वीर चक्र पुरस्कार(Vir Chakra in Hindi) भारत में तीसरा सबसे बड़ा युद्धकालीन सैन्य सम्मान है, जो युद्ध के मैदान दुश्मन के सामने बहादुरी के कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है। वीर चक्र की स्थापना भारत सरकार द्वारा 26 जनवरी 1950 में की गई थी।
इसकी स्थापना से लेकर अबतक उन सैकड़ों बहादुर सैनिकों को वीर चक्र प्रदान किया गया है, जिन्होंने दुश्मन के सामने असाधारण साहस का प्रदर्शन किया। यह एक युद्धकालीन वीरता पुरस्कार है जो वरीयता में तीसरा स्थान पर आता है।
पहले स्थान पर परमवीर चक्र और दूसरे स्थान पर महावीर चक्र का नाम है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम वीर चक्र के इतिहास, महत्व और कुछ प्रमुख प्राप्तकर्ताओं के बारे में विस्तार से जानेंगे। वीर चक्र क्या है?
वीर चक्र क्या है और क्यों प्रदान किया जाता है
वीर चक्र, भारत का तीसरा सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार है, जो जमीन, पानी और हवा में दुश्मन के खिलाफ असाधारण वीरता के लिए प्रदान किया जाता है। 26 जनवरी 1950 को स्थापित यह पुरस्कार मरणोपरांत भी प्रदान किया जा सकता है।
आज तक करीब 1322 व्यक्तियों को वीर चक्र से सम्मानित किया गया है, जिनमें से 958 व्यक्ति को सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया।
वीर चक्र का इतिहास और महत्व-Vir Chakra in Hindi
भारत की आजादी के बाद भारत सरकार ने देश के बहादुर पुरुषों और महिलाओं को सम्मानित करने के लिए कई वीरता पुरस्कारों की स्थापना की। यह वीरता पुरस्कार विषम परिस्थितियों में असाधारण साहस के लिए दिया जाना था।
इसके लिए पहले तीन पुरस्कार परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र की स्थापना की गई। भारत सरकार ने इसे 26 जनवरी 1950 को स्थापित किया जिसे 15 अगस्त 1947 से प्रभावी माना गया।
आगे चलकर 4 जनवरी 1952 को भारत सरकार ने वीरता के लिए तीन अन्य पुरस्कार की स्थापना की। जिसके नाम अशोक चक्र श्रेणी-I, अशोक चक्र श्रेणी-II, और अशोक चक्र श्रेणी-III रखा गया।
लेकिन जनवरी 1967 में इनका नाम बदलकर अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र कर दिया गया। इन पुरस्कारों की घोषणा सरकार साल में दो बार गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर करती है।
वीर चक्र बनावट और संरचना- Texture of Vir Chakra in Hindi
वीर चक्र (Vir Chakra in Hindi)की संरचना की बात करे तो यह चांदी से निर्मित गोलाकार होता है। इसके अग्रभाग पर एक उभरा हुआ पांच-नक्षत्र सितारा होता है जिसके केंद्र में भारत का राष्ट्र चिन्ह उत्कीर्ण रहता है।
वीर पदक के पीछे की की तरफ हिंदी और अंग्रेजी में “वीर चक्र” शब्द अंकित होता है। वीर चक्र का रिबन की बात करें तो यह आधा नीला और आधा नारंगी कलर का होता है।
दुबारा वीर चक्र प्राप्त होने पर-
वीर चक्र प्राप्तकर्ता को फिर से वीर चक्र प्राप्त हो सकता है। अगर कोई वीर चक्र प्राप्तकर्ता दोबारा बहादुरी का कोई अतुलनीय कार्य करता है, तो उस कार्य को उनके मेडल के रिवन पर एक बार द्वारा दर्शाया जाता है।
इसके अलावा दूसरी बार वीर चक्र मिलने के स्थिति में उन्हें दिया जाना वाला मासिक भत्ता भी दुगुना हो जाता है।
वीर चक्र के लिए मानदंड व पात्रता: Vir Chakra information in hindi
वीर चक्र उन लोगों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने दुश्मन की उपस्थिति में वीरता का प्रदर्शन किया है, चाहे वह जमीन पर हो, समुद्र में हो या हवा में।
वीर चक्र की पात्रता की बात करें तो इसमें सेना, नौसेना और वायु सेना या किसी आरक्षित बल, प्रादेशिक सेना और किसी अन्य संवैधानिक रूप से गठित सशस्त्र बल के सभी रैंक के लोगों को प्रदान किया जा सकता है।
इसके अलावा सिस्टर, नर्स, नर्सिंग सेवाओं के कर्मचारी, नर्सिंग से संबंधित अन्य सेवाओं के अलावा, पुरुष और महिला दोनों, भारत सरकार के आदेशों, निर्देशों या पर्यवेक्षण के तहत नियमित या अस्थायी रूप से सेवा कर रहे हैं। उपर्युक्त बलों में से कोई भी वीर चक्र प्राप्त करने का पात्र हो सकते है।
आर्थिक भत्ता:
वीर चक्र से सम्मानित होने वाले बहादुर सैनिक या उनके आश्रित को प्रति माह कुछ मासिक भत्ता प्रदान किया जाता है। 1 अगस्त, 2017 से मासिक रूप से ₹7,000 प्रदान किया जा रहा है। जिसमें समय समय पर परिवर्तन हो सकता है।
इससे पहले यह राशि 3,500 रुपये प्रति माह थी। इसके अलावा राज्य सरकार भी एकमुश्त कुछ नकद पुरस्कार भी प्रदान करती है। लेकिन यह अलग-अलग राज्यों नियम अलग-अलग हो सकते हैं।
उदाहरण के लिए पंजाब और हरियाणा में, परमवीर चक्र प्राप्तकर्ताओं को ₹2 करोड़ मिलते हैं, जबकि अशोक चक्र प्राप्तकर्ताओं को ₹1 करोड़ मिलते हैं।
मिलने वाली सुविधाएं-
वीरता पुरस्कार विजेताओं को उनकी राज्य सरकारों द्वारा नकद पुरस्कार के अलावा भूखंड भी आबंटित किए जा सकते हैं।
भारत के वीर चक्र विजेताओं की सूची 2024 – Winners of Vir Chakra in Hindi
अब तक 1335 लोगों को वीर चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। कुछ वीर चक्र विजताओं की सूची इस प्रकार है।
रिंक | नाम | दिनांक |
---|---|---|
1 | ब्रिगेडियर | हरबख्श सिंह-1 मई 1948 |
2 | सूबेदार मेजर | सूबेदार मेजर मानद कैप्टन- 23 अगस्त 1948 |
3 | एयर वाइश मार्शल | एयर वाइश मार्शल रंजन दत्त- 26 जनवरी 1950 |
4 | विंग कमांडर | कृष्णकांत सैनी- 18 नवंबर 1962 |
5 | लेफ्टेनंट जनरल | जोरावर चंद बख्शी- 5 अगस्त 1965 |
6 | विंग कमांडर | ट्रेवर कीलोर- 3 सितम्बर 1965 |
7 | फ्लाइट लेफ्टेनंट | वीरेंद्र सिंह पठानिया- 4 सितम्बर 1965 |
8 | एडमिरल | लक्ष्मीनारायण रामदास- 1 दिसम्बर 1971 |
9 | लेफ्टेनंट कर्नल | सतीश नांबियार- 11 दिसंबर 1971 |
10 | एयर कमोडोर | जसजीत सिंह- 17 दिसंबर 1971 |
11 | लेफ्टेनंट कर्नल | योगेश कुमार जोशी- 15 अगस्त 1999 |
12 | विंग कमांडर | अभिनंदन वर्धमान- 15 अगस्त 2019 |
13 | नायब सूबेदार | नुदुराम सोरेन- 26 जनवरी 2021 |
14 | नायक | दीपक सिंह- 26 जनवरी 2021 |
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F.A.Qs
वीर चक्र कब दिया जाता है?
भारत का तीसरा सबसे बड़ा वीरता का पुरस्कार वीर चक्र को बर्ष में दो बार गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदान किया जाता है।