यमुना नदी के बारे में जानकारी – Information about yamuna river in hindi
यमुना नदी (Yamuna River) भारत की एक सबसे प्रसिद्ध और पवित्र नदी मानी जाती है। हिन्दू धर्म ग्रंथों में भी इस नदी का वर्णन मिलता है। यमुना नदी भारत में बहने वाली सबसे लंबी नदी मानी जाती है।
जो प्रयागराज में गंगा में मिल जाती है। जिस जगह पर यमुना नदी गंगा में मिलती है। वह स्थल संगम के नाम से जाना जाता है। जहाँ प्रतिवर्ष लाखों लोग पवित्र स्नान करते हैं। इस स्थल पर विश्व प्रसिद्ध कुम्भ का मेला का आयोजन किया जाता है।
जहाँ करोड़ों लोग आस्था की डुबकी लगाते हैं। महाभारत में भगवान कृष्ण का नाम भी इस नदी से जुड़ा है। यमुना के किनारे खेलते हुए उनकी गेंद यमुना के नदी में डूब गया था। तब उहोने यमुना में कूद पड़े थे।
इस प्रकार भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं से लेकर बड़े होने तक कितनी ही बातें यमुना नदी से जुड़ी है। इस लेख में यमुना नदी के उद्गम स्तग़ाल, लंबाई, आध्यात्मिक महत्व आदि का विस्तार से वर्णन किया गया है।
यमुना नदी के बारे में संक्षिप्त जानकारी –
यमुना का उद्गम – | यमुनोत्री |
यमुना नदी के किनारे बसे शहर | दिल्ली, आगरा |
राज्य | उतरांचल और उत्तर प्रदेश |
यमुना नदी की लंबाई | 1376 की मी |
मुहाना | त्रिवेणी संगम, प्रयागराज |
यमुना नदी का महत्व (yamuna nadi ka mahatva )
यमुना नदी से भारत के करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। हिन्दू समुदाय के लिए यमुना एक पवित्र नदी ही नहीं बल्कि माँ की तरह पूजनीय है। कहा जाता है की इस नदी में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं।
खास अवसर पर इस नदी में लाखों लोग स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं। यमुनोत्री जहाँ से यमुना नदी की उत्पत्ति होती है, धार्मिक महत्त्व के कारण काफी प्रसिद्ध है।
धार्मिक कथाओं के अनुसार यमुना के भाई मृत्यु के देव यमराज हैं अर्थात यमुना यमराज की बहन है। कहते है की यमराज ने अपनी बहन यमुना को वरदान दिया था कि यमुना में स्नान करने वालों को यमलोक से मुक्ति मिलेगी।
यमुना नदी से जुड़ी कुछ धार्मिक मान्यतायें – story of yamuna river in hindi
कहते हैं की जब सती अपने पिता दक्ष प्रजापति द्वारा अपने पति भगवान शंकर का अपमान देखा। तब उन्होंने अग्नि कुंड में कूदकर अपनी जान दे दी। तब भगवान शंकर सती के अधजले शरीर को लेकर गुस्से में तांडव करने लगे।
तब यमुना ने ही उन्हें शांत किया जिसकी वजह से नदी का रंग काला हो गया। व्यपार की दृष्टि से भी यह नदी सदियाँ से खास रहा है। साथ ही यह नदी लोगों के जीवन यापन का भी प्रमुख साधन रहा है।
भारत के इस प्रसिद्ध नदी यमुना का जिक्र वेदों में भी मिलता है। चार वेदों में प्रसिद्ध ऋग्वेद में यमुना का उल्लेख कई वार किया गया है। ऐसा वर्णन मिलता है की यमुना नदी का जल भगवान शंकर के कारण ही काला हो गया।
तभी तो दिल्ली और आगरा जैसे शहर इस नदी के किनारे फुले फले। यह नदी दिल्ली और आगरा जैसे बड़े शहरों को पीने का जल मुहैया कराती है।
यमुना नदी के बारे में जानकारी – Yamuna river information in Hindi
यमुना नदी की लंबाई करीब 1350 किलो मीटर है। इसकी गिनती गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी में की जाती है। इस नदी के किनारे भारत की राजधानी दिल्ली बसी है।
साथ ही विश्व प्रसिद्ध आगरा का ताजमहल इसी यमुना नदी के किनारे ही अवस्थित है। यह नदी हिमालय से निकलने के बाद मैदानी भाग होते हुए इलाहाबाद में जाकर गंगा नदी में समा जाती है।
यमुना नदी का उद्गम स्थल – About Yamuna nadi in Hindi
यमुना नदी का उद्गम स्थान (yamuna origin) हिमालय में उत्तरकाशी से करीब 30 किलोमीटर दूर यमुनोत्री के पास स्थित है। जहाँ से यमुना नदी का उद्गम होता है यह स्थान हिन्दू धर्म में तीर्थ के समान है।
यमुना नदी (yamuna nadi) को गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी के रूप में जानी जाती है। यमुना नदी भारत के उत्तराखंड राज्य के गंगोत्री से निकलती है।
यह नदी हिमालय से चलकर लगभग 1350 किलो मीटर की दूरी करते हुए प्रयागराज में गंगा में समाहित हो जाती है।
यमुना नदी के अन्य नाम – Other name of Yamuna river in Hindi
- कलिंदजा
- कालिंदी
यमुना नदी की सहायक नदियां – Yamuna ki sahayak nadi in Hindi
यमुना नदी भारत की सबसे पवित्र नदी में से एक है। यमुना नदी का हिमालय से निकलकर प्रयागराज में संगम के पास मिलने तक इनमें कई छोटी -छोटी नदियां रास्ते में मिल जाती है। यमुना नदी की प्रमुख सहायक नदियों में छोटी सिन्धु, चम्बल, सेंगर, केन और बेतवा प्रसिद्ध हैं।
यमुना नदी के किनारे स्थित प्रमुख स्थल
प्राचीन काल से इस नदी के किनारे अनेकों शहर फले फुले। यमुना के किनारे बसे शहरों में हमीरपुर, कालपी, दिल्ली, मथुरा, ब्रज, आगरा, इटावा और प्रयागराज प्रसिद्ध है। यमुना नदी भारत के उत्तराखंड राज्य से निकलती है।
यमुना नदी दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दिल्ली को महानगर के रूप में विकसित होने मे कहीं न कहीं यमुना नदी का भी हाथ है। दुनियाँ के साथ आश्चर्य में से एक ताजमहल यमुना नदी के किनारे ही स्थित है।
यमुना नदी की संरक्षण की जरूरत
यमुना नदी का धार्मिक और आर्थिक दोनों दृष्टि से हमारे लिए महत्वपूर्ण है। यह जहाँ अपने तट पर बसे अपार जनसमूह को पीने का जल आपूर्ति करती है। वहीं खेतों में सिचाई के लिए भी जल उपलब्ध करती है।
इस करना हम सब का दायित्व बनता है की इस नदी के संरक्षण के प्रति कड़ाई से ध्यान दिया जाय। इस प्रदूषित होने से बचाने के लिए ठोस कदम उठायें जाएं। नहीं तो वह दिन दूर नहीं यह नदी भी आने वाले समय में सरस्वती नदी की तरह ही विलुप्त हो जाय।
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यमुना नदी धरती पर कैसे आई?
यमुना नदी हिमालय के यमुनोत्री से निकलकर हमीरपुर, कालपी, दिल्ली, मथुरा, ब्रज, आगरा और इटावा होते हुए प्रयागराज में गंगा में मिल जाती है।
यमुना नदी पर कितने बांध है?
यमुना नदी की सहायक नदी पर तीन बाँध रेणुका डैम, लखवाड डैम और किशाऊ डैम पर काम चल रहा है।
यमुना नदी की लंबाई कितनी है?
यमुना नदी की लंबाई 1376 किलो मीटर के लगभग है।
यमुना नदी का उद्गम कहाँ से होता है?
यमुना नदी का उद्गम जिस स्थान से होता है वह यमुनोत्री के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है की यमुनोत्री गए विना यमुना की तीर्थ यात्रा अधूरी मानी जाती है।
यमुना नदी कहाँ बहती है?
यमुना नदी यमुनोत्री से निकलकर हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली होतए हुए उत्तरपदेश के प्रयागराज में गंगा में मिल जाती है।
यमुना नदी का दूसरा नाम क्या है?
यमुना नदी का दूसरा नाम जमुना, कलिंदजा’ और कालिंदी भी है। यमुना नदी अपने उद्गम यमुनोत्री से निकल कर कई शहरों और मैदानों को चीरते हुए प्रयागराज में गंगा में मिल जाती है।
कहा जाता है की इसके उद्गम से सटी एक चोटी का नाम बन्दरपुच्छ है। बन्दरपुच्छ को सुमेरु भी कहते हैं, जिसकी ऊंचाई 6500 मीटर है। इसी सुमेरु के एक हिस्सा का नाम ‘कलिंद‘ है। इस कारण यमुना को कालिंदी नाम से भी जाना है।
यमुना नदी के बारे में जानकारी (Information about Yamuna river in Hindi) आपको कैसी लगी अपने कमेंट्स से अवगत कराएं।
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- yamuna river wikipedia in hindi
- Yamuna River, India, Map, Cities, & Origin | Britannica