Panch Kedar in Hindi: एक नहीं बल्कि कुल 5 हैं केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड के पंच केदार कौन-कौन से हैं, क्या है केदारनाथ का इतिहास, जाने केदार नाथ की कथा सहित सम्पूर्ण जानकारी।
पंच केदार क्या है
पंच केदार(Panch Kedar) उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय क्षेत्र में स्थित भगवान शिव को समर्पित हिंदुयों के 5 मंदिरों का समूह है। इन मंदिरों को महाभारत काल से जोड़कर देखा जाता है। मान्यता है की इस मंदिर की स्थापना पांडव और उनके वंशजों द्वारा हुआ था।
महाभारत की लड़ाई के बाद पांडव, ब्रह्म हत्या, गुर हत्या, और अपने परिजनों की हत्या के पापों से मुक्ति के लिए भगवान शिव के तलाश में हिमालय गए। बहुत परिश्रम के बाद भगवान शिव ने उन्हें जिन पाँच स्थानों पर दर्शन दिये।
उस स्थान पर पांडवों ने मंदिर का निर्माण किया। भगवान शिव का यही स्थान पंच केदार(Panch Kedar) के नाम से प्रसिद्ध हुआ। पंच केदार में प्रथम केदार भगवान केदारनाथ को माना जाता हैं, जिनकी गिनती 12 ज्योर्तिलिंग में एक चार धाम की की जाती है।
पंच केदार कौन-कौन से हैं जाने उसका नाम व लोकेसन – Panch Kedar name in Hindi
उतराखंड के इन पंच केदार के नाम इस प्रकार हैं:-
प्रथम केदार – | केदारनाथ, |
द्वितीय केदार- | तुंगनाथ, |
तृतीय केदार – | रुद्रनाथ, |
चतुर्थ केदार – | मदमहेश्वर, |
पंचम केदार – | कल्पेश्वर,, |
शिव ने पांडवों को अलग-अलग रूपों में दिये दर्शन
इनमें से केदारनाथ, मध्यमहेश्वर, तुंगनाथ, और रुद्रनाथ धाम के कपाट सर्दी शुरू होने से पहले ही बंद हो जाते हैं। जबकी कल्पेश्वर मंदिर साल भर भक्त के लिए खुला रहता है।
भगवान शिव ने पांडवों के कठिन परीक्षा के बाद इन 5 केदार में अलग अलग रूप में दर्शन किए। बाद में पांडवों और उनके कुल के द्वारा वहाँ पर मंदिर का निर्माण हुआ।
इन केदारों में भगवान शंकर के बैल रूप के अंगों की पूजा होती है। आइए इन पाँच केदार में भगवान शिव ने किस केदार में किस रूप में दर्शन दिये उसे जानते हैं।
- केदारनाथ – पांडवों को यहाँ भगवान शिव के धड़ के दर्शन प्राप्त हुए।
- मध्यमहेश्वर – इस स्थान पर पांडवों को शिव के मध्य भाग (नाभि) के दर्शन हुए थे।
- तुंगनाथ – यहाँ पर पांडवों को शिव जी के भुजा के दर्शन हुए थे।
- रुद्रनाथ – इस स्थान पर पांडवों ने भगवान शिव के मुख के दर्शन किए।
- कल्पेश्वर – शिव की जटा के दर्शन पांडवों ने इस स्थान पर किए थे।
पंच केदार का इतिहास – Panch Kedar history in Hindi
पंच केदार के बारे में कहा जाता है की पांडव महाभारत की लड़ाई के बाद ब्रह्म हत्या और गुरु हत्या जैसी पापों से मुक्ति के लिए भगवान शिव को ढूढने हिमालय में जाते हैं। लेकिन भगवान शिव पांडवों की परीक्षा के लिए वैल का रूप धारण कर लेते हैं।
लेकिन जब भीम बैल रूपी शिव को पकड़ने की कोशिस करते हैं तब उस बैल के शरीर के विभिन्न अंग हिमालय के अलग-अलग स्थानों पर गिरते हैं। वही स्थान आज पंच केदार के रूप में जाने जाते हैं। इन पंच केदार ( केदारनाथ, तुंगनाथ, रुद्रनाथ, मध्यमहेश्वर और कल्पेश्वर) में भगवान शिव के बैल रूप की पूजा की जाती है।
पंच केदार मंदिरों का निर्माण कब हुआ, इसके समय के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि इस मंदिर का जीर्णोद्धार आदि शंकराचार्य ने कराया था।
पंच केदार के बारे में जानकारी
पंच केदार भारत के उत्तराखंड राज्य में गढ़वाल जिले में हिमालय में स्थित है। भक्त जन को पंच केदार दर्शन के लिए कठिन पहाड़ी रास्तों से गुजरकर जाना पड़ता है। अब हम उत्तराखंड के पंच केदार कहां कहां स्थित है उसके बारें में विस्तार से जानते हैं: –
1. केदारनाथ:-
हिमालय में 3581 मीटर की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ मंदिर एक हजार साल से अधिक पुराना है। मंदिर अपनी शैली और वास्तुकला में शानदार है। मंदिर में भक्तजन सभा मंडप और पूजा के लिए गर्भ-गृह ” है।
ऐसा माना जाता है कि महाभारत की लड़ाई के बाद पांडवों ने अपने ही परिजनों के हत्या के पाप से छुटकारा पाना चाहते थे। इसके लिए वे भगवान श्रीकृष्ण के सलाह पर भगवान शिव से आशीर्वाद लेने गये ताकि ब्रह्म हत्या जैसे पापों से मुक्त हो सकें।
लेकिन भगवान शिव नाखूस थे इस कारण से वे पांडवों के परीक्षा के लिए उन्होंने बैल के रूप में केदारनाथ चले गए। वही पर बाद में शिव जी ने पांडवों को दर्शन दिए थे। भगवान शिव का यह स्थान चार धामों और 12 “ज्योतिर्लिंगों” में से एक है।
इसके अलावा केदारनाथ में भक्त भैरव मंदिर, आदि शंकराचार्य समाधि और चोरबारी ताल में गांधी सरोवर का भी दर्शन कर सकते हैं।
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2. मदमहेश्वर धाम:
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित शिव का यह एक प्रमुख धाम है। पंच केदार में से एक मदमहेश्वर मंदिर में भगवान शिव की बैल रूप के नाभि की पूजा की जाती है। मान्यता है की इस मंदिर को पांडवों ने स्वर्ग की यात्रा के दौरान बनवाया था।
समुद्र तल से करीब 3,497 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर के कपाट गर्मियों के दौरान भक्तजन के लिए खुले रहते हैं। सर्दियों में मदमहेश्वर धाम की डोली को उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होते हैं।
3. तुंगनाथ–
तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित पंच केदारों में से एक है। मान्यता है की इस मंदिर का निर्माण पांडव भाइयों में से तीसरे भाई अर्जुन द्वारा किया गया था।
करीब 12,073 फीट की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर को दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है। यहाँ भगवान शिव ने पांडवों को बैल के रूप में भुजाओं के दर्शन प्राप्त हुए थे। इस कारण से तुंगनाथ में भगवान शिव की भुजाओं की पूजा होती है।
4. रुद्रनाथ मंदिर :
यह धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में 11808 फीट की ऊंचाई पर हिमालय की एक गुफा में स्थित है। इस धाम में भगवान शिव के मुख के दर्शन होते हैं। कहा जाता है कि यह भारत का एकमात्र मंदिर है जहां भगवान शिव के मुख की पूजा की जाती है।
रुद्रनाथ धाम जाने के लिए श्रद्धालुओं को सबसे पहले चमोली जिले का मुख्यालय गोपेश्वर पहुंचना पड़ता है। गोपेश्वर के पास सागर गांव से मंदिर तक पहुंचने के लिए 18 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।
5. कल्पेश्वर पंच केदार:
कल्पेश्वर धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमालय पर करीब 2134 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस स्थान को ऋषि दुर्वासा का तपस्थल भी माना जाता है। पंच केदार में से एक यहाँ पर भक्तजन, भगवान शिव के जटाओं की पूजा करते हैं।
उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित एक गुफा के माध्यम से इस मंदिर तक पहुँचा जाता है। इस मंदिर के पास एक ‘कालेवरकुंड’ है जिसका पानी हमेशा निर्मल रहता है। मान्यता है कि इस पवित्र जल के सेवन से कई बीमारियों खत्म हो जाती है।
रुद्रप्रयाग में कितने पंच केदार हैं ?
रुद्रप्रयाग में पंच केदार में तीन केदार, केदारनाथ, मदमहेश्वर और तुंगनाथ स्थित हैं।
पंच केदार में शामिल पांच मंदिर किस भारतीय राज्य में स्थित है
पंच केदार में शामिल पांचों मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है। भगवान शिव को समर्पित यह धाम हिंदुओं का प्रमुख तीर्थस्थल है।