सचिन तेंदुलकर पर निबंध, जीवनी | Essay 10 lines on Sachin Tendulkar in Hindi

सचिन तेंदुलकर पर निबंध (Essay 10 lines on Sachin Tendulkar in Hindi )

Essay 10 lines on Sachin Tendulkar in Hindi– सचिन तेंदुलकर की गिनती क्रिकेट के इतिहास में विश्व के महान बल्लेबाज में होती है। सचिन तेंडुलकर का पूरा नाम सचिन रमेश तेंदुलकर था। उनकी तुलना सदी के महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रेडमेन से की जाती है।

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इनके ख्याति का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है की डॉन ब्रेडमेन भी इनके प्रसंसक थे। जब उन्होंने सर डॉन ब्रेडमेन का 29 वें टेस्ट शतक का रेकॉर्ड तोड़ा तब डॉन ब्रेडमेन ने उन्हें बधाई दी थी।

उनके प्रसंशक फार्मूला वन के ड्राइवर माइकल शुमाकर ने उनके खेल से प्रभावित होकर फेरारी कार तोहफे में प्रदान की थी। सचिन ने मात्र 16 वर्ष की उम्र में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा।

उन्होंने वन डे और टेस्ट क्रिकेट मिलाकर 100 से ज्यादा शतक बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जीवन में उन्होंने 30,000 से ज्यादा रण बनाये। उन्हें 1996 में भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान भी बनाया गया।

उनके प्रशंसकों ने उन्हें क्रिकेट का भगवान, मास्टर ब्लास्टर, रण मशीन, लिटिल मास्टर जैसे उपनामों से संबोधित किया। आइए इस लेख में क्रिकेट के भगवान सचिन रमेश तेंडुलकर के बारे में विस्तार से जानते हैं।

सचिन तेंदुलकर पर निबंध (Essay 10 lines on Sachin Tendulkar in Hindi )
सचिन तेंदुलकर पर निबंध (Essay 10 lines on Sachin Tendulkar in Hindi )

सचिन तेंदुलकर पर निबंध व संक्षिप्त जानकारी

पूरा नाम – सचिन रमेश तेंडुलकर
उपनाम–  क्रिकेट का भगवान, मास्टर ब्लास्टर, रण मशीन, लिटिल मास्टर
जन्मदिन (बर्थडे)– 24 अप्रेल 1973 को महाराष्ट्र
आयु – 48 वर्ष
हाइट– 1.65 मीटर
पिता का नाम – रमेश तेंडुलकर
माता का नाम – रजनी तेंडुलकर
मिडल नेम (middle name) – रमेश
पत्नी का नाम– अंजली
बेटी का नाम– सारा
बेटे का नाम– अर्जुन
टेस्ट में शतक – 51
वन डे में शतक – 49
टोटल शतक – 100
नेट वर्थ – 767 करोड़ (अनुमानित)

सचिन तेंदुलकर का जीवन परिचय

सचिन तेंदुलकर का बचपन, आयु, ऊंचाई  

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर का जन्म 24 अप्रेल 1973 को महाराष्ट्र के राजपुर में हुआ था। मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्में सचिन रमेश तेंडुलकर के पिता का नाम रमेश तेंडुलकर था। सचिन के पिता पेशे से शिक्षक थे।

उन्हें उस बक्त के महान संगीतकार सचिन देव वर्मन के संगीत बहुत ही पसंद था। वे सचिन देव वर्मन से काफी प्रभावित थे। इसी कारण से उन्होंने अपने सबसे छोटे पुत्र को नाम सचिन देव वर्मन के नाम पर ही सचिन रखा।

सचिन तेंडुलकर के माता का नाम रजनी तेंडुलकर थी जो एक कुछ गृहणी के साथ पेशे से बीमा एजेंट थी। सचिन से दो बड़े भाई और एक बहन भी है। सचिन तेंडुलकर अपने चार भाई बहन में सबसे छोटे हैं।

उनके भाई का नाम अजित और नितिन तेंडुलकर और बहन का नाम सविता है। कहते हैं की अपने बचपन में सचिन तेंदुलर बहुत ही शरारती थे। अगर आप मेरा प्रिय खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर हिंदी निबंध लिखना चाहते हैं तो यह लेख आपकी मदद कर सकता है।

परिवारिक जीवन family wife

उनके परिवार में भाई के अलावा उनकी पत्नी अंजली तेंडुलकर और दो बच्चे शामिल हैं। उनकी शादी अंजली तेंडुलकर से 1995 में हुई थी। गुजरात मूल की अंजली पेशे शिशु रोग विशेषज्ञ हैं।

कहते हैं की अंजली और सचिन की पहली मुलाकात मुंबई के एयर पोर्ट पर हुई थी। जब सचिन की उम्र मात्र 17 वर्ष की थी। बाद में दोनों ने शादी के बंधन में बंध गये।

उनके पुत्री का नाम सारा तेंडुलकर और वेटे का नाम अर्जुन तेंडुलकर है। अर्जुन तेंडुलकर भी बड़ा होकर अपने पापा की तरह क्रिकेटर बनना चाहता है।

शिक्षा दीक्षा

सचिन तेंडुलकर ने अपनी शिक्षा मुंबई के शारदा विद्यामन्दिर से प्राप्त की। स्कूल के दौरन ही उनके अंदर क्रिकेट का प्रति गहरी रुचि जागृत हो गई। कहते हैं की सुरुआत के दिनों में उनकी रुचि टेनिस और क्रिकेट दोनों के प्रति थी।

कैरियर

उनके बड़े भाई ने उनके अंदर क्रिकेट की प्रतिभा को समझा और उन्हें क्रिकेट पर ज्यादा फोकस करने को कहा। नतीजा यह हुआ की उनके अंदर क्रिकेट के ऐसी लगन लगी की उन्होंने अपने जीवन को क्रिकेट के प्रति ही समर्पित कर दिया।

कड़ी मेहनत और अद्भुत प्रतिभा

वे बाल्यकाल से कड़ी मेहनत करने के आदि और अद्भुत प्रतिभा सम्पन्न थे। ठीक ही कहा गया है की कोई भी एक दिन में सफलता की ऊंचाई पर नहीं पहुँच जाता। सचिन में रात दिन कड़ी मेहनत करते।

जिस बक्त उनके दोस्त आराम करते उस बक्त भी वे क्रिकेट के बारे में ही सोचते थे। जिस गेंद की शॉट पर वे आउट होते उस शॉट की वे बार-बार अभ्यास करते।

अपने सुख चेन को त्यागकर वे घंटों क्रिकेट का अभ्यास करते रहते। कहते हैं की दोस्तों के जाने के बाद भी वे फ़्लड लाइट में रात के नौ बजे तक आउट हुए शॉट का अभ्यास करते।

कोच अचरेकर से मुलाकात

क्रिकेट का प्रति उनकी लगन और प्रतिभा को देखते हुए उनके बड़े भाई ने सचिन को क्रिकेट की विशेष ट्रेनिंग दिलानी चाही। फलतः उन्हें रमाकांत अचरेकर के सान्निध्य में खेलने के लिए भेजा जाने लगा।

वे रोज स्कूल से आने के बाद अपने कोच अचरेकर के सान्निध्य में घंटों कड़ी मेहनत करते। उनके कोच अचरेकर साहब ने भी सचिन के अंदर के छुपे हुए क्रिकेट की प्रतिभा को भली भांति समझ लिया था।

तेंदुलर अपने छोटे कद के बाबजुद बड़े-बड़े छक्के और चौकों की बौछार से सबको अचंभित कर देते थे। कहते हैं की अचरेकर को सचिन के प्रतिभा और अद्भुत लगन को देखते हुए आभास हो गया था की यह लड़का एक दिन महान क्रिकेटर बनेगा।

उन्होंने गेंदबाजी के गुर सीखने के लिए M. R. F. फाउंडेशन में भी अभ्यास किया। यहाँ तेज गेंदबाजी के प्रसिद्ध कोच डेनिस लिली ने उनके हाइट को देखते हुए बल्लेबाजी पर फोकस करने की सलाह दी।

उनके बारे में कहा जाता है की शिवाजी पार्क में नेट अभ्यास के दौरान उनके कोच आचरेकर साहब मध्य स्टंप पर एक रुपये सिक्का रख देते थे। वे गेंदबाज को चुनौती देते थे की जो कोई सचिन को आउट कर देगा वह इस सिक्का का हकदार होगा।

जीवन में नया मोड़

सचिन तेंडुलकर के जीवन में उस समय एक नया मोड़ आया। जब मात्र 14 वर्ष के आयु में उनका चयन घरेलू क्रिकेट टीम मे खेलने के लिए हुआ। उन्होंने इस प्रतियोगिता में अपने दोस्त महान क्रिकेटर विनोद कांबली के साथ खेलते हुए 664 रन की इतिहासिक पारी खेली।

इस हॉसिक शील्ड प्रतियोगिता में उन्होंने अकेले बिना आउट हुए 326 रन बनाये थे। फलस्वरूप मात्र 15 वर्ष की आयु में उनका सलेक्शन मुंबई क्रिकेट टीम में हो गया। फिर उसके बाद उन्होंने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

लगातार एक के बाद एक नए कृतिमान स्थापित करते गये। उन्होंने मुंबई की तरफ से खेलते हुए अपना पहला शतक लगाया। इस प्रकार उन्होंने पूरे देश के खेल प्रेमी, सेलेशन कमिटी और मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा।

नेशनल टीम में सेलेक्शन

उनके अद्भुत प्रतिभा को देखकर मात्र 16 साल की उम्र में उनका चयन नेशनल टीम में हो गया। उन्होंने अपना पहला टेस्ट मेच सन 1988 में करांची में पाकिस्तान के विरुद्ध खेला।

साथ ही उन्होंने अपना पहला वन डे भी पाकिस्तान के खिलाफ पाकिस्तान में पर ही खेला था। कहते हैं की जब पाकिस्तान में वे बल्लेबाजी के लिए उतरे तो वे देखने में बच्चे लग रहे थे। लेकिन उन्होंने अपने आलोचकों को अपने बल्ले से हमेशा कडा जबाब दिया।

उसके बाद सचिन रमेश तेंडुलकर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक के एक नए कृतिमान को हासिल करते हुए लगातार सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते चले गये। सचिन तेंडुलकर दायें हाथ से बल्लेबाजी करते हैं।

लेकिन वे लिखने में वाएं हाथ का प्रयोग करते हैं। कहते हैं की उन्हें भारत के धीमी पिचों की तुलना में विदेश के तेज पिच पर खेलना ज्यादा अच्छा लगता था।

यह बात उनके द्वारा विदेशों में किये गये प्रदर्शन से भी पता चलता है। जब सचिन अपने सफलता के शीर्ष पर थे तब वे भाड़ी बल्ले से खेलना पसंद करते थे।

सम्मान व पुरस्कार

क्रिकेट जगत में अपने योगदान के लिए वे कई सम्मान और पुरस्कार से सम्मानित किए गये। भारत सरकार ने उन्हें सन 1994 में अर्जुन पुरस्कार प्रदान किया।

क्रिकेट में उत्कृष्ट योगदान के लिए सचिन को राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार भी सन 1998 में प्रदान किया गया। इस सम्मान को पाने वाले वे पहले क्रिकेटर हैं।

उन्हें भारत सरकार के द्वारा 1999 में पद्धश्री और सन 2008 में पद्ध विभूषण प्रदान किया गया। महाराष्ट्र सरकार ने अपने राज्य का नाम रौशन करने के लिए उन्हें महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया.।

भारत रत्न पाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति

सचिन तेंडुलकर भारत रत्न पाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं। पहले खेल के क्षेत्र में भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न नहीं दिया जाता था। लेकिन इस महान खिलाड़ी के प्रतिभा और योगदान को देखते हुए इसके नियम में बदलाव किए गये।

इस प्रकार पहली बार खेल के क्षेत्र में भारत रत्न सचिन रमेश तेंडुलकर को दिया गया। फलतः मात्र 40 वर्ष की उम्र में भारत का सर्वोच्च सम्मान पाने वाले सचिन सबसे कम उम्र के व्यक्ति और पहले खिलाड़ी हैं।

मानद ग्रुप कैप्टन की उपाधि

खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान तथा युवाओं को वायु सेना की तरफ आकर्षित करने के लिए उन्हें एयर फोर्स का मानद ग्रुप कैप्टन बनाया गया। इस प्रकार भारतीय वायुसेना के मानद ग्रुप कैप्टन बनने वाले वे पहले खिलाड़ी हैं।

उत्कृष्ट योगदान के लिए अन्य सम्मान

उन्हें 2003 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में प्लेयर ऑफ टूर्नामेंट चुना गया। भारतीय डाक विभाग ने उनके सम्मान में सन 2013 में डाक टिकट भी जारी किया। इस प्रकार वे शांति के लिए नॉवेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाले मदर टेरेसा के दूसरे व्यक्ति बने। जिनके जीवनकाल में ही डाक टिकट जारी हुआ।

सचिन तेंडुलकर के बारें में रोचक तथ्य

सचिन को क्रिकेट के साथ-साथ फ़ुटबॉल, टेनिस, और फॉर्मूला 1 जैसे कार रेस पसंद थे। वे जॉन मैकेनरो, माराडोना और जर्मनी के माइकल शूमाकर के बहुत बड़े फेन थे।

फॉर्मूला 1 के महान लीजेंड माइकल शूमाकर भी सचिन के सबसे बड़े प्रसंसक थे। सचिन ने जब 2002 में सर डॉन ब्रेडमेन के 29 शतक की बराबरी की थी। तब माइकल सुमाकर ने सचिन को फ़रारी 360 मोडिना महंगी कार उपहार स्वरूप प्रदान की थी।

  • कहते हैं की सचिन रमेश तेंदुलकर वर्तमान में एक रेस्त्रां के मालिक भी हैं।
  • सचिन तेंडुलकर की पत्नी अंजली उम्र में सचिन से 6 साल बड़ी है।
  • मास्टर ब्लास्टर सचिन को अपना पहला शतक बनाने में 79 वन डे मेच लग गए।

सचिन तेंदुलकर वर्ल्ड रिकॉर्ड, उपलब्धियां

  • मात्र 16 वर्ष की उम्र में अंतर्राष्ट्रीय मेच टेस्ट और वनडे खेलने वाले पहले खिलाड़ी बने
  • सचिन तेंदुलकर के रिकार्ड देखें तो 30000 हजार से ज्यादा रण बनाने वाले वे विश्व के पहले खिलाड़ी हैं।
  • 100 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले दुनियाँ के एक मात्र बल्लेबाज।
  • वनडे क्रिकेट के इतिहास में दोहरा शतक लगाने वाले सचिन पहले खिलाड़ी हैं।
  • सचिन द्वारा टेस्ट मैचों में बनाये गये रनों की संख्या – 15,921
  • वन डे अन्तर्राष्ट्रीय मैचों में 18,426 रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी
  • सबसे अधिक 200 टेस्ट मैचों खेलने वाले पहले खिलाड़ी
  • सर्वाधिक 463 अन्तर्राष्ट्रीय वन डे मैच खेलने वाले पहले खिलाड़ी
  • वन डे सर्वाधिक 49 शतक लगाने का रिकॉर्ड
  • क्रिकेट वर्ल्ड कप में 2278 रण बनाने का रिकॉर्ड
  • क्रिकेट वर्ल्ड कप में सर्वाधिक शतक लगाने वाले खिलाड़ी
  • वन डे में सर्वाधिक 96 अर्धशतक लगाने एक मात्र बल्लेबाज
  • सबसे ज्यादा 6 बार क्रिकेट वर्ल्ड कप खेलने का रिकॉर्ड
  • टेस्ट मैचों की शृंखला में सर्वाधिक 68 अर्धशतक लगाने वाले खिलाड़ी
  • टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक 51 शतक लगाने का रिकॉड

सचिन तेंदुलकर का पहला मैच

सचिन तेंदुलकर का पहला मैच पाकिस्तान के खिलाफ 15 नवंबर 1989 में करांची में हुआ था। मात्र 16 साल की उम्र में  अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जगत में सचिन ने अपने पहले मैच  कराची के नेशनल स्टेडिम में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच था।

इस टेस्ट मेच की पहली पारी में सचिन ने मात्र 15 रन बनाकर  वकार यूनिस की गेंद पर आउट हो गए थे। सचिन तेंदुलकर 200 रन की पारी खेलने के लिए भी जाना जाता है।

सचिन ने 24 फरवरी 2010 को ग्वालियर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वन डे मुकाबले में 147 गेंदों पर 25 चौकों और तीन छक्कों की मदद से पहली बार नाबाद 200 रन बनाये थे।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में किसी भी खिलाड़ी के द्वारा ऐसा पहली बार हुआ था, जब किसी खिलाड़ी ने वन डे में 200 का आंकड़ा छुआ हो।

सचिन तेंदुलकर का आखिरी मैच

बहुत ही कम उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का आखिरी मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ था। यह मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था जिसमें उन्होंने शानदार 74 रनों की पारी खेली थी

सचिन तेंदुलकर 99 आउट लिस्ट

यहां सचिन के कुछ उल्लेखनीय पारियों की लिस्ट दी गई है जिसमें तेंदुलकर 99 रन पर आउट हुए थे।

  • वर्ष 1990 – मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में सचिन ने 99 रन बनाकर फिल डेफ्रेटास द्वारा आउट हुए।
  • वर्ष 1992 – पर्थ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में सचिन को क्रेग मैकडरमोट ने 99 रन पर आउट कर दिया था।
  • वर्ष 1996 – अहमदाबाद में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में तेंदुलकर 99 बनाकर फैनी डिविलियर्स द्वारा आउट कर दिया था।
  • वर्ष 1997 – केप टाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में तेंदुलकर बनाकर एलन डोनाल्ड के गेंद पर आउट हुए थे।
  • वर्ष 1999 – चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में सचिन 99 बनाकर सकलैन मुश्ताक के गेंद पर आउट हुए थे। इस वर्ष मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया में सचिन एक टेस्ट मेंच में ग्लेन मैक्ग्रा द्वारा 99 रन पर आउट हुए।
  • वर्ष 2002 – सेंट जॉन्स में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच में  तेंदुलकर 99 रन पर मर्व डिलन द्वारा आउट कर दिया था।
  • वर्ष 2004 – रावलपिंडी में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर को दानिश कनेरिया ने 99 रन पर आउट किया था।
  • वर्ष 2009 – हैदराबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वन डे में तेंदुलकर, ब्रेट ली द्वारा 99 रन पर आउट हुए थे।
  • वर्ष 2010 – कोलकाता में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में तेंदुलकर को डेल स्टेन ने 99 रन पर आउट किया था।

सचिन तेंदुलकर का घर

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का दर बांद्रा में स्थित स्थित है। सचिन तेंडुलकर बांद्रा के अपने खूबसूरत, आलीशान घर में अपने परिवार और बच्चों के साथ रहते हैं। कहा जाता है की सचिन ने इस घर को 2007 में 37 करोड़ रुपया में खरीदा था।

यह घर सभी आधुनिक सुख सुविधा से सुसज्जित है। क्रिकेट से सन्यास के बाद सचिन तेंदुलकर अपनी पत्नी अंजली, बेटी सारा और बेटे अर्जुन के साथ इसी घर में रहते हैं।

F.A.Q

सचिन तेंदुलकर का जन्म कब हुआ था ?

सचिन तेंडुलकर का जन्म 24 अप्रेल 1973 को महाराष्ट्र के राजपुर में एक मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था।

सचिन तेंदुलकर कहां तक पढ़े हैं ?

सचिन ने 12वीं तक पढाई मुंबई के बांद्रा से की हैं।

सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान क्यों कहा जाता है ?

ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध खिलाड़ी मैथ्यू हेडेन ने एक बार सचिन तेंदुलकर को भगवान कहा था। यह उपाधि उन्होंने सचिन को क्रिकेट में नये रिकार्ड के कारण दिया।

सचिन तेंदुलकर ने अपना 100 वां शतक किसके खिलाफ लगाया ?

सचिन तेंदुलकर ने अपना 100 वां शतक बांगलादेश के खिलाफ 16 मार्च 2012 को लगाया था।

सचिन तेंदुलकर के वनडे में कितने शतक हैं ?

सचिन तेंदुलकर के वनडे में 49 शतक हैं।

सचिन तेंदुलकर के टेस्ट में कितने शतक हैं?

सचिन तेंदुलकर के टेस्ट में 51 शतक हैं।

सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न कब मिला ?

भारत सरकार ने सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न 2014 में प्रदान किया ।

सचिन तेंदुलकर के बेटे का क्या नाम है?

सचिन तेंदुलकर के बेटे का अर्जुन तेंडुलकर है।

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