Bibi ka Maqbara औरंगाबाद में स्थित भारत का Mini Taj Mahal है। इस मकबरा को देखकर ऐसा प्रतीत होता है की हम आगरा का ताजमहल देख रहे हैं। ताजमहल के समान डिजाइन और लुक, जिसे देखकर कोई भी पहली बार में धोखा खा सकता है।
Bibi ka Maqbara को इस कारण ही “दक्कन का ताज” या भारत का दूसरा ताजमहल अथवा Mini Taj Mahal के नाम से जाना जाता है।
Mini Taj Mahal (बीबी का प्रसिद्ध मकबरा) महाराष्ट्र के औरंगवाद जिले में अवस्थित है। औरंगाबाद लगभग 200 वर्ग किमी के क्षेत्र में फ़ैला हुआ खूबसूरत शहर है। यह मक़बरा औरंगज़ेब के ऐतिहासिक शहर औरंगाबाद की पहचान है। ताजमहल के समान बनावट के कारण लोग इसे Mini Taj Mahal यह महाराष्ट्र का ताजमहल भी कहते हैं।
यह मकबरा मुग़ल शासक औरंगज़ेब के समय के अनुपम वास्तुकला का सर्वोत्तम उदाहरण है। यही कारण ही की बीबी का मकबरा पर्यटन का मुख्य आकर्षण का केंद्र है। इसे देखने देश-विदेश से हजारों पर्यटक प्रति वर्ष औरंगाबाद आते हैं। आइये Bibi ka Maqbara इतिहास को विस्तार से जानते हैं।
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बीबी का मकबरा संक्षिप्त जानकारी – brief information about Mini Taj Mahal Bibi ka Maqbara
- निर्माण वर्ष – सन 1660
- स्थान – औरंगाबाद, महाराष्ट्र
- निर्माता – औरंगजेब के पुत्र आजमशाह
- वास्तुशैली – मुगलशैली
- वास्तुकार – अताउल्लाह
- कब्र – औरंगजेव की पत्नी दिलरस बानो बेगम।
बीबी का मकबरा इतिहास Bibi Ka Maqbara History in Hindi
दोस्तों, बीबी के मकबरे के बारें में जानने से पहले हम जानते हैं की मकबरे का मतलव क्या है। मकबरे का मतलव कब्र के ऊपर बनाया गया इमारत से होता है। मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में आगरा का विश्व प्रसिद्ध ताजमहल बनवाया था।
उसी तर्ज पर शाहजहां के पौत्र आजम शाह ने अपनी माता दिलरास बानो बेगम की यादगार में इस मकबरा को बनवाया। दिलरास बानो बेगम को रबिया-उल-दौरानी’ के नाम से भी जाना जाता था।
रबिया-उल-दौरानी’ का जन्म ईरान के एक शाही परिवार में में हुआ था। उनकी शादी सन् 1637 में औरंगज़ेब के साथ आगरा में सम्पन हुआ। रबिया-उल-दौरानी’ अर्थात दिलरस बानो औरंगज़ेब की पहली रानी थी।
अपने पाँचवें पुत्र के जन्म के तुरंत बाद दिलरस बानो बीमार हो गयी। जिस कारण वर्ष 1657 में उनकी आकस्मिक निधन हो गया। दिलरस बानो बेगम की कब्र इसी मकबरे के अंदर बेसमेंट में है। सीढियाँ से नीचे उतर दिलरस बानो की कब्र को देखा जा सकता है।
कहते हैं की औरंगजेब के पुत्र आजम शाह अपनी माँ दिलरस बानो को बहुत प्यार करता था। उन्होंने अपनी माँ के आकस्मिक मृत्यु के बाद उनकी याद में इस मकबरे का निर्माण करवाया। इतिहासकारों के अनुसार इस मकबरे का निर्माण 1651 से 1661 के मध्य हुआ है।
इस मकबरे के निर्माण में उस बक्त के हिसाब से लगभग सात लाख रुपये की लागत आयी थी। यदपि आगरा के ताजमहल की तुलना में इसके बनवाने में बहुत ही कम खर्च किया गया है। लेकिन इसकी भव्यता और आकर्षण ताजमहल से कम नहीं लगता है।
बीबी के मकबरे बनावट और संरचना Build and Architecture Bibi ka Maqbara
Mini Taj Mahal (बीबी के मकबरे) के वास्तुकार
जैसा की हम पढ चुके हैं की बनावट और संरचना की दृष्टि से यह मकबरा ताजमहल के जैसा ही प्रतीति होता है। क्योंकी इस मकबरे को बनवाने की प्रेरणा आजम शाह को ताजमहल से ही मिली थी।
तभी तो उन्होंने इस मकबरे को बनवाने के लिए वास्तुकार के रूप में अत-उल्लाह का चयन किया था। कहते हैं की अत-उल्लाह, उस्ताद अहमद लाहौरी का पुत्र था। वही उस्ताद अहमद लाहौरी जिन्हें ताज महल के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है।
मुख्य मकबरा – Bibi ka Maqbara
अता-उल्लाह के द्वारा डिजाइन किए गये 19 फिट ऊंची इस मकबरे के अंदर रानी का कब्र मौजूद है। विशाल सफ़ेद गुंबद के मुख्य शीर्ष, चार छोटे गुंबद से घिरे हैं। ऊंचे वर्गाकार चबूतरे पर बने इस मकबरे के चारों कोनों पर चार मीनार खड़ी हैं।
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लगभग 72 फीट ऊंची मीनार के शीर्ष तक सीढ़ियों बनी हुई है। मुख्य मकबरे के अंदर संगमरमर की जालियाँ लगी हुई है। यह जालियाँ ऊपरी तल के सभी किनारों को कवर करती हैं।
जहाँ से दिलरस बानो अर्थात राबिया-उद-दुर्रानी की कब्र को आसानी से देखा जा सकता है। यह कब्र अत्यंत ही सुंदर आकृति वाले एक अष्टकोणीय संगमरमर के आवरण द्वारा ढका हुआ है।
यह मकबरा विशाल चारदीवारी से घिरा हुआ है। जिसकी लंबाई उत्तर से दक्षिण की ओर 458 मीटर और चौराई पूरब से पश्चिम की तरफ 275 मीटर आस-पास है।
चारदीवारी को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए नियमित दूरी पर बुर्ज का निर्माण किया गया है। बीबी के मकबरे में प्रवेश के लिए दर्शक को मकबरे के दक्षिण में बने गेट से प्रवेश करना पड़ता है।
गरीबों का मकबरा – BIBI KA MAQBARA VS TAJ MAHAL
आगरे की ताजमहल की तरह इसमें हर जगह संगमरमर का इस्तेमाल नहीं किया गया है। बल्कि इस मकबरे के सिर्फ गुंबद में संगमरमर का इस्तेमाल हुआ है, मकबरे का शेष हिस्से पर प्लास्टर के द्वारा संगमरमर का लुक दिया गया है।
जिसे दूर से देखने पर संगमरमर जैसा ही नजर आता है। यही कारण है की ताजमहल की तुलना में बीबी के मकबरे की लागत अत्यंत कम है। शायद यही कारण हो सकता है की औरंगाबाद के इस मक़बरे को गरीबों का मक़बरा भी कहा जाता है।
मकबरा के अंदर का गार्डन
बीबी का मकबरा अन्य मुगल उद्यानों की तरह ही चार बागों पर आधारित है। हरेक उद्यान में एक समान इमारत बनाया गया है। मकबरे के पूर्व में जमात खाना जबकि पश्चिम में एक मस्जिद स्थित है। मकबरे के उत्तर में एक बारादरी है और दक्षिण में बहुमंजिला मुख्य प्रवेश द्वार है।
बगीचे में हरे भरे लॉन के साथ रंग-विरंगी मौसमी फूल बेहद ही सुंदर दिखते हैं। रास्ते के किनारे लगे रंगीन गुलाब भी पर्यटक को बेहद आकर्षित करता है।
इस प्रकार हम पाते हैं की बीबी का मकबरा में सुंदर बगीचे, फव्वारे, झरने तथा इसके चारों ओर का बगीचा अत्यंत ही मनोहर दिखता है। जो सहसा ही पर्यटक का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है।
विशाल उद्यान को सिंचित करने के लिए आवश्यक जल आपूर्ति हेतु कई स्रोतों का इस्तेमाल किया जाता था। इसके लिए जल की आपूर्ति, मकबरा के करीव वाले जल स्रोत नहर-ए-बेगमपुरा के अलावा मकबरे के परिसर के अंदर कई पानी के कुंड और जलाशय उपलब्ध हैं।
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कैसे पहुंचे – how to reach Aurangabad (बीबी का मकबरा )
जैसा की हम जानते हैं की यह मकबरा महाराष्ट्र के औरंगाबाद में अवस्थित है। यह मनमाड रेलवे स्टेशन से लगभग 125 किमी की दूरी पर है। यहॉं से प्राइवेट टैक्सी या बस से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
इसके अलावा यहॉं एक हवाई अड्डा भी है जो देश के प्रमुख शहर से वायु मार्ग से जुड़ा हुआ है। अक्टूबर से लेकर मार्च यहॉं का मौसम अच्छा रहता है। इस दौरान इसे देखने के लिए ढेर सारे पर्यटक औरंगाबाद आते हैं।
बीबी के मकबरा से जुड़े रोचक तथ्य – Interesting Facts Related To Bibi ka Maqbara In Hindi
- ताजमहल से मिलती संरचना और लुक के कारण इसे भारत का दूसरा ताजमहल कहा जाता है।
- कहते हैं की ताजमहल के लागत 3.20 करोड़ रुपये था जबकि इसके निर्माण में लगभग 7 लाख रुपये खर्च हुए थे।
- मकबरे के निर्माण के लिए संगमरमर को जयपुर से लाया गया था। इसे डेक्कन का ताज भी कहा जाता है।
- इसका निर्माण औरंगजेब के पुत्र आजम शाह ने अपनी माता दिलरास बानो की स्मृति में किया था।
- मकबरे के परिसर में लगे फव्वारे तथा बगीचे में विशेष रूप से डिजाइन किए गए जल कुंड भी खास हैं।
दोस्तों Mini Taj Mahal कहे जाने वाले महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित Bibi ka Maqbara के संबंध में जानकारी आपको कैसी लगी अपने सुझाव से जरूर अवगत करायें।