top 25 GAUTAM BUDDHA UPDESH IN HINDI – गौतम बुद्ध के उपदेश

गौतम बुद्ध के उपदेश - GAUTAM BUDDHA UPDESH IN HINDI
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जानें, गौतम बुद्ध के उपदेश की 25 रोचक बातें – GAUTAM BUDDHA UPDESH IN HINDI

Gautam Buddha Updesh in Hindi – गौतम बुद्ध के उपदेश के इस ब्लॉग में हमने गौतम बुद्ध के चुनिंदा उपदेशों का संग्रह किया है। भगवान बुद्ध के विचार हमारे जीवन में अमूल्य परिवर्तन ला सकता है।

उन्होंने संसार के मार्गदर्शन के सतपथ का मार्ग दिखाने के लिए अपने राजसी सुख-सुविधाओं को त्याग कर दिया। अपने धर्मपत्नी यशोधरा और नवजात शिशु राहुल को छोड़कर गृह त्याग कर किया।

कठोर साधना के फलस्वरूप बिहार के गया में उन्हें एक पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई। ज्ञान प्राप्ति के वाद वे सिद्धार्थ से गौतम बुद्ध बन गये। गौतम बुद्ध के उपदेश और शिक्षा को अपनाकर जीवन सफल बनाया ज सकता है।

गौतम बुद्ध को बौद्ध धर्म का संस्थापक कहा जाता है। बौद्ध धर्म को भारत की श्रमण परंपरा से निकला धर्म माना जाता है। उन्होंने अपना पहला उपदेश पालि भाषा में कासी के निकट सारनाथ में दिया था।

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जहाँ गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश वाराणसी के सारनाथ में दिया था।वहीं बुद्ध का अंतिम उपदेश था ‘अप्प दीपो भव’ अर्थात अपना अपने दीपक खुद बनो। जैसा सोचोगे वैसा बनोगे। स्वयं को निर्लिप्त बनाकर आनंद के साथ किया गया कार्य परम सत्ता तक पहुँचने में मदद करता है।

इसके साथ गौतम बुद्ध की कहानियाँ और गौतम बुद्ध के सिद्धांत हमेशा से ही मार्गदर्शक रहे हैं। गौतम बुद्ध के उपदेश को अपनाकर जीवन में असीम सुख-शांति की प्राप्ति संभव है।

उन्होंने अपने उपदेशों से पूरे विश्व को आलोकित किया। आइये Gautam Buddha Updesh in Hindi शीर्षक वाले इस लेख के द्वारा उनकी बातों को अपने जीवन उतारें।

गौतम बुद्ध के उपदेश - GAUTAM BUDDHA UPDESH IN HINDI
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गौतम बुद्ध के उपदेशGAUTAM BUDDHA UPDESH IN HINDI

तो जानते हैं बुद्ध के उपदेश का संग्रह :-

1. एक पल एक दिन को बदल सकता है, एक दिन पूरे जीवन को बदल सकता है। और एक जीवन पूरे संसार को बदल सकता है। भूतकाल में मत उलझो, भविष्य के सपने मत संजोयो केवल वर्तमान पर ध्यान दो, असली सुख का रास्ता इसी में निहित है।

2. भगवान बुद्ध ने कहा था दुखों का मूल कारण तृष्णा है। इसीलिए संसार चक्र और दुखों से मुक्ति के लिए तृष्णा का नाश होना जरूरी है। उन्होंने अपने अनुयायियों से कहा मेरे बताए गये मार्ग चलो, मेरे ज्ञान का आत्मसात करो। नियमित रूप से ध्यान करो।

3. उन्होंने जीवन चक्र से मुक्ति के लिए और दुखों के नाश के लिए अष्टांग मार्ग का अपनाने का उपदेश दिया। अष्टांग मार्ग के लिए उन्होंने सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वचन, सम्यक कर्म, सम्यक आजीव, सम्यक कर्म, सम्यक स्मृति, सम्यक समाधि पर जोर दिया।

4. भगवान बुध ने किसी खास भगवान की भक्ति करने का उपदेश नहीं दिया। भगवान बुद्ध ने ईश्वर की आस्तित्व के विषय मे अपना विचार मौन रखा। उन्होंने किसी तरह की प्रार्थना की परंपरा को भी नहीं चलाया। उन्होंने ज्ञान और भक्ति मार्ग से इतर कर्म पर जोर दिया।

गौतम बुद्ध के अनमोल वचन

5. जैसे अनिंद्रा से परेशान लोगों को रात बड़ी लम्बी लगती है और एक थके हुए व्यक्ति को मंजिल दूर नजर आती है। उसी प्रकार तरह सच्चे मार्ग से बेसुध लोगों के लिए जीवन-मृत्यु का चक्र भी उतना ही लंबा होता है।

6. गौतम बुद्ध के अनुसार अहिंसा ही परम धर्म है। गौतम बुद्ध ने अहिंसा पर जोर देते हुए यज्ञ में पशु वली का समर्थन नहीं किया। भगवान बुद्ध के अनुसार धरती पर रहने वाले हर जीव का अपना जीवन जीने का अधिकार है।

7. उन्होंने ने बताया की मनुष्य दुखी हैं लेकिन दुख अकारण ही नहीं होता। उन्होंने इस दुख से बचने के लिए कुछ मूल मंत्र बतलाये। इन मूल मंत्रो को बौद्ध धर्म में चतुर आर्य सत्यानी के नाम से जाना गया।

8. जीभ एक तेज चाकू के सामान होती है, यह बिना खून बहाये ही मारती है। सर्वदा सत्य और मधुर वचन बोलें। एक मूर्ख व्यक्ति बुद्धिमान लोगों के साथ रहकर भी अपने पूरे जीवनकाल में सच को नहीं परख पाता है।

9. बुद्ध के अनुसार जैसे आकाश की तरफ मिट्टी उछालने पर वह चेहरे पर आकार गिरती है, उसी तरह से अज्ञानी मनुष्य जब सज्जन के साथ साथ बुरा करने का प्रयास करते हैं। तो इससे उनका खुद का ही ज्यादा नुकसान होता है।

10. बुद्ध के अनुसार ज्ञान ध्यान से उटपन होता है, तथा ध्यान के बिना ज्ञान लुप्त जाता है। इसलिए ज्ञान की प्राप्ति के लिए सन्मार्ग मार्ग को जानकर मनुष्य को इस तरह से साधना करनी चाहिए ताकि सत्य ज्ञान में वृद्धि हो सके।

11. बुद्ध ने जीवनभर कर्म मार्ग पर जोर दिया। उन्होंने कर्म की वास्तविकता बताते हुए कहा देखते समय केवल देखना, सोचते समय केवल सोचना, सुनते समय केवल ध्यानपूर्वक सुनना तथा महसूस करते बक्त सिर्फ महसूस करना ही वास्तविक कर्म है।

12. अगर आप सभी को मेरी ही तरह बांटने की शक्ति के बारे में ज्ञान हो जाय तो आप कभी भी बिना बांटे हुए भोजन ग्रहण नहीं करेंगे। अगर कोई काम करने लायक है, तो उसे पूरे तन मन से करना चाहिए। अंतोगत्वा सफलता जरूर प्राप्त होगी।

13. सभी जीव को मृत्यु से डर लगता है। इसलिए सभी जीवों को अपने जैसा समझते हुए उस पर दया करना चाहिए। अहिंसा का पालन करें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें।

14. बुद्ध वेदो के वचन को प्रमाण नहीं मानते। वे यज्ञ और हवन की प्रक्रिया को भी स्वीकार नही करते। उनके अनुसार कर्म सबसे बड़ी चीज है और इसी की साधना से मोक्ष और मुक्ति के द्वार तक पहुचा जा सकता है।

15. भगवान बुद्ध ने भगवान के अस्तित्व पर कोई बात नही की। उन्होंने अपने अनुयायीयो को भी देवी देवताओ की पूजा करने का उपदेश नहीं दिया। वे मूर्ति पूजा और रीति रिवजो के पक्षधर नहीं थे।

16. लेकिन वे देवयोनि और परलोक में विश्वास रखते थे। हालांकि उनके अनुयायी कलांतर में बुद्ध की प्रतिमा को पूजने लगे। उनका मत था की जो मनुष्य सत्य की तलाश नहीं करते, वे जीवन जीने के असली उद्देश्य से भटक गए हैं।

गौतम बुद्ध के उपदेश के सार – gautam budh ke updesh in hindi

17.  जैसे एक जलते हुए दीपक की लौ से सैकड़ों दीपक को जला कर उजाला किया जा सकता है। फिर भी उस दीपक की रोशनी कम नहीं होती। ठीक उसी प्रकार हमें खुशियां बाँटनी चाहिए। जीवन में खुशियां बांटने से बढ़ती हैं वह कम नहीं होती।

18. कहते हैं विचलित मन वाले व्यक्ति को मृत्यु उसी तरह से बहा कर ले जाती है, जैसे अचानक आई बाढ़ में सोते हुए लोग बह जाते हैं। भगवान बुध ने दुःख और दुख के निवारण के लिए सन्मार्ग पर चलने पर जोर दिया। दुखों से बचने के लिए मध्यम मार्ग अपनाने का उपदेश दिया।

19. प्रत्येक दिन एक नया दिन होता है कोई फर्क नहीं होता कि बीता हुआ कल कितना कठिनयियों से भरा था। आप हमेशा एक नई शुरुआत के साथ जी सकते हैं। शांति भीतर से आती है, बाहर इसकी तलाश करन व्यर्थ है। हम अपने विचारों का ही परिणाम हैं।

गौतम बुद्ध के उपदेश - GAUTAM BUDDHA UPDESH IN HINDI
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Gautam Buddha Updesh in Hindi

19. संसार में तीन चीजें ऐसी हैं जो हमेशा छिपी नहीं रह सकती- सूर्य, चंद्र और सच। बुद्ध के अनुसार बंधन सभी दुखों की जड़ है। जीवन में एक दिन भी समझदारी से जी लेना कहीं बेहतर है, बजाय एक हजार साल तक बिना ज्ञान, ध्यान व साधना के।

20. दूसरे लोगों के दोषों को देखने के बजाय अपने खुद के कर्मों पर नजर डालें कि आप क्या कर चुके हैं और क्या करना शेष है। ईर्ष्या और नफरत की ज्वाला में जलते हुए इस जगत में प्रसनता कैसे स्थाई हो सकती है। अगर आप अँधेरे में डूबे हुए हो तो रौशनी की तलाश में क्यों नहीं लग जाते।

गौतम बुद्ध के उपदेश से सीख

21. जैसे दीपक बिना आग के नहीं जल सकती, वैसे ही मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बगैर जी नहीं सकता। असली खुशी तो सब कुछ पाने में नहीं है, अपितु सर्वस समर्पण में है। जैसे ही हम किसी बात पर गुस्सा होते हैं, हम सत्य के मार्ग से हटकर सिर्फ अपने लिए प्रयास करने लग जाते है।

22. मनुष्य को एक बंधन रहित मन का निर्माण करना चाहिए। यदि आपका चित्त् शांत नहीं है, तब आप इस ब्रह्मांड के प्रवाह को सुन नहीं पाएंगे, ध्यान की अतल गहराई में नहीं उतर पाएंगे। जो मनुष्य विचलित करने वाले विचारों से रहित होते हैं, उन्हें शांति निश्चित रूप से प्राप्त होती है।

23. अगर आप उन चीजों की कद्र नहीं कर सकते जो आपके पास मौजूद है, तो फिर आप खुशी कभी नहीं पा सकते। बर्तमान में हम जो करते हैं जीवन में वही बात सबसे ज्यादा मायने रखता है। जो मनुष्य थोड़े में ही खुशी का अनुभव करता है। सबसे अधिक खुशी उसी व्यक्ति के पास होती है।

24. भूतकाल को जाने दीजिये, भविष्य में भी मत झाँकीये, वर्तमान को भी जाने दीजिये और अपने अस्तित्व की सीमाओं से बाहर झाँक कर देखिये। जब आपका मन पूरी तरह स्वतंत्र होता है, तब आप जीवन और मृत्यु को उसके सही स्वरूप में देख पाते हैं।

25. संसार में कुछ भी स्थाई नहीं है। आप सिर्फ उसे ही खोते हैं जिससे आप ज्यादा चिपके रहते हैं। ज्ञानी पुरुष आनंद से जीवन जीते हैं और उनके ऊपर हार या जीत का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। हजार लड़ाई जीतने से अच्छा है अपने आप को जीतना।

उपसंहार – mahatma buddh ke updesh in hindi

गौतम बुद्ध के ज्ञान को अपने जीवन में उतार कर अपने जीवन को धन्य बनाया जा सकता है। पाठकगण हमें यकीन है कि गौतम बुद्ध के उपदेश (Gautam Buddha Updesh in Hindi) आपको जरूर पसंद आया होगा।

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