नर्मदा नदी के बारे में संपूर्ण जानकारी | Information About Narmada river in Hindi

नर्मदा नदी के बारे में संपूर्ण जानकारी - Information About Narmada river in Hindi

नर्मदा नदी के बारे में संपूर्ण जानकारी – Information About Narmada river in Hindi

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नर्मदा नदी (Narmada river ) भारत में बहने वाली सबसे पवित्र नदी है। हिन्दु समुदाय में गंगा, गोदावरी और नर्मदा नदी का विशेष महत्व हैं। पुराणों में इस नदी को रेवा नाम से वर्णन किया गया है। इस कारण से नर्मदा नदी को रीवा नदी के नाम से भी जाना जाता है।

नर्मदा नदी भारतीय उपमहाद्वीप में बहने बाली पांचवीं सबसे लंबी नदी है। गोदावरी और कृष्णा नदी की तरह ही नर्मदा भी पूरी तरह से देश के भीतर बहने वाली तीसरी सबसे लंबी नदी कहलाती है।

भारत के मध्य प्रदेश राज्य में अपने अभूतपूर्व योगदान के कारण इसे “मध्य प्रदेश की जीवन रेखा” कहा जाता है। यह मैखाल पर्वत के अमरकंटक शिखर से निकलती हुई मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से गुजरती हुई खंभात की खाड़ी के पास अरब सागर में मिल जाती है।

नर्मदा नदी के बारे में संपूर्ण जानकारी - Information About Narmada river in Hindi
नर्मदा नदी के बारे में संपूर्ण जानकारी – Information About Narmada river in Hindi

इस नदी के किनारे भारत के कई शहर स्थित हैं। करोड़ों लोगों के आस्था का प्रतीक इस नदी के संरक्षण हेतु नर्मदा बचाओ आंदोलन (Narmada bachao andolan )भी चलाया गया।  आईये के लेख में भारत के प्रसिद्ध नर्मदा नदी के बारें में रोचक जानकारी प्राप्त करते हैं।

नर्मदा नदी की संक्षिप्त जानकारी – Brief Information about Narmada in Hindi

नर्मदा नदी का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश में अमरकंटक शिखर से
नर्मदा नदी की लंबाई 1312 किलोमीटर
नर्मदा के किनारे बसे प्रमुख शहर डिंडोरी, जबलपुर, हरदा, ओंकारेश्वर, बरवाहा, माहेश्वर, मांधाता, बरवानी, मांडला, भरूच, राजपीपल, धर्मपुरी, वडोदरा, राजकोट आदि।
नर्मदा की सहायक नदी बंजार नदी, शेर नदी, बुढ़नेर नदी, शक्कर नदी, दुधी नदी, तवा नदी, कावेरी नदी, हीरन नदी, कोलार नदी आदि।
मुहाना खंभात के खाड़ी, ‎अरब सागर

Narmada river history in hindi – नर्मदा नदी का इतिहास

इस नदी का वर्णन हिन्दू धर्म ग्रंथ वेदों और पुराणों में भी मिलता है। महान ऋषि वेद व्यास ने स्कन्द पुराण में नर्मदा नदी का जिक्र रेवा के नाम से किया है। कहा जाता है की इस नदी की उत्पत्ति देवो के देव महादेव अर्थात शिव जी के पसीने से हुआ है।

शिवजी के पसीने से 12 साल की कन्या की उत्पत्ति हुई जिसका नाम भगवान विष्णु ने ‘नर्मदा‘ रखा। कहते हैं की इस दिव्य कन्या ने हजारों साल तक कठोर तपस्या के बल पर भगवान सदा शिव से कई अनोखे वरदान प्राप्त किये।

वरदान में उन्होंने पाया की प्रलय में भी नर्मदा का नहीं होगा ‘नाश’। मान्यता है की इन्हें भगवान शिव से वर प्राप्त है।हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार नर्मदा नदी (narmada nadi ) का एक-एक कंकड़ का टुकड़ा पूजनीय होगा।

यह नदी पाप नाशिनी के रूप में युगों-युगों तक लोगों का पाप हरती रहेगी। मान्यता है नर्मदा के तट पर भगवान सदा शिव माता पार्वती के सहित वास करते हैं। जो भी तपस्वी, ऋषि मुनि नर्मदा के तट पर तपस्या करेंगे उन्हें सिद्धि प्राप्त होगी।

नर्मदा नदी का महत्व – About narmada river in hindi

माना जाता है की नर्मदा नदी में पायी जाने वाली हरेक कंकर शिवलिंग है। कहते हैं की नर्मदा रिवर के दर्शन मात्र से ही उतना फल मिल जाता है जितना की यमुना में सात बार, सरस्वती में तीन बार और गंगा नदी में एक बार स्नान करने से प्राप्त होती है। भारत की एकमात्र नदी जिसकी परिक्रमा की जाती हैं।

मध्यप्रदेश की जीवन रेखाNarmada river information in hindi

इस नदी की लंबाई 815 मील है। लंबाई की दृष्टिकोण से यह नदी मध्य भारत में बहने वाली भारत की पाँचवी सबसे बड़ी नदी है। नर्मदा नदी मध्यप्रदेश के कई जिलों से होकर गुजरती है।

यह नदी मध्यप्रदेश के लाखों लोगों के आजीविका मुहैया करती है। इस कारण इसे मध्यप्रदेश की जीवन रेखा के नाम से जाना जाता है। जहाँ सभी नदियां अपने उद्गम से निकालकर बंगाल की खाड़ी में सागर मे मिल जाती है।

वहीं नर्मदा नदी अपने उद्गम से निकालकर पूर्व से पश्चिम की तरफ बहती है इस कारण नर्मदा रिवर के बारे में कहा जाता है की यह नदी उलटी बहती है। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात होते हुए भरूच जिले के पास नर्मदा नदी खम्बात की खाड़ी में गिरती है।

नर्मदा नदी का उद्गम स्थल – origin of narmada river in hindi

भारत के इस पवित्र-पावन नर्मदा नदी का उद्गम मध्यप्रदेश में मैकल पर्वत के अमरकंटक के पास है। नर्मदा नदी अपने उद्गम से निकलने के बाद कपिलधारा नामक जलप्रपात बनाते हुए आगे बढ़ती है। रास्ते में कई घुमावदार मोड़ और घने जंगल और चट्टानों को चीरते हुए जबलपुर पहुंची है।

यह नदी अमरकंटक से निकलकर करीब 1300 किलोमीटर से ज्यादा की लंबी दूरी तय करती हैं। अंत में यह गुजरात में खंबात की खाड़ी के पास सागर में समा जाती है।

नर्मदा नदी की कहानी – Narmada river story in hindi

इस नदी के बारे में कई कहानी प्रचिलित हैं। कहा जाता है की नर्मदा जिसका एक नाम रेवा भी है। एक अन्य मान्यता के अनुसार रेवा अर्थात नर्मदा राजा मैखल की कन्या थी। जब नर्मदा बड़ी हुई तब राजा मैखाल ने अपनी बेटी के शादी के लिए एक शर्त रखी।

उन्होंने कहा की उनकी बेटी के लिए एक बिशेष प्रकार पुष्प लाकर भेंट करेगा। उसी के साथ उनकी बेटी नर्मदा की शादी होगी। कई सारे राजकुमारों ने कोशिस की लेकिन सफल नहीं हो सके। अंत में सोनभद्र ने नर्मदा को वह विशेष फूल गुलबकावली भेंट करने में सफल हो गए।

शर्त के अनुसार नर्मदा और सोनभद्र की शादी पक्की हो गई। शादी के ठीक पहले नर्मदा की सखी जूहीला ने धोखे से सोनभद्र को अपना लिया। जब इस बात का पता नर्मदा को चला तब वे बहुत ही क्रोधित हुई।

तभी उन्होंने आजीवन कुंवारी ही रहने की ठान ली और गुस्से में उलटे दिशा में चल पड़ी। तभी नर्मदा बंगाल की खाड़ी में मिलने के बजाय पश्चिम दिशा में चलते हुए अरब सागर में समाहित हो गई।

नर्मदा नदी के बारें में रोचक बातें

नर्मदा नदी अन्य नदी की तुलना में विपरीत दिशा में पूर्व से पश्चिम की तरफ बहती है।

भारत की अधिकांश नदी जहाँ बंगाल की खाड़ी में गिरती है वहीं नर्मदा अरव सागर में गिरती है।

नर्मदा नदी को भारत की प्राचीन और सात पवित्र नदी में से एक माना जाता है।

नर्मदा नदी का उद्गम मध्य प्रदेश का अमर कंटक है जो हिन्दी धर्म का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है।

पुराणों में नर्मदा का जिक्र पाताल नदी के रूप में मिलता है। कहते हैं की प्रलय काल में इसका नशा नहीं होगा।

नर्मदा नदी डेल्टा क्यों नहीं बनती है(narmada river information in hindi)

नदियाँ डेल्टा तब बनाती हैं जब नदियाँ अपने जल धारा के साथ बहाकर लाने वाली मिट्टी को एक जगह जमा कर देती हैं। नदियों के जल धारा का समुद्र में विलीन होने से पूर्व गति मन्द पड़ जाता है जिससे डेल्टा का निर्माण होता है।

लेकिन नर्मदा नदी के साथ इस तरह की बाद नहीं पाई जाती है। इस नदी के तेज परवाह के कारण डेल्टा का निर्माण नहीं हो पाता है। यही कारण है की नर्मदा नदी डेल्टा नहीं बनाती है।

नर्मदा नदी मध्यप्रदेश के कितने जिलों से होकर गुजरती है (narmada goes through how many district)

नर्मदा नदी मध्य भारत में अमरकंटक से निकलकर 1077 किमी का लंबा सफर तय करते हुए अरव सागर में समा जाती है। इस दौरान नर्मदा नदी मध्यप्रदेश के करीब 16 जिलों से होकर गुजरती है। इस प्रमुख जिलों में खण्डवा, खरगोनशहडोल, मण्डला, होशंगाबाद, जबलपुर और नरसिंहपुर का नाम शामिल है।

नर्मदा नदी किन राज्यों से होकर गुजरती है-narmada flows through which states

नर्मदा नदी मध्य भारत में अमरकंटक से निकलकर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात होते हुए अरव सागर में मिल जाती है। इस प्रकार कहा जा सकता है की नर्मदा नदी भारत के दो राज्यों से होकर गुजरती है।

नर्मदा नदी क्यों उलटी बहती है?

नर्मदा नदी भारत के मध्यप्रदेश के मैखल पर्वत के अमरकंटक चोटी से निकलती है। यह नदी वहाँ से निकलकर मध्य प्रदेश और गुजरात होते हुए समुन्द्र में मिल जाती है।

नर्मदा नदी उलटी बहती है इसका भौगोलिक कारण इसका रिफ्ट वैली में होना माना जाता है। इसकी ढाल पूर्व से पश्चिम की ओर है। यही कारण है की नर्मदा का बहाव अन्य नदी से उलटी दिशा में पूर्व से पश्चिम की ओर है।

नर्मदा किसकी बेटी थी?

एक पौराणिक कविदंती के अनुसार नर्मदा राजा मैखल की बेटी थी।

नर्मदा नदी पर कौन सा बांध है?

नर्मदा नदी पर दो प्रमुख बांध है। एक मध्य प्रदेश के जबलपुर के पास बरगी बांध है तथा दूसरा गुजरात में स्थित सरदार सरोवर बांध है।

नर्मदा नदी का उद्गम कहां से है?

नर्मदा नदी का उद्गम मध्य प्रदेश में स्थित मैकाल पर्वत के अमरकंटक शिखर को माना जाता है। इस प्रकार नर्मदा अमरकंटक से निकलती है और पूरब से पश्चिम की तरफ बहती हुई खम्बात की खाड़ी में मिल जाती है।

इन्हें भी पढ़ें – यमुना नदी के बारें में सम्पूर्ण जानकारी

नर्मदा नदी के बारे में संपूर्ण जानकारी | Information About Narmada river in Hindi
नर्मदा नदी का नक्शा – narmada river route map

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बाहरी कड़ियाँ External links

नर्मदा नदी – विकिपीडिया

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