मशहूर अभिनेत्री वहीदा रहमान को दादा साहब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। भारत का सर्वोच्च फिल्म सम्मान से सम्मानित करने के लिए केन्द्रीय मंत्रालय की तरफ से आज ऐलान किया गया।
वहीदा रहमान ने हिन्दी फिल्मों में कई यादगार फिल्में बनाई। उनके यादगार फिल्मों में ‘प्यासा, कागज के फूल, चौदहवीं का चांद, गाइड जैसी फिल्में रही है।
जिसमें उन्होंने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को खूब प्रभावित किया। उनकी जोड़ी अपने समय के सदाबहार हीरो के नाम से प्रसिद्ध देवानंद जी के साथ खूब जमी। उन्होंने देवानंद के साथ गाइड जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से लोगों के दिलों पर राज की।
वहीदा रहमान को इस पुरस्कार से पहल भारत के प्रसिद्ध नागरिक सम्मान पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।
Dadasaheb Phalke Award 2023 की घोषणा
60 के दशक में हिन्दी फिल्मों में अपनी दमदार अदाकारी से लाखों दिलों पर अपने अभिनय का छाप छोड़ने वाली अभिनेत्री वहीदा रहमान को भला कोन नहीं जनता।
भारतीय सिनेमा में उनके अमूल्य योगदान के लिए सिनेमा जगत के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार के लिए चुना गया है। मंगलबार 26 सितंबर 2023 को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यह घोषणा की।
मशहूर अभिनेत्री वहीदा रहमान को दादा साहब फाल्के अवार्ड
अभिनेत्री वहीदा रहमान को दादा साहब फाल्के सम्मान का एलान करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “मुझे बताते हुए बेहद खुशी हो रही है की इस साल प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिए वहीदा रहमान जी को चुना गया है।
दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड पाने वाली 8वीं महिला कलाकार
इस वर्ष का दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड वहीदा रहमान को मिलेगा। इस बात की IB मंत्री अनुराग ठाकुर ने किया ऐलान। इस ऐलान के साथ यह सम्मान पाने वाली वहीदा रहमान 8वीं महिला कलाकार होंगी।
इस अवॉर्ड के 54 साल के इतिहास में अब तक केवल 7 ही महिला कलाकार को यह सम्मान मिला है। दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित होने वाली सबसे पहली अभिनेत्री देविका रानी थी।
उसके बाद यह सम्मान रूबी मेयर्स, कानन देवी, दुर्गा खोटे, लता मंगेशकर, आशा भोंसले और आशा पारेख को प्रदान किया गया था।
देवानंद को भी मिला था यह सम्मान
आज 26 सितंबर को हिंदी फ़िल्मों के सदाबहार हीरो देवानंद जी का 100वां जन्म दिन है। इस दिन 26 सितंबर 1923 को देवानंद जी का जन्म अविभाजित भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था।
उन्हें वर्ष 2002 में भारतीय सिनेमा जगत का सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया गया था।
दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड की शुरुआत 1969 में हुई
भारतीय सिनेमा जगत में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। इस आवर्ड की शुरुआत ‘भारतीय सिनेमा के जनक’ माने जाने वाले महान फिल्मकार धुंडीराज गोविंद फाल्के के नाम पर शुरू हुआ।
हमारे देश में दादासाहेब ने ही वर्ष 1913 में पहली फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ बनायी थी। उन्हें लोग स्नेह से दादासाहेब फाल्के के नाम से बुलाते थे। उनके सम्मान में ही इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1969 में हुई थी।
इस प्रसिद्ध अवॉर्ड को भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान करने वाले कलाकार को प्रदान किया जाता है। दादासाहेब फाल्के पुरस्कार के अंतर्गत 10 लाख रुपए नकद सहित एक ‘स्वर्ण कमल’, प्रमाण पत्र और शॉल भेंट किया जाता है।
Waheeda Rehman संक्षिप्त जीवन परिचय
मशहूर अभिनेत्री वहीदा रहमान का जन्म जन्म 3 फरवरी 1938 को तमिलनाडु में एक संभ्रांत तमिल परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्हें अभिनय नृत्य का शौक था। उन्हें भरत नाट्यम में निपुणता हासिल है।
प्रसिद्ध फिल्में
उन्होंने अपने अभिनय की शुरुआत एक तेलुगु फिल्म ‘रोजुलु मारायी’ में एक नृत्यांगना बाल कलाकार के रूप में थी। उसके बाद उन्हें फिल्म सी.आई.डी. में मुख्य भूमिका मिली। दी। इस फिल्म के सफलता के बाद उन्होनें की की क्लासिक फिल्मों में काम किया।
इनमें उनकी यादगार फिल्म प्यासा, कागज के फूल, साहिब बीबी और गुलाम, चौदहवीं का चांद आदि प्रसिद्ध हैं। प्रसिद्ध अभिनेता देवानंद के साथ फिल्मों में उनकी जोड़ी को लोगों ने खूब पसंद किया।
इसके अलावा उन्होंने सोलवा साल, काला बाजार, बात एक रात की, गाइड, रूप की रानी चोरों का राजा, प्रेम पुजारी और नील कमल में उन्होंने दमदार अभिनय किया।
इसके अलावा उनकी कसम (1966), राम और श्याम (1967), पत्थर के सनम (1967) एक फूल चार कांटे, मुझे जीने दो, मेरी भाभी और दर्पण, रेशमा और शेरा (1971) जैसी हिट फिल्में भी शामिल हैं।
सम्मान और पुरस्कार
उन्हें वर्ष 1965 में ‘गाइड’ और 1968 में ‘नील कमल’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्राप्त हुआ। वहीदा रहमान को वहीं उनकी फिल्म रेश्मा और शेरा के लिए वर्ष 1971 में बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित क्वाकिया गया।
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