आर्कमिडीज का जीवन परिचय, सिद्धांत, की जीवनी, Archimedes biography in Hindi, archimedes ka Siddhant, Archimedes principle in hindi, आर्कमिडीज का सिद्धांत in english
आर्कमिडीज की जीवनी – Archimedes biography in Hindi
आर्किमिडीज़ एक उत्कृष्ट प्राचीन यूनानी गणितज्ञ, भौतिक विज्ञानी और खगोलशास्त्री थे। हालांकि इस प्राचीन वैज्ञानिक के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन उन्हें अपने समय के सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों में गिनती की जाती है।
उन्होंने गणित और भौतिकी विज्ञान में विशेष रूप से कार्य किया। अपने जीवन काल में कई कई अविश्वसनीय आविष्कार किए। उन्होंने स्क्रू पंप, कंपाउंड पुली आदि मशीनों का डिजाइन किया।
साथ ही उन्होंने ही सबसे पहले पता लगाया था की को कोई पिंड पानी के सतह पर क्यों तैरती है, क्यों डूब जाती है। इसी तथ्य को सुलझाने के लिए उन्होंने जो सिद्धांत दिया वह archimedes ka Siddhant के रूप में प्रसिद्ध हुआ।
उन्होंने अपने सिद्धांत को यूनान के राज दरवार में भी प्रतिपादित कर दिखाया था। जब राजा ने उन्हें सोने की मुकुट में मिलावट का पता लगाने की जिम्मेवारी सौंपी थी। राजा चाहते थे की सोने के मुकुट को बिना तोड़े उसकी शुद्धता का पता लगाया जाय।
इस बात को उन्होंने एक वर्तन में पानी भरकर उसमें सोने के मुकुट को डुबाकर उसकी शुद्धता का पता लगाया था।
आर्कमिडीज के बारें में जानकारी संक्षेप में
आर्कमिडीज का जन्म – 287 ई.पू |
आर्कमिडीज का जन्म स्थान – ग्रीस, सिरैक्यूज़, इटली |
पिता का नाम – फीडायस(Phidias) |
प्रसिद्धि – गणितज्ञ, भौतिक विज्ञानी और खगोलशास्त्री |
आर्कमिडीज की मृत्यु – 212 ई.पू, सिरैक्यूज़, इटली |
आविष्कार – आर्किमिडीज का सिद्धांत, आर्किमिडीज का पेंच, हाइड्रोस्टैटिक्स, लीवर, |
आर्कमिडीज का जीवन परिचय – About Archimedes biography in Hindi
आर्कमिडीज का जन्म ईसा पूर्व 287 में यूनान के सिसिली द्वीप पर सायराक्यूज नामक नगर में हुआ था। उनके पिता का नाम फीडायस(Phidias) था। कहा जाता है आर्कमिडीज की सम्पूर्ण शिक्षा अलेक्जेड्रिया में सम्मान हुई।
इन्हें महान वैज्ञानिक यूक्लिड के शिष्य माने जाते हैं। आर्कमिडीज द्वारा प्रतिपादित सापेक्षित घनत्व के सिद्धान्त प्रसिद्ध है। archimedes ka siddhant आज भी स्कूलों के पाठकर्म में सम्मिलित है।
उन्होंने अपने सिद्धांत द्वारा यह प्रतिपादित किया कि जब कोई पिंड पानी में तैरती या डुबोई जाती है, तो उसमें उत्प्लावक बल कार्य करते है। उत्प्लावक बल वस्तुओं द्वारा हटाए गए द्रव के गुरुत्व-केंद्र पर कार्य करता है।
द्रव के इस गुरुत्व-केंद्र को उत्प्लावक केंद्र (center of buoyancy) कहते हैं। इस प्रकार उन्होंने भौतिकी विज्ञान के क्षेत्र में कई अहम सिद्धांत का प्रतिपादन किया।
आर्कमिडीज से जुड़ी कहानी – story of Archimedes in Hindi
एक बार की बात है साइराक्यूज के राजा ने सुनार से सोने का एक मुकुट बनवाया। मुकुट देखने में अत्यंत ही सुंदर था। लेकिन राजा को मुकुट के सोने में कुछ मिलावट का संदेह लग रहा था।
राजा का दरवार लगाया गया और दरवार में राजा ना कहा की इस मुकुट को बिना तोड़े हमें इसकी शुद्धता की जांच करवानी है। कोई भी आदमी मुकुट को तोड़े बिना उसकी मिलावट के बारें में बताने में असमर्थ था।
अंत में यह काम राज्य के प्रसिद्ध वैज्ञानिक आर्कमिडीज को सौंपा गया। आर्कमिडीज के लिए सोने के मुकुट को बिना तोड़े उसमें मिलावट का पता लगाना एक चुनौती थी।
आर्कमिडीज इस समस्या के समाधान के लिए दिन-रात सोचने लगा। एक दिन की बात है पानी से भरे तब में स्नान करते समय उन्होंने एक बात नोटिस की। उन्होंने पाया की पानी से भरे हुए टब में स्नान के लिए घुसने पर उसमें से कुछ पानी बाहर निकल जाता है।
इस घटना ने उन्हें समस्या का हल बता दिया। वे खुशी के मारे यूरेका-यूरेका चिल्लाने लगे। यूरेका का मतलब होता है- खोज लिया। वे राजदरवार गए और वहाँ एक तब को पानी से पूरी तरह भर दिया गया।
पानी से भरे इस तब में उन्होंने सोने के मुकुट को डाल दिया। मुकुट डालने से जितना पानी तब से गिरा उसे माप लिया गया। उसके बाद उन्होंने मुकुट के बराबर वजन का सोना लिया।
तब को फिर से पूरा पानी से भरकर उसमें सोने को डुबाया गया और गिरे हुए जल को मापा गया। आर्कमिडीज ने पाया की गिरे हुए पानी की माप दोनों बार एक समान नहीं है। इस प्रकार उन्होंने यह सिद्ध कर दिया की इस मुकुट के सोने में मिलावट है।
आर्कमिडीज का सिद्धांत – Archimedes ka Siddhant in Hindi
आर्कमिडीज का सिद्धांत ने किसी पिंड का जल में डूबने, तैरने व जल के सतह पर चलने का कारण बताता है। आर्कमिडीज के दिमाग में एक बात आई की कोई बस्तु पानी में डूब क्यों जाती है।
फिर कुछ बस्तु पानी में नहीं डूबती। बल्कि वह पानी की सतह तैरती है क्यों। तभी उन्होंने इसके कारण जानने की कोशिस में लग गया। अपने गहन अनुसंधान के द्वारा उन्होंने इसके कारण का पता लगाने में सफलता हासिल की।
उनका यह तैरने का सिद्धांत ही आर्कमिडीज का सिद्धांत(archimedes principle) के नाम से जाना गया।
Archimedes principle in Hindi
जब कोई पिंड किसी द्रव में पूरी तरह अथवा आंशिक रूप से डुबाई जाती है, तो उसके भार में कमी का आभास होता है। भार में यह आभासी कमी वस्त द्वारा विस्थापित कीये गए द्रव के भार के समान होती है।
आर्कमिडीज का सिद्धांत in english –
The upward buoyant force that is exerted on any body submerged in fluid, whether partially or fully submerged, is always equal to the weight of the fluid (gas or liquid) that the body displaces and acts in the upward side at the center of mass of the displaced fluid.
प्लवन (Flotation) का नियम :
भौतिक विज्ञानी आर्कमिडीज ने प्लवन के सिद्धांत का प्रतिपादन किया जो इस प्रकार है।
- संतुलित अवस्था में तैरने पर पिंड अपने वजन के समान द्रव विस्थापित करती हैं.
- ठोस का गुरुत्व केंद्र तथा उनके द्वारा हटाए गए द्रव का गुरुत्व केंद्र दोनों, एक ही उर्ध्वाधर रेखा में होना चाहिए।
आर्किमिडीज सिद्धांत के उपयोग – Use of Archimedes principle in Hindi
- यह पदार्थों का आपेक्षिक घनत्व ज्ञात करने में सहायक सिद्ध होता है।
- जहाजों और पनडुब्बी के डिजाइन बनाने में या सिद्धांत उपयोगी है।
- लेक्टोमीटर द्वारा दूध की शुद्धता मापने के समय
- हाईडरो मीटर द्वारा द्रव का घनत्व ज्ञात करते बक्त
आर्कमिडीज का सिद्धांत के उदाहरण
लोहे की कील पानी में डूब जाती है लेकिन लोहे का बना बड़ा जहाज पानी में तैरता है।
आर्कमिडीज प्रिंसिपल स्टोरी इन हिंदी
यूनानी गणितज्ञ आर्कमिडीज द्वारा प्रतिपादित archimedes ka Siddhant से जुड़ी एक प्रसिद्ध कहानी है। इस कहानी में यह वर्णन किया गया है की किस प्रकार उन्होंने इस महानतम खोज की थी।
जब उन्होंने archimedes ka Siddhant की खोज की थी तब खुसी से वे झूम उठे थे। उन्होंने नंगे पैर यूरेका-यूरेका चिल्लाता हुआ घूमने लगा। यूरेका का यूनानी भाषा में मतलब है – खोज लिया या मिल गया।
इस प्रसिद्ध archimedes ka Siddhant का उन्हें टब में नहाते समय ज्ञात हुआ। जब वह जल से पूरी तरह भरे टब में नहाने के लिए उतरा तो कुछ पानी टब से बाहर जा गिरा। इस घटना ने उनकी आखें खोल दी।
इस प्रकार आर्कमिडीज के सिद्धांत की रचना हुई। उन्होंने कहा था “मुझे एक पर्याप्त लंबा लीवर (उत्तोलून दंड) और उसे लगाने के लिए आलंब दो, और मैं दुनिया को हिला दें।”
आर्कमिडीज का निधन
कहा जाता है की रोम के द्वारा यूनान को अपने कब्जे में लेने के बाद वे बहुत दुखी हुए। एक दिन वे बालू के टीले पर बैठकर कुछ सोच रहे थे। तभी रोम के एक सिपाही उनके पास आया और अपने साथ ले जाने लगे।
लेकिन आर्कमिडीज ने जाने से मना कर दिया। फलत रोम के सिपाही ने उनकी हत्या कर दी। इस प्रकार महान वैज्ञानिक आर्कमिडीज का निधन ईसा पूर्व 212 ईस्वी में हो गई।
F.A.Q
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आर्किमिडीज सिद्धांत के दो उपयोग लिखिए?
1. बड़े बड़े पानी के जहाज और पनडुब्बी बनाने में मदद
2. दूध की शुद्धता नापने में सहायक -
आर्कमिडीज का क्या सिद्धांत है?
आर्कमिडीज का सिद्धांत यह बताता है की को बस्तु क्यों तरल में डूबती है, क्यों डूब जाता है।
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आर्किमिडीज किस देश और कहाँ के थे?
महान वैज्ञानिक आर्कमिडीज यूनान देश के सायराक्यूज नामक नगर के थे।
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आर्कमिडीज का जन्म कब हुआ था?
आर्कमिडीज का जन्म 276 ईसा पूर्व यूनान में माना जाता है।
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आर्कमिडीज कहां के वैज्ञानिक थे?
प्राचीन वैज्ञानिक आर्कमिडीज यूनान से थे। जिन्होंने पल्लवन से संबंधित आर्कमिडीज का सिद्धांत दिया।
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आपको आर्कमिडीज की जीवनी ( Archimedes biography in Hindi) कैसी लगी अपने सुझाव से अवगत करायें।