History of Mahavir mandir Patna in Hindi – महावीर मंदिर पटना, बिहार में स्थित हनुमान जी को समर्पित एक पवित्र हिंदू मंदिर है। भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित मंदिर, पटना जंक्शन से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्थित है।
पटना जंक्शन से बाहर निकलते ही इस मंदिर की झलक दिख जाती है। जैसे की हम जानते हैं की पटना एक एतिहासिक शहर रहा है। यहाँ एक से बढ़कर एक अनेकों दर्शनीय स्थल हैं।
लेकिन इन सबों में महावीर मंदिर पटना का अपना एक अलग इतिहास है। पटना जंक्शन के पास स्थित इस मंदिर में पटना नगर बसियों की वर्षों से आस्था जुड़ी हुई है। प्रतिवर्ष लाखों भक्त इनके दर्शन और पूजा अर्चना करने आते हैं।
खासकर मंगलवार के दिन यहाँ विशेष भीड़ होती है। इस मंदिर के पास श्री महावीर स्थान न्यास समिति नाम से एक ट्रस्ट है। इस मंदिर के ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल हैं।
पटना का महावीर मंदिर ट्रस्ट को मां वैष्णो देवी श्राइन के बाद उत्तर भारत में दूसरा सबसे बड़ा बजट वाला ट्रस्ट माना जाता है। यह ट्रस्ट महावीर कैंसर संस्थान अनुसंधान केंद्र, महावीर वात्सल्य अस्पताल और महावीर आरोग्य अस्पताल जैसे परमार्थ के कार्य से भी जुड़ा है।
आइये इस लेख के माध्यम से महावीर मंदिर पटना हिस्ट्री के बारें में गहराई से जानने की कोशिस करते हैं।
इसमें आप पढ़ेंगे।
पटना महावीर मन्दिर का इतिहास – History of Mahavir mandir Patna in Hindi
भारत में हनुमान जी (Hanuman ji )के अनेकों मंदिर हैं लेकिन पटना के हनुमान मंदिर का अपना एतिहासिक महत्व है। कहते हैं की इस मंदिर की स्थापना सन 1730 ईस्वी में रामानंदी संत बलानन्द स्वामी को माना जाता है।
आगे चलकर इस पर गोसाईं पंथ के संतों ने अपना हक जमाया। जब यह बात न्यायलय में गया तो पटना हाइकोर्ट में इस पर सुनवाई हुई। उसके बाद माननीय उच्च न्यायलय ने सन 1948 ईस्वी में इस मंदिर को सार्वजनिक मंदिर के रूप में घोषित कर दिया।
पटना उच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार पटना का महावीर मन्दिर अनादि काल से मौजूद है। मंदिर का वर्तमान स्वरूप जो आज हम लोग देख रहें हैं वह सन 1983 ईस्वी में सामने आया।
वर्ष 1983-85 में पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार कर नए भव्य मंदिर का निर्माण किया गया। इस मंदिर के पुनर्निर्माण का श्रेय किशोर कुणाल को दिया जाता हैं। बताते चलें की किशोर कुणाल भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवनिवृत अधिकारी हैं।
उन्हींके अथक प्रयास के फलस्वरूप पटना का महावीर मंदिर अपने बर्तमान स्वरूप में दिखाई दे रहा है।
महावीर मंदिर पटना बनावट व संरचना
करीब 10 हजार वर्ग फीट में फ़ाइल महावीर मंदिर की बनावट और संरचना बहुत ही खूबसूरत है। शाम के बक्त जब मंदिर की लाइट ऑन की जाती है। तब मंदिर रंगीन रोशीनी में और भी आकर्षक लगता है।
महावीर मंदिर पटना का मुख्य प्रवेश द्वार उत्तर दिशा की तरफ है। मंदिर बहुमंजिला है जिसके गर्भगृह में हनुमान जी के अलाबा और भी कई देवी देवताओं के प्रतिमा स्थापित हैं।
मंदिर के गर्भगृह के अंदर
कहते हैं की इस हनुमान मंदिर की कुछ खास विशेषता है जो इसे अन्य मंदिरों से अलग करती है। इस मंदिर के गर्भगृह के अंदर बजरंग बली की दो मूर्तियां एक साथ स्थापित हैं।
पहली प्रतिमा परित्राणाय साधूनाम् यानी सद्गुणी लोगों के कार्य पूर्ण करने वाली है, वही दूसरी प्रतिमा विनाशाय चदुष्कृताम्बु, अर्थात दुराचारियों के बुराई हरने वाली है। मंदिर में कई मंजिलें हैं।
पहली मंजिल
मंदिर के पहली मंजिल वाले गर्भगृह में भगवन राम, भगवान श्री कृष्ण को स्थापित किया गया है। इसमें कृष्ण भगवान को अर्जुन को गीता का ज्ञान प्रदान करते हुए चित्रत किया गया है।
इसके साथ ही माँ दुर्गा, माता पार्वती, भगवान शिव जी के ज्योतिर्लिंग और उनके बैल नंदी की प्रतिमा स्थापित हैं। इसके अलाबा यहाँ और भी अनेकों देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित है।
इस मंदिर को एक और चीज जो खास बनाता है वह है रामेश्वरम से लाया हुआ रामसेतु का पत्थर। जो एक पानी भरा सीसे के जार के अंदर तैर रहा है। इस पत्थर का वजन 15 किलोग्राम और आकर 13,000 मी मी माना जाता है।
दूसरी मंजिल
महावीर मंदिर की दूसरी मंजिल को संस्कार मंडप के रूप में जाना जाता है। इस मंजिल पर मंत्रो का जप, कथा और पवित्र ग्रंथो का पाठन आदि अन्य धर्मिक अनुष्ठान किये जाते है।
इसके अलाबा दूसरी मंजिल पर ही रामायण से जुड़ी हुई विभिन्न घटनाओं का चित्रों के द्वारा प्रदर्शित किया गया है। इस मंदिर में रोज हजारों भक्त अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु हनुमान जी की पूजा-अर्चना के लिए आते है।
रामनवमी के अवसर पर विशेष आयोजन
वैसे तो इस मंदिर में रोज हजारों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। लेकिन रामनवमी के अवसर पर बड़ी भाड़ी संख्या में भक्त जमा होते हैं। रामनवमी पर हनुमान जी की विशेष पूजा होती है।
इस अवसर पर महावीर मंदिर न्यास द्वारा भगवान राम, सीता और हनुमान जी की दर्शनीय शोभा यात्रा का आयोजन किया जाता है। जिसमें हजारों लोग भाग लेते हैं।
तिरुपति मंदिर के तर्ज पर प्रसाद –
पटना का महाबीर मंदिर शायद उत्तर भारत का पहला मंदिर है। जहाँ तिरुपति बालाजी मन्दिर के तर्ज पर नैवेद्यम् की बिक्री की जाती है। नैवेद्यम् एक प्रकार का प्रसाद है जो तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसिद्ध है।
इसे तैयार करने में बेसन, चीनी, काजू, किशमिश, केसर, इलायची और घी का प्रयोग किया जाता है। इस नैवेद्यम् को तिरुपति के विशेषज्ञों के देख-रेख में तैयार कराया जाता है।
लोगों का विश्वास है की इस मंदिर का प्रसाद खाने से कई रोगों का निदान हो जाता है। इसकी महत्ता को देखते हुए देशभर से लोग दर्शन करने आते हैं।
इस मंदिर में हर दिन भक्त लाखों रुपए का चढ़ावा चढ़ाते हैं। कहते हैं की इस मंदिर में श्रद्धापूर्वक पूजन से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
महावीर मंदिर का योगदान
पटना का यह महावीर मंदिर से होने वाली आमदनी से कई धार्मिक कार्यों का संचालन किया जा रहा है। मंदिर के सहयोग से पटना में कैंसर मरीजों के लिए महावीर कैंसर संस्थान का संचालन हो रहा है।
इसके अलाबा महावीर वात्सल्य अस्पताल, महावीर नेत्रालय तथा महावीर आरोग्य संस्थान का भी संचालन किया जा रहा है। जहां मामूली शुल्कों के साथ मानव सेवा का कार्य किया जा रहा है।
निःशुल्क भोजन
पटना के महावीर मंदिर में नित्य निःशुल्क भोजन की व्यवस्था की जाती है। नित्य सैकड़ों की संख्या में भक्त राम-रसोई का प्रसाद ग्रहण करते हैं।
मंदिर खुलने का समय – Mahavir Mandir Patna opening time
इस मंदिर का खुलने का समय सुवह 5 बजे है। सुबह से ही भक्तों का मंदिर में दर्शन के लिए भीड़ लग जाती है। महावीर मंदिर पटना, संध्या आरती (aarti hanuman ji ) के बाद रात के 10 बजे बंद होता है। मंदिर में प्रवेश के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।
लाइव प्रसारण – Mahavir mandir Patna live darshan
पटना के इस महाबीर मंदिर का लाइव प्रसारण की भी व्यवस्था की गयी है। अब घर बैठे लोग भी इस मंदिर का पूजन और आरती लाइव देख सकेंगे। इसे जिओ टीवी और जियो मोबाइल पर देखा जा सकता है।
मंदिर द्वारा पत्रिका का प्रकाशन
महावीर मन्दिर पटना के द्वारा मासिक पत्रिका धर्मायण का प्रकाशन भी किया जाता है। धार्मिक, सांस्कृतिक चेतना को जागृत करने वाली इस मासिक पत्रिका का प्रकाशन सन 1990 ईस्वी में शुरू किया गया था।
महावीर मंदिर पटना क्यों प्रसिद्ध है?
यह मंदिर पटना जंक्शन के पास स्थित है। मान्यता है की सच्चे मन से इस मंदिर में पूजन से भक्तजन की सारी मनोकामना पूर्ण होती हिल यह मंदिर उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिर में से एक है। जहां बजरंगबली की दो मूर्तियां एक साथ विराजमान हैं।
यह मंदिर पटना जंक्शन के पास स्थित है। मान्यता है की सच्चे मन से इस मंदिर में पूजन से भक्तजन की सारी मनोकामना पूर्ण होती हिल यह मंदिर उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिर में से एक है। जहां बजरंगबली की दो मूर्तियां एक साथ विराजमान हैं।
अन्य दर्शनीय स्थल
पटना के महावीर मंदिर के अलावा यहाँ सम्राट अशोक कालीन अगम कुआं, 52 शक्तिपीठों में एक बड़ी पटन देवी मंदिर, अंग्रेजों के जमाने के प्रसिद्ध इमारत और पटना का गोलघर भी देखे जा सकते हैं।
इसके साथ ही आप यहाँ प्राचीन पटलीपुत्र के अवशेष, सिक्खों के दशवे गुरु गुरु गोविंद सिंह जी महाराज का जन्म स्थल पटना साहिब गुरुद्वारा प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं।
अंत में
आपको महावीर मंदिर पटना से जुड़ी जानकारी जरूर अच्छी लगी होगी, इसमें सुधार के लिए कमेंट्स करें। मंदिर से जुड़ी और अधिक जानकारी के लिए मंदिर के ऑफिसियल वेबसाईट पर विज़िट कर सकते हैं।
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महावीर मंदिर पटना क्यों प्रसिद्ध है?
पटना जंक्शन के पास स्थित इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से पूजा करने पर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पटना का यह महावीर मंदिर उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक था जहाँ बजरंगबली की दो मूर्तियाँ एक साथ विराजमान हैं।
महावीर मंदिर पटना के संस्थापक कौन है?
पटना महावीर मंदिर के संस्थापक स्वामी बालानंद जी थे जिन्होंने पटना जंक्शन के पास साल 1730 में ईस्वी में इस मंदिर की स्थापना की थी।