के समय सूरज की रोशनी पड़ने से अद्भुत सुंदर दिखाई पड़ता है।
करीब 1500 फुट लंबाई और 750 फुट चौड़ाई लिए यह खूबसूरत किला जैसलमेर शहर के सबसे प्रमुख दर्शनीय स्थल है।
जैसलमेर का किला राजस्थान राज्य का एक मात्र किला है, जिस किले परिसर में लोग निवास करते हैं। इस किले परिसर में दुकानें और होटल भी मौजूद हैं।
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