जानिये मकर संक्रांति को पतंग क्यों उड़ाई जाती है (Makar sankranti ko patang kyon udai jati hai)
मकर संक्रांति को पतंग क्यों उड़ाई जाती है– मकर संक्रांति जितना शास्त्रीय पर्व है उतना ही वैज्ञानिक भी। इस अवसर पर बच्चे हो यह बूढ़े खूब पतंग उड़ाया जाता है। लेकिन मकर संक्रांति को पतंग क्यों उड़ाई जाती है इसका उत्तर जानने की कोशिक करेंगे।
मकर संक्रांति के दिन तिल के लड्डू खाने का अपना वैज्ञानिक महत्व है। इस दिन गंगा सागर में स्नान करना महा पुनदायक माना जाता है। इस दिन दान पुण्य करना और किसी अच्छे कार्य की शुरुआत करना लाभकारी माना गया है।
लेकिन मकर संक्रांति के दिन पतंग क्यों उड़ाते हैं इसका उत्तर हममें से बहुत लोगों को नहीं पता है।
वर्षों से इस मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा है। खासकर इस पर्व में बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिलता है। इसीलिए बच्चे इसे पतंग पर्व के नाम से भी पुकारते हैं।
इस त्यौहार के अवसर पर बच्चे और जवान सभी जमकर पतंगबाजी का मजा लेट हैं। हमारे देश के कई शहरों में इस दिन पतंग उड़ाने की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि मकर संक्रांति पर पतंग क्यों उड़ाते है।
मकर संक्रांति में पतंग क्यों उड़ाते हैं गुजरात में
गुजरात में मकर संक्रांति पतंग उत्सव के लिए भी जाना जाता है। मकर संक्रांति के पावन पर्व के अबसर पर गुजरात पतंगबाजी के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। भारत के कई राज्य में मकर संक्रांति के दिन खूब पतंग उड़ाते हैं।
पतंगों से भरा आकाश में एक अद्भुत नजारा दिखाई देता है। आसमान अलग अलग आकर एबं डिजाइन वाली रंग बिरंगी पतंगों से भर जाता है। यहाँ कि पतंगबाजी दुनियॉं भर में प्रसिद्ध है। लेकिन सवाल यह है की मकर संक्रांति को पतंग क्यों उड़ाई जाती है।
इस उत्तर जानने के लिए की मकर संक्रांति में पतंग क्यों उड़ाते हैं कई जगह खोजने की कोशिस की लेकिन कोई संतोष जनक उत्तर नहीं मिला। लेकिन एक जगह जो पढ़ने को मिला की मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा त्रेता युग से मानी जाती है।
ऐसे हुई थी पतंग उड़ाने की शुरुआत
पौराणिक मान्यता के आधार मानकर कहा जाता है की मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने के परंपरा की शुरुआत भगवान श्री राम ने की थी। इसके लिए तमिल की तन्दनानरामायण का संदर्भ दिया जाता है।
इसके अनुसार मकर संक्रांति पर भगवान राम द्वारा पतंग उड़ाई गई थी। उनके द्वारा द्वारा उड़ाई गई पतंग इंद्रलोक पहुँच गई थी। मान्यता यह की उसी समय से इस परंपरा की शुरुआत हुई थी।
लेकिन हकीकत जो हो लेकिन मकर संक्रांति में पतंग उड़ाई जाती है और यह परंपरा सदियाँ से चली आ रही है।
गुजरात अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव – International kite festival in India
गुजरात में मकर संक्रांति इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस महोत्सव में दुनियाँ भर के लोग गुजरात में पतंगबाजी का आनंद लेते हैं।
भारत के गुजरात राज्य में आयोजित हो रहे अंतरराष्ट्रीय पतंग उत्सव, 2023 का थीम जी20 रहेगा। इस पतंग महोत्सव में करीब 68 देशों के पतंगबाज भाग ले रहे हैं। इस अंतरराष्ट्रीय पतंग उत्सव का समापन 14 जनवरी को होगा।
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