हवा महल भारत के राजस्थान के जयपुर में स्थित एक राजसी-महल है। इसकी गिनती देश के प्राचीन राज महलों में की जाती है।
Image credit Instagram
बिना किसी ठोस नींव के यह इमारत एक अजूबा की तरह 87 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है। हवा महल की ऊंचाई अपने मुख्य आधार से करीब ऊंचाई 87 फीट है।
Image credit Instagram
हवा महल का मतलब अथवा आशय एक ऐसा महल से है जिसमें हमेशा ताजी और ठंडी हवा आती रहती हो। बाहर से देखने में यह महल मुकुट या मधुमक्खी के छत्ते के समान प्रतीत होता है।
Image credit Instagram
हवा महल का मतलब अथवा आशय एक ऐसा महल से है जिसमें हमेशा ताजी और ठंडी हवा आती रहती हो। बाहर से देखने में यह महल मुकुट या मधुमक्खी के छत्ते के समान प्रतीत होता है।
Image credit Instagram
कहा जाता है की हवा महल के निर्माणकर्ता राजा सवाई प्रताप सिंह, भगवान कृष्ण के परम भक्त थे। शायद इसी कारण हवा महल का निर्माण उन्होंने भगवान कृष्ण के मुकुट के सादृश्य किया।
Image credit Instagram
वास्तुकला का सुंदर नमूना हवा महल में पाँच मंजिल हैं। इसकी ऊपरी मंजिल पर जाने के लिए सीढ़ियाँ नहीं बनी है बल्कि रैंप के जरिए पहुचा जा सकता है।
Image credit Pixaway
हवा महल की मंजिलों के नाम इस प्रकार हैं। प्रथम तल शरद मंदिर, दूसरी तल रत्न मंदिर, तीसरी मंजिल विचित्र मंदिर, चौथी तल प्रकाश मंदिर और पांचवीं मंजिल हवा मंदिर।
Image credit Instagram
हवा महल की झरोखे से शहर का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है। हवा महल में बनी गुलाबी रंग की बालकनियों और जालीदार खिड़कियों मंत्रमुग्ध करती है।
Image credit Instagram
हवा महल का निर्माण राजपूत राजाओं द्वारा रानियाँ के लिए बनवाया गया था। ताकि शाही महिलाएं किसी खास अवसर पर नीचे होने वाले दृश्य को झरोखों से देख सकें।
Image credit Instagram
हवा महल की विशेषता है की गर्मियों के दिनों में भी यह ठंडा रहता है। इनमें बनी 953 छोटी-छोटी खिड़कियां इस प्रकार बनी है की कमरे में हमेशा हवा आते रहती है।
Image credit Instagram
गुलाबी शहर जयपुर में स्थित हवा महल का निर्माण सन 1799 में सवाई प्रताप सिंह द्वारा कराया था। हवा महल राजस्थान की राजधानी जयपुर की पहचान है।
Image credit Instagram
हवा महल के वास्तुकार लाल चंद उस्ताद थे। उन्होंने इस अजूबा महल के निर्माण के लिए डिजाइन तैयार किया था। जिसमें राजपुताना और इस्लामी वास्तुकला का संगम है।
Image credit Instagram
यह महल राधा और भगवान कृष्ण को समर्पित है। हवा महल के अंदर तीन छोटे मंदिर गोवर्धन कृष्ण मंदिर, प्रकाश मंदिर और हवा मंदिर मौजूद हैं।
Image credit Instagram
हवा महल का निर्माण सिटी पैलेस के विस्तार के रूप में किया गया था। इसी कारण से इसमें बाहर से कोई प्रवेश द्वार नहीं बना है। इसमें प्रवेश सिटी पैलेस की तरफ से होता है।
Image credit Instagram
आपको हवा महल से जुड़ी वेब स्टोरी जरूर अच्छी लगी होगी। राजस्थान के अन्य किलो और पर्यटन स्थल की जानकारी के लिए नीचे