आमेर का किला का इतिहास और जानकारी, Amer fort jaipur history in hindi, आमेर का प्राचीन नाम, आमेर के किले का रहस्य, आमेर का किला हिस्ट्री इन हिंदी, आमेर का किला कहाँ है, आमेर का किला क्यों प्रसिद्ध है,
आमेर का किला (Amber Fort ) राजस्थान की राजधानी गुलाबी शहर जयपुर के पास अरावली पहाड़ी पर स्थित खूबसूरत किला है। आमेर किले का इतिहास अत्यंत ही गौरवशाली रहा है। जयपुर के इस किले को पहले ‘कदीमी महल’ के नाम से जानते थे।
कदमी महल का निर्माण काछवाह राजपूतों ने करवाया। इसके अलावा इस किले को आमेर का किला, आमेर दुर्ग या आंबेर का किला भी कहा जाता है। राजस्थान के आमेर का किला को राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिना जाता है।
विशुद्ध भारतीय वास्तु शैली में निर्मित इस किले में लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर का प्रयोग किया गया है। यह किला अपनी अनूठी वास्तुशैली और खूबसूरत संरचना के कारण पर्यटक की पहली पसंद है।
विश्व प्रसिद्ध संस्था यूनेस्को द्वारा इस किले को वर्ष 2013 में विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया। यह किला अपनी अनूठी वास्तुशैली और खूबसूरत संरचना के कारण पर्यटक की पहली पसंद है।
इस किले के प्रांगण में स्थित सुंदर महल, उद्यान और मंदिर इसकी भव्यता को और भी बढ़ाती है। अम्बर किले परिसर के दर्शनीय स्थलों में शिश-महल, सुख निवास, दीवान-ए-आम आदि नाम प्रमुख हैं।
इस किले के अंदर कई बॉलीवुड एवं हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। जिसमें बाजीराव मस्तानी, मुगले आजम, भूल भुलैया, जोधा अकबर आदि शामिल हैं। आप इस किले के बारें में नीचे वेब स्टोरी पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
आमेर का प्राचीन नाम
आमेर को प्राचीन काल में कई नामों से जाना जाता था। प्राचीन समय में इस स्थल को अमरपुरा, अम्बावती और अमरगढ़ के नाम से भी पुकारा जाता था।
आमेर किला के उपनाम
जैसा की हम जानते हैं की जयपुर के इस प्रसिद्ध किले को आमेर का किला, आमेर दुर्ग या अम्बर का किला भी कहते हैं। अपनी अद्भुत संरचना के कारण आमेर का किला राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है।
पहले जयपुर के इस किले को ‘कदीमी महल’ के नाम से जाना जाता था। कहा जाता है की आमेर किले का नाम भगवान शिव के एक नाम अंबिकेश्वर के आधार पर आमरे का किला पड़ा।
लेकिन कुछ विद्वान के अनुसार जयपुर के आमेर किला का नाम हिन्दू समुदाय के आराध्य देवी दुर्गा के नाम पर रखा गया है। देवी दुर्गा के एक नाम अंबा भी है। उन्हीं के नाम पर इस किले का नाम आमेर दिया गया।
आमेर का किला का इतिहास – Amer fort history in Hindi
आमेर किला जयपुर का शान है। यह फोर्ट राजस्थान की राजधानी जयपुर से महज 11 किमी की दूरी पर अरावली के ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। यह किला अपनी खूबसूरत बनावट और समृद्ध इतिहास के कारण राजस्थान का प्रसिद्ध किला है।
आमेर के कछवाहा वंश का इतिहास अत्यंत ही गौरवपूर्ण रहा है। कछवाहों की राजधानी रह चुका यह किला उनकी आन-वान और शान की निशानी है। आमेर को कछवाह राजपूतों ने ही बसाया और अंबर किला का निर्माण उन्हीं के शासन काल में हुआ था।
आमेर का किला को 1592 ईस्वी में कछवाह राजपूत राजा मान सिंह प्रथम ने बनवाया था। करीब 1.5 वर्ग मील के क्षेत्र में फैला यह किला चारों तरफ से दीवारों से घिरी है। इस किले की आकर्षण और भव्यता अन्यास से पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करती है।
आमेर किले की बनावट और संरचना
अपने अत्यंत ही आकर्षक और भव्य बनावट की वजह से यह जयपुर के तीन प्रसिद्ध किले में सबसे सुंदर है। यह किला हिन्दू और इस्लामिक वास्तुकला का सुंदर उदाहरण है। आमेर किला के निर्माण में लाल बलुआ पत्थर तथा सफेद संगमरमर का सुंदर तरीके से प्रयोग हुआ है।
इस किले के प्रांगण में स्थित सुंदर महल, उद्यान, तलाव और मंदिर इसकी भव्यता को दुनित करती है। किले में स्थति अनेकों तलाव से किले में जल की आपूर्ति होती थी।
इस किले परिसर में बने महल अपने खूबसूरत और अद्भुत नक्कासी के कारण बेमिसाल है। अम्बर किले के दर्शनीय स्थानों में आमेर का महल और मंदिर प्रसिद्ध है। आमेर के महलों में शिश-महल, सुख निवास, दीवान-ए-आम आदि नाम प्रमुह हैं।
सुख निवास महल में हमेशा ठंढी हवा का अनुभव होता है। आमेर महल में दीवान-ए-आम का निर्माण राजा जय सिंह ने करवाया था। दीवान-ए-आम वह जगह थी जहाँ आम जन के लिए राज दरवार लगता था।
जहाँ राजा अपने प्रजा की समस्या को सुनकर उसका हल निकलते थे। संगमर्मर के एक ऊंचे चबूतरे पर 27 स्तंभों द्वारा निर्मित दीवान-ए-आम देखने में अद्भुत है।
किले के मुख्य प्रवेश द्वार गणेश गेट पर राजा मान सिंह द्वारा निर्मित शीला देवी का मंदिर दर्शिनीय है। इसके अलावा यहाँ जय मंदिर भी देखने लायक है।
आमेर के किले का रहस्य
जयपुर का आमेर किला कई रहस्यों से भरा है। किले में बंद सुंदर महल के अलावा एक गुफा नुमा गुप्त मार्ग भी था। यह गुप्तमार्ग आमेर किला से होते हुए अंदर ही अंदर जयगढ़ किले तक जाती थी।
इतिहासकारों का मानना है की युद्ध के समय इस संकटकालीन स्थिति में इस गुप्त मार्ग का उपयोग किया जाता था। इस मार्ग का उपयोग संकटकाल में राज परिवार के शाही सदस्यों को किले से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए होता था।
आमेर किला की कुछ रोचक बातें – amer fort jaipur facts
- आमेर किला को अंबर पैलेस या अंबर किला भी कहा जाता है। प्राचीन समय में यह स्थल अंबवाती और अंबिकपुर के नाम से पुकारा जाता था।
- यह किला हिन्दू और इस्लामिक वास्तुकला का सबसे सुंदर और अद्भुत नमूना कहा जा सकता है। इस किले में लाल बलुवा पत्थर और सफेद मार्बल का प्रयोग किया गया है।
- इस किले का निर्माण राजा जय सिंह ने 1992 में आमेर कस्बे के पास अरावली की एक पहाड़ी पर किया था। इस सुंदर किले को देखने प्रतिवर्ष लाखों सैलानी जयपुर के आमेर पहुचते हैं।
- इस किले के अंदर मौजूद शिश-महल, सुख निवास, दीवान-ए-आम आदि पर्यटक के मुख्य आकर्षण का केंद्र है। दीवान-ए-आम में राजदरवार लगता था।
- इस किले के अंदर कई बॉलीवुड एवं हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। जिसमें बाजीराव मस्तानी, मुगले आजम, भूल भुलैया, जोधा अकबर आदि शामिल हैं।
विश्व विरासत की सूची में शामिल किला – Amer fort Jaipur Rajasthan in Hindi
कहा जाता है जयपुर के आमेर किले को बनने में करीब 100 साल के बक्त लग गए थे। इस किले की लोकप्रियता और भव्यता को देखते हुए दुनियाँ की प्रसिद्ध संस्था उनेस्को ने 2013 में इसे विश्व विरासत की सूची में शामिल किया।
आमेर किला घूमने का सही समय – Amber fort timings
अम्बर फोर्ट घूमने के लिए सही समय अक्टूबर से दिसंबर तक हो सकता है। Amber fort के timings की बात की जाय तो यह किला दिन के 8 बजे से लेकर शाम को 6 बजे तक खुला राहत है।
शाम के समय किले परिसर में दर्शकों के लिए लाइट एंड साउंड शो का आयोजन किया जाता है। इस लाइट एंड साउंड शो के द्वारा किले के इतिहास के बारें में विस्तार से बताया जाता है।
अम्बर फोर्ट खुलने का समय – Aamer fort timings and fees
अम्बर फोर्ट रोज सुबह 8 बजे से लेकर 0530 और शाम में 0630 से लेकर 0915 तक खुला रहता है। छुट्टी के दिन समय में परिवर्तन हो सकता है। जाने के पहले आधिकारिक वेबसाईट से एक बार टाइम टेबल जरूर चेक करें।
अम्बर फोर्ट समय-सारणी Amer fort timings
- सोमवार – सुबह 08:00am से शाम 7:30pm तक,
- मंगलवार – सुबह 08:00am से शाम 7:30pm तक,
- बुधवार – सुबह 08:00am से शाम 7:30pm तक,
- गुरुवार – सुबह 08:00am से शाम 7:30pm तक,
- शुक्रवार – सुबह 08:00am से शाम 7:30pm तक,
- शनिवार – सुबह 08:00am से शाम 7:30pm तक,
- रविवार – सुबह 08:00am से शाम 7:30pm तक,
अम्बर किला कैसे पहुंचे – How to reach Amer Fort
आप सड़क, रेल और हवाई किसी भी मार्ग से किले तक पहुंचा जा सकता है। यहाँ का निकटतम रेलवे स्टेशन जयपुर अथवा हवाई अड्डा जयपुर पहुंचकर किले तक का सफर किया जा सकता है।
अम्बर फोर्ट गुलवी शहर जयपुर से करीब 11 किमी दूर स्थित है। आप जयपुर पहुंचकर कर बस या कार के माध्यम से किले तक पहुंचा जा सकता है। यहाँ हाथी की सवारी के द्वारा भी किले तक पहुचा जा सकता है।
आमेर किले में देखने लायक चीज़ें Things to See at Amer Fort
यह खूबसूरत किला करीब 1.5 मील में फैला हुआ है। इस शानदार किले को देखने के लिए आपके पास कम से कम 3 घंटे का समय होना चाहिए।
यहाँ आमेर किले परिसर मे कई चीजें देखने योग्य है। आइये आमेर किला के कुछ दर्शनीय स्थल के बारें में जानते हैं।
सूरज पोल – यह आमेर किले का प्रसिद्ध प्रवेश द्वार है।
जलेब चौक – यह किले का पहला बड़ा प्रांगण है। यह स्थान प्रसिद्ध शिला देवी मंदिर और पशु बलि अनुष्ठान के लिए जाना जाता है।
गणेश पोल – यह आमेर किला का मुख्य द्वारा है। अपनी अनुपम कलात्मक उत्कृष्टता के कारण देखने में बड़ा ही सुंदर है। इसमें बनी छोटी-छोटी खिड़कियाँ को उपयोग राजमहल की महिलाये देखने के लिए करती थी।
जय महल – आमेर किला परिसर में स्थित जय महल में दर्शनीय है।
F.A.Q
आमेर का किला क्यों प्रसिद्ध है?
आमेर का किला पुराना होने के बाद भी इसके आकर्षण में कोई कमी नहीं आई है। किले परिसर के अंदर बने सुंदर ‘शीश महल’ ‘सुख महल और ‘दीवान-ए-आम’, इस किले की समृद्ध विरासत को दर्शाता है।
आमेर का किला कब और किसने बनवाया?
करीब 1.5 किमी के एरिया में फ़ाइल आमेर का किला का निर्माण 1592 ईस्वी में राजा मान सिंह प्रथम द्वारा हुआ था।
आमेर महल में दीवान-ए-आम का निर्माण किसने करवाया?
दीवान-ए-आम का निर्माण राज जय सिंह ने करवाया था। आमेर महल में दीवान-ए-आम वह जगह थी जहाँ आम जन के लिए राज दरवार सजता था। जहाँ बैठकर राजा अपनी प्रजा की समस्या को सुनकर उनका निदान करते थे।
आमेर का किला कहां पर स्थित है?
आमेर किले को अंबर पैलेस या अंबर किला भी कहते हैं। राजस्थान का यह प्रसिद्ध किला जयपुर से करीव 12 किमी दूर आमेर नामक स्थान पर स्थित है। पर्यटकों के खास आकर्षण का केंद्र यह किला अरावली पर्वतश्रेणी के ऊँची पहाड़ी पर स्थित है।
आमेर का किला अथवा आमेर दुर्ग कहाँ पर है?
राजस्थान का प्रसिद्ध आमरे दुर्ग अथवा आमेर का किला जयपुर के पास एक पहाड़ी पर अवस्थित है। यह किले जयपुर के तीन प्रसिद्ध किले में से एक है।
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