चित्तौड़गढ़ किले के बारे में 11 रोचक तथ्य – amazing facts about chittorgarh fort in hindi
इस लेख के माध्यम से चित्तौड़गढ़ किले के बारे में 11 रोचक तथ्य से हम लोग अवगत होंगे। चित्तौड़गढ़ के किला का इतिहास अत्यंत ही गौरवशाली रहा है। यह किला हमारे देश के वीर राजपूतों राजाओं के शौर्य और बलिदान का सबूत है।
चित्तौड़गढ़ किला राजपूत शासकों की वीरता और उनकी रानियों के अदम्य साहस की गाथा की याद दिलाता है। चित्तौड़गढ़ दुर्ग जिसे मेवाड़ की राजधानी के नाम से जाना जाता था। भारत के सबसे बड़े और प्राचीन किले में गिनती की जाती है।
राजस्थान के बेराच नदी के किनारे स्थित यह किला राजस्थान का गौरव कहलाता है। जिसे उनेस्को द्वारा 1913 में विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया।
Apna Chittorgarh Rajasthan Ka Kila – चित्तौड़ का इतिहास
1. चित्तौड़गढ़ का यह किला भारत के सबसे विशाल किलों में गिना जाता है। प्राचीन काल में यह किला मेवाड़ की राजधानी हुआ करती थी। इस किले का निर्माण 7 वीं शताब्दी में मौर्य शासकों द्धारा किया गया था।
2. इस विशाल किले का नाम मौर्य शासक चित्रांगदा मोरी के नाम पर चित्तौड़गढ़ रखा गया। आठवीं से 16वीं सदी तक यह किला मेबाड़ पर शासन करने वाले गहलोत और सिसोदिया राजवंशों का राजमहल हुआ करता था।
3. सन 1568 ईस्वी में भारत के इस पुराने और विशाल दुर्ग पर मुगल बादशाह अकबर ने अपना अधिकार जमाया था। एक किवंदती परचलित है कि, इस किले का निर्माण महाभारत काल में पांडु पुत्र भीम ने किया था।
4. लगभग 600 से अधिक एकड़ के भुभाग में फैले हुए विशालकाय दुर्ग को लेकरचित्तौड़गढ़ के इस विशाल किले के प्रांगण में लगभग 65 ऐतिहासिक और आकर्षक संरचनाएं मौजूद हैं।
5. इन संरचना में कई शानदार महल, आकर्षक मंदिर, सुंदर सरोवर आदि शामिल हैं। इस विशालकाय किले के परिसर में लगभग 84 बेहद सुंदर जल निकाय उपलबद्ध थे, जिनमें से वर्तमान में केबल 22 ही शेष हैं।
6. इस किले में प्रवेश के लिए 7 विशाल और ऊंचे प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। इस किले की चारदीवारी की उचाई इतनी है कि, दुश्मनों के द्वारा हाथी और ऊंट की मदद से भी इस किले के अंदर नहीं झाँका जा सकता था।
7. इस विशालकाय किले के परिसर के अंदर मंदिर, सुंदर महल और जलाशयों के अलावा दो स्तंभ भी मौजूद हैं जिनके नाम कीर्ति स्तंभ और विजय स्तंभ हैं। यह स्तम्भ राजपूत राजाओं के गौरवशाली इतिहास प्रतीक हैं।
8. इस किले की भव्यता, आर्कषण और गौरवशाली इतिहस के कारण वर्ष 2013 में इस किले को यूनेस्कों द्वारा विश्व विरासत की सूची में शामिल किया गया है। राजस्थान के अरावली पहाड़ी पर स्थित इस वृहदतम दुर्ग में प्रतिवर्ष ”जौहर मेले” का आयोजन किया जाता है।
9. यहॉं स्थित जौहर कुंड का एतिहासिक महत्व है। जब कोई राजा युद्ध में हार जाता था, तब रानियों और दासियां खुद को दुश्मन से बचाने तथा अपने मर्यादा की रक्षा के लिए जौहर कुंड (jauhar kund ) की अग्नि में कूदकर अपने प्राण न्योछावर कर देती थी।
10. भारत का यह सबसे वृहद दुर्ग राजपूत राजाओं के अदम्य साहस, शौर्य और बलिदान का प्रतीक है। चित्तौड़गढ़ के किले को बाहर से ऊंचे स्थान पर से देखने पर यह मछली का आकार जैसा प्रतीत होता है।
11. भारत का प्रसिद्ध किला, राजस्थान का गौरव माना जाता है। यह किला अपने अपनी अनूठी वास्तुकला, भव्यता एवं किले के परिसर निर्मित कई आर्कषक महल, स्तंभ, जलाशय,मंदिर के लिए जाना जाता है।
राजस्थान के यह ऐतिहासिक किला सड़क, वायु, रेल तीनों मार्गों से जुड़ा हुआ है। इस किले को देखने देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक आते हैं। सबसे निकटतम उदयपुर एयरपोर्ट है, जिसकी दूरी चित्तौड़गढ़ से लगभग 70 किमी है।
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