खूबसूरती और रोमांस से भरा भारत का खूबसूरत प्रदेश ‘लक्षद्वीप
लक्षद्वीप भारतीय गणराज्य का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है। भारत के दक्षिण-पश्चिम दिशा में अरब सागर में स्थित लक्षद्वीप एक द्वीपों का समूह है। जिसका मलयालम और संस्कृत भाषा में मतलब एक लाख द्वीप से है।
दूर-दूर नीले समुंदर के बीच बिखरे हुए मोतियों के माला के समान 36 छोटे-बड़े द्वीपों का समूह पर्यटक को खूब आकर्षित करता है। यहाँ दुध सी सफेद रेत और नारियल के लदे पेड़ एक अद्भुत नजर पेश करता है।
लक्षद्वीप में बहने वाली शीतल समुद्री हवाएं यहाँ के मौसम को और भी मदमस्त बनाता है। जो पर्यटक को बरबस अपनी ओर खिचता है। यह प्रदेश अपने आकर्षक और सूरज को चूमने वाले समुद्रतटों के लिए जाना जाता है।
लक्षद्वीप के बारे में जानकारी – Information about Lakshadweep in Hindi
इसका पहले नाम लक्काद्वीप था। यह भारत के मूल स्थलीय भाग से 200 से 400 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इसमें कुल 36 द्वीप है जिसमें केबल 10 द्वीपों पर ही लोग रहते हैं शेष 17 निर्जन द्वीप है। लक्षद्वीप का सबसे बड़ा द्वीप ‘ड्राट द्वीप’ है।
लक्षद्वीप में केवल एक ही जिला है। यहाँ के अधिकतर लोग मलयालम बोलते हैं। इसकी जनसंख्या 64429 (2011 के जनगणना के अनुसार) है। यहां पर लगभग 93% मुस्लिम लोग निवास करते हैं। जिसमें से अधिकतर लोग सुन्नी समुदाय से संबंधित है।
यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय मछली पकड़ना तथा नारियल की खेती है। यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का अद्भुत नजारा देखने का एक अलग ही अनुभव है। लक्षद्वीप पर्यटन के लिए एक बहुत ही खूबसूरत स्थल है।
लक्षद्वीप भारत के सबसे सुंदर पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां के समुद्री जल इतने साफ हैं की नौका के जरिए समुद्री जीव को अपनी आंखों से सीधे देखा जा सकता है।
भारत का अनुपम प्रदेश लक्षद्वीप एक नजर में
पूरा नाम | लक्षद्वीप |
पुराना नाम | लक्कादीव-मिनिकॉय-अमिनीदिवि द्वीप |
उपनाम | भारत का मेलेशिया |
केंद्र शासित राज्य का गठन | 01 नबम्बर 1956 |
राजधानी | कवरत्ती (Kavaratti) |
कुल क्षेत्रफल | 32.62 किमी2 |
आधिकारिक भाषा | मलयालम, अंग्रेजी |
साक्षरता दर | 91.82% |
बैंक की संख्या | 13 |
अतिथि गृह की संख्या | 13 |
अस्पताल की संख्या | 10 |
डाकघर की संख्या | 10 |
बिजली केंद्र की संख्या | 13 |
समुद्री जहाज टिकटिंग काउंटर | 14 |
ऑफिसियल वेबसाइट | lakshadweep.gov.in |
लक्षद्वीप का इतिहास
लक्षद्वीप का कोई लिखित इतिहास नहीं है। यहां का इतिहास कविंदतियों पर आधारित है। लक्षद्वीप का प्रारंभिक उल्लेख पेरिप्लस के एक बेनाम लेखक के लेखों में मिलता है। कविंदतियों के अनुसार लक्षद्वीप में कभी केरल के अंतिम राजा चेरुमन पेरुमल का शासन था।
पुरातात्विक साक्ष्य यह पता चलता है कि पांचवी एवं छठी शताब्दी के दौरान यहां बौद्ध धर्म का बोलवाला था। यहां पर इस्लाम का आगमन लगभग सातवीं शताब्दी में हुआ। उसके बाद यहां के ज्यादातर लोग इस्लाम धर्म को अपना लिए।
इस्लाम धर्म को लक्षद्वीप में लाने का श्रेय उबेदुल्लाह नामक व्यक्ति को जाता है। स्थानीय लोगों के बीच ऐसी धारणा है कि उबेदुल्लाह के सपने में पैगंबर मोहम्मद आए थे। उन्होंने उसे इस्लाम धर्म का प्रचार प्रसार करने को कहा।
उन्हीं के आदेश पर उबेदुल्लाह इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार करना प्रारंभ कर दिया। देखते देखते यहां के अधिकांश लोग इस्लाम धर्म को अपना लिया। सोलहवीं सदी में मालावार तट, ओरमुज और सीलोन के दक्षिण के बीच समुद्र पर पुर्तगालियों का शासन था।
उन्होंने 1498 की शुरुआत में ही इन द्वीप समूह पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था। नारियल की जटा से बने माल का दोहन करने के लिए पुर्तगालियों ने इस द्वीप समूह पर कब्जा किया था।
16वीं सदी के मध्य में कनानोर के अराक्क्ल के मुस्लिम घराने के पास शासन की बागडोर चली गई। कहते हैं की वह बहुत ही दमनकारी और अत्याचारी शासक था। उनके अत्याचार से परेशान होकर के कुछ लोग हिम्मत जुटाकर टीपू सुल्तान के पास गए।
उसके बाद टीपू सुल्तान ने शासन की बागडोर अपने हाथों में लिया। फलतः 1799 से तक यह क्षेत्र टीपू सुल्तान के अधीन रहा था। तीसरी आंग्ल-मैसूर युद्ध के बाद यह स्थान अंग्रेजों के नियंत्रण में आ गया।
लक्षद्वीप का भारत में विलय का इतिहास
15 अगस्थ 1947 में भारत के आजादी के पश्चात लक्षद्वीप पर पाकिस्तान की भी नजर थी। भारतीय तटवर्ती सीमा से दूर होने के कारण पाकिस्तान भी इस पर अपना नजर बनाए हुए था।
लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल की बुद्धिमत्ता के कारण इसे भारतीय गणराज में शामिल कर लिया गया। 1 नवंबर 1956 को लक्षद्वीप को मद्रास से अलग एक केन्द्र शासित प्रदेश के रूप में शामिल किया गया।
यह भारत देश का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश के रूप में भारतीय गणराज सम्मिलित हुआ। जैसा की हम जानते हैं की पहले इसका नाम लक्काद्वीप-मिनिकॉय-अमिनीदिवि द्वीप था।
जिसे 30 अक्टूबर 1973 को इसका नाम बदल कर लक्षद्वीप रखा गया। लक्षदीप का संस्कृत और मलयालम भाषा में अर्थ होता है ‘एक लाख द्वीप’।
लक्षद्वीप का गठन एवं राजधानी
मद्रास का एक प्रदेश के रूप में 1 नवंबर 1956 को लक्षदीप का गठन हुआ गठित किया गया। उस समय इसका नाम लक्काद्वीप-मिनिकॉय अमिनीदिवि था। बाद में इसका नाम परिवर्तित कर लक्षद्वीप किया गया।
करीब 32 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले लक्ष्यद्वीप में मात्र एक ही जिला है। यह द्वीपसमूह केरल उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। लक्षद्वीप की राजधानी कवरत्ती है जो यहाँ का प्रमुख शहर और रमणीक स्थल है।
लक्षदीप की भौगोलिक स्थिति
लक्षद्वीप भारत के दक्षिण पश्चिम तट से 120 से 270 मील की दूरी पर अरब सागर में स्थित एक द्वीप समूह है। मूंगा से निर्मित इस द्वीप समूह का आकार उथला हुआ है।
हालांकि भौगोलिक दृष्टिकोण से लक्षद्वीप द्वीप समूह के केंद्रीय उपसमूह का नाम है। यहां छोटे-बड़े 36 अधिकारिक रूप से द्वीप समूह है, जिसमें केबल 10 पर ही लोग रहते हैं।
लक्षद्वीप का मौसम
लक्षद्वीप का मौसम केरल के नजदीक होने के कारण उससे मिलता जुलता है। यहाँ मार्च से मई महीने तक का समय सबसे गर्म माना जाता है।
इस दौरान यहां का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से 35 डिग्री सेल्सियस की मध्य रहता है। लक्षद्वीप में औसतन वर्षा 160 सेंटीमीटर होता है जो 15 मई से 15 सितंबर के मध्य तक रहता है।
लक्षद्वीप की भाषा – Lakshadweep ki bhasha
दक्षिण भारतीय राज्य केरल के निकटवर्ती होने के कारण यहां के ज्यादातर लोग मलयालम भाषा बोलते हैं। जबकि यहाँ के एक द्वीप ‘मिनिकॉय द्वीप’ में माहि नामक भाषा बोली जाती है।
लक्षद्वीप की शिक्षा का स्तर उच्च है। लक्ष्यद्वीप के लोग शिक्षा के प्रति अधिक जागरूक है। भारत के उच्च शिक्षा दरों में लक्षद्वीप का दूसरा स्थान है। यहाँ के 91.8 5% लोग शिक्षित हैं।
लक्षद्वीप का रहन सहन
लक्षद्वीप के लोगों का रहन सहन काफी साधारण है। यहाँ के लोगों के आय का मुख्य साधन नारियल की खेती है। लक्षद्वीप का मुख्य फसल नारियल है। आपको यहां नारियल के कई किस्म देखने को मिल जाएंगे। इसके अलावा लक्षद्वीप में पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
लक्षदीप का वेशभूषा (lakshadweep ki veshbhusha)
यहां के पुरुष वर्ग सफेद या रंगीन लुंगी पहनते हैं। इसके अलावा यहाँ के लोग जींस शर्ट भी पहनते हैं। यहां की महिलाओं की पारंपरिक पोशाक में ‘काची’ शामिल है। जो कपड़ों का एक आयताकार टुकड़ा होता है।
काची रंग-बिरंगे अक्सर रेशम की बने हुए होते हैं। यहां के महिलाएं द्वारा पहनी जानी वाली विशेष प्रकार के आभूषण एक अलग ही आकर्षण पैदा करती है।
लक्षद्वीप का खान-पान (lakshadweep food)
लक्षद्वीप का मुख्य भोजन चावल, समुद्री मछली और नारियल है। आइए यहाँ के कुछ खास व्यंजन के बारें में जानते हैं।
ऑक्टोपस फ्राई
लक्षद्वीप के चर्चित व्यंजनों में से एक ऑक्टोपस फ्राई है। यह यहां के भोजन का प्रमुख हिस्सा है।
किलंजी
किलंजी भी यहां के प्रसिद्ध पसंदीदा व्यंजननों में से एक है। यह चावल और अंडे से बना एक बेहद स्वादिष्ट पकवान है। इसे केले और नारियल के दूध से बने एक मीठे तरल व्यंजन के साथ परोसा जाता है। यह व्यंजन अतिथियों के स्वागत के लिए खास मौके पर भी बनाया जाता है।
मास पोडीयात
इसे सुखी मछली को टुकड़े-टुकड़े कर उसमें हल्दी, प्याज, लहसुन आदि मशाले मिलाकर बनाया जाता है। जिसे चावल के साथ परोसा जाता है। इसके अलावा यहाँ तली हुई मछली, इडली, डोसा, विरयानी आदि दक्षिण भारतीय व्यंजन भी पकाया और खाया जाता है।
लक्षद्वीप की संस्कृति (Lakshadweep culture)
यहाँ की संस्कृति थोड़ा अन्य भारतीय राज्यों से अलग है। यहाँ के प्रमुख लोक नृत्य में रूप कोलकली, परिचकली और लावा हैं। जिसे किसी खास अवसर और त्योहार पर प्रस्तुत किया जाता है।
यहाँ के प्रसिद्ध त्योहारों में मिलाद-उल-नबी, इदुलफित्र, बकरीद और मुहर्रम है। लेकिन यहाँ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस भी उतने ही धूम-धाम से मनाई जाती है।
लक्षद्वीप में घूमने की जगह
ये द्वीप अपनी अनुपम सुंदरता, समुद्र तट को छूने वाली सूरज की धूप और हरे-भरे सुंदर परिदृश्य के लिए प्रसिद्ध हैं। लक्षद्वीप की राजधानी कावारत्ती इस केंद्र शासित प्रदेश का अनुपम शहर है।
यहाँ के सफेद रेतीले समुद्र तट, प्राकृतिक वनस्पतियों और जीवों की प्रचुरता लक्षद्वीप को और आकर्षक बनाती है। यहां पर्यटन के लिए अनेकों खूबसूरत और मनमोहक आकर्षक पर्यटन स्थल है। जहां जाकर आप प्राकृतिक सौंदर्य का अनुपम आनंद ले सकते हैं।
लक्षद्वीप के मात्र 6 द्वीप पर ही भारत के पर्यटक को तथा सिर्फ दो द्वीपों पर ही विदेशी पर्यटक को घूमने का आदेश है। लक्ष्यद्वीप में पर्यटन के प्रमुख स्थान इस प्रकार हैं।
कवारत्ती
कवारत्ती लक्ष्यद्वीप की राजधानी के साथ-साथ यहाँ का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल है। यह लक्ष्यद्वीप का सबसे विकसित द्वीप है। इस पर 52 सुंदर मस्जिद है। यह स्थान स्नार्कर्लिंग तथा तैराकी के लिए एक आदर्श स्थान है।
यहां आप सनबाथिंग का मजा ले सकते हैं। यहां के समुन्द्र का पानी इतना साफ है कि आप पानी के नीचे अनेकों प्रकार के मछली, कछुए एवं जलीय जीव को स्पष्ट देख सकते हैं।
कवारत्ती जाने के मात्र दो मार्ग है। हवाई मार्ग और जलमार्ग आपको कवरत्ती जाने के लिए हवाई मार्ग के माध्यम से इसके निकटवर्ती हवाई अड्डे अगाती आकर वहां से जल मार्ग के द्वारा कवारत्ती पहुंचा सकता है।
अगत्ती द्वीप समूह (Agatti Island Lakshadweep Island In Hindi)
अगाती लक्षदीप का सबसे छोटा द्वीप है। यह लक्ष्यद्वीप एक सुंदर लैगून में से एक है। यहाँ सबसे अधिक पर्यटक आते हैं जिसमें शादीशुदा नए जोड़े की संख्या अधिक होती है। लक्षद्वीप का एकमात्र हवाई अड्डा यही अवस्थित है।
दोनों तरफ समुद्र और बीचो बीच हवाई स्थित अड्डा एक अद्भुत नजारा और रोमांच प्रदान करती है। यह द्वीप सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। आप यहां कोच्चि हवाई अड्डा से भी सीधे पहुंच सकते हैं।
मिनिकॉय द्वीप (Minicoy Island)
मिनिकॉय लक्ष्यद्वीप के दक्षिण में स्थित है। यह कोचिंग से लगभग 400 किलोमीटर की दूरी पर है। एंड्रॉड के बाद यह लक्षद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है। इसके दक्षिणी भाग में छोटे निर्जन आईलेट है। यहां की संस्कृति उतरी लक्षद्वीप से अलग है।
मिनिकॉय में 11 गांव का एक समूह है। जो ‘अविह’ के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक गांव में एक अध्यक्ष चुना जाता है। जिससे यहां बुडकाका कहा जाता है।
इनके पास गांव के हर एक मामले को निपटाने का अधिकारिक शक्ति प्रदान होता है। ब्रिटिश सरकार के द्वारा 1885 में बनाया गया 300 फुट लंबा लाइट हाउस के अलावा यहाँ कई चीज दर्शनीय है।
लक्षदीप जाने का सबसे उत्तम समय
लक्षद्वीप एक उष्णकटिबंधीय जलवायु वाला प्रदेश है। लक्षद्वीप घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से मई महीने के बीच का उपयुक्त है। यहां पर सर्दियों में तापमान 20 डिग्री से 32 डिग्री के मध्य होता है। यह पर्यटकों के लिए सबसे आदर्श समय होता है।
लक्षदीप कैसे जाएं
लक्ष्यद्वीप अरब सागर के मध्य में बसा हुआ द्वीपसमूह है। इस कारण से आप यहां सड़क या रेल मार्ग से नहीं जा सकते हैं। रेल मार्ग से आप एर्नाकुलम स्टेशन तक ही जा सकते हैं। उसके बाद आपको जलमार्ग या हवाई मार्ग का सहारा लेना पड़ेगा।
जलमार्ग
कोच्चि बंदरगाह से जल मार्ग के द्वारा भी लक्ष्यदीप आसानी से जाया जा सकता है। पानी के जहाज से लक्षद्वीप पहुंचने में 12 से 15 घंटे लग सकते हैं।
वायु मार्ग
कोच्चि हवाई अड्डे से आप हवाई जहाज या हेलीकॉप्टर से लक्षद्वीप घूमने जा सकते हैं। 15 मिनट के हवाई यात्रा के बाद लक्षद्वीप पहुंचा जा सकता है।
लक्षद्वीप जाने का खर्चा
लक्षद्वीप जाने का खर्चा की बात करे तो यह मोड ऑफ ट्रैवल पर निर्भर करेगा। जिसके अनुसार आप प्लान बना सकते हैं। लेकिन मेरा अनुमान है की लक्षद्वीप में घूमने के लिए एक कपल को का से कम 40 से 50 हजार का बजट लेकर चलना पड़ेगा।
लक्षद्वीप समूह की रोचक जानकारी (Interesting fact about Lakshadweep in Hindi)
लक्षद्वीप का मतलब एक लाख द्वीपों से है।
- लक्षद्वीप समूह में 36 द्वीपों का समूह है।
- इसका कुल क्षेत्रफल करीब 32 वर्ग किलोमीटर है।
- प्रशासनिक आधार पर लक्षद्वीप को एक जिला माना जाता है।
- 2011 के अनुसार लक्षद्वीप की जनसंख्या 64,473 थी। यहाँ का साक्षरता दर 91.82% है।
- लक्षद्वीप में रहने योग्य मात्र 10 द्वीप हैं जहां लोग रहते हैं।
- लक्षद्वीप, केरल के कोच्चि से करीब 220 से 440 किमी दूर स्थित है।
- इसे भारत का मलेशिया भी कहा जाता है।
- यहाँ कोच्चि से संचालित जहाजों और उड़ानों द्वारा पहुंचा जा सकता है।
अंत में
इस प्रकार हमने देखा की लक्ष्यद्वीप भारत का एक बहुत ही सुंदर पर्यटन स्थल है। समुद्र के बीचो-बीच स्थित लक्ष्यद्वीप की प्राकृतिक सुंदरता, स्वच्छ जल, मंद-मंद बहती शीतल हवाएं खूब भाती है।
यहाँ आप समुन्द्र में उगते और डूबते हुए सूर्य का अद्भुत नजारा देख सकते हैं। आपको इसके अनुपम सुंदरता से रूबरू होने के लिए एक बार लक्ष्यद्वीप की यात्रा जरूर करनी चाहिए।
F.A.Q
भारत के नक्शे में लक्षद्वीप कहां है?
लक्षद्वीप कोची बंदरगाह से करीब 200 से लेकर 400 किलोमीटर दूर स्थित है।
लक्षद्वीप में कितने द्वीप है?
भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप 36 द्वीपों का समूह है। इन द्वीपों में से केबल 10 पर ही लोग रहते हैं। बाकी निर्जन अथवा डूबे हैं।
लक्षद्वीप क्यों प्रसिद्ध है?
लक्षद्वीप, भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है। 36 द्वीपों का समूह वाले यह स्थान समुद्र तटों और हरे भरे लैंडस्केप के लिए प्रसिद्ध है।
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