डॉ होमी जहांगीर भाभा का जीवन परिचय | Dr Homi Jehangir Bhabha

डॉ होमी जहांगीर भाभा का जीवन परिचय - Dr Homi Jehangir Bhabha biography in Hindi
डॉ होमी जहांगीर भाभा का जीवन परिचय - Dr Homi Jehangir Bhabha biography in Hindi

भारत में परमाणु ऊर्जा के जनक डॉ होमी जहांगीर भाभा का जीवन परिचय में हम उनके जन्म से लेकर मौत के रहस्य के बारें में विस्तार से जानेंगे। हमारे देश में परमाणु ऊर्जा की स्थापना का श्रेय डॉ भाभा (Dr Homi Jehangir Bhabha)को दिया जाता है।

Contents
‘भारत में परमाणु ऊर्जा के जनक’ होमी जहांगीर भाभा का जीवन परिचयडॉक्टर होमी जहांगीर भाभा प्रारम्भिक जीवनहोमी जहांगीर भाभा शिक्षा ( Homi J. Bhabha education)कई प्रसिद्ध वैज्ञानिक के साथ काम करने का मौकाहोमी जहांगीर भाभा का योगदान – Homi Jehangir Bhabha inventions in Hindiटाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च’ की स्थापनाभारत में न्यूक्लियर एनर्जी के जनक – Dr Homi J Bhabha Information In Hindiभाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र –डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा की मृत्यु कैसे हुई?होमी जहांगीर भाभा पुरस्कार व सम्मानF.A.Q (अक्सर गूगल पर पूछे जाने वाले प्रश्न)होमी जहांगीर भाभा की मृत्यु कब हुई?होमी जहांगीर भाभा का जन्म कहाँ हुआ था?होमी जहांगीर भाभा के माता पिता का क्या नाम था?होमी जहांगीर भाभा ने किसकी खोज की?डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा कौन थे?होमी जहांगीर भाभा का जन्म कब और कहां हुआ था?होमी जहांगीर भाभा ने कौन से तीन नाभिकीय रिएक्टर की स्थापना की?भारत में परमाणु ऊर्जा के जनक कौन है?होमी जहांगीर भाभा को क्या कहा जाता है?क्या होमी जे भाभा की शादी हुई थी?

जब देश में परमाणु ऊर्जा आयोग का गठन हुआ तब उन्हें इसका प्रथम अध्यक्ष होने का गौरव प्राप्त हुआ। उनकी दूरदर्शिता के परिणामस्वरूप ही आज भारत परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व में अपना एक अहम मुकाम बना चुका है।

उन्हीं के सफल निर्देशन में हमारा देश परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में अपने पैर पर खड़ा हुआ। कहते हैं की एक बार उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो में बातचीत में कहा था। अगर उन्हें अनुमति मिल जाय तो भारतवर्ष मात्र 18 महीने के अंदर परमाणु बम बनाने में सक्षम है।

वे दुनियाँ में परमाणु ऊर्जा (Nuclear Energy Programme) के शांतिपूर्ण उपयोग के हिमायती थे। डॉ होमी भाभा के प्रयास का प्रतिफल है की आज भारत में ट्रांबे, कलपकम, नरौरा सहित कई स्थानों में परमाणु रिएक्टर की स्थापना हुई।

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इन परमाणु रिएक्टर से विद्युत का उत्पादन कर विजली की आपूर्ति की जाती है। उन्होंने सन् 1955 में हुए संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रथम सम्मेलन में भाग लिया। जिनेवा में सम्पन्न हुए इस सम्मेलन में उन्होंने भारत की तरफ से अध्यक्षता की थी।

डॉ होमी जहांगीर भाभा का जीवन परिचय | Dr Homi Jehangir Bhabha
डॉ होमी जहांगीर भाभा (Dr Homi Jehangir Bhabha)

भारत के न्यूक्लियर एनर्जी प्रोग्राम के जनक डॉ भाभा की मात्र 56 वर्ष की उम्र में वायुयान हादसे में निधन हो गया। आइए भारत के इस महान वैज्ञानिक डॉ भाभा का जीवन परिचय विस्तार से :-

भारत में परमाणु ऊर्जा के जनक’ होमी जहांगीर भाभा का जीवन परिचय

पूरा नाम होमी जहांगीर भाभा
जन्म तारीख30 अक्टूबर 1909
पिता का नाम जहांगीर होरमुसजी भाभा(जे.एच. भाभा)
माता का नाम मेहरबाई भाभा
पेशा वैज्ञानिक
भाभा की मृत्यु24 जनवरी 1966
मृत्य का कारण विमान हादसा
होमी जहांगीर भाभा जयंती30 अक्टूबर
होमी जहांगीर भाभा पुण्यतिथि24 जनवरी

डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा प्रारम्भिक जीवन

होमी भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 ईस्वी में भारत के प्रसिद्ध राज्य महराष्ट की राजधानी मुंबई में हुआ था। उनका जन्म एक सम्पन्न पारसी परिवार में हुआ था। डॉ. भाभा के पिता का नाम जे.एच. भाभा था, जो पेशे से एक वकील थे।

उनकी माता जी मेहरबाई भाभा एक गृहणी थी। बचपन से ही डॉ. होमी भाभा के धर पर ही लाइब्रेरी तरह पुरस्तकों का भंडार था। उन्हें बचपन से पढ़ने लिखने को विशेष शौक था तथा विज्ञान के प्रति उनकी गहरी रुचि थी।

इस प्रकार पढ़ाई का माहौल उन्हें घर पर ही विरासत में मिला था।

होमी जहांगीर भाभा शिक्षा ( Homi J. Bhabha education)

उनकी प्रारम्भिक शिक्षा मुंबई में ही सम्पन हुई। मुंबई के कैथेड्रल स्कूल से प्राइमरी की परीक्षा पास करने के बाद आगे की पढ़ाई जॉन कानन स्कूल में हुई। उसके बाद उन्होंने ‘रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस’ बंबई से इन्टर की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

होमी भाभा बंबई विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद उच्च शिक्षा पाने के लिए इंग्लैंड चले गए। उन्होंने लंदन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की परीक्षा पास की।

तत्पश्चात उन्होंने सन् 1934 ईस्वी में कैपटव से पी. एच.डी. की डिग्री प्राप्त की। डा भाभा लगातार शोध में लगे रहते इस दौरन विदेश में उन्हें कई बड़े वैज्ञानिक संपर्क हुआ। कहा जाता है की उन्हें विज्ञान के अलावा पेंटिंग, मूर्तिकला और संगीत में भी रुचि था।

कई प्रसिद्ध वैज्ञानिक के साथ काम करने का मौका

इंगलेंड में पीएचडी की डिग्री हासिल करने के दौरान इन्हें कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में महान वैज्ञानिक नील्सबोर के साथ काम करने का मौका मिला। उन्होंने पोली और फर्मी जैसे महान वैज्ञानिकों के साथ भी काम किया।

उन्होंने जर्मनी के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डब्लू हिटलर के साथ मिलकर काम किया। वे सन् 1940 ईस्वी में वे अपने देश भारत वापस लौट आए।

महान भारतीय वैज्ञानिक सर सी.वी.रमण भी डॉ. भाभा की बहुमुखी प्रतिभा से प्रभावित थे। अपने वतन भारत वापस आने के बाद वे ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस’ में शोध कार्य करने लगे।

होमी जहांगीर भाभा का योगदान – Homi Jehangir Bhabha inventions in Hindi

उन्होंने ‘कॉस्मिक रेज’, यानी अंतरिक्ष किरणे अथवा ब्रह्मांड किरण के ऊपर अनेकों शोध किये। ‘कॉस्मिक रेज’ के क्षेत्र में योगदान के लिए दुनियाँ हमेशा इन्हें याद करेंगी। डॉक्टर होमी भाभा अणुशक्ति के क्षेत्र में अहम योगदान प्रदान किए।

भारत में अणुशक्ति का विकास डॉ भाभा ने किया। वे शांतिपूर्ण कार्यों के लिए भारत में परमाणु ऊर्जा के उपयोग के हमेशा पक्षधर रहे।

डॉ होमी जे भाभा ने तीन नाभिकीय रिएक्टर ट्रांबे, कलपकम और नरौरा की स्थापना की। सन 1948 में डॉक्टर भाभा ने देश में भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना की।

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च’ की स्थापना

इंगलेंड से आने के बाद कुछ दिन तक इन्होंने बंगलुरु स्थित ‘ भारतीय विज्ञान संस्थान’ में प्रोफेसर रहे। उनके प्रयास से मुंबई में सन 1945 में ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च’ की स्थापना हुई।

डॉ. भाभा को इस इंस्टीट्यूट का पहला डायरेक्टर बनाया गया। बाद में वे भारतीय परमाणु आयोग के अध्यक्ष बने। भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के निदेशक के रूप में इन्होंने अपने कर्तव्य का बखूबी निर्वहन किया।

भारत में न्यूक्लियर एनर्जी के जनक – Dr Homi J Bhabha Information In Hindi

डॉ. भाभा को भारत में आणविक शक्ति के जनक के रूप में जाना जाता है। सन् 1948 में भारत में परमाणु ऊर्जा के विकास का कार्यक्रम उनके निर्देशन में ही आरंभ हुआ था। उन्होंने तीन नाभिकीय रिएक्टर की स्थापना की।

उन्हीं की देख-रेख में सन् 1956 में डॉ. भाभा ने भारत में पहली परमाणु भट्टी ट्राम्बे में चालू की। इस परमाणु भट्टी का नाम ‘अप्सरा’ रखा गया था। बाद में उनके निर्देशन में दो और परमाणु भट्टी (नाभिकीय रिएक्टर) लगाये गये।

इस नाभिकीय रिएक्टर का नाम सायरस और जर्लिना रखा गया था।। वर्तमान में ट्राम्बे में कुल पाँच नाभिकीय रिएक्टर काम कर रहे हैं। इसके अलावा देश में आज अनेकों रिएक्टर से विजली का उत्पादन किया जा रहा है।

भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र –

भारत में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र की स्थापना 03 जनवरी 1954 को हुई थी। इसका पूर्ववर्ती नाम परमाणु ऊर्जा संस्थान’ था। डॉ भाभा के सम्मान में ही ‘परमाणु ऊर्जा संस्थान’ का नाम बदलकर ‘भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र’ (Bhabha Atomic Research Centre) किया गया।

डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा की मृत्यु कैसे हुई?

महान वैज्ञानिक डॉ जहाँगीर भाभा का निधन 24 जनवरी 1966 को विमान हादसे(plane crash) में हो गई। 24 जनवरी वर्ष 1966 ईस्वी के दिन डॉ भाभा अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने मुंबई से न्यूयार्क जा रहे थे।

एयर इंडिया का बोइंग 707 जिसमें डॉ भाभा के साथ 117 आदमी और सवार थे। रास्ते में ही उनका विमान फ्रांस के अल्पस पहाड़ियों के मध्य में माउंट ब्लैक पास उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

कयास यह भी लगाया गया की यह विमान हादसा एक सोची समझी साजिस भी हो सकती है। क्योंकि उस बक्त कुछ विकसित देश यह नहीं चाहते थे की भारत का परमाणु कार्यक्रम(Nuclear Programme) सफल हो सके।

इस कारण हो सकता है की यह हादसा जानबूझ कर कराया गया हो। हालांकि इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं प्राप्त है। आज भले ही डॉ होमी जे भाभा हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन परमाणु के क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा से ही याद रखा जाएगा।

होमी जहांगीर भाभा पुरस्कार व सम्मान

साइंस के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें लंदन की प्रसिद्ध संस्था ‘रॉयल सोसाइटी’ ने अपना ‘फेलो‘ (सदस्य) बनाया। सन् 1942 ईस्वी में इन्हें ‘एडम्स पुरस्कार‘ से सम्मानित किया गया।

कॉस्मिक रेज’ पर शोध के लिए इन्हें ‘हाफकिंस’ पुरस्कार से नवाजा गया था। 15 अगस्त 1947 में जब देश आजाद हो गया। तब उन्हें सन् 1951 में ‘भारतीय विज्ञान कांग्रेस के प्रसिडेंट बनाये गये।

सन् 1954 ईस्वी में भारत सरकार ने महान वैज्ञानिक पद्म विभूषण के सम्मान से बिभूषित किया गया था। भारत सरकार के डाक विभाग द्वारा उनकी स्मृति में डाक टिकट जारी किया गया।

कहते हैं की इनका नाम 5 बार भौतिकशास्त्र के क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था। इनके सम्मान में इसके साथ ही टाटा इन्स्टीट्यूट ऑफ फन्डामेंटल रिसर्च का नाम भी डॉ भाभा के नाम पर ही ‘भाभा इन्स्टीट्यूट ऑफ फन्डामेंटल रिसर्च’ किया गया।

इन्हें भी पढ़ें – भारत के महान गणितज्ञ रामानुजन का जीवन परिचय

F.A.Q (अक्सर गूगल पर पूछे जाने वाले प्रश्न)

  1. होमी जहांगीर भाभा की मृत्यु कब हुई?

    डॉ होमी भाभा की मृत्यु 24 जनवरी 1966 में एक विमान हादसे में हो गई।

  2. होमी जहांगीर भाभा का जन्म कहाँ हुआ था?

    डॉ भाभा का जन्म 1909 ईस्वी में मुंबई में हुआ था।

  3. होमी जहांगीर भाभा के माता पिता का क्या नाम था?

    एक सु-सम्पन्न पारसी परिवार में डॉ भाभा का जन्म हुआ था। उनके पिता का नाम जहांगीर हरमुस (जे.एच. भाभा)तथा माता का नाम ‘मेहरबाई‘ थी।

  4. होमी जहांगीर भाभा ने किसकी खोज की?

    डॉ भाभा को ‘कॉस्मिक रेज’, यानी अंतरिक्ष किरणे अथवा ब्रह्मांड किरण के ऊपर अनेकों शोध के लिए जाने जाते हैं। ‘कॉस्मिक रेज’ के क्षेत्र में उनका कार्य सराहनीय रहा।

  5. डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा कौन थे?

    डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे जिन्हें भारत में परमाणु ऊर्जा का जनक कहा जाता है।

  6. होमी जहांगीर भाभा का जन्म कब और कहां हुआ था?

    होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 को मुंबई में हुआ था।

  7. होमी जहांगीर भाभा ने कौन से तीन नाभिकीय रिएक्टर की स्थापना की?

    होमी जहांगीर भाभा ने ‘अप्सरा’, ‘सायरस और जर्लिना नामक तीन नाभिकीय रिएक्टर की स्थापना की।

  8. भारत में परमाणु ऊर्जा के जनक कौन है?

    भारत में परमाणु ऊर्जा के जनक होमी जहांगीर भाभा को कहा जाता है?

  9. होमी जहांगीर भाभा को क्या कहा जाता है?

    होमी जहांगीर भाभा को भारत में परमाणु ऊर्जा का जनक कहा जाता है?

  10. क्या होमी जे भाभा की शादी हुई थी?

    नहीं, वे अविवाहित थे।

आपको डॉ होमी जहांगीर भाभा का जीवन परिचय (Homi Jehangir Bhabha biography in Hindi) से जुड़ी जानकारी जरूर अच्छी लगी होगी। भारत में परमाणु ऊर्जा के जनक डॉ भाभा को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए हमेशा याद किया जायेगा।

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