Complete information about Maharashtra – महाराष्ट्र के बारे में पूरी जानकारी–
महाराष्ट्र भूमि है वीर शिवाजी महाराज की जिन्होंने औरंगजेव के सामने कभी घुटने नहीं टेके। उन्होंने मराठा समराज्य की स्थापना की और पूरे भारतवर्ष को गौरवान्वित किया। महाराष्ट्र भारत के विशाल भू-क्षेत्र में फैला बहुसंख्यक आबादी वाला एक सम्पन्न राज्य है।
महाराष्ट्र, संस्कृत के दो शब्द महा तथा राष्ट्र से मिलकर बना है जिसका मतलब होता है सबसे बड़ा या महान राष्ट्र(देश)। महाराष्ट्र की शीतकालीन राजधानी नागपूर है। नागपूर में संतरे की अधिक पैदावार होने के कारण इसे संतरे के शहर के नाम से भी जानते हैं।
मुंबई इसकी ग्रीष्म कालीन राजधानी है। आगे हम जानेंगे की महाराष्ट्र राज्य का नाम महाराष्ट्र क्यों पड़ा? मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी क्यों कहा जाता है। महाराष्ट्र में अनेकों पर्यटक स्थल स्थित हैं। यहाँ की माया नगरी मुंबई आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र है।
माया नगरी मुंबई से करीव 11 कि मी दूरी पर एलीफेंटा नामक विश्वविख्यात गुफाएं भी स्थित है। इसके साथ ही अजंता और एलोरा की गुफा भी दर्शनीय है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित बीबी की मकवरा को भारत का दूसरा ताजमहल या मिनी ताजमहल के नाम से जाना जाता है।
यहाँ सभी धर्मों के लोग बड़े ही सोहार्द से रहते हैं यह महाराष्ट्र की विशेषता कही जा सकती है। इसके साथ ही सिद्धिविनायक मंदिर, सिरडी का साई मंदिर, गेट वे ऑफ इंडिया यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं। आज हम Complete information about Maharashtra शीर्षक के इस लेख में महाराष्ट्र के बारें में विस्तार रूप से जानेंगे।
महाराष्ट्र के बारे में जानकारी – Information about Maharashtra in Hindi
पूरा नाम | -महाराष्ट्र |
राजधानी | -मुंबई |
महाराष्ट्र का गठन कब हुआ? | – 1 मई 1960 |
महाराष्ट्र की भाषा | – मराठी, हिंदी |
महाराष्ट्र का क्षेत्रफल | – 3,07,713 वर्ग किलोमीटर |
महाराष्ट्र राज्य की जानकारी
आगे हम जानेंगे की महाराष्ट्र स्थापना दिवस और उससे जुड़ी कुछ रोचक बातें। करीब 60 के दशक में भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग अपने जोड़ों पर थी। लोग भाषा के आधार पर राज्य के गठन की मांग कर रहे थे।
इसी दौर में मराठी लोगों ने मराठी भाषी क्षेत्रों को इकीकृत कर एक अलग राज्य बनाने की मांग की। संयुक्त महाराष्ट्र समिति का गठन कर सम्पूर्ण मराठी भाषी क्षेत्रों में वृहद रूप में आंदोलन चलाया गया। इस आंदोलन में कई लोगों ने अपनी जान दे दी।
फलतः बॉम्बे पुनर्गठन अधिनियम 1960 के तहद बॉम्बे राज्य को दो भाग में विभाजित कर महाराष्ट्र और गुजरात का जन्म हुआ। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने 01 मई 1960 को नये राज्य महाराष्ट्र की स्थापना की।
उन्होंने भाषा के आधार पर मराठी भाषी क्षेत्र कोंकण, मुंबई, मराठवाडा, खानदेश और विदर्भ को जोड़कर एक नए राज्य, महाराष्ट्र की स्थापना की। उसी प्रकार गुजराती भाषी क्षेत्र को मिलाकर गुजरात राज्य का गठन हुआ।
जैसा की हम जानते हैं की गुजरात और महाराष्ट्र दोनो पहले बाम्बे प्रेसिडेंसी के अंतर्गत बाम्बे राज्य में आते थे। राज्य के गठन के समय बाम्बे को लेकर भी काफी आंदोलन हुआ। मराठी भाषी लोग चाहते थे की बाम्बे महाराष्ट्र का हिस्सा बने।
जबकि गुजराती का मानना था की मुंबई को बनाने में गुजरात के लोगों का बहुत बड़ा हाथ है इसीलिए इसे गुजरात राज्य का हिस्सा होना चाहिए। अंत में बाम्बे में मराठी भाषी की संख्या अधिक होने के कारण इसे महाराष्ट्र का अंग बनाया गया।
प्रत्येक वर्ष 01 मई को महाराष्ट्र स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। महाराष्ट्र स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य में कई प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
इस दिन उन लोगों को श्रद्धांजलि दी जाती है जिन्होंने महाराष्ट्र राज्य के निर्माण के लिए अपना सर्वश न्योछावर कर दिया। राज्य सरकार भी इस दिन को खास बनाने के लिए कई समारोह का आयोजन करती है।
महाराष्ट्र के इतिहास पूरी जानकारी – History of Maharashtra
महाराष्ट्र का इतिहास अति प्राचीन है। कहते हैं की त्रेता-युग में भगवान राम ने वनवास का कुछ समय नासिक के पास पंचवटी में बिताया था। पंचवटी से ही रावण ने माता सीता का हरण किया था।
सुप्रसिद्ध अजन्ता और एलोरा की गुफाएं का निर्माण भी इसी क्षेत्र में ईसा पूर्व 2 से 9वीं शताब्दी के बीच हुआ था। कहा जाता है की इस प्रदेश का कुछ भाग अश्मक जनपद का हिस्सा था। यह जनपद प्राचीन-भारत के के 16 महा-जनपदों में से एक थे।
सम्राट अशोक के काल में यह मगध देश का हिस्सा था। महाराष्ट्र के संस्थापक यहाँ के प्रसिद्ध राजा सातवाहन को माना जाता है। कहते हैं की सातवाहन के शासन काल में यह प्रदेश अनेकों क्षेत्र में प्रगति हासिल की।
इस क्षेत्र पर सातावाहन राजवंश ने 230 से 225 ईस्वी तक शासन किया उसके बाद यह क्षेत्र वाकाटक वंश के शासन के अधीन रहा। कलांतर में इस प्रदेश पर क्रमशः कलचुरी, यादव, चालुक्य, खिलजी तथा बहमिनी वंशों ने राज किया।
लेकिन वीर शिवाजी महाराज का जब उदय हुआ तब महाराष्ट्र का इतिहास और भी गौरवशाली हो गया। शिवाजी महाराज दुर्गम पहाड़ी में अपने अभेद किलों का निर्माण कराया। उन्होंने औरंगजेव को कई बार युद्ध में परास्त किया।
वीर शिवाजी महाराज के नेतृत्व में मराठा राज्य का विस्तार दक्षिण भारत के तंजौर से लेकर मध्य-प्रदेश के ग्वालियर तक था। वीर शिवाजी महाराज के बारें में जाननें के लिए क्लिक करें – शिवाजी महाराज की जीवनी
छत्रपति शिवाजी महाराज के कुशल नेतृत्व में इस प्रदेश का सर्वांगीण विकास हुआ। तत्पश्चात यह प्रदेश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकार में हो गया। इस प्रकार हम देखते हैं की इस प्रदेश का इतिहास बहुत ही समृद्ध और गौरवशाली रहा है।
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महाराष्ट्र के भूगोल पूरी जानकारी Maharashtra geography
महाराष्ट्र राज्य का भौगोलिक क्षेत्रफल काफी बड़ा है। यह 307,713 वर्ग किलोमीटर में फैला भारत का एक प्रसिद्ध राज्य है। क्षेत्रफल की दृष्टिकोण से यह देश का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। पहले नंबर पर राजस्थान और दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश का नाम आता है।
महाराष्ट्र की चौहद्दी की बात करें तो इसके पूर्व में छत्तीसगढ़ और पश्चिम में अरब सागर स्थित है। साथ ही महाराष्ट्र दक्षिण में गोवा, कर्नाटक व आंध्र प्रदेश तथा उत्तर में गुजरात व मध्य प्रदेश से घिरा है।
इस क्षेत्र में पायी जाने वाली काली मिट्टी कपास की खेती के लिए बहुत ही उत्तम है। इसके अलाबा इस क्षेत्र में गन्ना, धान, गेहूं, बाजरा, चना और तम्बाकू की भी खेती होती है। राज्य के करीब 13.66 लाख हेक्टेयर कई प्रकार के फल की पैदावार होती है।
महाराष्ट्र के संतरे के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। महाराष्ट्र राज्य प्रायद्वीपीय भारत का निर्माण करता है। समानतः प्रायद्वीपीय-भारत दक्षिण भारत के रूप में जानते हैं। यहाँ पर दक्षिण भारतीय-क्षेत्र से आशय उस क्षेत्र से है जो विंध्य-पर्वतमाला श्रेणी के दक्षिण की ओर अवस्थित है।
इस राज्य के उत्तर में स्थित सतपुड़ा की पहाड़ियां इसकी शोभा को बढ़ाती है।
महाराष्ट्र का प्रमुख शहर
महराष्ट के प्रसिद्ध शहर में मुंबई, पुणे, नागपूर, औरंगाबाद, अहमदनगर, कोल्हापूर और नासिक के नाम आते हैं।
मुम्बई
जैसा की हम जानते हैं की महाराष्ट्र की राजधानी माया नगरी मुम्बई है। अरब सागर के तट पर बसा हुआ मुंबई एक सुंदर प्राकृतिक बंदरगाह है। एक ओर अतल जल राशि लिए हुए समुन्द्र और दूसरी ओर गगनचुंबी इमारतें इस नगर की शोभा दुनित कर देती है।
मुंबई बॉलीवुड के लिए भी प्रसिद्ध है। कहते हैं की मुंबई का बॉलीवुड, पश्चिमी देश के हॉलीवुड को टक्कर देता है। कहा जाता है की प्राचीन काल में यह कोलीस व धीवरों का निवास स्थल था। उनके इष्टदेव मुम्बादेवी के नाम पर इसका नाम मुंबई पड़ा।
पुणे
यह ऐतिहासिक शहर मूला और मूथा नदियों के संगम पर बसा है। मूथा नदी के किनारे स्थित पूनेश्वर मंदिर के नाम पर ही इस नगर का नाम पुणे पड़ा। छत्रपति वीर शिवाजी के पिता शाहजीराव ने सन 1636 ईस्वी में यहां लालमहल का निर्माण कराया था।
कहा जाता है की वीर शिवाजी का अधिकांश बचपन यहीं पर व्यतीत हुआ था। एतिहासिक दृष्टिकोण से यह शहर काफी महत्वपूर्ण है।
नागपूर
महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी नागपूर है। गर्मी में जहाँ महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई होती है वहीं सर्दियों में नागपूर होती है। नागपूर संतरे की खेती के लिए भी पूरे भारत में प्रसिद्ध है।
नासिक
नासिक महाराष्ट्र का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है। यहाँ गोदावरी नदी के पवित्र तट पर कुम्भ मेला का आयोजन किया जाता है। नासिक के पास ही पंचवटी नामक जगह हैं जहाँ से माना जाता है की सीता जी का हरण हुआ था।
औरंगाबाद
इस स्थल का अपना एतिहासिक महत्व है। भारत का मिनी ताजमहल कहलाने वाला बीबी का मकबरा यहीं पर मौजूद है।
प्रमुख दर्शनीय स्थल – Maharashtra tourist places
शिरडी का साईधाम – महाराष्ट्र के शिरडी में स्थित शिरडी धाम में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। प्रतिवर्ष करोड़ों रुपया उनके भक्त चढ़वा के रूप में चढ़ाते हैं।
रजनीशधाम आश्रम– पुणे के पास भगवान बुद्ध का वर्तमान अवतार कहने वाले अध्यात्मिक गुरु रजनीश का यह आश्रम स्थित है। उन्होंने अमेरिका से 1985 में लौटने के बाद 1990 में मात्र 58 वर्ष की आयु में अपने शरीर का परित्याग कर दिया।
भीमशंकर– समुद्रतल से 3400 फीट की ऊंचाई पर भीमशंकर ज्योतिर्लिंग स्थापित है। इनका स्थान भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में अन्यतम है। महाशिवरात्रि के दिन यहां भक्तों की भारी भीड़ जमा होती है।
गेटवे ऑफ इण्डिया – मुंबई स्थित गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण सन 1911 ईस्वी में हुआ था। इसका निर्माण ब्रिटेन के तत्कालीन शासक जार्ज पंचम तथा उनकी रानी, महारानी विक्टोरिया की स्मृति में किया गया था।
महाराष्ट्र के प्रमुख त्योहार – About Maharashtra festivals
गणेशोत्सव – वैसे तो महाराष्ट्र में कई त्योहार मनाये जाते हैं। लेकिन गणेश चतुर्थी के अवसर पर इस राज्य में विशेष ही रौनक होती है। गणेश चतुर्थी को लोग गणपती बप्पा की प्रतिमा को स्थापित कर इस उत्सव की शुरुआत करते हैं।
10 दिनों तक चलने वाला यह उत्सव अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ समाप्त हो जाता है। इस दौरान भक्त गणपती बप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया का जयकारा लगते हैं।
गणपती उत्सव के दौरान गणपती बप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया का जयकारा क्यों लगाते हैं जाननें के लिए क्लिक करें
इसके अलाबा यहाँ कृष्णजन्माष्टमी, मकर संक्रांति, होली, दशहरा, दिवाली, रमजान, मोहर्रम, ईद और क्रिसमस भी बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
महाराष्ट्र के प्रमुख पर्यटन स्थल Maharashtra tourist place in Hindi
महाराष्ट्र में कई पर्यटक स्थल हैं जहाँ प्रतिवर्ष लाखों लोग घूमने आते हैं।
प्रमुख गुफ़ाएं – इसमें अजंता, एलोरा, एलिफेंटा, कन्हेरी और कारला गुफाएं प्रसिद्ध है।
प्रमुख मंदिर – सिद्धिविनायक मंदिर, मोरगाँव का गणपती मंदिर, पुणे के पास स्थित चिंचवाड़ा का गोसावी गणपती मंदिर प्रसिद्ध हैं। अन्य धार्मिक स्थल में शिरडी का साई धाम, त्र्यंबकेश्वर आदि प्रमुख हैं।
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प्रमुख स्मारक – यहाँ के प्रमुख स्मारक में बीबी का मकबरा औरंगाबाद, गेट वे ऑफ इंडिया का नाम आता है।
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महाराष्ट्र के जिले के बारें जानकारी Maharashtra districts in Hindi
महाराष्ट्र में कुल 36 जिले है, इस राज्य के जनसँख्या के आधार पर सबसे बड़ा ज़िला मुम्बई है जबकि क्षेत्रफल के आधार पर पुना सबसे बड़ा ज़िला माना गया है।
आपको महाराष्ट्र के बारें में यह जानकारी जरूर अच्छी लगी होगी, अपने comments से अवगत करायें।
F.A.Q
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महाराष्ट्र का पुराना नाम क्या है?
महाराष्ट्र राज्य को अंग्रेजों के शासन काल में बॉम्बे स्टेट से संबोधित किया जाता था। उस बक्त इसमें वर्तमान महाराष्ट्र राज्य के दक्षिणी और विद्धर्भ राज्य को छोडकर वडोदरा आदि इसके भाग थे। लेकिन जब 1960 में राज्यों का पुनर्गठन हुआ तब महाराष्ट्र राज्य का गठन हुआ।
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महाराष्ट्र में कौन सी भाषा बोली जाती है?
भारत के महाराष्ट्र प्रांत की भाषा मराठी है। यह राज्य की अधिकारिक राजभाषा है। यहाँ के बहुसंख्य लोग मराठी बोलते है। इसके अलावा यहाँ हिंदी भी बोली जाती है।
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महाराष्ट्र का पुराना नाम क्या है?
महाराष्ट्र में कौन सी भाषा बोली जाती है?
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