नोएडा के “सुपरटेक ट्विन टावर” को क्यों गिराया गया। , जानिए इसका कारण - Noida Twin Towers Demolition Reason in Hindi
दिल्ली से सटे नोएडा सेक्टर 93A में स्थित ‘सुपरटेक ट्विन टावर’ को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 28 अगस्त को करीब 2:30 पर गिराया गया।
इस सुपरटेक ट्विन टावर के निर्माण में करीब 400 करोड़ और 1825 दिन लगे। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद अब इसे मात्र 9 सेकंड में जमींदोज कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने इस टावर के निर्माण में नियमों के उलंघन का दोषी पाया। क्योंकि भ्रष्टाचार की नींव पर खड़ी इस इमारत को अवैध मंजूरी मिली थी।
कहा जाता है की नोएडा अथॉरिटी द्वारा इस “सुपरटेक ट्विन टावर” की ऊंचाई को अवैध तरीके से बढ़ाने की मंजूरी दी गई।
शुरू में 2014 जहाँ इस टॉवर को 14 मंजिल बनाने की मंजूरी मिली थी। वहीं 2017 तक इसमें 40 मंजिला तक संशोधन हो गया।
इस टॉवर निर्माण में नेशनल बिल्डिंग कोड का भी पालन नहीं किया गया। दो टॉवर के बीच की दूरी जहाँ 16 मीटर होनी चाहिये वहीं यहाँ मात्र 9 मीटर था।
इस पूरे मामले पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए इस ट्विन टावर” को अवैध माना और गिराने का आदेश दिया। जिसे 28 अगस्त 2022 को गिराया 2 बजकर 30 मिनट पर गिरा दिया गया।
इस इमारत के गिरते ही पूरा आकाश घुल के बादल से घिर गया। इस दौरान पूरी सावधानी बड़ती गई। ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी न हो।