आज हमारा देश स्वतंत्र है। हम खुली हवा में सांस लेते हैं। लेकिन इस आजादी की इमारत को खड़ा करने के लिए लाखों देश भक्त ने अपनी कुर्बानी दी, कितने लोगों ने अत्याचार सहे। कितनों ने अपनी जान देकर भी गुमनामी में खो गये। आइए एक बार फिर उन महान देशभक्त की जीवन गाथा को याद करें।
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