पुडुचेरी (Puducherry) भारत के 9 केंद्र शासित प्रदेशों में से एक है। पुडुचेरी को पहले पोंडीचेरी के नाम से जाना जाता था। पुडुचेरी तमिल भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ नया गाँव होता है।
भारत का खूबसूरत प्रदेश पुडुचेरी – Information about Puducherry in Hindi
2006 में पांडिचेरी का नाम बदलकर पुडुचेरी कर दिया गया। भारत के केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी तीन राज्यों तमिल नाडु, आंध्रप्रदेश और केरल के पास स्थित है। इस केंद्र शासित प्रदेश में कुल चार क्षेत्र पुडुचेरी, कराईकल, माहे और यानम क्षेत्र शामिल हैं।
इन चार क्षेत्रों में पुडुचेरी, कराईकल और यानम भारत के पूर्वी तट पर तथा अकेले माहे भारत के पश्चिमी तट पर अवस्थित है। समझने की दृष्टि से देखें तो पुडुचेरी और कराईकल तमिलनाडु के पास जबकि यनम आंध्र प्रदेश के पास स्थित है।
वहीं पुडुचेरी का माहे क्षेत्र केरल राज्य के पास स्थित है। फ्रांसीसी ने यहाँ पर 135 साल से भी अधिक समय तक शासन किया। फ्रांसीसी शैली में बने यहाँ के पुराने होटल, सुंदर घर और बाग-बगीचे देखने से साफ प्रतीत होता है की यहाँ स्थान कभी फ्रांसीसियों का गढ़ रहा होगा।
आज भी यहाँ आप औपनिवेशक काल के इमारत देख सकते हैं। पुडुचेरी में आपको भारतीय और फ्रांसीसी संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिल जायेगा। यहाँ चर्च के साथ मंदिर आपको खूब आकर्षित करते हैं।
यहाँ के लोगों की मुख्य पेशा खेती और मछली पकड़ना है। इसके अलावा यह स्थान पर्यटक के लिए भी बेहद खास है। यहाँ कई टूरिस्ट डेस्टिनेशन विज़िटर को खूब आकर्षित करते हैं। आइये इस लेख में पुडुचेरी (पांडिचेरी) के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पांडिचेरी कहां है
पांडिचेरी चार पृथक जगह से मिलकर बना है। जोकि तमिलनाडु, केरल और आंध्रप्रदेश में स्थित है । इसके तीन शहर पुडुचेरी, कराइकल और यनम बंगाल के खाड़ी में स्थित है। वहीं इसका चौथा शहर माहे केरल के पास अरब सागर में स्थित है।
पांडिचेरी के बारे में जानकारी संक्षेप में
राज्य का नाम | पुदुच्चेरी (Puducherry) |
पुराना नाम | पांडिचेरी |
राज्य का गठन | 1 नबम्बर 1956 |
राजधानी | पुदुच्चेरी |
राजकीय पशु | गिलहरी |
राजकीय पक्षी | कोयल |
राजकीय पेड़ | बेल (बिल्व) |
राजकीय फूल | कैननबॉल |
लोक नृत्य | गराडी |
जनसंख्या | 1247953(2011 के अनुसार) |
क्षेत्रफल | 492 वर्ग किलोमीटर |
उच्च न्यायलय | मद्रास उच्च न्यायलय |
पांडिचेरी का इतिहास – History of Puducherry in Hindi
पांडिचेरी का इतिहास प्राचीन माना जाता है। इतिहास में यह स्थान कई साम्राज्यों के उतार चढ़ाव का गवाह रहा है। यहाँ 300 से 900C तक पल्लव ने शासन किया उसके बाद 900 से 1279C तक यहाँ पर चोल वंश राज किया।
उसके बाद सत्ता पाण्ड्य वंश के पास आ गई, जिसने 1279 से 1370C तक शासन किया। आगे चलकर 1370 से लेकर 1614 C तक यह स्थान विजयनगर के शासकों के पास रहा। तत्पश्चात 1614 से 1638 तक यहाँ बीजापुर के सल्तनत से शासन किया।
कालांतर में इस स्थान पर पूर्तगलियों, डच, फ्रांसीसियों और अंग्रेजों का कब्जा रहा। यहाँ पर फ़्रांसीसियों ने करीब 138 सालों तक शासन किया। हालांकि अंग्रेजों ने भी इसे अपने कब्जे में भी ले लिया था लेकिन एक संधि के तहद उन्होंने फ्रांस के पास ही रहने दिया।
इस प्रकार देखा जाय तो करीब 300 सालों तक ‘पुडीचेरी’ फ्रांसीसियों को औपनिवेश रहा। पुडुचेरी कई सदी तक फ्रांस से सीधा व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा। कहा जाता है की पांडिचेरी पहले मछुआरे की बस्ती थी।
इतिहास से पता चलता है की पांडिचेरी की स्थापना फ्रेंकोइस मार्टिन ने सन 1764 ईस्वी में की थी। एक बस्ती को समृद्ध बंदरगाह में तबदील करने के श्रेय फ्रेंकोइस मार्टिन को ही जाता है। फ़्रांसीसियों ने पांडिचेरी को अपना औपनिवेशिक राजधानी बनाया।
आज भी यहाँ फ्रांसीसी वास्तुशिल्प एवं संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। पांडिचेरी वैदिक आध्यात्मित दृष्टि से भी चर्चित रहा है। संत अरविन्द घोष जब राजनीती से इस्तीफा देकर आधयात्म की ओर लौटे तो पुडुचेरी में ही अपना आश्रम बनाया।
पुडुचेरी का भारत में विलय का इतिहास
चूंकि शेष भारत को छोड़कर पुडीचेरी क्षेत्र फ्रांस के अधिन था। फलतः 1947 में जब भारत आजाद हुआ तब पुडीचेरी क्षेत्र को लेकर भी भी 1948 में भारत और फ्रांस के बीच बात चीत हुई।
इस प्रकार 1 नवंबर 1954 को पांडिचेरी, यनम, माहे और कराईकल क्षेत्र का भारत में विलय को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बनी। जिसे मई 1962 में फ्रांसीसी संसद द्वारा पास कर इस पर मुहर लगा दी गई।
पुडीचेरी का गठन और राजधानी
1 नवंबर 1954 को पुडुचेरी राज्य का गठन हुआ। बर्ष 1963 में फ्रांस की सांसद ने एक विधेयक पास कर आधिकारिक रूप से भारत को सौंप दिया।
इस प्रकार कराईकल, माहे और यानम और पांडिचेरी को सम्मिलित एक केंद्र शासित राज्य का गठन हुआ। इसका नाम पांडिचेरी रखा गया, जिसकी राजधानी पांडिचेरी बनाई गई।
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पुडीचेरी के जिले
भारत के केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी में कुल 04 जिले हैं। इन सभी जिलों में जनसंख्या के आधार पर पुडुचेरी का सबसे बड़ा जिला पुडुचेरी है। पुडुचेरी के 04 जिले के नाम हैं।
- पुडुचेरी,
- कराईकल,
- यनम,
- माहे
पुडुचेरी का भूगोल
पुडुचेरी का कुल क्षेत्रफल करीब 492 वर्ग किलोमीटर का है। भारत के पुडुचेरी केंद्र शासित राज्य चार छोटे और असंबद्ध जिले से मिलकर बना हैं। ये सभी पुडुचेरी, कराईकल, यनम और माहे नाम से जाना जाता है।
इसमें माहे (क्षेत्रफल 9 वर्ग किलोमीटर) अरब सागर के किनारे केरल के पास स्थित है। शेष तीन जिले बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है जिसमें यनम ((क्षेत्रफल 30 वर्ग किलोमीटर) आंध्र प्रदेश के पास स्थित है।
पुडुचेरी (क्षेत्रफल 293 वर्ग किलोमीटर) और कराईकल क्षेत्र (क्षेत्रफल 160 वर्ग किलोमीटर) तमिलनाडु राज्य के पास है।
पुडुचेरी का मौसम
पुडुचेरी की मौसम की बात करें तो यहाँ की जलवायु अर्ध-शुष्क है। पुडुचेरी के सभी चार क्षेत्रों में औसत तापमान 24ºC से 34ºC के मध्य रहता है। जबकि दिसंबर से फरवरी तक यहाँ का मौषम ठंड और सुहावन होता है।
पुडुचेरी भाषा की भाषा (Puducherry language)
पुडुचेरी केंद्र शासित प्रदेश में चार क्षेत्र सम्मिलित हैं। यह सभी चारों क्षेत्र भौगोलिक रूप से एक दूसरे से दूर और अलग हैं। इसका एक क्षेत्र केरल के पास है और अन्य तीन क्षेत्र बंगाल की खाड़ी से घिरा तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश से सटा है।
इस कारण पुडुचेरी की मुख्य भाषा तमिल, मलयालम, तेलुगु और अंग्रेजी भाषाएं है। इसके अलावा यहाँ फ्रांसीसी भाषा भी बोली जाती है क्योंकि यहाँ पर 135 वर्षों से भी अधिक समय तक फ्रांसीसी शासन कायम रहा था।
पुडुचेरी की आधिकारिक भाषा की बात करें तो इसमें तमिल, मलयालम, तेलगु और फ्रेंच के नाम आते हैं।
पुडुचेरी की मुख्य फसल
यहाँ की मुख्य फसलों की बात करें तो चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, रागी, गन्ना की खेती, कपास, मूंगफली, नारियल, मिर्ची और केला की यहाँ मुख्य रूप से खेती होती है।
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पांडिचेरी का रहन-सहन
यहाँ के रहन-सहन खान-पान एवं भोजन में विभिन्नता है । यहाँ का रहन-सहन में दक्षिण भारत और फ्रांसिसी संस्कृति का मिश्रण है।
पांडिचेरी की वेशभूषा
पांडिचेरी के लोग पारंपरिक भारतीय परिधान के साथ-साथ पश्चिमी वस्त्र भी पहनते है । ज्यादातर पुरुष पेंट शर्ट एवं महिलाएं साड़ी पहनती है । कुछ लोग पश्चिमी वस्त्र तो कुछ लोगों का पोशाक तमिलनाडु, केरल और आंध्रप्रदेश से मेल खाती है।
पांडिचेरी का खान-पान
मिलीजुली संस्कृति होने के कारण यहाँ के भोजन में भी काफी विभिन्नता है । यहाँ के लोगों के भोजन में दक्षिण भारतीय व्यंजन के साथ-साथ फ्रांसिसी व्यंजन का भी समागम है ।
यहाँ के लोग कुछ खास फ्रांसिसी व्यंजन बनाते है- फ्रेंच बेगुएरस, ब्रिचोचेस और पेस्ट्री। इसके साथ कुछ स्थानीय व्यंजन भी यहाँ बहुत प्रचलित है वो है पांडिचेरियन मछली, असद करी, नारियल दूध से बनी करी शोंप।
पांडिचेरी में घूमने की जगह – Puducherry Tourist Places in Hindi
पांडिचेरी अपने पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के पर्यटन स्थल लोगों को अपने तरफ खूब आकर्षित करती है। पुडुचेरी में हर साल दुनिया भर के लाखों पर्यटक घूमने आते है।
पैराडाइज बीच
यहाँ के पर्यटन स्थल में से एक है पैराडाइज बीच, ‘प्लग पैराडिसो’ के नाम से प्रसिद्ध पैराडाइज बीच पांडिचेरी शहर के निकट चुन्नमबार में स्थित है। यह अत्यधिक मनमोहक स्थल सुनहरी समुन्द्री रेत से सुसज्जित है।
यहाँ तक पहुँचने के लिए लोगों को समुद्र के कुछ हिस्से को पार कर जाना पड़ता है। जिसमें लगभग आधे घंटे का समय लगता है, दरसल यह स्थान समुद्र के बीच में एक छोटी सी टापू के तरह है।
औरोविल बीच
औरोविल बीच पांडिचेरी के प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक है। यहाँ का समुद्री तट लोगों को काफी पसंद आता है। यह स्थान शांति का प्रतिक है। यहाँ लोग शांति के तलाश में जाते है।
ऑरोविल बीच बिल्कुल सपनों वाली दुनिया के समान है। ऑरोविल में सभी रंग, धर्म और समुदाय के लोग एक परिवार की तरह निवास करते हैं।
औरोविल का मातृमंदिर
यह देश के प्रसिद्ध मंदिर में शुमार है। पांडिचेरी के प्रमुख स्थलों में से एक मातृमंदिर की प्रसिद्ध देश विदेश तक है। इसके निर्माण में करीब 37 साल का समय लगा था। आम पर्यटक को यह मंदिर 200 मीटर दूर से ही व्यू पॉइंट से देखने की इजाजत है।
आये मंडवम-
पांडिचेरी में पार्क स्मारक फ्रांस के सम्राट नेपोलियन तृतीय के शासन काल में बनाया गया। यह स्मारक पांडिचेरी के भारती पार्क के केन्द्र में स्थित है। यह एक सफेद भवन है जिसका निर्माण महिला दरबारी ‘आयी’ के सम्मान में किया गया है।
जिन्होंने शहर के लिए एक जलाशय का निर्माण हेतु अपना खुद का घर नष्ट कर दिया था।
अरबिंदो आश्रम-
अरबिंदो आश्रम का नाम इसके निर्माता श्री अरबिंद घोष के नाम पर रखा है। यह आश्रम पांडिचेरी के व्हाइट टाउन में स्थित है। इस आश्रम का नींव 14 नवम्बर 1926 ई0 में रखा गया। जब वे राजनीती से सेवानिवृत हो गये।
आध्यात्मिक ज्ञान को प्राप्त करने तथा आध्यात्मिक ज्ञान का अनुभव करने के लिए देश-विदेश हजारो पर्यटक इस आश्रम में आते है। पुडुचेरी का यह स्थान मेडिटेशन और ध्यान के इच्छुक लोगों के लिए एक बहुत ही बढ़िया है।
यहाँ भारत के अलावा दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोग शांति और सुकून पाने के लिए आते हैं।
यहाँ के अन्य प्रसिद्ध घूमने की जगह में ऑरोविल्ले बीच, बोटैनिकल गार्डन, पेराडाइज बीच, अरिकमेडु, आनंद रंगा पिल्लई महल, डुप्लेक्स की प्रतिमा, विल्लन्नूर, चिदम्बरम, शिंजी, फ्रेंच वार मेमोरियल, श्री गोकिलंबल तिरुकामेश्वर मंदिर, वरदराजा पेरूमल मंदिर आदि प्रसिद्ध हैं।
पुडुचेरी घूमने का सबसे अच्छा समय
गर्मियों के दिनों में खास कर मई-जून में यहाँ का तापमान 25 से 38 डिग्री के मध्य रहता है। पुडुचेरी में घूमने के लिए नवंबर से लेकर फरवरी तक सबसे अच्छा समय माना जाता है। इस दौरान यहाँ का तापमान बहुत ही अनुकूल रहता है।
पांडिचेरी कैसे जायें
वायु मार्ग द्वारा
पांडिचेरी जाने के लिए चेन्नई अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। चेन्नई अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा पांडिचेरी से महज 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जहां से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से जाया जा सकता है।
रेल मार्ग द्वारा
पुडुचेरी रेल नेटवर्क से भी भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहाँ का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन विल्लुपुरम है, जो पांडिचेरी से महज 35 किलोमीटर की दुरी पर है। आप विल्लुपुरम रेलवे स्टेशन पहंच कर पुडुचेरी के लिए टेक्सी सेवा ले सकते है।
सड़क मार्ग द्वारा
सड़क मार्ग द्वारा पुडुचेरी भारत के कोने कोने से जुड़ा हुआ है। निजी पर्यटक बसें चेन्नई, मदुरै, बेंगलुरू से पांडिचेरी तक की सेवा प्रदान करती है। आप चाहें तो इस निजी पर्यटक बसों की सेवा का भी लाभ उठा सकते हैं।
पुडुचेरी में ठहरने की जगह
यहाँ ठहरने के लिए कई हर तरह के होटल मौजूद हैं। पांडिचेरी के प्रमुख होटलों में विला शांति, ला विला, ले पोंडी, विला डू ओशन, आदि का नाम लिया जा सकता है। इनके अलावा भी यहाँ कई और भी होटल मौजूद हैं जहाँ रह कर पांडिचेरी में घुमने का आनंद लिया जा सकता है।
निष्कर्ष(Conclusion)
इस प्रकार पांडिचेरी एक बहुत ही सुन्दर, बड़े शहरों के भीड़-भार से दूर, प्राकृतिक सौन्दर्य का केंद्र, एक शांति परद पर्यटन स्थल है। हमें जीवन के भागम-भाग के बीच आत्म शांति के लिए एक बार पांडिचेरी घुमने अवश्य जाना चाहिए।
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FAQs
पांडिचेरी क्यों प्रसिद्ध है?
पर्यटन की दृष्टि से पुडुचेरी बहुत प्रसिद्ध है। पुडुचेरी(पुराना नाम- पांडिचेरी) भारत के दक्षिण में स्थित एक अद्भुत केंद्र शासित प्रदेश है। यह स्थान कभी फ्रेंच कोलोनियां के लिए प्रसिद्ध था। आज भी वहाँ औपनिवेशिक इमारतों, चर्चो आदी को देखा जा सकता है।
पांडिचेरी का पुराना नाम क्या था?
पुडुचेरी का पुराना नाम पांडिचेरी था। जिसे आजादी के कुछ वर्षों के बाद का बदला गया था।
पांडिचेरी में कौन सी भाषा बोली जाती है?
पुडुचेरी में तमिल, मलयालम, तेलुगु, हिंदी, अंग्रेजी सहित फ्रेंच भाषा भी बोली जाती है।
पुडुचेरी में कितने जिले हैं
पुडुचेरी में कुल चार जिले हैं।
पांडिचेरी किस राज्य में है?
पांडिचेरी किसी राज्य में नहीं बल्कि खुद भारत के एक केंद्र शासित राज्य है।