डॉ धर्मवीर भारती का जीवन परिचय, प्रमुख रचनाएं, उपन्यास | Dharmveer Bharti ka Jeevan Parichay

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धर्मवीर भारती कौन हैं?

धर्मवीर भारती आधुनिक हिन्दी साहित्य के जाने माने कवि, लेखक, नाटककार तथा सामाजिक चिंतक थे। प्रसिद्ध कवि धर्मवीर भारती का जीवन परिचय से ज्ञात होता है की वे बहुमुखी प्रतिभा के घनी थे।

इन्होंने अपनी लेखनी से हिन्दी साहित्य के हर आयाम को छुआ। इन्होंने हिन्दी साहित्य में काव्य रचना, कहानी, निबंध, उपन्यास,  नाटक और संपादन सभी क्षेत्रों में अपने प्रतिभा का परिचय दिया।

इन्होंने अपनी रचनाओं में सामाजिक समस्यायों को बड़े ही जीवन्त रूप में वर्णन किया है। उनके द्वारा लिखित प्रसिद्ध उपन्यास ‘गुनाहों का देवता’ उनकी अमरकृति कही जाती है। धर्मवीर भारती ने कई पत्र पत्रिकाओं का सम्पादन किया।

उन्होंने अपने समय के सबसे प्रसिद्ध साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग का सम्पादन किया। भारत सरकार ने हिन्दी जगत में उनके अमूल्य योगदान को देखते हुए देश के बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री प्रदान किया।

डॉ धर्मवीर भारती का जीवन परिचय - Dharmveer Bharti ka Jeevan Parichay

धर्मवीर भारती की जीवनी संक्षेप में – Dharamvir Bharti Biography in Hindi

पूरा नाम – धर्मवीर भारती
जन्म – 25 दिसंबर 1926
जन्म स्थान – प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
मृत्यु   – 4 सितंबर, 1997(मुम्बई, महाराष्ट्र)
पत्नी   – कांता कोहली, पुष्पलता शर्मा (पुष्पा भारती)
पत्नी   – कांता कोहली, पुष्पलता शर्मा (पुष्पा भारती)
मुख्य रचनाएँ  -‘गुनाहों का देवता’, ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’ आदि

डॉ धर्मवीर भारती का जीवन परिचय – Dharmveer Bharti ka Jeevan Parichay

हिन्दी साहित्य जगत के प्रसिद्ध लेखक धर्मवीर भारती का जन्म 25 दिसम्बर 1926 ईस्वी में उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में हुआ था। धर्मवीर भारती जी के माता का नाम चंदा देवी तथा पिता का नाम चिरंजीव लाल वर्मा था।

उनके माता पिता बड़े ही धर्म प्रायण थे। इस कारण धार्मिकता का प्रभाव भारती जी को अपने घर से ही विरासत में प्राप्त हुआ था। 

धर्मवीर भारती का शिक्षा दीक्षा

धर्मवीर भारती जी की प्रारम्भिक शिक्षा प्रयागराज में हुई थी। प्रयागराज के डीएवी कालेज से आरंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए उनका नामांकन प्रयागराज विश्व विद्यालय में हुआ। जहाँ से उन्होंने धीरेन्द वर्मा के मार्गदर्शन में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। 

धर्मवीर भारती की पत्नी , बच्चे

डॉ धर्मवीर भारती जी का विवाह 1954 में हुआ था। धर्मवीर भारती की पत्नी का नाम कान्ता भारती था। उनकी दूसरी पत्नी का नाम पुष्पा भारती था। उनके पुत्री का नाम परमिता और प्रज्ञा भारती और पुत्र का नाम किंशुक भारती है।

धर्मवीर भारती का साहित्यिक परिचय

हिन्दी साहित्य में भारती जी का उल्लेखनीय योगदान माना जाता है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी धर्मवीर भारती ने हिन्दी साहित्य के कविता, कहानी, नाटक और उपन्यास की रचना की।

इनकी रचनाओं में प्रेम, वियोग, सौन्दर्य का मनोरम ढंग से वर्णन मिलित है। उनके द्वारा लिखी गई रचनायें हिन्दी साहित्य के महान उपलब्धि कही जा सकती है। धर्मवीर भारती की रचनायें सरल और सुबोध भाषा में रागयुक्त प्रचलित है। 

धर्मवीर भारती की भाषा शैली

प्रख्यात लेखक धर्मवीर भारती अपनी रचना में भाषा शैली का खास ध्यान रखा है। इनकी रचनाओं में भावात्मक, वर्णात्मक और आलचनात्मक शैली की प्रधानता है।

इन्होंने अपनी रचनाओं में परिमार्जित खड़ी बोली के माध्यम से गागर में सागर भरने जैसा कार्य किया है। खड़ी बोली के अलावा इनकी रचनाओं में मुहावरों, देशसज  और विदेसज शब्दों का भी प्रयोग बड़े ही भावपूर्ण तरीके के किया गया है। 

धर्मवीर भारती की प्रमुख रचनाएं

वैसे तो उन्होंने अनेकों रचनाएं की। लेकिन धर्मवीर भारती की दो रचनाओं जिनसे उन्हें हिन्दी साहित्य जगत में अलग पहचान मिली। “गुनाहों का देवता”। इनकी प्रमुख रचना में काव्य संग्रह, निबंध, उपन्यास, नाटक और कहानी शामिल है।

उनके उल्लेखनीय कृतियाँ में ‘गुनाहों का देवता’, ‘अनुप्रिया’, ‘सात गीतवर्ष’, ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा’, ‘मानस मूल्य’, ‘ठण्डा लोहा’, ‘अन्धायुग’, ‘ठेले पर हिमालय’, ‘परयान्ति’, ‘देशान्तर’, ‘कनुप्रिया’ और ‘कहनी-अनकहनी’ का नाम लिया जा सकता है। नीली झील धर्मवीर भारती की प्रसिद्ध एकांकी है।

धर्मवीर भारती का प्रसिद्ध उपन्यास

भारती जी ने कई प्रसिद्ध उपन्यास की रचना की। इनमें गुनाहों के देवता और कनुप्रिया धर्मवीर भारती का प्रसिद्ध उपन्यास है।

  • गुनाहों का देवता,
  • कानुप्रिया,
  • सूरज का सातवां घोड़ा,
  • प्रारंभ व समापन
  • ग्यारह सपनों का देश,

धर्मवीर भारती की कहानियां

डॉ धर्मवीर भारती ने अनेकों कहानियां लिखी। उनके कहानी संग्रह में ‘मुर्दों का गाँव’, ‘स्वर्ग और पृथ्वी’, ‘चाँद और टूटे हुए लोग’, ‘बंद गली का आखिरी मकान,’ ‘ साँस की कलम से आदि प्रमुख हैं।

धर्मवीर भारती की काव्यगत विशेषताएँ

महान कवि व लेखक भारती जी ने अनेकों काव्य की रचना की। उनके काव्य में ठंडा लोहा, सात गीत, कनुप्रिया, सपना अभी भी, आद्यन्त आदि प्रमुख हैं। उनके काव्य रचना में छायावाद, स्वछनदतावाद और प्रयोगवाद के दर्शन होते हैं।

उनकी काव्य रचना में प्रकृति का बड़ा ही मनोरम तरीके से वर्णन मिलता है। अल्प शब्दों में विस्तृत भावपक्ष की अभिव्यक्ति धर्मवीर भारती की काव्यगत विशेषताएँ कही जा सकती है।

धर्मवीर भारती का व्यक्तित्व और कृतित्व

जैसा की हम जानते हैं की धर्मवीर भारती बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे।  उन्होंने अपनी रचना परिमार्जित खड़ी बोली में करते हुए सरल व सुबोध भाषा में लोगों तक पहुचने का काम किया है। धर्मवीर भारती के व्यक्तित्य एवं कृतित्व की झलक उनकी रचनाओं में साफ दृष्टिगोचर होता है।

धर्मवीर भारती का योगदान

हिन्दी साहित्य जगत में धर्मवीर भारती जी का महती योगदान रहा। वे बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न थे। उन्होंने हिन्दी साहित्य के हर पहलू को छुआ और अपने प्रतिभा का परिचय दिया।

उन्होंने उपन्यास, निबंध और काव्य के साथ-साथ सम्पादन में भी अहम योगदान दिया। वे कुछ दिनों तक हिन्दुस्तानी अकादमी में अध्यापक के रूप में अपनी सेवा प्रदान किए।

बाद में उन्होंने प्रयागराज विश्व विध्यालय में भी अध्यापक के रूप में योगदान दिया। सम्पादन में उनका योगदान में वे संगम पत्रिका के सह-संपादक भी रहे।

उन्होंने पत्रिका ‘हिंदी साहित्य कोश’, ‘आलोचना’ आदि का भी सम्पादन किया। बाद में बंबई के प्रसिद्ध पत्रिका ‘धर्मयुग’ का सम्पादन किया।

सम्मान व पुरस्कार

हिन्दी साहित्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें कई सम्मान व पुरस्कार प्रदान किए गए। उन्हें प्रदान किए गए पुरस्कार निम्न हैं : –

  • वर्ष 1967 – दिल्ली के संगीत नाटक अकादमी सदस्यता,
  • वर्ष 1984 – राजस्थान का हल्दीघाटी श्रेष्ठ पत्रकारिता पुरस्कार,
  • वर्ष 1985 – साहित्य अकादमी रत्न सदस्यता,
  • वर्ष 1986 – उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा संस्था सम्मान,
  • वर्ष 1988 – संगीत नाटक अकादमी, दिल्ली द्वारा सर्वश्रेष्ठ नाटककार अवार्ड, 
  • वर्ष 1988 – महाराणा मेवाड़ फ़ाउंडेशन द्वारा सर्वश्रेष्ठ लेखक सम्मान,
  • वर्ष 1989 – केंद्रीय हिन्दी संस्थान आगरा द्वारा गणेश शंकर विद्यार्थी अवार्ड, 
  • वर्ष 1989 – बिहार सरकार द्वारा राजेन्द्र प्रसाद शिखर सम्मान,
  • वर्ष 1990 – उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा भारत भारती सम्मान, 
  • वर्ष 1990 – महाराष्ट्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र गौरव सम्मान,
  • वर्ष 1991 – केडिया हिन्दी साहित्य न्यास, मध्यप्रदेश द्वारा ‘साधना सम्मान’, 
  • वर्ष 1994 – के.के. बिड़ला फ़ाउंडेशन दिल्ली द्वारा व्यास सम्मान,

धर्मवीर भारती का निधन

हिन्दी के प्रख्यात कवि, लेखक, उपन्यास तथा निबंधकार धर्मवीर भारती का निधन 4 सितम्बर 1997 को 70 वर्ष की उम्र में मुम्बई में हुआ। उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से हिन्दी साहित्य जगत की जीवनपर्यंत सेवा की।

F.A.Q

धर्मवीर भारती का जन्म कब हुआ था?

धर्मवीर भारती का जन्म 25 दिसम्बर 1926 को हुआ था।

धर्मवीर भारती का जन्म स्थान कौन सा है?

धर्मवीर भारती का जन्म स्थान भारत के उत्तरप्रदेश के प्रयागराज है।

धर्मवीर भारती को 1972 को कौनसा पुरस्कार मिला?

डॉ. धर्मवीर भारती को वर्ष 1972 में भारत के बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया।

धर्मवीर भारती जी का प्रथम उपन्यास कौन सा है?

धर्मवीर भारती जी का प्रथम उपन्यास ‘गुनाहों का देवता’ है। इस उपन्यास ने भारती जी को अत्यंत लोकप्रिय बना दिया।

कवि धर्मवीर भारती को नायिका कब सुंदर लगती हैं?

कवि धर्मवीर भारती को नायिका कब सुंदर लगती है उनके इस पंक्ति से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

तुम कितनी सुन्दर लगती हो, जब तुम हो जाती हो उदास ! ज्यों किसी गुलाबी दुनिया में सूने खंडहर के आसपास

मदभरी चांदनी जगती हो ! मुंह पर ढंक लेती हो आंचल, ज्यों डूब रहे रवि पर बादल, या दिन-भर उड़कर थकी किरन,

सो जाती हो पांखें समेट, आंचल में अलस उदासी बन ! दो भूले-भटके सान्ध्य-विहग, पुतली में कर लेते निवास !

तुम कितनी सुन्दर लगती हो, जब तुम हो जाती हो उदास !

खारे आंसू से धुले गाल, रूखे हलके अधखुले बाल, बालों में अजब सुनहरापन,

झरती ज्यों रेशम की किरनें, संझा की बदरी से छन-छन ! मिसरी के होठों पर सूखी किन अरमानों की विकल प्यास !

तुम कितनी सुन्दर लगती हो जब तुम हो जाती हो उदास !

कौन रचना डॉ धर्मवीर भारती के जीवन में मील का पत्थर साबित हुई?

कहते हैं की उनकी प्रसिद्ध कृति ‘कनुप्रिया’ और गुनाहों का देवता धर्मवीर भारती जी के लिए ‘मील का पत्थर’ साबित हुई।

धर्मवीर भारती के किस उपन्यास को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता फिल्म में अपनाया गया था?

प्रख्यात लेखक धर्मवीर भारती के प्रसिद्ध उपन्यास ‘सूरज का सातवां घोड़ा’ जिस पर फिल्म बनी थी। उसे ‘राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’ प्रदान किया गया था।

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