क्रिसमस पर 10 लाइन हिंदी में – 10 sentences about Christmas in Hindi
क्रिसमस का त्योहार ईसाइयों का पवित्र त्यौहार है। इसे बड़ा दिन के नाम से भी जाना जाता है। इस त्योहार को प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस लेख में जानंगे क्रिसमस डे कब मनाया जाता है, क्रिसमस का महत्व ईसाई समुदाय के लिए कितना ज्यादा है। क्रिसमस समस्त विश्व भर में 25 दिसंबर को बहुत ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है।
यह वह दिन होता है, जब पूरी दुनिया में इस त्योहार के लिए पहले से तयारी की जाति है। कहते हैं की ईसाई धर्म के प्रवर्तक ईसा मसीह का इस दिन ही इस जगत में पदार्पण हुआ था।
हम क्रिसमस पर 10 लाइन हिंदी में शीर्षक वाले इस लेख मे द्वारा जानेंगे की यह त्योहार ईसाई के लिए क्यों खास है। इसे विशेषकर ईसाई समुदाय के लोगों द्वारा हर वर्ष 25 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है।
इसके साथ ही हम इस लेख में क्रिसमस ट्री और सेंटा क्लॉज के वारें में भी विस्तार से जानेंगे।
क्रिसमस का महत्व – Christmas par 10 lines in Hindi
ईसाई समुदाय के लिए क्रिसमस का महत्व बेहद खास है। यह ईसाई धर्म का एक महत्व पूर्ण त्योहार माना जाता है। ईसाई समुदाय के लोग ईसा मसीह को अपना परमेश्वर मानते हैं। जिन्होंने ईसाई धर्म की स्थापना की।
ये त्योहार हर वर्ष शीत ऋतु में आता है। ये ईसाइ समुदाय का महत्वपूर्ण त्योहार है जिसकी तैयारी वे बहुत पहले से शुरू कर देते हैं। यदपि यह त्योहार पूरी दुनिया में अन्य समुदाय के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है।
बड़ों के साथ बच्चे के लिए भी यह त्योहार विशेष होता है। क्योंकि इस दिन सभी को सांता क्लाज़ के द्वारा क्रिसमस का उपहार जो प्राप्त होता है। इस दिन सरकारी अवकाश होता है।
अपने परमेश्वर की याद में ईसाई समुदाय के लोग क्रिसमस बड़ी ही धूम-धाम से मनाते हैं।
क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है
ईसाई धर्म के संस्थापक प्रभु ईसा मसीह का जन्म 25 दिसंबर के दिन ही इजराइल के जेरूशलम में हुआ था। इनका जन्म मरियम की गर्भ से हुआ था। प्रभु ईसा मसीह को अंग्रेजी में क्राइस्ट के नाम से भी जाना जाता है।
कहते हैं की रोम के राजा ने कुमारी मेरी को हुक्म दिया की वे बेथलहेम चली जाय। इस अपरिचित स्थान पर उन्हें सर्दी के मौसम में अपार कष्ट का सामना करना पड़ा।
अंत में उन्होंने एक पशुशाला में आश्रय ली जहॉं 25 दिसंबर को भगवान ईसा मसीह का जन्म दिया। ईसाई समुदाय के अनुसार उसूफ़ उनक लौकिक पिता एवं ईश्वर उनके परलौकिक पिता थे।
तभी से हर वर्ष २५ दिसंबर क्रिसमस का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।अब आप समझ गये होंगे की क्रिसमस का त्योहार 25 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है
इन्हें भी पढ़ें – गौतम बुद्ध जीवन परिचय
बचपन से ही प्रभु ईसा मसीह गंभीर स्वभाव के थे। ईश्वर चिंतन में हमेशा डुबा रहना उनका स्वभाव था। बड़ा होने पर वे भेड़ चराने जाया करते। सरल स्वभाव के होने के बावजूद उन्हें आततायी व्यवस्था एक दम पसंद नहीं था।
उन्होंने तत्कालीन कुव्यवस्था की खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने अपने उपदेशों में दया और क्षमा का विशेष महत्व दिया है। उनके उपदेशों को सुनकर हजारों उनके अनुयायी हो गये।
उनकी ख्याति दूर-दूर तक चारों ओर फैलने लगी। लोग उन्हें परमेश्वर का दूत समझने लगे। उनकी बढ़ती ख्याति के कारण उनके दुश्मन उनसे जलने लगे। उन्हें मार डालने की योजना बनाने लगे।
ईसा मसीह को कैद कर लिया गया। उनपर राजद्रोह का मुकद्दमा चलाया गया। उन्हें सजा सुनायी गयी। उनके शत्रु ने उन्हें शूली पर लटका दिया। सूली पर चढ़ते समय भी प्रभु ईसा मसीह के वचन थे। – प्रभु इन्हें क्षमा कर देना, ये नादान हैं।
मेरी क्रिसमस क्यों मनाया जाता है
क्रिसमस के दिन उनके उपदेशों और विचारों की अपनाने की प्रेरणा दी जाती है। ईसा मसीह की यह कहानी क्रिसमस के मौके हर साल दोहराई जाती है। इस दिन गिरजाघरों को विशेष रूप से सजाया जाता है।
इस दिन गिरजाघरों में बहुत ही चहल-पहल होती है। ईसा मसीह के नाम से सांता द्वारा बच्चों को विशेष उपहार दिया जाता है। इस दिन गिरजाघर में बिशेष रूप से प्रार्थना सभा का आयोजन होता है।
इस दिन वेटिकन सिटी में पोप लोगों को दर्शन देते हैं। तथा दुनियाँ भर के लोगों को क्रिसमस की शुभकामनायें देते हैं। इस दिन ईसाई समुदाय के लोग अपने सगे संबंधी से मिलकर क्रिसमस की शुभकामना देते हैं।
आपस में मिठाई का आदान प्रदान किया जाता है। घरों में या सामूहिक रूप से क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। उसे बिशेष रूप से सजाया जाता है।
बच्चों के सेंटा क्लॉज – Who is Santa Claus in Hindi
क्रिसमस के मौके पर सेंटा क्लॉज को देखने और उनसे उपहार पाने के लिए बच्चे वेसब्री से इंतजार करते हैं। सेंटा क्लॉज के झलक पाने के लिए बच्चों में खास उत्साह दिखाई पड़ता है।
इस दिन सेंटा क्लॉज के द्वारा बच्चों के बीच मिठाई और उपहार बांटने की परंपरा है। कहते हैं की सेंटा क्लॉज और प्रभु ईसा मसीह के बीच कोई संबंध नहीं है। लेकिन सेंटा क्लॉज प्रभु यीशु के परम भक्त थे।
क्रिसमस ट्री का इतिहास – About Christmas tree in Hindi
क्रिसमस के मौके पर इस त्योहार के मनाने के लिए पेड़ों को सजाने की परंपरा सदियों पुराना है। क्रिसमस के पेड़ को जीवन की निरंतरता का प्रतीक के रूप में जाना जाता था। इसे परमेश्वर की तरफ से लंबी आयु के आशीर्वाद के रूप में देखा जाता रहा है।
कहते हैं की क्रिसमस के मौके पर इस ट्री को सजाने से घर में सुख शांति रहती है। यही कारण यह की इस त्योहार के मौके पर क्रिसमस ट्री को सजाया जाने का प्रचलन शुरू हुआ।
मान्यता है की क्रिसमस के मौके पर इस ट्री को सजाने का इतिहास बहुत पुराना है। इसकी शुरूयात उत्तरी यूरोप से हजारों साल पहले हुई थी। इस परंपरा की शुरुआत जर्मनी से हुई जब क्रिसमस के मौके फर ट्री को पहली बार सजाया गया था।
उसके बाद यह इंगलेंड पहुंची जहॉं से यह पूरे विश्व में फैल गया। क्रिसमस के मौके पर इस ट्री को खास रूप से सजाया जाता था जिसमें खाने की चीज भी रखी जाती है। इसके आलवा क्रिसमस ट्री को मोमबत्तियां, टॉफियां, घंटी और अलग-अलग रंगों वाली फूलों से सजाया जाता है।
क्रिसमस ट्री की कहानी – Story about Christmas in Hindi
क्रिसमस ट्री की कहानी प्रभु ईसा मसीह के जन्म से जुड़ी है। कहते हैं की जब प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ तब उनके माता मरियम एवं पिता जोसेफ को बधाई देने देवदूत आये थे। उस दौरेन देवदूत ने सितारों से रोशन हुई सदाबहार फर को उन्हें भेंट स्वरूप प्रदान किया।
कहते हैं की तभी से फर के पेड़ को क्रिसमस ट्री के रूप में महत्व हो गया। क्रिसमस ट्री ताजे कटे, गमले में लगे हुए या कृत्रिम हो सकते हैं। इन्हें इनडोर और आउटडोर दोनों के रूप में सजावट के लिए उपयोग में लाया जाता है।
उपसंहार
क्रिसमस का त्योहार हर उम्र के लोगों में खुशी का संचार से हृदयों ओतप्रोत करता है। इस प्रकार क्रिसमस आनंद एवं खुशियों का उत्सव है।
पूरे विश्व में यह त्योहार उत्साह के साथ मानते हैं। भारत में खासकर दक्षिण के राज्यों केरल, गोवा में इसे विशेष धूम-धाम से मनाते है। इस अवसर पर लोग एक दूसरे को क्रिसमस डे की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं।
आपको क्रिसमस पर 10 लाइन हिंदी में (10 sentences about Christmas in Hindi) जानकारी जरूर अच्छी लगी होगी।
F.A.Q
प्रश्न – 25 दिसंबर क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है
उत्तर – कहा जाता है की इसी दिन 25 दिसंबर को ईसा मसीह अवतरित हुये थे। इस कारण उनके जन्मदिन के रूप में हर वर्ष 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है।
प्रश्न – गर्मियों में क्रिसमस का पर्व कहां मनाया जाता है
उत्तर – ऑस्ट्रेलिया में क्रिसमस का पर्व गर्मियों में मनाया जाता है। क्योंकि दिसंबर के महीने में ऑस्ट्रेलिया में अधिक गर्मी पड़ती है।