jaya bachchan biography in hindi – जया बच्चन की जीवनी

JAYA BACHCHAN BIOGRAPHY IN HINDI - जया बच्चन की जीवनी
JAYA BACHCHAN BIOGRAPHY IN HINDI - जया बच्चन की जीवनी

जया बच्चन ( jaya bhaduri ) का नाम हिन्दी film industry में एक अत्यंत प्रतिभाशाली और सफल अभिनेत्री में शुमार है। जया बच्चन का वास्तविक नाम जया भादुरी है। अमिताभ बच्चन से शादी के बाद इनका नाम बदलकर जय बच्चन हुआ।

जया बच्‍चन एक प्रसिद्ध अभिनेत्री के साथ-साथ एक कुशल राजनीतिज्ञ हैं। इस लेख में जया बच्चन के जीवन के बारे में सम्पूर्ण रूप से प्रकाश डाला गया है।

जया बच्चन की जीवनी – JJAYA BACHCHAN BIOGRAPHY IN HINDI

जया बच्चन की तरह बहुत कम लोग हैं जो अपने फिल्मी कैरियर के साथ राजनीतिक क्षेत्र में भी अच्छा मुकाम हासिल किया हो। जया बच्चन वर्तमान में समाजवादी पार्टी की ओर से राज्य सभा के सदस्य हैं।

अपने फिल्मी कैरियर के दौरान जया भादुरी को नौ filmfare awards मिले। भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री से भी नवाजा गया। आइए जानते हैं जया बच्चन के फिल्मी पर्दे से लेकर राजनीतिक जीवन में भी सफल मुकाम हासिल करने की कहानी। जया बच्चन

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जया बच्चन के वचपन व शिक्षा-दीक्षा

जया भादुरी ( Jaya Bachchan ) का जन्म एक बंगाली परिवार में 09 April 1948 को मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में हुया था। उनके पिता का नाम तरुण कुमार भादुरी (Tarun kumar bhaduri ) और माता इंदिरा भादुरी थी। उनके पिता एक प्रसिद्ध लेखक व पत्रकार थे।

कहते हैं की जया भादुरी अपने बाल्यकाल से ही जिद्दी स्वभाव की थीं। वह जो एक वार ठान लेती उसे वह हासिल करके ही दम लेती थी। जया भादुरी की प्रारम्भिक शिक्षा भोपाल के सेंट जोसेफ कॉनवेंट स्कूल में हुई। जया भादुरी का पढ़ाई के साथ-साथ खेल कूद में भी गहरी रुचि थी।

इस कारण उन्हें साल 1966 में NCC के बेस्ट कैडेट का खिताव मिला। चूंकि पिता लेखक थे इसीलिए जया भादुरी का भी वचपन से कला की तरफ रुझान हुया। जया भादुरी का हायर सेकंडरी के बाद अभिनय सीखने के लिए पुणे भेजा गया। उन्होंने पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट में प्रवेश पा लिया।

इसके साथ ही जया बच्चन भरतनाट्यम में भी परांगत हासिल की। जब वे फिल्म इंस्टीट्यूट में अभिनय की पढ़ाई कर रहे थे तव उनके सहपाठी में शत्रुघ्न सिन्हा, रेहाना सुल्तान और डैनी थे। कहते हैं की जया भादुरी पहली वार में ही मेरिट स्कॉलरशिप पाने में सफल हुई थी।

मात्र 14 साल की उम्र में बांग्ला फिल्म में अभिनय का मौका  

कहते हैं की जया जब 14 साल की थी उनके पिता तरुण कुमार भादुरी(Tarun kumar bhaduri ) एक दिन अपने बेटी को फिल्म की शूटिंग दिखाने ले गए। वहाँ फिल्म निर्मात ‘Satyajit ray’ की फिल्म का शूटिंग चल रही थी।

उस समय निर्माता निर्देशक ‘सत्यजित रे’ को अपनी एक बंगाली फिल्म में खास तरह का किरदार के लिए एक लड़की की तलाश थी। शर्मिला टैगोर ने जया को देखा और ‘सत्यजित रे’ के सामने उनके नाम का प्रस्ताव रखा।

इस प्रकार सत्यजित रे’ की फिल्म ‘महानगर’ में जया भादुरी को काम करने का मौका मिल गया। यही से जया बच्चन के फिल्मी करियर की शुरुआत हुई। इस फिल्म में उनके अभिनय को खूब सराहा गया।

जया बच्चन की पहली हिन्दी फिल्म  : first hindi film of jaya bachchan

JAYA BACHCHAN BIOGRAPHY IN HINDI - जया बच्चन की जीवनी
JAYA BACHCHAN BIOGRAPHY IN HINDI – जया बच्चन की जीवनी

जया भादुरी फिल्म इंस्टीट्यूट पुणे में गोल्ड मेडलिस्ट रही। पढ़ाई के दौरान ही एक दिन जाने-माने निर्माता-निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी फिल्म इंस्टीट्यूट पुणे पहुंच गए। उन्होंने एक फिल्म में बतौर हीरोइन काम करने के लिए जया बच्चन का चयन कर लिया।

Hrishikesh Mukherjee ने प्रिंसिपल से बात की और जया भादुरी को अपनी फिल्म ‘गुड्डी’ के लिए साइन कर लिया। इस प्रकार हिन्दी सिनेमा में जया भादुरी की पहली फिल्म ‘गुड्डी’ से entry हुई। फिल्म गुड्डी में जया भादुरी एक स्कूलगर्ल की भूमिका में नजर आई जिसे फिल्म के हीरो धर्मेंद्र से प्यार हो जाता है।

बाद में गुड्डी को अहसास होता है कि सिनेमा की  रंगीन दुनिया और असल जिंदगी में क्या फर्क होता है। फिल्म गुड्डी के लिए जया बच्चन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के रूप में चयनित किया गया था।

जया बच्चन की उस दौरान की प्रसिद्ध फिल्में

इसके बाद जया बच्चन पीछे मुड़कर नहीं देखी।  इस तरहजया बच्चन एक के बाद एक कई सफल फिल्मों में काम किया। इसमें कोशिश, कोड़ा कागज, उपहार, अनामिका, जवानी दीवानी और बावर्ची जैसी फिल्में शामिल हैं।

जया भादुरी  ने उस दौरान फिल्म zanjeer 1973 (जंजीर), अभिमान(1973), चुपके-चुपके (1975) और शोले(1975) जैसी हिट फिल्मों में अमिताभ बच्चन के साथ काम किया था।

जया बच्चन ने क्यों छोड़ी फिल्मों में काम करना।

कहते हैं की शादी तथा बेटी स्वेता के जन्म के बाद जया भादुरी ने धीरे-धीरे फिल्मों से किनारा कर लिया था। असल में फिल्म सिलसिला के सुटिग दौरान उनकी नन्ही बिटिया स्वेता की बात उनके दिल को छु गयी। जब स्वेता ने उनसे कहा माँ मुझे छोड़कर काम पर मत जाया करो।  

आप मेरे पास ही रहो और काम पापा को काम करने दो। कहते हैं की तभी से उन्होंने अपना बहुमूल्य समय अपने परिवार को देने का निश्चय किया और फिल्मों से दूरी बना ली।

Jaya Bhaduri और अमिताभ की मुलाकात

जया बच्चन और अमिताभ बच्चन की मुलाकात भी किसी फिल्मी कहानी से काम नहीं है। जब Jजया बच्चन पुणे के एफटीआईआई में अभिनय की पढ़ाई कर रही थीं। जब ऋषिकेश मुखर्जी अपने फिल्म के लिए हीरोइन की तलाश में “एफटीआईआई” पुणे गए थे।

उस समय अमिताभ बच्चन भी उनके साथ थे। कहते हैं की जया भादुरी पहली वार अमिताभ बच्चन से मिली थी। पहली मुलाकात में ही वे अमिताभ बच्चनसे काफी प्रभावित हुई।

साल 1973 के दौरेन अमिताभ बच्चन के सितारे गर्दिश में थे। लगातार उनकी फिल्में फ्लाप हो रही थी। इस कारण कोई भी हीरोइन अमिताभ बच्चन के साथ काम करने से परहेज करती थी। जया बच्चन की पहली फिल्म गुड्डी में भी अमिताभ बच्चन को बतौर मुख्य अभिनेता के रूप में लिया गया था।

लेकिन बाद में अमिताभ बच्चनको हटा कर धर्मेन्द्र को लिया गया। कोई भी अभिनेत्री अमिताभ के साथ काम कर अपने करियर को दाब पर नहीं लगाना चाहती। ऐसे बक्त में Jaya Bhaduri ने उनका साथ निभाया। वे अमिताभ के साथ फिल्म ‘जंजीर’ में काम करने को राजी हो गयी।

जया बच्चन और अमिताभ की शादी  – jaya bachchan in hindi

फिल्म जंजीर के दौरान ही दोनो में नजदीकियाँ बढ़ी। इस दौरान दोनो ने निश्चय किया था, कि अगर फिल्म जंजीर हिट हुई तो दोनो छुट्टी मनाने विदेश जाएंगे।

दोनो की मेहनत रंग लाई और फिल्म जंजीर सुपरहिट हुई। लेकिन इनके घर वालों ने इन्हें विदेश जाने की राह में एक शर्त रख दी।

उनके परिवार वालों ने कहा अगर एक साथ विदेश घूमने जाना है तो पहले शादी करो और फिर विदेश भ्रमण पर जाओ। इस प्रकार आनन-फानन में दोनो की शादी हुई तथा दोनो खुशी-खुशी विदेश गए।

जया बच्चन के कारण अमिताभ की बदली किस्मत

कहते हैं की जया भादुरी से शादी के वाद अमिताभ बच्चन की किस्मत बदल गयी। लगातार उनकी फिल्में सुपरहिट होने लगी रही।  उनके ऊपर से फ्लॉप हीरो का तमगा हट गया। अमिताभ बच्चन की फिल्म शहंशाह के सुपर डुपर हिट होने में जया बच्चन का भी बड़ा योगदान था।

जया बच्चन इस फिल्म के बाद ही अमिताभ शहंशाह के नाम से प्रसिद्ध हो गये थे। इस फिल्म में श्री देवी ने अमिताभ के नायिका का रोल निभाया है। लेकिन कम लोगों को ज्ञात है की शहंशाह की दमदार पटकथा खुद जया बच्चन ले लिखी है।

जया बच्चन के पारिवारिक जीवन – jaya bachchan in hindi

Jaya Bhaduri की शादी बॉलीवुड के मशहूर, सदी के महानायक अभिताभ बच्चन के साथ शादी हुई तभी से उनका नाम जया बच्चन हुया। फिल्म शोले के बाद जया बच्चन को  श्वेता नंदा के रूप में एक पुत्री की प्राप्ति हुई।

बाद में एक पुत्र हुआ, जो अभिषेक बच्चन या जूनियर बच्चन के रूप में प्रसिद्ध है। अभिषेक बच्चन की शादी Aishwarya rai से सम्पन हुई। इस प्रकार जया बच्चन को विश्व सुंदरी ऐशबर्या के रूप में उन्हें पुत्र वधू की प्राप्ति हुई। उन्हें एक पोती हुई जिसका नाम आराध्‍या बच्‍चन है।

जया बच्चन की बेटी श्‍वेता की शादी दिल्‍ली के उद्योगपति निखिल नंदा से सम्पन हुई तथा उनके दो बच्‍चे हैं, जिनका नाम नव्‍या नवेली और अगत्‍स्‍य नंदा है। इस प्रकार जया बच्चन का पोतियाँ और नाती-नातिन से भरा खुशहाल परिवार है।   

जया बच्चन की दुबारा फिल्मों मे वापसी

एक लंबे अंतराल के बाद दुबारा उन्होंने फिल्मों में वापसी की। साल 1998 में वे प्रसिद्ध उपन्यासकार महाश्वेता देवी के उपन्यास पर आधारित फिल्म ‘हजार चौरासी की माँ’ में नजर आई।

तत्पश्चात उन्होंने ‘फिजा, ‘कभी खुशी कभी गम’, laaga chunari mein daag’ और शाहरुख खान और प्रीति जिंटा के साथ ‘कल हो ना हो’ जैसे सफल फिल्मों में यादगार भूमिकाएँ निभाईं।

जया बच्चन का राजनीतिक जीवन परिचय

सीने जगत में लंबी पारी के बाद जया बच्चन ने राजनीति में कदम रखी। बहुत ही कम लोग हैं जो सिनेमा और राजनीति दोनो जगह अपना परचम फहराया हो। साल 2004 में पहली वार जया बच्चन एक अभिनेत्रि  से सफल राजनेत्री बनीं।

पहली बार साल 2004 में वे समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में राज्‍यसभा सांसद सदस्य के रूप में चुनी गयी। साल 2006 में दूसरी वार वे राज्यसभा पहुंची। राजसभा में वे तीसरी बार 2012 में पहुंची और उनका कार्यकाल 2018 में खत्म हुया।

2018 में फिर से चौथी बार समाजवादी पार्टी के उमीदवार के रूप में राज्यसभा सांसद के रूप में चुनी गयी। इस प्रकार जया बच्चन लगातार चौथी बार 2004 से राज्यसभा सदस्य हैं।

जया बच्चन से जुड़ी कुछ रोचक तथ्य

सिने जगत के महान अभिनेता संजीव कुमार के साथ जया बच्चन ने कई यादगार फिल्में बनायी। जया बच्चन ने संजीव कुमार के साथ अनामिका, कोशिश, शोले और परिचय जैसी सफल फिल्मों में काम किया।

एक बार अभिनेता संजीव कुमार ने कहा था की फिल्म ‘अनामिका’ में जया मेरे साथ नायिका की भूमिका में थी।

फिल्म ‘कोशिश’ में उसने पत्नी को रोल निभायी।  शोले’ फिल्म में वे मेरी बहू के किरदार में नजर आई और फिल्म ‘परिचय’ में वे मेरी बेटी बनी। बस तमन्ना हैं की में किसी फिल्म में जया के बेटे का किरदार में नजर आऊँ।

पुरस्कार और सम्मान – Jaya Bachchan in Hindi

जया बच्चन को कई फिल्मों के लिए बिभिन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। फिल्‍मों में दमदार अभिनय के लिये उन्‍हें कई बार Filmfare awards से नवाजा जा चुका है।IIFA अवार्ड से भी जया बच्चन तीन बार सम्‍मानित हो चुकी हैं।

इसके साथ जया बच्चन को यश भारती सम्मान (उत्तर प्रदेश के महानतम पुरस्कार) से सम्मानित किया गया। इसके साथ 1992 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानितहो चुकीं है। आइये जानते हैं :-

  • फिल्म कोशिस – इस फिल्म के लिए जया बच्चन को filmfare awards के सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
  • फिल्म- अभिमान – इस फिल्म के लिए जया बच्चन को पहली बार filmfare awards का सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • फिल्म कोरा कागज – जिसके लिए उन्हें करियर में दूसरी बार filmfare के सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से नवाजा गया।
  • फिल्म नौकर – उन्होंने करियर का तीसरा filmfare awards का सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवार्ड अपने नाम कर लिया।
  • फिल्म फिजा – साल 2000 में रिलीज हुए इस फिल्म के लिए उन्हें filmfare awards  में बेस्ट supporting actress अवार्ड से सम्मानित किया गया।
  • फिल्म कभी खुशी कभी गम( kabhi khushi kabhie gham) – filmfare awards बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवार्ड से सम्मानित।
  • फिल्म कल हो ना हो (kal ho naa ho ) – वेस्ट supporting actress का filmfare awards से सम्मानित।
  • वर्ष 2007 में filmfare awards लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित।

लोगों ने पूछाPeople Also Ask

  • Jaya Bhaduri का जन्म कब हुआ था? – उत्तर : 9 अप्रैल 1948
  • जया बच्चन कितने साल की है? – उत्तर : 72 वर्ष (9 अप्रैल 1948)
  • जया बच्चन की लंबाई कितनी है? – उत्तर : 1.57 मी (लगभग 5 feet 2 इंच )
  • Jaya Bhaduri की पहली फिल्म कौन सी है? – बंगाली फिल्म महानगर (1963) और हिन्दी फिल्म गुड्डी (1971)

इन्हें भी पढ़ें – कमला नेहरू की जीवनी

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