Diabetes in Hindi के अंतर्गत आज जानेंगे की हम अपने डाइअबीटीज़ को कैसे कंट्रोल में रख सकते हैं। हमारे देश में डाइअबीटीज़ के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। diabetes in hindi के अंतर्गत आप डाइअबीटीज़ से बचाव और उसके उपचार के बारें में भी चर्चा करेंगे।
इसमें आप डाइअबीटीज़ के लक्षण(diabetes in hindi ) को विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है। इसके साथ डाइअबीटीज़ रोगी के diet चार्ट को भी जान पाएंगे। यहॉं हम diabetes ke लक्षण के अंतर्गतडायबिटीज कितने प्रकार के होते हैं और diabetes का क्या टेस्ट है, उसकी भी चर्चा करंगे। इन सबसे पहले डाइअबीटीज़ के बारें में जानते हैं।
Table of Contents
डाइअबीटीज़ क्या है – Diabetes in Hindi
शरीर में किसी खास हार्मोन की कमी के कारण जब ग्लूकोज(शुगर) का शरीर के कोशिका में जमा न होकर, खून में इकट्ठा होने लगता है। तब खून में गलूकोज (शुगर) का लेवल बढ़ जाता है। इससे शरीर पर diabetes ke lakshan दिखाई पड़ने लगते हैं।
शरीर में थकान, बार-बार पैसाव का आना जैसे कई लक्षण उभर कर शरीर के कई अंगों पर बुरा प्रभाव डालना शुरू कर देता है। अतः खून में ग्लूकोज अर्थात शुगर की मात्रा का बढ़ जाना ही समान्य भाषा में डाइअबीटीज़ कहलाता है।
डाइअबीटीज़ के कई नाम – diabetes in hindi
डाइअबीटीज़ के कई नाम हैं, जैसे मधुमेह, चीनी की विमारी, शुगर के रोग, डाइअबीटीज़ आदि कई नाम से जाना जाता है।
My diabetes and insulin – माई डाइअबीटीज़ और इंसुलिन
हम इनर्जी प्राप्ति के लिए भोजन ग्रहण करते है। शरीर में भोजन के पाचन के बाद उनसे निकली ग्लूकोज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है। इस दौरान इंसुलिन की अहम भूमिका होती है। अतः पहले हम इंसुलिन के बारें में समझते हैं।
इंसुलिन क्या होता है।– Diabetes in Hindi
इंसुलिन मानव शरीर के अंतर्गत अगनाश्य या पैनक्रियाज नामक ग्रन्थि में बनने वाला एक तरह का हार्मोन है। इंसुलिन ही शरीर में ग्लूकोज के लेवल को नियंत्रित करता है। इंसुलिन की मदद से शरीर में बनने बाली ग्लूकोज शरीर के सेल्स में स्टोर हो जाता है।
शरीर में इंसुलिन की कमी से ग्लूकोज शरीर के कोशिका के बजाय ब्लड में जाम होने लगता है। जिससे शरीर में diabetes ke lakshan मालूम पड़ने लगते हैं और रोगी डायबिटीज का शिकार हो जाता है।
डायबिटीज के प्रकार – Type of diabetes in hindi
My diabetes ke lakshan वाले इस सव-हेडिंग में, हम डायबिटीज के प्रकार के बारें में जानेंगे। अगर आप डाइअबीटीज़ से ग्रसित हैं तो आपको किस तरह की डाइअबीटीज़ है इसके बारें में भी जान सकेंगे।
डॉक्टरों के मुतावीक डायबिटीज दो तरह की होती है टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज। यदपि दोनो टाइप के डाइअबीटीज़ के लक्षण में शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है और ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है।
टाइप 1 डायबिटीज क्या है – Type 1 diabetes in Hindi
टाइप 1 डायबिटीज में शरीर के अंदर इंसुलिन क निर्माण नहीं होता है इसे इंसुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज भी कहा जाता है। टाइप 1 डायबिटीज बहुत ही छोटे उम्र में या जन्मजात भी हो सकती है। इस प्रकार का डायबिटीज आनुवंशिक कारणों से भी हो सकता है।
इस रोग को जुवेनाइल डाइबीटीज(बचपन का मधुमेह) भी कहा जाता है। यद्पि यह डाइअबीटीज़ वयस्क में भी हो सकता है। चूंकि टाइप 1 डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन बनता ही नहीं है या बनना बंद हो जाता है। इसीलिए रोगी को टाइम से इंसुलिन का इंजेक्शन दिया जाता है। जिससे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कंट्रोल में रह सके।
टाइप 2 डायबिटीज– typs 2 diabetes in hindi
इस डाइअबीटीज़ के लिए जानकार खराब लाइफ स्टाइल को सबसे ज्यादा जिम्मेदार मानते है। टाइप 2 डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन का बनना कम हो जाता है। जिसके कारण ग्लूकोज सेल्स में पहुच नहीं पाता है। इस कारण ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है।
टाइप 2 डायबिटीज कई कारण से हो सकते हैं जिसमें नींद की कमी, खराब लाइफ स्टाइल, हाइपरटेंशन, मोटापा इत्यादि शामिल है। साथ ही आनुवांशिक कारण से भी टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
इसीलिए मोटापा पर नियंत्रण, संतुलित आहार का सेवन, समुचित व्यायाम, और पर्याप्त नींद के द्वारा इस प्रकार के diabetes को नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसा कर शरीर को फिर से इंसुलिन के प्रति संवेदनशील बनाया जा सकता है।
डाइबीटीज के लक्षण- Diabetes in Hindi
डाइअबीटीज़ के रोगी को जरा सी चोट लगने पर वह स्थान नीला पड़ जाता है अथवा घाव हो जाते है। साथ ही उनका घाव देर से ठीक होता है।
टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण– diabetes ke lakshan
टाइप 1 डायबिटीज के रोगी को अत्यधिक प्यास का लगना, बार-बार पेशाब का आना, ज्यादा भूख का लगना, आँखों का धुंधलापन इत्यादि कई लक्षण मालूम पड़ता है। इसके साथ नींद का काम आना, दिल के धड़कन तेज रहना, वजन घटना जैसी समस्या हो सकती है।
टाइप 2 Diabetes ke lakshan
टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण में रोगी को बार-बार मूत्र का त्याग करना(खासकर रात के बक्त), सामान्य से अधिक प्यास का लगना, हमेशा थकान और सुस्ती का अनुभव होना, सिरदर्द, दृष्टि का धुंधलापन, मोटापा, घाव या कट जाने पर देरी से ठीक होना, खाने के थोड़े समय के बाद ही भूख का अनुभव होना, पैरों में दर्द, त्वचा में संक्रमण आती कई लक्षण पैदा हो जाते है।
दूसरे टाइप के डायबिटीज के मरीज अपने डायबिटीज को खान -पान और लाइफ स्टाइल में बदलाव के द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए प्रतिदिन व्यायाम जरूरी है।
डाइअबीटीज़ की जांच – Diabetes and type of test
कई जांच के तरीके से डाइअबीटीज़ का पता लगाया जाता है। यहाँ हम कुछ प्रमुख तरीके का वर्णन करने जा रहे हैं। जिससे आसानी से ब्लड में शुगर के लेवल को पता किया जाता है।
एएफपीजी टेस्ट – फ़ासस्टिग प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट(नाश्ता के पहले)-diabetes in Hindi
यह check-up भूखे पेट की जाती है, खाना खाने के कम से कम 8 घंटों के बाद ही इस टेस्ट का नतीजा सही आता है। अतः यह एफ़पीजी टेस्ट सुबह के नाश्ते से पहले किया जाता है। इस टेस्ट में रोगी के उंगली के सिरे या बांह से ब्लड निकालकर टेस्ट किया जाता है।
एफ़पीजी टेस्ट से पता चलता है कि खाने के पहले रोगी के ख़ून में ग्लूकोज की कितनी मात्रा है। इस टेस्ट में अगर ब्लड में शुगर की मात्रा 100 के रेंज में तो सामान्य, 100-125 के रेंज को प्री-डाइअबीटीज़ और 126 से ज्यादा को डाइअबीटीज़ के श्रेणी में रखा जाता है।
यदपि कुछ रिसर्चर्स के अनुसार अगर आपका एफ़पीजी 91-99 के रेंज में है, तो आपको सचेत होने की जरूरत है। यह प्री-टाइप 2 डायबिटीज़ होने का संकेत हो सकता है।
पीपीबीएस टेस्ट (नाश्ता के बाद): diabetes in Hindi
पोस्टप्रेंडियल ब्लड शुगर टेस्ट नाश्ता के बाद किया जाता है। यह टेस्ट आमतौर पर एएफपीजी टेस्ट के बाद सुबह नाश्ता के कम से कम दो घंटे बाद किया जाता है।
इस टेस्ट में अगर ब्लड में शुगर की मात्रा 140 के रेंज में तो सामान्य, 140-199 के रेंज को प्री-डाइअबीटीज़ और 200 से ज्यादा को डाइअबीटीज़ के श्रेणी में रखा जाता है।
एचबीए1सी टेस्ट: diabetes in Hindi
My diabetes का पता लगाने के लिए एचबीए1सी टेस्ट सबसे सटीक तरीका माना जाता है। इस टेस्ट के द्वारा पिछले 2-3 महीने में ख़ून में ग्लूकोज (शुगर) का औसत मात्रा का पता लगाया जाता है।
अगर ए1सी जांच के नतीजे 5.7% से कम है तो my diabetes is under कंट्रोल समझा जा सकता है। अगर टेस्ट के नतीजे 5.7% से 6.4% की रेंज में हैं तो यह प्री-डायबिटीज़ को दर्शाता है और सचेत होने का समय है। लेकिन टेस्ट के नतीजे अगर 6.5% या उससे ज़्यादा हैं, तो डायबिटीज़ की निशानी है।
TREATMENT of Diabetes in Hindi
दोस्तों यहॉं हम आपको बताएंगे की कौन से आयुर्वेदिक दवा के माध्यम से डाइअबीटीज़ पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
Ayurvedic medicine for diabetes in Hindi – वैसे तो बाजार में डाइअबीटीज़ के ढेर सारे आयुर्वेदिक दवा उपलबद्ध है। लेकिन यहाँ हम कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक दवा का वर्णन करने जा रहें हैं जो डाइअबीटीज़ में कारगर है।
Jamun fruit for diabetes in Hindi – जामुन के फल और बीज का सेवन मधुमेह रोगी के लिए लाभदायक है। इसका सेवन शरीर में इंसुलिन के स्राव को उत्तेजित कर गलूकोज को नियंत्रित करता है।
Patanjali diabetes – यहाँ पतंजलि की डाइअबीटीज़ की दबाई का वर्णन किया गया है। जो डाइअबीटीज़ को कंट्रोल में रखने में रामबाण साबित हो सकता है। पतंजलि में डाइअबीटीज़ के लिए मधुनशिनी वटी, जामुन, आंवला और करेला जूस उपलब्ध है।
उपसंहार – Disclaimer
उपरोक्त बातें सिर्फ डाइअबीटीज़ के बारें में छनिक जानकारी देने के उद्देश्य से की गयी है। my diabetes ke lakshan अर्थात अपने डाइअबीटीज़ के बारें में जानने के लिए डॉक्टर से जरूर सलाह लें और जांच करायें। उपरोक्त औषधि सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखी गयी है। सेवन के पूर्व चिकित्सक से जरूर सलाह ले।
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