प्रो अरुण कुमार शुक्ला (Arun Kumar Shukla scientist) भारत के प्रसिद्ध संरचनात्मक जीव विज्ञानी हैं। उन्होंने स्ट्रक्चरल बायोलॉजी, सेल्युलर सिग्नलिंग, फार्माकोलॉजी मेम्ब्रेन प्रोटीन, जी प्रोटीन-युग्मित रिसेप्टर्स में विशेषज्ञयता हासिल की है।
डॉ अरुण कुमार शुक्ला का जी-प्रोटीन-युग्मित रिसेप्टर्स के सक्रियण, सिग्नलिंग और विनियमन की वर्तमान समझ के लिए उत्कृष्ट योगदान रहा है। उन्होंने अपने अनुसंधान से जीपीसीआर सिग्नलिंग के पहले के अज्ञात प्रतिमानों से अवगत कराया है।
उन्होंने न्यूनतम दुष्प्रभावों के साथ novel therapeutics को डिजाइन करने के लिए जीपीसीआर कार्यों को संशोधित करने के लिए novel strategies की पहचान की। कानपुर के प्रोफेसर डा. शुक्ला ने जीपीसीआर की संरचना, कार्य और विनियमन को समझने के लिए गहन अध्ययन किया।
वर्तमान में वे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (IIT Kanpur ) में जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग में Joy-Gill Chair professor हैं। उन्होंने जी-प्रोटीन युग्मित रिसेप्टर्स (जीपीसीआर) की संरचना, कार्य पर गहन शोध किया।
2022 में आइआइटी कानपुर के प्रो अरुण शुक्ला को खोसला राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उन्हें आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रो. एके चतुर्वेदी ने प्रादन किया। आइआइटी कानपुर के प्रो अरुण शुक्ला को खोसला राष्ट्रीय पुरस्कार
वर्ष 2021 के शांति स्वरूप पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक
प्रो शुक्ला को उनके उत्कृष्ठ कार्य के लिए 2021 का भारत का प्रसिद्ध शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार प्रदान किया गया। वे कई प्रसिद्ध संस्थान के फ़ेलो भी हैं। आईए इस लेख में प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रो अरुण कुमार शुक्ला की जीवनी के बारें में संक्षेप में जानते हैं।
अरुण कुमार शुक्ला की जीवनी – Arun Kumar Shukla biography in Hindi
अरुण कुमार शुक्ला जन्म व शिक्षा दीक्षा
वैज्ञानिक अरुण कुमार शुक्ला का जन्म 01 नवंबर 1981 को भारत के उत्तरप्रदेश राज्य के कुशीनगर में हुआ था। अरुण कुमार शुक्ला ने जैव प्रौद्योगिकी में अपनी मास्टर डिग्री(एमएससी) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पूरी की।
उसके बाद वे डॉक्टरेट के लिए जर्मनी चले गए। जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ बायोफिजिक्स में प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार विजेता हार्टमुट मिशेल के मार्गदर्शन में पीएचडी (डॉक्टरेट) की उपाधि प्राप्त की।
उसके बाद उन्होंने बायोफिज़िक्स में ही पोस्ट-डॉक्टरेट भी किया। पोस्ट-डॉक्टरेट के लिए डॉ शुक्ला ने ड्यूक विश्वविद्यालय के नोबेल पुरस्कार विजेता रॉबर्ट जे लेफकोविट्ज़ और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक ब्रायन कोबिल्का के निर्देशन में किया।
करियर
प्रो अरुण कुमार शुक्ला का नाम भारतीय संरचनात्मक जीवविज्ञानी की सूची में सामील है। पोस्ट-डॉक्टरेट के बाद डॉ शुक्ला ने अपने करियर की शुरुआत ड्यूक विश्वविद्यालय USA में एक सहायक प्रोफेसर के रूप में किया।
अमेरिका के ड्यूक विश्वविद्यालय, उत्तरी कैरोलिना में वे मेडिसिन विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्य किया। उसके बाद वे स्वदेश भारत वापस आ गए। भारत वापस आने के बाद arun kumar shukla iit kanpur से जुड़ गए।
वर्तमान में वे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर के जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग संकाय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। साथ ही वे GPCR जीवविज्ञान की प्रयोगशाला के प्रमुख हैं।
योगदान
डॉ शुक्ल जी प्रोटीन-युग्मित रिसेप्टर पर अपने अनुसंधान के लिए प्रसिद्ध हैं। प्रो अरुण कुमार शुक्ला प्रोटीन-युग्मित रिसेप्टर पर व्यापक अनुसंधान के लिए प्रसिद्ध हैं।
डॉ शुक्ल के शोध द्वारा बेहतर दवा प्रभावकारिता हेतु इन रिसेप्टर्स के आसान विनियमन के लिए विकसित किया गया है।
साथ ही उनके द्वारा IIT Kanpur के वैज्ञानिकों की एक दल को भी नेतृत्व किया। जिनके द्वारा विकसित नैनो मशीन द्वारा जीवित कोशिकाओं के अंदर होने वाली क्रियाओं के अध्ययन में मदद मिल सकती है।
इनके द्वारा विकसित तकनीक का इस्तेमाल बजार में उपलबद्ध कई दवाओं जैसे कि ओल्मेसार्टन, फेक्सोफेनाडाइन, प्रोपेनोलोल और मेटोप्रोलोल और टेल्मिसर्टन के साथ किया जा रहा है।
सम्मान व पुरस्कार
प्रो शुक्ला एक वेलकम ट्रस्ट-डीबीटी इंटरमीडिएट फेलो हैं। साथ ही वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के स्वर्ण जयंती फैलोशिप के प्राप्तकर्ता भी हैं।
बायो-साइंसेज में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा राष्ट्रीय बायोसाइंस अवार्ड प्रदान किया गया। साथ ही उन्हें भारत में विज्ञान के क्षेत्र में सर्वोच्च माने जाने शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
यह पुरस्कार उन्हें 2021 में जैविक विज्ञान में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया। इसके अलावा इन्हें निम्न पुरस्कार मिले।
- वर्ष 2017 – बी एम बिड़ला विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित
- वर्ष – 2017- EMBO यंग इन्वेस्टिगेटर अवार्ड
- वर्ष 2016 – NASI-यंग साइंटिस्ट प्लेटिनम जुबली अवार्ड (NASI) द्वारा
- वर्ष 2018 – सीडीआरआई अवार्ड
- वर्ष 2018 – भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा शकुंतला आमिर चंद पुरस्कार,
- वर्ष 2021 – शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार
- वर्ष 2022 – खोसला राष्ट्रीय पुरस्कार
प्रो अरुण कुमार शुक्ला CONTACT DETAILS :-
वर्तमान संबद्धता:-
जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर
कल्याणपुर
कानपुर – 208016
उत्तर प्रदेश,
Telephone :915124251
Fax :915124010
E-Mail:arshukla[at]iit[dot]ac[dot]in
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F.A.Q
प्रो अरुण कुमार शुक्ला कौन हैं?
डा. अरुण शुक्ला कानपुर स्थित IIT के बायोलाजिस्ट प्रोफेसर हैं। जिन्हें जीपीसीआर की संरचना, कार्य और विनियमन पर गहन शोध के लिए जाना जाता है।
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