National War Memorial Delhi in Hindi – राष्ट्रीय युद्ध स्मारक दिल्ली के बारे में
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक दिल्ली अथवा राष्ट्रीय समर स्मारक क्या है? (What is the National War Memorial in India)
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) जैसा की नाम से प्रतीत होता है। यह वीर जवानों की शहादत की स्मृति में निर्मित प्रसिद्ध भारतीय स्मारक है। इसे राष्ट्रीय समर स्मारक के नाम से भी जाना जाता है। इस स्मारक का उद्घाटन सन 2019 में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
नेशनल वॉर मेमोरियल दिल्ली का निर्माण दिल्ली के इंडिया गेट के तर्ज पर किया गया है। नेशनल वॉर मेमोरियल के दीवारों पर 25 हजार से अधिक शहीद भारतीय सैनिकों के नाम अंकित हैं। इनमें आजादी के बाद से लेकर अब तक के शहीद वीर सैनिकों के नाम शामिल हैं।
जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। आजादी के बाद से ही देश में इस तरह के एक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाने की मांग सेना की तरफ से की जा रही थी।
जो मात्र 10 महीने में तैयार किया गया और जिसे 2019 में राष्ट्र को समर्पित किया गया। आईए इस युद्ध स्मारक के बारें थोड़ा विस्तार से जानते हैं इनके बनावट और संरचना को जानते हैं।
नेशनल वॉर मेमोरियल का इतिहास – national war memorial new delhi
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का इतिहास 1960 के दशक से ही माना जाता है। जब देश के सशस्त्र बलों के द्वारा पहली बार राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण का प्रस्ताव रखा था। लेकिन अब करीब 60 साल के बाद देश को एक युद्ध स्मारक का सपना सकार हुआ।
अब सवाल उठता है की जब दिल्ली में शहीद स्मारक के रूप में इंडिया गेट मौजद है तब फिर एक नया नेशनल वॉर मेमोरियल के निर्माण की क्या जरूरत है। इस चीज को समझने के लिए आपको इंडिया गेट के इतिहास में जाना पड़ेगा।
इंडिया गेट के इतिहास से पता चलता है की इंडिया गेट का निर्माण ब्रिटिश सरकार ने प्रथम विश्व युद्ध और इंडो अफ़गान युद्ध में सहित हुए भारतीय सेना के यादगार में बनाया था।
इंडिया गेट के दीवार पर ब्रिटिश सेना की में लड़ते हुए शहीद भारतीय जवान और अंग्रेज अफसर के नाम अंकित हैं। लेकिन आजादी के बाद देश के लिए बलिदान होने वाले वीर जवानों के स्मृति में एक खास तरह की स्मारक की मांग की जा रही थी।
हालांकि 1971 के भारत पाक युद्ध के बाद तत्कालीन सरकार ने महसूस किया। फलतः इंडिया गेट के नीचे अमर जवान ज्योति की स्थापना की गई। जहाँ 26 जनवरी 1972 से लगातार मशाल जल रही थी।
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वीर जवान ज्योति के लौ का नेशनल वॉर मेमोरियल के लौ के साथ विलय
अब जब देश की वीर जवानों के बलिदान की याद में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनकर तैयार हो गया। तब इंडिया गेट स्थित वीर जवान ज्योति के लौ को 50 साल के बाद 21 जनवरी 22 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के लौ के साथ विलीन कर दिया गया।
इस दौरन तीनों सेना का जवानों में विशेष परेड के द्वारा अमर जवान ज्योति को पूरे सम्मान के साथ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ के साथ विलीन कर दिया। अब यहाँ पर भारत के राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और सेना प्रमुख शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे।
नेशनल वॉर मेमोरियल बनावट और संरचना
इंडिया गेट से महज चंद कदम की दूरी पर मौजूद है नेशनल वॉर मेमोरियल। करीब 44 एकड़ में बने नेशनल वॉर मेमोरियल की वास्तुकला अद्भुत है।
इस राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में चक्र होंगे जो महाभारत के चक्र के आधार लेकर निर्मित है। इस चक्र के नाम अमर चक्र, वीर चक्र, त्याग चक्र और रक्षा चक्र हैं।
इन चक्रों में अमर चक्र के बीच में करीब 15.5 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ स्थति है। इसी सतंभ के बीच में अमर ज्योति जलती रहेगी। इस नेशनल वॉर मेमोरियल के 15 मीटर ऊंचा स्तम्भ पर करीब 1 कविंटल का अशोक स्तम्भ लगा हुआ है।
जो देखने में बहुत ही सुंदर लगता है। नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण दो हिस्सों में किया गया। इसके पहले भाग में स्थित 16 दीवारों पर शहीदों जवानों के नाम अंकित हैं। इस मेमोरियल का दूसरा हिस्सा परम योद्धा स्थल कहलाता है, जहां भारत के 21 परमवीरों जवानों की मूर्तियां लगाई गई है।
कहते हैं की इस स्मारक की बनाने में करीब 175 करोड़ की लागत आई। यह युद्ध स्मारक वर्ष 2019 में बनकर तैयार हुआ, जिसे 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया।
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नेशनल वॉर मेमोरियल के वास्तुकार – national war memorial india
ब्रिटिश सरकार ने इंडिया गेट के वास्तुकार के रूप में ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस को चुना था। लेकिन नेशनल वॉर मेमोरियल के वास्तुकार के चयन के लिए सरकार ने एक प्रतियोगिता का आयोजन किया।
इस प्रतियोगिता में नेशनल वॉर मेमोरियल के वास्तुकार के रूप में बंगलुरु के योगेश चंद्र को चुना गया। नेशनल वॉर मेमोरियल के डिजाइननर के आयोजित इंटरनेशनल प्रतियोगिता में हजारों वास्तुकार ने भाग लिया।
जिसमें सरकार सन 2018 में वेब डिजाइन लैब के योगेश को विजेता घोषित किया गया।
नेशनल वॉर मेमोरियल का महत्व
नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण आजादी के बाद से अबतक देश के लिए वीरगति को प्राप्त 26,466 भारतीय सैनिकों के स्मृति और सम्मान में बनाया गया।
इस वॉर मेमोरियल पर वर्ष 1947-48 के युद्ध के दौरान, वर्ष 1961 में गोवा ऑपरेशन, वर्ष 1962 और 965(भारत चीन युद्ध), वर्ष 1971 भारत पाक युद्ध, वर्ष 1987 (सियाचिन), वर्ष 1987-88 (श्रीलंका), वर्ष 1999 में कारगिल की लड़ाई में शहीद सनिकों के नाम अंकित हैं।
युद्ध स्मारक कहाँ है?
भारत का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक देश की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है। यह स्मारक भारतीय वीर जवानों के शहादत की याद में निर्मित है।
कारगिल विजय दिवस कब मनाया जाता है ?
कारगिल विजय दिवस भारत में 26 जुलाई को मनाया जाता है। इसी दिन भारतीय सेना ने कारगिल की लड़ाई में फतह हासिल की थी।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर क्या लिखा है?
भारत के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अमर जवान लिखा हुआ है। साथ ही इसके दीवारों पर 25000 से अधिक शहीद भारत के वीर सपूतों के नाम अंकित हैं।
नेशनल वॉर मेमोरियल पर कितने शहीदों के नाम लिखे हैं?
भारत के नेशनल वॉर मेमोरियल दिल्ली पर आजादी के बाद से लेकर अब तक के वीरगति को प्राप्त 26,466 भारतीय अमर जवान के नाम लिखे हैं।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का क्या महत्व है?
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान देने वाले अमर जवानों की याद में निर्मित है। यह स्मारक भारत के अमर शहीदों की वीरता की याद दिलाती है। जिन्होंने विभिन्न युद्ध और ऑपरेशन में लड़ते हुए देश के लिए शहीद हो गए।
बाहरी कड़ियाँ (External links)
- National War Memorial – राष्ट्रीय समर स्मारक ऑफिसियल साइट
- राष्ट्रीय समर स्मारक (भारत) – विकिपीडिया