बिहार वैशाली का इतिहास क्या है? वैशाली जिले की पूरी जानकारी | Vaishali Bihar history and Information in Hindi

Bihar Vaishali hostory and information in Hindi
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बिहार वैशाली का इतिहास और जिले की पूरी जानकारी – Vaishali Bihar history in Hindi

वैशाली कहां है

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बिहार वैशाली का इतिहास और जिले की पूरी जानकारी – Vaishali Bihar history in Hindiबिहार वैशाली का इतिहास Vaishali Bihar historyवैशाली गणराज्य का इतिहासवैशाली गणतंत्र का इतिहासबौद्ध और जैन धर्म से जुड़ा है वैशाली का इतिहासचीनी यात्री फ़ाहियान के यात्रा वृतांत में भी वैशाली का वर्णनवैशाली गढ़ का इतिहासवैशाली की नगरवधू आम्रपाली का इतिहासबिहार वैशाली जिला का इतिहासवैशाली जिला की संक्षिप्त जानकारीवैशाली के दर्शनीय स्थल Vaishali Bihar tourismवैशाली कैसे पहुचें –Q. वैशाली का प्राचीन नाम क्या था?Q. वैशाली किसकी राजधानी थी?Q. वैशाली का क्षेत्रफल कितना है?Q. विश्व का पहला गणतंत्र वैशाली किसके द्वारा स्थापित किया गया?Q. वैशाली के प्रमुख संघ कौन-कौन से हैं?

वैशाली विहार राज्य के वैशाली जिले में अवस्थित है। वैशाली का इतिहास जैन धर्म और बौद्ध धर्म दोनों से जुड़ा हुआ है। वैशाली के ही पास कुम्भग्राम में भगवान महावीर का जन्म हुआ था। यह स्थल जैन समुदाय का एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल माना जाता है।

दूसरी तरफ भगवान बुद्ध और बौद्ध धर्म का भी संबंध वैशाली से कुछ कम नहीं था। वैशाली में ही द्वितीय बौद्ध संगति का आयोजन हुआ था। वैशाली बिहार राज्य में पटना से ठीक उत्तर करीव 50 कि.मी. दूर गंगा के दूसरी तरफ स्थित है।

जो वर्तमान में वैशाली के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर पर्यटन के लिए कई दर्शनीय स्थल हैं जिसका वर्णन इस लेख में किया गया है। बिहार सरकार ऐसे स्थलों के विकास के लिए कई कदम उठा रही हैं।

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बिहार वैशाली का इतिहास और जिले की जानकारी - HIstory of Vaishali in Hindi
बिहार वैशाली का इतिहास और जिले की जानकारी – HIstory of Bihar Vaishali in Hindi

पटना से एसिया के सबसे बड़ा सड़क पूल “महात्मा गाँधी सेतु” होते हुए वैशाली आसानी से पहुँच जा सकता है। तो चलिये बिहार के इस ऐतिहासिक स्थल वैशाली के बारे में जानते हैं।

बिहार वैशाली का इतिहास Vaishali Bihar history

वैशाली का अर्थ वैभवशाली होता है। लेकिन यहाँ वैशाली से आशय भारत के महान प्राचीन शहर से है। वैशाली के नामांकरण के बारें में कई कयास लगाये जाते हैं। कहते हैं की लिच्छवी वंश के राजकुमार के नाम पर इसका नाम पहले विशालपुरी था।

वहीं कुछ विद्वानों की माने तो इसका नाम महाभारत काल के राजा विशाल के नाम पर वैशाली पड़ा। खैर जो भी हो लेकिन यह बात सत्य है की विश्व को प्रजातंत्र का पाठ पढ़ाने वाला वैशाली का ही एक गणराज्य था।

हिन्दू धर्मशास्त्र के आधार पर वैशाली की स्थापना ईक्षवाकू एवं अलंबूषा के पुत्र विशाल द्वारा की गई थी। इसी कारण से इस स्थान का नाम विशाला कहलाया जो आगे चलकर वैशाली के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

इन बातों के आधार पर बिहार का प्राचीन शहर वैशाली का इतिहास अति प्राचीन माना जाता है।

वैशाली गणराज्य का इतिहास

बिहार का यह प्राचीन स्थल वैशाली कभी लिचछवि गणराज्य की राजधानी थी। करीब 600 ईस्वी पूर्व लिचछवि गणराज्य भारत के सबसे समृद्ध राज्य था। उस बक्त यहाँ महान लच्छवी वंश के राजाओं ने वैशाली पर शासन किया था।

उस बक्त उन्होंने इस गणराज्य की सीमा का विस्तार नेपाल की पहाड़ियों तक किया था। इतिहासकारों के अनुसार लिक्चवी राज्य को एशिया का पहला गणराज्य होने का गौरव प्राप्त है।

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वैशाली गणतंत्र का इतिहास

बिहार के वैशाली गणतंत्र का इतिहास अति प्राचीन है। कहते हैं की दुनियाँ को प्रजातंत्र की सिख देने वैशाली का ही गणराज्य था। विश्व में गणतंत्र की स्थापना सर्वप्रथम वैशाली में ही हुआ था। वैशाली के लोकेशन के लेकर विद्वानों में मतभेद दिखाई देता है।

इतिहासकार कनिंधम के अनुसार वैशाली नगर का लोकेशन मुजफ्फरपुर जिला के गाँव बसाढ़ के पास बताया जाता है। लेकिन रिज डेविडस् के बातों के अनुसार वैशाली को लोकेसन तिरहुत के आस-पास स्थित थी।

लेकिन एक दूसरे विद्वान स्मिथ ने रिज डेविडस् के बातों से सहमत नहीं हैं। उनका मत कनिंधम से मिलता है। जिन्होंने वैशाली का लोकेशन मुजफ्फरपुर के एक गाँव के पास बताया।

सन 1903-04 के दौरान जब डॉ टी बलाख के द्वारा इस स्थल की खुदाई की गई तो इस बात की पुष्टि होती है की स्थल वैशाली था। यहाँ पर खुदाई के द्वारा 400 ईस्वी पुरानी मोहरें प्राप्त हुई है।

खुदाई से प्राप्त मुहरों और उन मोहरों पर अंकित नाम से स्पष्ट होता है की यह स्थल वैशाली था। जहाँ गुप्त वंश के सम्राट राज्य करते थे।

बौद्ध और जैन धर्म से जुड़ा है वैशाली का इतिहास

बिहार के वैशाली का इतिहास बौद्ध और जैन धर्म से जुड़ा हुआ था। भगवान बुद्ध ने यहाँ तीन बार आए और काफी दिनों तक यहाँ रहे। उनके निर्वाण के बाद द्वितीय बौद्ध संगति वैशाली में ही हुई थी।

कहा जाता है की यही पर प्रबचन देते हुए भगवान बुद्ध ने अपने निर्वाण की घोषणा की थी। बिहार के वैशाली का इतिहास जैन धर्म से भी जुड़ा हुआ है। वैशाली के कुंडलपुर में भगवान महावीर का जन्म हुआ था।

उनके पिता का नाम सिद्धार्थ और माता की नाम त्रिशला थी। जिन्होंने बहुत ही काम उम्र ने गृह त्याग कर सन्यासी बन गए और विश्व को शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाया।

चीनी यात्री फ़ाहियान के यात्रा वृतांत में भी वैशाली का वर्णन

कहा जाता है चीनी यात्री फ़ाहियान ने भी 5 वीं सदी में वैशाली की यात्रा की थी। फ़ाहियान के अनुसार उस बक्त वैशाली के उत्तर दिशा में एक विशाल घना जंगल था जहाँ बुद्ध रहा करते थे।

हवेनसांग ने भी अपने यात्रा वृतांत में बताया की यह स्थल वैशाली का क्षेत्र फलदार वृक्षों से लदा उपजाऊ क्षेत्र था। उन्होंने वैशाली का इतिहास का अनुमान लगाते हुए वर्णन किया है की यह क्षेत्र करीब 5000 मील की परिधि में फैला होगा।

वैशाली गढ़ का इतिहास

वैशाली में राजा विशाल का गढ़ देखने लायक है। करीब 01 किलोमीटर परिधि लिए हुए इसके चारों ओर करीब 02 मीटर ऊँची दीवार बनी है। सुरक्षा की दृष्टि से इसके चारदीवारी के चारों तरफ करीव 40 मीटर चौड़ी खाई थी।

वैशाली की नगरवधू आम्रपाली का इतिहास

वैशाली को जिक्र हो और वहाँ की तत्कालीन अत्यंत रूपवती आम्रपाली का जिक्र नहीं हो तो वैशाली का इतिहास अधूरा लगेगा। आम्रपाली प्राचीनकाल में वैशाली की सबसे सुंदर स्त्री थी।

जिसके रूप के दीवाने राजा महाराजा से लेकर आमजन थे। उनकी चर्चा दूर दूर तक थी। आगे चलकर आम्रपाली बौद्ध धर्म अपनाकर बौद्ध भिच्छुनि बन गई।

बिहार वैशाली जिला का इतिहास

जैसा की हम जानते हैं की विहार का वैशाली का इतिहास भगवान बुद्ध की कर्म भूमि और भगवान महावीर का जन्म भूमि रहा है। वैशाली इतिहासिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टि से वैभवशाली शहर रहा है।

वैशाली आम्रपाली नामक सुंदरी का रंग भूमि भी रही है। वहीं आम्रपाली बाद में वैशाली की नगर वधू के नाम से इतिहास में प्रसिद्ध है। वर्तमान में वैशली बिहार राज्य का एक प्रसिद्ध जिला है।

वैशाली जिला का इतिहास से पता चलता है की इस जिले का गठन 12 अक्टूबर 1972 को किया गया था। इससे पहले तक यह बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का हिस्सा था।

वैशाली जिले की चौहद्दी की बात की जाय तो इसके पूर्व में समस्तीपुर और पश्चिम में सारण जिला स्थित है। वहीं इसके उत्तर में मुजफ्फरपुर तथा दक्षिण में पटना जिला स्थित है। वैशाली जिले का मुख्यालय हाजीपुर है। वैशाली जिला में 03 अनुमंडल और 16 ब्लॉक है।

वैशाली जिला की संक्षिप्त जानकारी

गठन – 12 अक्टूबर 1972
क्षेत्रफल -2036
प्रमुख नदियाँ -गंगा एवं गंडक
मुख्यालय – हाजीपुर
प्रमंडल – तिरहुत
अनुमंडल -3 (हाजीपुर ,महुआ ,महनार )
प्रखंड – 16
पंचायत-290
राजस्वग्राम -1638
लोकसभा क्षेत्र – 2 (हाजीपुर ,वैशाली )
कुल जनसंख्या -3495021 (वर्ष 2011 जनगणना )
विधानसभा क्षेत्र– 8
घनत्व -1717 प्रति वर्ग km
साक्षरता दर -66.6 %
भाषा – हिंदी ,उर्दू,मैथिली

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वैशाली के दर्शनीय स्थल Vaishali Bihar tourism

वैशाली में तो वैसे कई चीज देखने लायक हैं। बिहार सरकार भी वैशाली को एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में लगी है।

बिहार वैशाली का इतिहास और जिले की जानकारी - HIstory of Vaishali in Hindi
बिहार वैशाली स्थित विश्व शांति स्तूप

यहॉं पर बौद्ध स्तूप, चतुर्भुज महादेव, म्यूजियम में बुद्ध भस्म, ताम्र मुद्राएं, राजा विशाल का किला, मीरजनी की दरगाह, पाल बंश का बावन पोखर आदि दर्शनीय स्थल हैं।

साथ ही यहाँ के अशोक स्तम्भ भी दर्शनीय है। वैशाली का अशोक दूसरे अशोक स्तम्भ से थोड़ा अलग है। इटिहकारों के अनुसार यह स्तम्भ सम्राट अशोक के सबसे पहला स्तम्भ रहा होगा।

वैशाली कैसे पहुचें –

वैशाली भारत के कोने कोने से रेल और रोड के माध्यम से जुड़ा हुआ है। यहाँ का सबसे प्रसिद्ध रेलवे स्टेशन हाजीपुर है। सबसे निकट का हवाई अड्डा पटना है जहाँ से टैक्सी के द्वारा वैशाली का भ्रमण आसानी से किया जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q. वैशाली का प्राचीन नाम क्या था?

उत्तर – कहा जाता है की वैशाली का प्राचीन नाम विशाला था। जो राजा विशाल के नाम पर पड़ा था। इस क्षेत्र की चर्चा धार्मिक ग्रंथों में भी मिलती है।

Q. वैशाली किसकी राजधानी थी?

उत्तर – प्राचीन काल में कुल 16 जनपदों में से लिच्छवी का नाम प्रमुख था। वैशाली दुनियाँ को गणतंत्र का सिख देने वाली प्राचीन लिच्छवी गणराज्य की राजधानी थी।

Q. वैशाली का क्षेत्रफल कितना है?

उत्तर – वैशाली का क्षेत्रफल 2,036 वर्ग किलोमीटर है।

Q. विश्व का पहला गणतंत्र वैशाली किसके द्वारा स्थापित किया गया?

उत्तर – कहा जाता है की विश्व का पहला गणतंत्र लिच्छवी में ही स्थापित किया गया था। छठी शताब्दी में ई पू की बौद्ध रचनाओं और खुदाई से मिले सबूत के आधार पर माना जाता है की बिहार के वैशाली में ही दुनियाँ का पहला गणतंत्र था। 

Q. वैशाली के प्रमुख संघ कौन-कौन से हैं?

उत्तर – प्राचीनकाल में वैशाली 16 महाजनपदों में प्रमुख था। मगध के बाद दूसरा स्थान लिछवि गणराज्य का ही नाम आता था। यहाँ पर द्वितीय बौद्ध संगति हुई। यहाँ पर गौतम बुद्ध कई सालों तक रहे थे। 

वैशाली क्यों प्रसिद्ध है?

जैसा की हम जानते हैं की बिहार का वैशाली का नामांकरण वहाँ के राजा विशाल के नाम पर हुआ है। प्राचीनकल से वैशाली अपने ऐतिहासिक पुरातात्विक स्थल के लिए प्रसिद्ध है। इस स्थान का संबंध भगवान महावीर और गौतमबुद्ध से भी रहा है।

वैशाली मुजफ्फरपुर से कब अलग हुआ?

वैशाली मुजफ्फरपुर से 12 अक्टूबर 1972 को अलग हुआ। इससे पहले यह मुजफ्फरपुर जिले का एक भाग था।

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बाहरी कड़ियाँ (External links)

वैशाली का इतिहास और जिले का नक्शा

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