भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर – information about National Bird of india in Hindi
about National Bird of india in Hindi – भारत के राष्ट्रीय पक्षी का नाम मोर है जिसका वैज्ञानिक नाम पावो क्रिस्टेटस’ हैं। अपनी अनुपम सौन्दर्य के कारण मोर पक्षीराज कहलाता है। भारत की संस्कृति और अध्यात्म से जुड़ी इस पक्षी के बारें में कई आध्यात्मिक और पौराणिक मान्यताये प्रचलित हैं।
आखिर भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर को ही क्यों चुना गया। इस लेख में हम इस बात को जानने की कोशिस करेंगे। भारत सरकार ने 26 जनवरी 1963 में मोर को राष्टीय पक्षी घोषित किया। मोर का शिकार करना भारत में पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
यहॉं पर यह भी चर्चा करेंगे की मोर से जुड़ी हुई आध्यात्मिक और पौराणिक कहानी और मान्यताये क्या हैं। इसके अलावा हम जानेंगे की मोर, भारत के अलाबा, दुनियाँ के और किस देश का राष्ट्रीय पक्षी है। तो चलिए जानते हैं भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर के बारें में विस्तारपूर्वक जानते हैं।
भारतीय मोर के बारे में 10 वाक्य
भारतीय मोर जिसका वैज्ञानिक नाम पावो क्रिस्टेटस’ हैं। भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर, देश के लगभग हर जगह दिख जाता है। यह एक ऐसा पक्षी है जिससे से भारत का बच्चा-बच्चा परिचित है। यह देखने में अत्यंत ही मनमोहक लगता है।
मोर के अद्भुत सौंदर्य ही अन्य पक्षी से उन्हें अलग करता है, इस कारण बच्चे-बड़े सभी को वे अपनी ओर आकर्षित करता है। जब मोर आसमान में घिर आई काली घटा को देखकर प्रसन्न होता है।
तब अपनी पुछ को हवा में लहराकर खुशी से मदमस्त हो नृत्य करने लगता है, उस बक्त मोर की इंद्रधनुषी पंख की छटा अद्भुत और मनमोहक लगता है।
जब राष्ट्रीय पक्षी का चुनाव हो रहा था। तब मोर के साथ हंस, सारस, क्रैन इत्यादि कई नामों पर चर्चा हुई थी। लेकिन मोर को भारत का राष्ट्रीय पक्षी कहलाने के सारे मापदंड पर खड़ा पाया गया।
इसका कारण था की एक तो मोर देखने में अत्यंत ही सुंदर पक्षी है, दूसरा यह भारत के संस्कृति से जुड़ा हुआ है, तीसरा भारत के सभी भागों में पाया जाना और चौथा इस पक्षी से ज्यादातर लोगों का परिचित होना है।
इसकी अद्भुत सुंदरता, लोकप्रियता और भारत के लगभग हर राज्य में पाये जाने के कारण ही, भारत सरकार द्वारा सन 1963 में इसे राष्ट्रीय पक्षी के रूप में चयनित किया गया।
मोर देखने में दूसरे पक्षी की तुलना में अत्यंत ही सुंदर होता है। मोर का अनुपम सौन्दर्य के कारण ही दुनियाँ में इसकी अलग पहचान बनाती है। तभी तो इसे सभी पक्षी में राजा कहा गया है। यह आकार में हंस के समान ऊँचा होता है।
इसकी गर्दन पतली, लंबी और सुंदर नीली मखमली की तरह होती है। इसके आँख के नीचे सफेद धब्बा होता है। इसका टांग शरीर के मुकाबले बहुत ही पतला होता है। मोर पक्षी के माथे पर मुकुट जैसी खूबसूरत और आकर्षक कलगी होती है।
आगे हम जानेंगे की मोर और मोरनी में अंतर क्या है। इस पक्षी के नर प्रजाति को मोर और माता को मोरनी कहा जाता है। पावो क्रिस्टेटस’ प्रजाति का नर मोर, मादा से अधिक सुंदर दिखाई पड़ता है।
माता मोर की कलर भूरी होती है और नर के मुकवाले उसका आकर छोटा होता है। मोरनी के शरीरी पर नर मोर की तरह सुंदर और मनमोहक पंख और सर पर कलगी नहीं होती है।
मोर दुनियाँ के और किस देश का राष्ट्रीय पक्षी है?
मोर भारत के अलावा दुनियाँ के और कुछ देश का राष्टीय पक्षी है। मोर फैसियानिडाई’ परिवार का सदस्य माना जाता है। यह भारत के साथ श्रीलंका और म्यांमार का भी राष्ट्रीय पक्षी है।
दुनियाँ के कुछ देशों में सफेद मोर भी पाया जाता है। इनडिना पीकॉक प्रजाति का यह मोर वृहद स्तर पर दक्षिण एशिया के जंगलों में पाई जाती है।
आध्यात्मिक महत्व
मोर को संस्कृत में मयूर और अंग्रेजी में ब्ल्यू पीफॉउल (blue Peafowl) अथवा ‘पीकॉक’ कहते हैं। मोर केवल एक सुंदर पक्षी राज ही नहीं बल्कि, इसका हिंदू समुदाय में विशेष महत्व दिया गया है। मोर का वर्णन वेदों और पुराणों में भी मिलता है।
हिन्दू धर्म में देवों के देव महादेव के पुत्र कार्तिक जी को मोर अति प्रिय हैं। कार्तिक जी की सवारी मोर को ही माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान कार्तिक मोर पर ही सवार होकर पृथ्वी का परिक्रमा किया था।
एतिहासिक महत्व
मोर का महत्व चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल में भी मिलता है। चन्द्रगुप्त मौर्य प्राचीन भारत के महान सम्राट थे। जिन्होंने नंदवंश के घनानन्द के शासन का अंत कर मौर्य वंश की स्थापना की थी। उनके शासन काल में प्रचलित सिक्के पर एक तरफ मोर का निशान होता था।
आपने मुगल बादशाह शाहजहाँ के लाल किला स्थित मयूर सिंहासन का नाम जरूर सूना होगा। मोर पक्षी के आकर्षण और सुंदरता के कारण शाहजहाँ ने अपने सिंहासन का नाम मयूर सिंहासन रखा था।
मोर का भोजन क्या है
मोर क्या खाता है, मोर का भोजन क्या है आइए जानते हैं। मोर सर्वाहारी पक्षी है। इसका भोजन कीड़े मकोड़े, फल, अनाज और सब्जियाँ हैं। इसके अलाबा ये छोटे साँप को भी खा जाते हैं।
उपसंहार – conclusion
भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर हमारी धरोहर हैं। भारत सरकार ने इसे भारतीय वन्य-जीव-संरक्षण अधिनियम 1972 के तहद पुर्ण-संरक्षण प्रदान किया है। इस अधिनियम के अनुसार मोर को मारना और शिकार करना दोनो वर्जित है।
लेकिन सरकार के साथ-साथ यह हम सबका भी दायित्व होता हैं की सरकार की पहल पर ध्यान दें, और मोर की संरक्षण में सहयोग दें। राष्ट्रीय पक्षी मोर निबंध हिंदी में आपको जरूर अच्छा लगा होगा।
आपको भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर (National Bird of india in Hindi ) से जुड़ी जानकारी जरूर अच्छी लगी होगी अपने सुझाव से अवगत करएं।
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