वैज्ञानिक बिनॉय कुमार सैकिया की जीवनी | Biography of Binoy Kumar Saikia in Hindi

वैज्ञानिक बिनॉय कुमार सैकिया की जीवनी | Biography of Binoy Kumar Saikia in Hindi

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बिनॉय कुमार सैकिया(Binoy Kumar Saikia) भारत के एक जाने माने पर्यावरण भू-रसायनज्ञ हैं। डॉ बिनॉय कुमार सैकिया का भारतीय कोयले से फ्लोरोसेंट “कार्बन क्वांटम डॉट्स” (सीक्यूडी) के निर्माण में उत्कृष्ट योगदान माना जाता है।

इसके लिए 2021 में उन्हें विज्ञान का सबसे बड़ा शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार प्रदान किया गया। करीब 20 साल बाद असम के किसी वैज्ञानिक ने इस पुरस्कार को पाने के हकदार बने। पूर्वोत्तर के राज्य असम से आने वाले बिनॉय कुमार सैकिया 5 वें वैज्ञानिक है।

जिन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके पहले 1989 में मिहिर कांति चौधरी,1994 में  जितेंद्र नाथ गोस्वामी, 1995 में भूपेंद्र नाथ गोस्वामी और 2001 में प्रशांत गोस्वामी को यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

वर्तमान में डॉ बिनॉय कुमार सैकिया नॉर्थ ईस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, जोरहाट (NEIST), असम में वरिष्ठ वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं। आईए इस लेख में बिनॉय कुमार सैकिया की जीवनी (Biography of Binoy Kumar Saikia in Hindi) संक्षेप में जानते हैं।

वैज्ञानिक बिनॉय कुमार सैकिया की जीवनी – Biography of Binoy Kumar Saikia in Hindi

प्रारंभिक जीवन व शिक्षा

बिनॉय कुमार सैकिया का जन्म 12 फरवरी 1977 में हुआ था। डॉ बिनॉय कुमार सैकिया भारत के राज्य असम के गोलाघाट से belongs करते हैं।

बिनॉय कुमार सैकिया ने अपनी आरंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए गौहाटी विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। गौहाटी विश्वविद्यालय से उन्होंने वर्ष 2001 अकार्बनिक रसायन विज्ञान में मास्टर (M.Sc) की डिग्री प्राप्त की।

उसके बाद उन्होंने सन 2008 में डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में शोध करते हुए पीएचडी की डिग्री हासिल की। इस दौरान उन्होंने कोयले की संरचना पर काम किया।

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अपने पीएचडी के समय उनके thesis का टाइटल “Some aspects of structural investigation of Assam coal” था

कैरीयर

अपनी उच्च शिक्षा प्राप्ति के बाद बिनॉय कुमार सैकिया वर्तमान में डॉ बिनॉय कुमार सैकिया North East Institute of Science and Technology, Jorhat (NEIST), Assam से जुड़े हैं।

आज वे नॉर्थ ईस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, जोरहाट (NEIST), असम के वरिष्ठ वैज्ञानिक के पद पर हैं।

पिछले एक दशक से डॉ बिनॉय कुमार सैकिया भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के कोयले और पेट्रोलियम से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं की अगुआई कर रहे हैं।

इसके अलावा डॉ सैकिया एनईआईएसटी के सामग्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी बिभाग में कोयला और ऊर्जा अनुसंधान समूह के Group leader भी हैं।

कार्य व योगदान

बिनॉय कुमार सैकिया की शोध रुचि सामान्यतः ऊर्जा और पर्यावरण से संबंधित रहा है। उन्होंने विशेष रूप से रसायन विज्ञान और कोयला, कार्बन और नैनो-सामग्री, वायुमंडलीय एरोसोल और वायु प्रदूषण के क्षेत्र में काम किया है।

उन्हें कोयले की भू-रसायन और कोयला प्रौद्योगिकी, खनिज विज्ञान और  कार्बोनेसियस एरोसोल में विशेषज्ञता प्राप्त है।उन्होंने भारतीय कोयले से ब्लू-फ्लोरोसेंट कार्बन क्वांटम डॉट्स के उत्पादन के लिए अमेरिका से मिलकर पेटेंट कराया।

इस प्रकार उन्होंने कोयला और ऊर्जा पर अपने अग्रणी शोध के कारण वैज्ञानिक जगत का ध्यान अपनी तरफ खिचा। यही कारण रहा की सन 2021 में पृथ्वी, वायुमंडल, महासागर और ग्रह विज्ञान के क्षेत्र में शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार पाने वाले एक मात्र वैज्ञानिक हैं। 

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सम्मान और पुरस्कार

विज्ञान में अहम योगदान के लिए डॉ सैकिया को अनेक सम्मानों और पुरस्कारों से नवाजा गया। डॉ बिनॉय कुमार सैकिया 45 वर्ष से कम उम्र के उन 11 वैज्ञानिकों में सम्मिलित कीये गए हैं।

जिन्हें सितंबर 2021 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2021 में इस पुरस्कार को पृथ्वी, वायुमंडल, महासागर और ग्रह विज्ञान श्रेणी में प्राप्त करने वाले एक मात्र वैज्ञानिक हैं।

वर्ष 2019 में उन्हें प्रो (डॉ) एमपी सिंह मेमोरियल कोल साइंस अवार्ड प्रदान किया गया। यह पुरस्कार माइनिंग जियोलॉजिकल एंड मेटलर्जिकल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (MGMI) द्वारा प्रदान किया गया।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिनरल इंजीनियर्स ने उन्हें 2015 में IIME कोल बेनिफिशिएशन अवार्ड से सम्मानित किया। 2014 में उन्हें मिनरल इंजीनियरिंग साइंस एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा मेसा अवार्ड प्राप्त हुआ।

2012 में उन्हें राजीव गांधी उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अलावा बिनॉय कुमार सैकिया कई प्रमुख संस्थानों के फ़ेलो हैं। वे भारतीय भूवैज्ञानिक सोसायटी (FGS) के फेलो(सदस्य) हैं।

साथ ही वे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल इंजीनियर्स (IIChE) के एसोसिएट सदस्य भी हैं। भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन के भी सदस्य

हैं। इसके अलावा वे अंतर्राष्ट्रीय एक्स-रे अवशोषण सोसायटी, इटली के भी फ़ेलो (सदस्य) चुने गए हैं।

अनुसंधान व उपलब्धि

प्रो सैकिया का भारतीय कोयले से फ्लोरोसेंट कार्बन क्वांटम डॉट्स (CQDs) के निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका रही है। CQD असल में छोटे कार्बन नैनो-कण हैं जिनका आकार 10 नैनो मीटर से कम होता है।

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CQDs के फ्लोरोसेंट गुणों का उपयोग करने हेतु विश्व भर में शोध किए गए हैं। कहा जाता है की CQD की खोज 2004 में अकस्मात हुई थी।

विविध अनुप्रयोगों के लिए उनकी स्वदेशी पेटेंट सीक्यूडी तकनीक ‘आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के अंतर्गत आती है। ताकि सीक्यूडी के आयात को कम करने में मदद मिल सके।

संपर्क विवरण –

  • नाम :  Dr Binoy K Saikia
  • योग्यता – Ph.D.(Chemistry)
  • पता (Address) – कोयला और ऊर्जा अनुसंधान समूह
  • सीएसआईआर नॉर्थ ईस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी
  • सीएसआईआर – NEIST, जोरहाट – 785006, असम
  • ई-मेल (Email id ) –  bksaikia@gmail.com, bksaikia@neist.res.in

F.A.Q

  1. बिनॉय कुमार सैकिया कौन है?

    बिनॉय कुमार सैकिया भारत के जाने माने पर्यावरण भू-रसायनज्ञ हैं।

  2. बिनॉय कुमार सैकिया का क्या योगदान है?

    वैज्ञानिक बिनॉय कुमार सैकिया को भारतीय कोयले से फ्लोरोसेंट “कार्बन क्वांटम डॉट्स” (सीक्यूडी) के निर्माण में अहम योगदान के लिए जाना जाता है।

  3. डॉ सैकिया को 2021 में विज्ञान का कौन सा बड़ा सम्मान मिला?

    डॉ सैकिया को 2021 में विज्ञान के क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा सम्मान शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार प्रदान किया गया।

आपको वैज्ञानिक बिनॉय कुमार सैकिया की जीवनी ( Biography of Binoy Kumar Saikia in Hindi ) जरूर अच्छी लगी होगी, अपने सुझाव से जरूर अवगत करायें।

इन्हें भी पढ़ें – 2021 में शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार विजेता अन्य वैज्ञानिक


Amit

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मैं अमित कुमार, “Hindi info world” वेबसाइट के सह-संस्थापक और लेखक हूँ। मैं एक स्नातकोत्तर हूँ. मुझे बहुमूल्य जानकारी लिखना और साझा करना पसंद है। आपका हमारी वेबसाइट https://nikhilbharat.com पर स्वागत है।

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