तेनज़िंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार 2004-24| Tenzing Norgay National Adventure Award in Hindi

By Amit
तेनज़िंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार (Tenzing Norgay National Adventure Award in Hindi)

तेनज़िंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार (Tenzing Norgay National Adventure Award) भारत में साहसिक खेलों के लिए दिया जाने वाला प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार है। यह पुरस्कार 29 अगसत को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति के हाथों प्रदान किया जाता है।

भारत के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद्र के जन्म दिवस को ही राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिनके सनिध्य में भारत में 3 बार हॉकी में गोल्ड मेडल हासिल किया।

तेनज़िंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कारसर्वोच्च साहसिक खेल सम्मान
समतुल्यअर्जुन पुरस्कार
प्रथम पुरस्कार1994
अंतिम पुरस्कार2020
नकद राशि 15 लाख रुपया
प्रायोजितभारत सरकार (खेल मंत्रालय)
कुल प्राप्तकर्ता 139

तेनज़िंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार

तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार साहसिक खेलों के क्षेत्र में भारत का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान है। इस पुरस्कार का नाम प्रसिद्ध पर्वतारोही तेनजिंग नोर्गे के नाम पर रखा गया है। पर्वतारोही तेनजिंग नोर्गे सर एडमंड हिलेरी के साथ माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति थे।

जिन्होंने 1953 में दुनियाँ की सबसे ऊंची चोटी पर अपना कदम रख कर इतिहास रच दिया। इस पुरस्कार को अर्जुन पुरस्कार के समतुल्य माना जाता है। 1953 में एडमंड हिलेरी के साथ माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने वाले पहले दो व्यक्तियों में से एक थे

तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड का इतिहास-

माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले भारत के प्रथम व्यक्ति तेनजिंग नोर्गे के सम्मान में यह पुरस्कार दिया जाता है। भारत सरकार ने इस पुरस्कार की स्थापना 2004 में किया था।

तब से लेकर आज तक भारत सरकार के युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा इसे हर साल खेल दिवस के अवसर पर प्रदान किया जाता है। इसकी स्थापना से लेकर 2020 तक करीब 139 लोगों को इस सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।

तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड – पात्रता

भारतीय के महान पर्वतारोही तेनजिंग नोर्गे के सम्मान में तेनज़िंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार की स्थापना हुई थी। जो साहसिक गतिविधियों या भूमि, समुद्र और वायु पर खेल के क्षेत्र में शानदार उपलब्धियों के लिए प्रदान किया जाता है। इसके अंतर्गत पर्वतारोहण, स्काइडाइविंग, खुले पानी में तैराकी और नौकायन जैसी गतिविधियां सम्मिलित हैं।

तेनजिंग नोर्गे एडवेंचर अवार्ड (TNNAA) की घोषणा की भारत सरकार द्वारा चार श्रेणियों में किया जाता है जो भूमि साहसिक, जल साहसिक, वायु साहसिक और जीवनभर की उपलब्धि के लिए ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार‘ प्रदान किया जाता है।

पिछले तीन वर्षों की उपलब्धियों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है: भूमि साहसिक, जल (समुद्र) साहसिक और वायु साहसिक।

लेकिन लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार के लिए पूरे करियर की उपलब्धियों पर विचार किया जाता है। तेनज़िंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार एक ही श्रेणी के तहत एक ही व्यक्ति को दूसरी बार नहीं प्रदान किया जाता है।

पुरस्कार की चयन प्रक्रिया

तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड के लिए विजेताओं का चयन एक समिति द्वारा किया जाता है, जिसका गठन युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा किया जाता है, जिसमें साहसिक खेलों के क्षेत्र के विशेषज्ञता वाले लोग शामिल होते हैं।

तेनज़िंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार के लिए नामांकन के लिए पोर्टल awards.gov.in के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। उत्कृष्ट प्रदर्शन और नेतृत्व क्षमता, साहस की भावना और साहसिक कार्य के एक विशिष्ट क्षेत्र में निरंतर उपलब्धि वाला कोई भी व्यक्ति के पुरस्कार का पात्र हो सकता है।

तेनज़िंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार के लिए आवेदन ऊपर उल्लिखित पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है। तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड को मरणोपरांत भी दिया जा सकता है।

मरणोपरांत इस पुरस्कार को पाने वाली पहली पर्वतारोही सविता कंसवाल है। जिसे भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक समारोह के दौरान पर्वतारोहण के क्षेत्र में उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए प्रदान किया।

पुरस्कार में क्या प्रदान किया जाता है-

यह पुरस्कार साहसी लोगों की उपलब्धियों को पहचानने और युवाओं को दृढ़ रहने और साहसपूर्ण जोखिम भरे कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए दिया जाता है। इस राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार को भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा दिया जाता है।

जिसे “तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार” (टीएनएए) के नाम से जाना जाता है। इस पुरस्कार के अंतर्गत विजेता को तेनजिंग नोर्गे की एक कांस्य प्रतिमा, एक प्रमाण पत्र, एक रेशमी टाई/साड़ी के साथ एक ब्लेज़र तथा 15 लाख रुपये नकद राशि प्रदान की जाती है।

तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार के कुछ उल्लेखनीय विजेता-

कुछ अपवाद वर्ष को छोड़कर आमतौर पर यह पुरस्कार एक वर्ष में तीन से छह लोगों को प्रदान किया जाता है। आइए कुछ प्रमुख पुरस्कार विजेता को जानें:-

बछेंद्री पाल – बछेंद्री पाल तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार पाने वाली साहसिक महिला में से एक है। जो माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली भारत की पहली भारतीय है।

संतोष यादव: यह पुरस्कार वर्ष 2000 में उन्हें प्रदान किया गया था। संतोष यादव माउंट एवरेस्ट पर दो बार चढ़ने वाली दुनिया की पहली महिला है।

प्रेमलता अग्रवाल: उन्हें यह पुरस्कार 2013 में प्रदान किया गया। प्रेमलता अग्रवाल भारत की पहली महिला है जिन्होंने दुनियाँ के सभी सात पर्वत शिखरों अपने कदम रखने का रिकॉड बनाया।

आपा शेरपा: भारत के आपा शेरपा को यह सम्मान 2009 में प्रदान किया गया था। उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर सबसे अधिक 21 बार चढ़ने का रिकॉर्ड कायम किया।

अरुणिमा सिन्हा: अरुणिमा सिन्हा माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली भारत की पहली विकलांग महिला हैं। अरुणिमा जी को यह सम्मान भारत सरकार द्वारा साल 2015 में प्रदान किया गया था।

तेनज़िंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार की सूची:

तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार 2023

2023 के लिए प्रतिष्ठित तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार सविता कंसवाल को प्रदान किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनवरी 2024 में एक आयोजन के दौरान यह पुरस्कार प्रदान किया।

उतराखंड की सविता कंसवाल ने मात्र 16 दिनों में माउंट एवरेस्ट और माउंट मकालू दोनों शिखर पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला पर्वतारोही थी। लेकिन 2022 में एक चढ़ाई अभियान में भाग लेते समय हिमस्खलन की चपेट में आने में उनकी मौत हो गईं। यह पुरस्कार उन्हें मरणोपरांत प्रदान किया गया।

तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार 2022:

भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा वर्ष 2022 का तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार परवीन सिंह को प्रदान किया गया।

तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार 2021:

वर्ष 2021 के लिए ग्रुप कैपिटन भवानी सिंह सम्याल को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, शुभम धनंजय वनमाली को वाटर एडवेंचर तथा नैना धाकड़ को लैंड एडवेंचर में साहसिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

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तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय खेल पुरस्कार की शुरुआत कब हुई?

तेनज़िंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार की शुरुआत 2004 में हुई। इस पुरस्कर को अर्जुन पुरस्कार के समकक्ष माना जाता है।

बाहरी कड़ियाँ:

आधिकारिक वेबसाइट (युवा मामले और खेल मंत्रालय, भारत)

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