उत्तराखंड की सम्पूर्ण जानकारी – Information about Uttrakhand in Hindi
उत्तराखंड (State of India) भारत का 27 वां राज्य है। प्राकृतिक सुषमा की दृष्टिकोण से यह प्रदेश बहुत ही अनुपम है यह प्रदेश तीर्थाटन के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी बहुत ही महत्वपूर्ण प्रदेश है। क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तराखण्ड का भारत में 19वाँ स्थान है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार उत्तराखंड देवताओं की भूमि रही है। इसी कारण से उत्तराखंड को देव भूमि के नाम से जाना जाता है। हिमालय के तराई में बसा इस राज्य के गंगोत्री से हिन्दू समुदाय के आस्था का प्रतीक पवित्र गंगा नदी निकलती है।
यहाँ के आध्यात्मिक स्थल हरिद्वार विश्व प्रसिद्ध कुम्भ मेला का आयोजन स्थलों में से एक है। आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से यह भारत का महत्वपूर्ण राज्य है। पहले यह उत्तरप्रदेश राज्य का एक अहम हिस्सा था।
लेकिन सन 2000 में इस प्रदेश के लोगों के मांग के कारण उत्तरप्रदेश से पृथक कर भारत का 27 वाँ राज्य का गठन हुआ। इस नए राज्य का नाम उत्तरांचल रखा गया। इस राज्य का 2000 से 2006 तक उत्तरांचल ही नाम था।
लेकिन 2007 में लोगों के जबरदस्त मांग के कारण इस राज्य का नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया। क्योंकि प्राचीन साहित्य और हिन्दी धर्म ग्रंथों में इस क्षेत्र का उल्लेख उत्तराखंड के रूप में ही मिलता है।
इस लेख में उतराखंड की संस्कृति, इतिहास, वेशभूषा, रहन सहन, राजनीतिक व्यवस्था, उतराखंड के जिले का सम्पूर्ण वर्णन दिया गया है।
उत्तराखंड के बारे में जानकारी संक्षेप में
राज्य का नाम | उत्तराखंड (Uttrakhand) |
उत्तराखंड की राजधानी | देहरादून |
स्थापना दिवस | 9 नवंबर 2000 |
उत्तराखंड का क्षेत्रफल | 55845 वर्ग किमी. |
उत्तराखंड का राजकीय पशु | कस्तूरी मृग |
उत्तराखंड का राजकीय पक्षी | मोनाल |
उत्तराखंड का राजकीय फूल | ब्रह्म कमल |
उत्तराखंड का राजकीय वृक्ष | बुरांस |
उत्तराखंड के प्रथम राज्यपाल | सुरजीत सिंह बरनाला |
उत्तराखंड के प्रथम मुख्यमंत्री | नित्यानन्द स्वामी |
उत्तराखंड में कुल जिले की संख्या | 13 |
उत्तराखंड में लोकसभा की कुल सीटें | 05 |
उत्तराखंड में राज्यसभा की कुल सीटें | 03 |
उत्तराखंड में विधानसभा की कुल सीटें | 70 |
उत्तराखंड की मुख्य भाषा | हिंदी, गढ़वाली, कुमाऊनी |
क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तराखण्ड का भारत में स्थान है – | 19 वां |
उत्तराखंड का इतिहास और जानकारी – uttarakhand in hindi language
उत्तराखंड का उल्लेख पौराणिक धर्म ग्रंथों में भी मिलता है। उत्तराखंड का मतलब होता है उत्तर की भूमि। वैसे तो उत्तराखंड का इतिहास अति प्राचीतम माना जाता है।
यह देव भूमि जितना अध्ययतिमिक रूप से उन्नत है ठीक उतना ही इसका इतिहास भी समृद्ध है। इस प्रदेश का जिक्र पौराणिक ग्रंथों में भी मिलता है। प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल तक यह कई राजवंशों के शासन के अधीन रहा।
कलांतर मे यह ईस्ट इंडिया के अधीन होकर अंग्रेजों द्वारा शासित होने लगा। आजादी के बाद सन 1947 में यह उत्तरप्रदेश राज्य का हिस्सा बना।
उत्तराखंड का राजनीतिक इतिहास की बात की जाय तो सन 2000 में यह प्रदेश एक पृथक राज्य के रूप में आस्तित्व में आया। उत्तराखंड पृथक राज्य का आंदोलन लंबे समय तक चला।
उतराखंड राज्य का गठन 09 नवंबर 2000 को भारत के 27 वें राज्य के रूप में आस्तित्व में आया। जब राज्य का गठन हुआ था तब उसका नाम उतरांचल था।
लेकिन राज्य के गठन के मात्र 7 वर्षों के अंदर ही इसे बदलने का फैसला करना पड़ा। फलतः उतरांचल का नाम परिवर्तित कर उत्तराखंड किया गया।
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उत्तराखंड की राजधानी – capital of uttarakhand
उत्तराखंड भारत का 27 वाँ राज्य है। उत्तराखंड की वर्तमान राजधानी देहरादून है। उत्तराखंड राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी चमौली जिले के गैरसैंण को बनाया गया है, और इसे स्थाई राजधानी बनाने पर विचार चल रहा है।
इस राज्य की सीमाएं उत्तर में तिब्बत और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसके पूर्व में नेपाल और पश्चिम में हिमाचल प्रदेश से सटी है।
उत्तराखंड की राजनीतिक व्यवस्था
उत्तराखंड राज्य का गठन 2000 ईस्वी में हुआ था। स्थापना के समय उतराखंड का नाम उतरांचल रखा गया था। लेकिन सन 2007 मे इस प्रदेश का नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया।
उतराखंड में 1 जिले, 05 लोक सभा सीट और 3 राज्यसभा की सीट है। राज्य की राजधानी देहरादून है। लेकिन चमौली की गैरसैण को प्रस्तावित राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है।
उत्तराखंड का उच्च न्यायालय नैनीताल में स्थित है। इस प्रदेश की राजभाषा के रूप में हिन्दी और संस्कृत को मान्यता दी गई है।
उत्तराखण्ड के जिले 2022
भारत के राज्य उत्तराखण्ड में कुल 13 जिले हैं। ये सभी जिले राज्य के 02 प्रमुख मण्डलों में बंटे हैं। गढ़वाल मण्डल और कुमाऊँ मण्डल। जनसंख्या के दृष्टिकोण से उत्तराखंड का सबसे बड़ा जिला हरिद्वार है।
जबकि जनसंख्या के दृष्टिकोण से राज्य का सबसे छोटा जिला रुद्रप्रयाग कहलाता है। वहीं क्षेत्रफल के आधार पर उत्तराखंड राज्य का सबसे बड़ा जिला चमोली और सबसे छोटा जिला में चंपावत का नाम आता है।
गढ़वाल मण्डल में 07 जिले हैं–
- चमोली गढ़वाल
- उत्तरकाशी
- हरिद्वार
- टिहरी गढ़वाल
- रुद्रप्रयाग
- देहरादून
- पौड़ी गढ़वाल
कुमाऊँ मण्डल में 06 जिले हैं ; –
- बागेश्वर
- अल्मोड़ा
- पिथौरागढ़
- नैनीताल
- चंपावत
- उधम सिंह नगर
उत्तराखंड के प्रमुख शहर
उत्तराखंड के प्रमुख शहर में – देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार, अल्मोड़ा, हल्द्वानी, नैनीताल, कोटद्वार, मसूरी, काशीपुर, रुड़की, ऋषिकेश, रामनगर, रानीखेत, पिथौरागढ़, जोशीमठ, बागेश्वर के नाम शामिल हैं।
उत्तराखंड की भाषा क्या है (uttarakhand language)
उत्तराखंड की राजभाषा हिन्दी और संस्कृत है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषा हिंदी, गढ़वाली और कुमाऊनी है। कुमायूनी और गढ़वाली पहाड़ी भाषा कहलाती है। इन भाषा की अपनी लिपि है।
यह देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। इसके अलाबा उतरांचल में पंजाबी भाषा भी बोली जाती है।
उत्तराखंड की संस्कृति
कहा जाता है की किसी भी स्थान या प्रदेश की जानकारी तब तक अधूरी है। जब तक की वहाँ के मूल लोग की संस्कृति और जीवन शैली से अवगत न हो लिया जाय।
उत्तराखंड की संस्कृति भी वहाँ के लोगों के रहन सहन, उनके त्योहार, खान-पान, वेशभूषा और लोक कलाओं से साफ दिखाई पड़ती है। यहाँ की गुफा में चित्रित विभिन्न आकृति, खुदाई से प्राप्त पौराणिक साक्ष्य भी इस स्थल की संस्कृति को बयां करती है।
उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत में यहाँ की लोककथाएं और लोकगीतों का भी नाम लिया जा सकता है। इसी राज्य में देश की आस्था की दृष्टि से सबसे पवित्र नदी गंगा का उद्गम स्थल गंगोत्री मौजूद है जिसके किनारे अनेकों तीर्थस्थल अवस्थित हैं।
उत्तराखंड का रहन सहन
उतराखंड के लोगों के रहन सहन यहाँ के जलवायु और मौसम से अनुप्रेरित है। चूँकि यहाँ जाड़े के मौसम में कड़ाके के ठंड पड़ती है। इस कारण यहाँ के घरों के निर्माण भी उसी प्रकार किया जाता है।
यहाँ के लोगों का अधिकांश घरों पत्थर और सीमेंट से निर्मित हैं। लोगों के रहन सहन और आजीविका का मुख्य साधन पशुपालन और खेती है। लोग अपने उत्सवों को भी बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं।
उत्तराखंड की वेशभूषा
उत्तराखंड की वेशभूषा यहाँ की सांस्कृतिक विरासत की पहचान है। उत्तराखंड ट्रेडिशनल ड्रेस की बात की जाय तो यहॉँ की महिलायें घाघरा और चोली पहनती हैं। इसके अलावा यहां की महिलायेँ साड़ी, पेटीकोट ब्लाउज भी धारण करती हैं।
उतराखंड का पहनावा में यहाँ के पुरुष वर्ग कुर्ता और चूड़ीदार पजामा पहनते हैं। चूँकि उत्तराखंड में ठंड ज्यादा होती है। इस कारन जाड़े के दिनों में यहां के लोग ऊनी वस्त्र का भी प्रयोग करते हैं।
महिलाओं के द्वारा गले, नाक और कानो में पहने जाने वाले आभूषण उत्तराखंड की परंपरा की हिस्सा है। महिलाओं के गले में चरेऊ पहनने उनके विवाहित होने का संकेत है। कई खास अवसर पर पिछौड़ा का धारण करना उत्तराखंड की लोक संस्कृति को दर्शाता है.
उत्तराखंड का प्रसिद्ध भोजन
उत्तराखंड के लोग दिन में चावल और रात में रोटी खाना पसंद करते हैं। यहाँ के लोग पहाड़ी ढलान पर सीढ़ीनुमा खेत बनाकर खेती करते हैं।
उत्तराखंड के पारंपरिक खान पान में आलू टमाटर का झोल, चैंसू, झोई, कापिलू, मंण्डुए की रोटी, पीनालू की सब्जी, बथुए का पराँठा आदि शामिल हैं। साथ ही मंडवे की रोटी, रोट, रस, काफ्ली, छनछयोड, आदि प्रसिद्ध परंपरिक भोजन है
उत्तराखंड का भौगोलिक परिचय
उत्तराखंड उत्तर भारत में स्थति भारत का 27 वां राज्य है। उत्तराखंड की चौहद्दी की बात की जाय तो इस राज्य के उत्तर में तिब्बत और दक्षिण में उत्तर प्रदेश है। इसके पूरब में नेपाल और पश्चिम में हिमाचल प्रदेश स्थित है।
राज्य में कई वृहद बांध परियोजनाएं भी क्रियाशील हैं। इन परियोजना में टिहरी बांध परियोजना भी शामिल है। टिहरी बांध परियोजना 2007 में बनकर तैयार हुआ।
भारत का यह प्रदेश पेड़ों को बचाने के लिए चिपको आंदोलन के लिए भी जाना जाता है। इस आंदोलन से यह साफ जाहीर होता है की इस प्रदेश के लोग प्रयावरण के प्रति कितने जागरूक हैं।
उत्तराखंड का क्षेत्रफल-
भारत के इस पहाड़ी राज्य उत्तराखंड का क्षेत्रफल 55845 वर्ग किमी है। क्षेत्रफल की दृष्टिकोण से उतराखंड भारत गणराज्य का 9वाँ राज्य है। इस राज्य के कुल क्षेत्रफल का 85% से भी अधिक भाग पर्वतीय है तथा शेष भाग मैदानी है।
उत्तराखंड का तापमान
उत्तराखंड का मौसम बड़ा ही सुहाबना होता है। चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए लोग यहाँ अपने परिवार और बच्चों के साथ घूमना पसंद करते हैं। उत्तराखंड का तापमान सर्दी के कुछ माह को छोड़कर हमेशा ही पर्यटन के अनुकूल होता है।
उत्तराखंड का प्रमुख त्योहार
उत्तराखंड में मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहार और उनसे जुड़ी मान्यताये के बारें में जानते हैं। उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार भारत के अन्य राज्यों से मिलते जुलते हैं। सिर्फ नाम और मनाने का तरीका अलग हो सकता है।
उत्तराखंड के प्रमुख त्यौहार होली, दशहरा, दिवाली, वसंत पंचमी, संकान्ति, रक्षा बंधन आदि नाम आते हैं। इसके अलाबा यहाँ कुछ पारंपरिक त्योहार भी मनाये जाते हैं जनके नाम निम्न हैं।
- उत्तराखंड का फूलदेई त्योहार : उत्तराखंड का लोकपर्व फूलदेई चैत मास में मनाया जाता है।
- हरेला: यह त्योहार सावन मास के प्रथम दिन को मनाया जाता है।
- जागड़ा: भादो के महीने में मनाये जाने वाला यहाँ का प्रमुख त्योहार
- भिरौली: संतान की कल्याण के लिए मनाया जाने वाला प्रसिद्ध त्योहार
- नुणाई: यह त्योहार भी सावन के महीने में मनाया जाता है।
- कलाई: उत्तराखंड के लोक पर्व में एक फसल काटने की खुशी में मनाया जाता है।
- सारा: बैशाख महीने में मनाया जाने वाला इस राज्य का प्रमुख त्योहार है।
- बिखोती:यह बैसाख महीने के प्रथम दिन मनाया जाता है।
- घी संक्रांति (ओगलिया):इस त्योहार में घी का बड़ा महत्व होता है।
- वट सावित्री: पति के लंबी उम्र के लिए यह त्योहार मनाया जाता है।
- खतडुवा: आश्विन माह में मनाया जाने वाला कुमाऊं के त्योहार में प्रसिद्ध है।
- चैंतोल: चैत माह के अष्टमी को मनाये जाने वाला प्रसिद्ध त्योहार
- इसके अलाबा यहाँ ईद, मुहरम, क्रिसमस भी बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
उत्तराखण्ड के पर्यटन स्थल – uttarakhand tourist places in hindi
हिमालय की गोद में बसा उत्तराखंड का प्राकृतिक सौंदर्य बड़ा ही खूबसूरत है। उत्तराखंड की खूबसूरती का शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता। उत्तराखंड में पर्यटन की संभावनाएं भी अपार है।
राज्य और केंद्र सरकार uttarakhand tourism को और बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। उत्तराखंड में घूमने की जगह की लिस्ट काफी लंबी है। हजारों साल पहले से ही हिन्दू समुदाय के लोग मोक्ष की कामना हेतु यहाँ तीर्थाटन और साधना के लिए आते रहे हैं।
उत्तराखंड में कहीं भी चले जायें वहाँ की अद्भुत प्राकृतिक छटा बड़ा ही मनमोहक लगती है। उत्तराखंड के हरे भरे मैदान, हिम से अच्छादित पर्वत शिखर, सीढ़ीनुमा खेत लोगों का मेहमान नवाजी पर्यटक को काफी भाती है।
कारण है की दुनियाँ भर के पर्यटक उत्तराखंड की सैर करने के लिए खिचे चले आते हैं। वैसे तो सम्पूर्ण उत्तराखण्ड ही पर्यटन स्थल है। लेकिन उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल निम्न हैं-
गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, नैनीताल, बद्रीनाथ, मसूरी, अल्मोड़ा, देहरादून, हरिद्वार, रानीखेत, ऋषिकेश, हेमकुण्ड साहिब, रानीखेत, फूलों की घाटी, इसके अलाबा भी उत्तराखंड में कई और भी पर्यटन स्थल दर्शनीय हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न ( F.A.Q)
Q. उत्तराखंड का नाम उत्तरांचल से उत्तराखंड कब किया गया?
इस प्रदेश का नाम स्थापना के समय उतरांचल था। उत्तराखंड का नाम उत्तरांचल से उत्तराखंड 2007 में किया गया।
Q. उत्तराखंड में वर्तमान में कितने जिले है?
उत्तराखंड में वर्तमान में 13 जिले हैं। राज्य के सभी जिले 02 मण्डलों में विभक्त हैं। गढ़वाल मण्डल और कुमाऊँ मण्डल
Q. उत्तराखंड का गठन कब हुआ?
उत्तराखंड राज्य का गठन 9 नवंबर 2000 को भारत के 27 वें राज्य के रूप में हुई थी। उत्तराखंड का क्षेत्रफल क्षेत्रफल 55845 वर्ग किमी है। क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तराखंड का 19 वां स्थान है।
Q. उत्तराखंड विधानसभा में कितनी सीटें हैं?
भारत का पहाड़ी राज्य देवभूमि ‘उत्तराखंड विधानसभा’ में कुल 70 सीटें हैं? यह राज्य 13 जिलों में विभक्त है।
उत्तराखंड की सीमा कितने राज्यों से लगती है?
उत्तराखंड क्षेत्रफल की दृष्टिकोण से भारत का 19वाँ बड़ा राज्य है। राज्य की सीमा पूर्व में नेपाल, पश्चिमोत्तर में हिमाचल प्रदेश और उत्तर में तिब्बत तथा दक्षिण में उत्तर प्रदेश से लगती है।
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