बिहार जाति आधारित गणना 2023: यादव जाति की संख्या सबसे अधिक जानें आप अपनी जाती की संख्या

बिहार जाति आधारित गणना 2023 – गांधी जयंती 02 अक्टूबर सोमवार को बिहार जातीय जनगणना आधारित सर्वे की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दी गई। मुख्य सचिव आमिर सुबह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए जाति आधारित गणना की सर्वे रिपोर्ट को जारी किया। इस सर्वे में बिहार में 63% पिछड़े, 19% दलित, 15% सवर्ण जाती के लोग हैं।

बिहार जाति आधारित गणना 2023

बिहार जाति आधारित गणना Bihar Caste Survey Report in Hindi

बिहार में हुई जातिगत आधारित गणणं की रिपोर्ट आज सोमवार 02 अक्टूबर 2023 को जारी कर दी गई। गांधी जयंती के मौके पर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस द्वारा जातिगत आधारित जनगणना रिपोर्ट जारी की है।

जारी गणना के अनुसार वर्तमान बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है। इसमें जहां बिहार राज्य में रहने वालों की कुल जनसंख्या 12 करोड़ 53 लाख 53 हजार 288 बताई गई है। वहीं बिहार के बाहर रहने वालों की संख्या 53 लाख 72 हजार 22 है। जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में पिछड़ा वर्ग की भागीदारी 27.13% है जबकि अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52 है। राज्य में सबसे अधिक यादव की संख्या 14%, कुर्मी जाति की संख्या 2.87%, अनुसूचित जाति की संख्या 19.65%, कुशवाहा जाति की संख्या 4.21% , राजपूतों की संख्या 3.41%, ओबीसी की संख्या 36 01%, पिछड़ा वर्ग की संख्या 27.12% है। बिहार में धर्म के आधार पर लोगों की बात करें तो हिन्दू 82%, मुसलमान 17.7%, ईसाई .5% बौद्ध धर्म .08 है।

बिहार की कुल जनसंख्या 13 07 25 310 है जिसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग — 4 70 80 514, पिछड़ा वर्ग 3 54 63 936, अनुसूचित जाति 2 56 89 820, अनुसूचित जनजाति 21 99 361और अनारक्षित की सांख्य 2 02 91 679 हैं।

किस जाती की संख्या कितनी जानें

जाति के हिसाब से आबादी

  • यादव 14.27 प्रतिशत (1 करोड़ 86 लाख 50 हजार 119)
  • कुशवाहा 4.27 प्रतिशत (55 लाख 6 हजार 113)
  • ब्राह्मण 3.65 प्रतिशत (47 लाख 81 हजार 280 )
  • राजपूत 3.45 प्रतिशत (45 लाख 10 हजार 733)
  • मुसहर 3.08 प्रतिशत (40 लाख 35 हजार 787)
  • भूमिहार 2.89 प्रतिशत (35 लाख 50 हजार 886)
  • कुर्मी 2.87 प्रतिशत (37 लाख 62 हजार 969)
  • तेली 2.8131 प्रतिशत (36 लाख 77 हजार 49)
  • धानुक 2.13 प्रतिशत (27 लाख 96 हजार 605)
  • नाई 1.59 प्रतिशत (20 लाख 82 हजार 48)
  • बढ़ई 1.45 प्रतिशत (18 लाख 95 हजार 672)
  • कुम्हार 1.4 प्रतिशत
  • सुनार 0.68 प्रतिशत
  • कायस्थ 0.60 प्रतिशत ( 7 लाख 85 हजार 771)
  • दुसाध, पासवान – 5.31प्रतिशत (69 लाख 43 हजार)
  • मोची, रविदास- 5.26 प्रतिशत (68 लाख 69 हजार 664)
  • मल्लाह- 2.61प्रतिशत (34 लाख 10 हजार 93)
  • मोमिन- 3.55प्रतिशत (46 लाख 34 हजार 245)
  • बनिया- 2.32 प्रतिशत (30 लाख 26 हजार 912)
  • कानू- 2.21प्रतिशत, (28 लाख 92 हजार 761)
  • नोनिया- 1.91 प्रतिशत, (24 लाख 98 हजार 474)
  • पान, सवासी, पानर- 1.70 प्रतिशत (22 लाख 28 हजार 343)
  • धुनिया- 1.43 प्रतिशत (18 लाख 88 हजार 192)
  • कुंजरा- 1.40 प्रतिशत (18 लाख 28 हजार 554)
  • लोहार – 0.06281 प्रतिशत (8 लाख 21 हजार 103)  

इस गणना के अनुसार बिहार में यादव जाती की संख्या सबसे अधिक है। जाति आधारित गणना के अनुसार बिहार में पुरुषों की कुल संख्या छह करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 है। वहीं बिहार में महिलाओं की कुल जनसंख्या 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 है। इस आँकड़े के आधार पर बिहार में 1000 पुरुषों पर 953 महिलाएं हैं।

जानें धर्म के हिसाब से आबादी

बिहार जाति आधारित गणना 2023 के जारी सूची के आहार पर बिहार में हिन्दू धर्म मानने वालों की संख्या सबसे अधिक है। यह हिन्दू धर्म की आबादी 81.99 प्रतिशत जो करीब 10 करोड़ 71 लाख 92 हजार 958 है।

वहीं दूसरे नंबर पर इस्लाम धर्म को मानने वाले हैं जो 17.70 प्रतिशत अर्थात 2 करोड़ 31 लाख 49 हजार 925 है। बिहार में ईसाई धर्म के 0.05 प्रतिशत यानि 75 हजार 238 है, सिख धर्म 0.011 प्रतिशत लोग अर्थात आबादी 14 हजार 753 है।

बौद्ध धर्म के 0.0851 प्रतिशत यानि 1 लाख 11 हजार 201 है, वहीं जैन धर्म 0.0096 प्रतिशत आबादी अर्थात 12 हजार 523 रहते हैं। वहीं अन्य धर्म 0.1274 प्रतिशत की आबादी के साथ 1 लाख 66 हजार 566 रहते हैं।

सीएम ने दी बधाई

बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में ट्वीट कर लिखा है कि गांधी जयंती 02 अक्टूबर के अवसर पर बिहार में हुई जातिगत गणना के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने इस गणना के कार्य में शामिल पूरी टीम को बधाई दी।

विधानमंडल में प्रस्ताव पारित

बताते चलें कि जाति आधारित सर्वे के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था जिसे 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद ने इसकी स्वीकृति दी थी। इसमें विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति के बाद निर्णय लिया गया था।

डिस्कलमेर : उपरोक्त सभी आँकड़े मीडिया रिपोर्ट पर आधारित है। इसकी सत्यता के लिए सरकारी आँकड़े का अवलोकन करें।

इन्हें भी पढ़ें : बिहारी होने पर गर्व, जानिए बिहार का गौरवशाली इतिहास

Share This Article
Leave a comment