ताजमहल अपनी अनुपम सुंदरता के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। पर्यटक ताजमहल का अद्भुत सौन्दर्य को देखकर आत्मविस्मृत हो उठते हैं।
कहते हैं की जब शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण करवाया और ताजमहल जब बन कर तैयार हुआ तब उसके अनुपम छटा को देखकर शाहजहाँ भी आश्चर्यचकित हो उठे थे।
ताजमहल अपनी अद्भुत और अद्वितीय वास्तुकला के लिए पूरे संसार में प्रसिद्ध है। इसके निर्माण के लगभग तीन शताब्दियों बीत चुकी है। लेकिन आज भी वह अपनी भव्यता के कारण एकदम नया लगता है।
तभी तो इसके अपूर्व सौन्दर्य को देखने देश विदेश से लाखों पर्यटक की भीड़ लगी रहती है। भारत में आगरा शहर के पास स्थित, ताज महल हर साल लाखों पर्यटक के आकर्षण का केंद्र है।
लोग इसकी सुंदरता को देख कर और इसके मूल की कहानी याद अभिभूत हो जाते हैं। तो आईये हम Information about Taj Mahal in Hindi शीर्षक के द्वारा full History of Taj Mahal को जानते हैं।
ताजमहल का अद्भुत सौन्दर्य – Tajmahal ka adbhut Soundarya
जब इस महल को 17 वीं शताब्दी में बनाया गया था, तब उस समय उत्तरी भारत के अधिकांश हिस्से पर मुगल साम्राज्य का शासन था। मुगल बंश मध्य एशिया में मंगोल विजय से उत्पन्न एक मुस्लिम राजवंश था।
शाहजहाँ मुगल वंश का एक महान शासक था। यह एक सुंदर मकबरा है जिसका करीब 350 साल पहले महान सम्राट शाहजहाँ ने अपनी प्यारी पत्नी, मुमताज़ महल के यादगार के रूप में करवाया था।
भारत का यह स्मारक दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में से एक माना जाता है। सफेद संगमरमर से बने इस मकबरे को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत की सूची में शामिल किया गया।
ताजमहल के बारे में संक्षिप्त परिचय – Brief information about Taj Mahal in Hindi
निर्माण | – 1632 से 1653 |
निर्माणकर्ता | – शाहजहाँ |
वास्तुकार | – उस्ताद अहमद लाहौरी |
समुन्द्र तल से ऊंचाई | – 172 मीटर |
वास्तुशैली | – ईरानी, मुगल और भारतीय वास्तुकला का मिश्रण |
जानिये ताजमहल का इतिहास, शाहजहाँ ने ताजमहल क्यों बनवाया – History of Taj Mahal in Hindi
इतिहासकारों के अनुसार, शाहजहाँ के पास वास्तुकला के प्रति अलौकिक दृष्टिकोण था। उनके अंदर निर्माण के लिए एक जुनून था। ताज महल का नाम शाहजहाँ की बेगम के नाम रखा गया।
जिसे मुमताज महल (Mumtaz mahal) के नाम से जाना जाता था। मुमताज का मतलव होता है “ज्वेल ऑफ द पैलेस” जैसा का हम जानते हैं की यह एक एक विस्तृत मकबरा है।
कहते हैं की शाहजहाँ ने अपनी भावी पत्नी से तब मुलाकात की थी, जब वह पंद्रह साल की थी। यदपि पाँच साल बाद 1612 में उनकी शादी हो गयी। वैसे तो शाहजहाँ के जीवन में कई पत्नियाँ थीं।
लेकिन माना जाता है की मुमताज़ के प्रति उनका स्नेह अगाध था।जिस कारण शाहजहाँ अपनी बेगम को बहुत प्यार करते थे। शाहजहाँ ने अपनी पत्नी को मुमताज महल की उपाधि दी।
उन्हें अपनी बेगम से कुल चौदह बच्चे थे। कहते हैं की अपने अंतिम बच्चे को जन्म देते मुमताज महल की 1631 ईस्वी में मृत्यु हो गई। शाहजहाँ का दिल अपने प्यारी बेगम की आकस्मिक मृत्यु से टूट गया।
उसने आगरा में यमुना नदी के तट अपनी प्यारी बेगम के यादगार में एक स्मारक बनाने का फैसला किया।मुमताज महल के नाम पर ही इसका नाम ताजमहल पड़ा।
ताज का निर्माण मुगल बादशाह ने अपनी प्रिय बेगम मुमताज की अंतिम इच्छा को पूरी करने के लिए उसके अट्टू प्रेम के प्रतीक के तौर पर बनवाया था।
किंवदंती यह भी है कि मुमताज महल ने अपने पति शाहजहाँ से अपने मृत्यु के बाद, दुनियाँ का सबसे खूबसूरत कब्र बनाने का आग्रह किया था।
काला संगमरमर का ताजमहल – history of black taj mahal in hindi
ऐसा कहा जाता है कि शाहजहाँ ने यमुना नदी के दूसरी ओर एक और ताज महल बनवाने की योजना बनाई थी। वे सफेद संगमरमर के ताजमहल के ठीक सामने पूरी तरह से काले संगमरमर का ताज महल बनवाना चाहते थे।
लेकिन सन 1657 ईस्वी में, सफेद संगमरमर के ताज महल का काम पूरा होने के कुछ वर्ष बाद, शाहजहाँ बीमार पड़ गया। उन्होंने अपने बेटे, दारा शिकोह को गद्दी पर बिठाया।
लेकिन गद्दी को लेकर शाहजहाँ के पुत्रों के बीच विद्रोह शुरू हो गया। उनके पुत्रों के बीच खूनी संधर्ष हुआ। जिसमें शाहजहाँ के दूसरे बेटे औरंगजेव ने अपने भाई दारा शिकोह को जान से मार दिया।
शाहजहाँ के विरोध करने पर औरंगजेव ने उन्हें बंदी बनाकर जेल में डाल दिया। जिस कारण काला संगमरमर के दूसरा ताज बनवाने का उनका सपना पूरा नहीं हो सका।
दुनिया के सात आश्चर्य में शुमार – seven wonder of the world Taj Mahal
इतिहासकारों के अनुसार शाहजहाँ, ताजमहल के ही किसी कमरे में ही कैद की जिंदगी गुजरना चाहता था। सन 1666 ईस्वी में कैद में ही शाहजहाँ की मृत्यु हो गई।
मृत्यु के बाद उन्हें इसी परिसर में ही मुमताज़ महल के कब्र के पास दफन (burials) कर दिया गया। इस प्रकार मुमताज़ महल के बगल में शाहजहाँ का भी मकबरा जोड़ा गया।
यह इस महल के अंदर शाहजहाँ और मुमताज़ के दो समानांतर कब्रों द्वारा दर्शाया गया है। अपने अद्भुत सौन्दर्य के कारण ताजमहल भारत की पहचान बन चुकी है।
यह दुनिया के सात आश्चर्य में से एक है जिसे हर साल लाखों आगंतुकों को आकर्षित करती है। इस प्रकार यह मकबरा शाहजहाँ और मुमताज के प्रेम का स्थायी प्रतीक है जो वर्षों तक उनके प्यार को जीवंत रखे हुए है।
बनावट और संरचना – Indo Islamic architecture
इस इमारत की वास्तुशैली ईरानी, इस्लामी और भारतीय वास्तुकला का सम्मिलित मिश्रण है। इसका निर्माण कार्य 1632 में शुरू किया गया। यह एक बहुत बड़ी परियोजना थी जिसमें 20,000 से अधिक श्रमिक और 1000 से अधिक हाथी शामिल थे।
इमारतों की शैली में इस मकबरे को सफेद संगमरमर से तैयार किया गया था जिसे कई कीमती पत्थरों से सजाया गया था। ताजमहल की मुख्य इमारत एक विशाल चबूतरे पर बनी है।
ताजमहल के चारों कोने पर गगनचुंबी मीनारें
चबूतरे के चारों कोने पर विशाल गगनचुंबी मीनारें खड़ी हैं। इस मीनार की उचाई लगभग 40 मीटर है। ताजमहल के चारों तरफ इन चारों मीनार का निर्माण इस तरह किया गया है की। यह मीनार बाहर की तरफ हल्की से झुकी हुई है।
कहा जाता है की मीनार को बाहर की तरफ जानबूझकर झुका का बनाया गया है। ताकि भूकंप की स्थिति में मीनार बाहर की तरफ गिरे जिससे इस महल को कोई नुकसान न पहुंचे।
दीवारों में जड़े हैं वेशकीमती पत्थर – taj mahal inside (taj mahal interior )
इन मीनारों के बीच में चबूतरे पर मुख्य महल का गुंबद स्थित है। इस गुंबद की उचाई (taj mahal height) लगभग 205 फिट है। संगमरमर से बने इस इमारत के चारों ओर कुरान की आयतें अंकित हैं।
इसमें तिब्बत से फ़िरोज़ा, चीन से क्रिस्टल और जेड, श्रीलंका से नीलम, अरब से कारेलियन, और कई अन्य कीमती सामान पत्थर थे जो सफेद संगमरमर में जड़े गये थे।
मकबरे को बनने में लगभग 12 वर्ष का समय लगा। इसके बनाने में कुल लागत 32 मिलियन भारतीय रुपए का अनुमान है, जो आज लगभग 827 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है।
यह मकबरा लगभग 42 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। जो चारों तरफ से सुंदर उदधानों से घिरा हुआ है। महल के गुंबद के नीचे तहखाने में बने शाहजहाँ और मुमताज की कब्र उनके अमर प्रेम की याद को ताजा कर देती है।
मक़बरा अपने आप में एक बहुत बड़ा भाग का हिस्सा है। यह पानी के रास्ते और विस्तृत बागों से घिरा हुआ है। वहाँ एक मस्जिद और एक प्रवेश द्वार भी हैं।
ताजमहल का प्रवेश द्वार
इस महल को शाहजहाँ ने यमुना के तट पर बनाया। हम जो ताजमहल देखते हैं दरअसल वह इस महल के फ्रंट का भाग नहीं है। इसका फ्रंट भाग, यमुना के तरफ है। अन्य तीन दिशाओं में यह सुंदर मनोहारी पुष्प-उदधानों से घिरा हुआ है।
इस महल में प्रवेश के ठीक पहले दर्शक को एक विशाल प्रवेश द्वार से गुजरना पड़ता है। इसके अलावा इस महल के परिसर में एक मस्जिद और एक संग्रहालय भी है।
संग्रहालय में मुगल बादशाहों के अस्त्र और शस्त्र प्रदर्शन के लिए रखे गये हैं। इस महल के प्रवेश द्वारा पर एक चौड़ा रास्ता बना हुआ है। मार्ग के दोनो साइड में हरे भरे पेड़ लगे हैं। तथा इसके साथ में लगे सुंदर फव्वारे भी आकर्षक है।
चाँदनी रात में ताजमहल की छटा – taj mahal at night
पूर्णमासी की रात में जब चाँद की रोशनी जब इस महल पर पड़ती है। तब संगमरमर की बनी ताजमहल की दीवार ऐसा प्रतीति होता है मानो शीशे की बनी हो।
ताजमहल के बारे में 10 लाइन – Interesting Facts About Taj Mahal in Hindi
- ताजमहल की गिनती संसार की सबसे उत्कृष्ट इमारत में होती है।
- तभी तो ताजमहल की गणना दुनियाँ के सात अजूबों में होती है।
- कहते हैं की उस बक्त ताजमहल के निर्माण में 32 मिलियन खर्च हुआ था।
- इस बक्त के अनुसार उसकी कीमत 1 बिलियन डॉलर के करीब होता है।
- ताजमहल के निर्माण में सफेद संगमरमर का प्रयोग हुआ है। जिस पर बारीक नक्काशी की हुई है।
- ताजमहल के निर्माण में कुल 17 वर्ष लगे थे। जिसमें करीब 22 हजार मजदूर ने काम किया था।
- यह भी कहा जाता है की ताजमहल के निर्माण में माल ढुलाई हेतु 1000 हजार हाथियों की भी सेवा ली गई थी।
- ताजमहल के दीवार पर इस्लाम धर्म का पवित्र ग्रन्थ कुरान सरीफ़ का कुछ छंद अंकित है।
- ताजमहल के निर्माण में लगे दर्जनों प्रकार के कीमती पत्थर भारत के अलावा तिब्बत, चीन, श्रीलंका जैसे कई देशों में मंगवाया गया था।
- भारत का ताजमहल दुनियाँ मे सबसे ज्यादा देखा जाने वाला पर्यटन स्थल है। जहां प्रतिवर्ष विश्व भर से लाखों लोग इसे देखने आते हैं।
- कविदंती है की शाहजहाँ ने ताजमहल बनाने वाले कारीगर के हाथ कटवा दिए थे ताकि ताजमहल के समान दूसरा कोई महल न बनाई जा सके।
ताज महल में प्रवेश शुल्क – taj mahal ticket price
- विदेशी पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क (taj mahal Entry Fee (Foreigner ) – 1100 रुपये।
- सार्क देश के लोगों के लिए प्रवेश शुल्क (taj mahal Entry Fee (SAARC and BIMSTEC) – 540 रुपये।
- भारत के नागरिक के लिए प्रवेश शुल्क (taj mahal entry fee Indian ) – 50 रुपये।
- प्रवेश शुल्क बच्चे 15 वर्ष के नीचे के(entry fee Children Below Age 15) – निःशुल्क (Free )
delhi to taj mahal agra – दिल्ली से आगरा की दूरी
दिल्ली से आगरा के ताजमहल की दूरी लगभग 240 की मी है। ताज एक्स्प्रेस-वे के द्वार लगभग 4 घंटे का समय लग सकता है।
खुलने का समय – taj mahal opening time
यह प्रतिदिन सूर्योदय से 30 मिनट पहले खुलता है और सूर्यास्त से 30 मिनट पहले हो जाता है। इसे शुक्रवार के दिन पर्यटक के लिए बंद रखा जाता है। बाकी दिन खुला रहता है। इस महल का रात्रि दर्शन महीने में पांच दिन के लिए उपलव्ध होता है।
अर्थात पूर्णमासी की रात के अलावा पूर्णमासी के दो रात पहले और दो रात बाद तक रात्रि दर्शन के लिए उपलब्ध होता है।
ताजमहल कहां है और किसने बनवाया?
ताजमहल दुनियाँ के सात आश्चर्य में से एक है। ताजमहल भारत के उत्तरप्रदेश राज्य के आगरा में स्थित है। इसका निर्माण शाहजहाँ ने अपनी वेगम मुमताज की याद में करवाया था।
ताजमहल का निर्माण कब हुआ था?
ताजमहल का निर्माण आज से करीब 370 साल पहले 1648 में हुआ था।
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