भारत के वीरता पुरस्कार(Gallantry Awards in Hindi) दुश्मन के सामने असाधारण बहादुरी और अदम्य साहस के कार्यों को के लिए प्रदान किया जाता है। भारत के वीरता पुरस्कार सरकार द्वारा वीर जवानों को प्रदान किए जाने वाले अलंकरणों का एक समूह है।
भारत में गैलेन्ट्री अवार्ड उन बहादुर सैनिकों को दिया जाने वाला प्रतिष्ठित सम्मान है जो युद्ध अथवा शांति काल में उल्लेखनीय साहस, बहादुरी और गरिमा का प्रदर्शन करते हैं।
ये सभी वीरता पुरस्कार न केवल उन बहादुर सैनिकों के प्रति सम्मान है बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणा के रूप में भी काम करते हैं। यह हमें अपने देश के लिए मर मिटने, साहस, बहादुरी और निस्वार्थता के महत्व को याद दिलाते हैं। यह पुरस्कार मरणोपरांत भी प्रदान किया जा सकता है।
भारत के वीरता पुरस्कार सम्पूर्ण जानकारी – Gallantry Awards in Hindi
1947 में भारत की आजादी के बाद भारत सरकार ने अपने सैनिकों के देश के लिए असाधारण योगदान को मान्यता देने के लिए कई वीरता पुरस्कारों की स्थापना की गई। इस क्रम में सरकार ने 26 जनवरी 1950 को तीन वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र की स्थापना की।
भारत के वीरता पुरस्कार भारतीय सेना का देश के प्रति अटूट समर्पण का प्रतीक है। इन पुरस्कारों के बाद भारत सरकार ने 4 जनवरी 1952 में तीन अन्य पदक अशोक चक्र वर्ग-1, अशोक चक्र वर्ग-2, और अशोक चक्र वर्ग-3 की स्थापना की।
आगे चलकर जनवरी 1967 में इन पुरस्कारों के नाम परिवर्तित कर क्रमश अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र कर दिया गया। वीरता पुरस्कार की स्थापना आजादी के बाद की गई थी। यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं।
फरवरी 2024 तक, भारत में 21 लोगों को परमवीर चक्र, 213 को महावीर चक्र, 1,335 को वीर चक्र, 98 को अशोक चक्र, 486 को कीर्ति चक्र और 2122 लोगों को शौर्य चक्र प्रदान किए जा चुके है। इस प्रकार 4275 लोगों को उपरोक्त सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
युद्धकाल में दिये जाने वाले सर्वोच्च वीरता सम्मान
- परम वीर चक्र (Param Vir Chakra)
- महावीर चक्र (Mahavir Chakra)
- वीर चक्र (Vir Chakra)
शांतिकाल में दिये जाने वाले पदक
- अशोक चक्र (Ashoka Chakra)
- कीर्ति चक्र (Kirti Chakra)
- शौर्य चक्र (Shaurya Chakra)
अन्य प्रमुख सैन्य पदक
- सेना पदक,
- नौ सेना पदक,
- वायु सेना पदक
इस लेख में हम भारत के छह सबसे प्रतिष्ठित वीरता पुरस्कार (Gallantry Awards) परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, शौर्य चक्र और कीर्ति चक्र के अलावा सेना मेडल, नौसेना मेडल और वायु सेना मेडल के बारें में विस्तार से जानेंगे।
परम वीर चक्र – Param Vir Chakra (PVC):
परमवीर चक्र भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान कहलाता है है जो सैनिकों द्वारा युद्ध के दौरान असाधारण वीरता और अदम्य साहस अथवा आत्मबलिदान करने वाले जावनों को दिया जाता है। यह पुरस्कार 26 जनवरी 1950 को स्थापित किया गया था, जिसे 1947 से ही प्रभावी माना गया।
इस पुरस्कार की स्थापना के बाद से अव तक 21 बहादुरों को यह सम्मान प्राप्त हो चुका। भारत का यह सर्वोच्च अलंकरण को USA के मेडल ऑफ ऑनर तथा UK के विक्टोरिया क्रॉस के बराबर है।
परमवीर चक्र के कुछ उल्लेखनीय प्राप्तकर्ताओं की बात करे तो इसके प्रथम प्राप्त करता मेजर सोमनाथ शर्मा (मरणोपरांत) थे। भारतीय वायु सेना के एक मात्र परमवीर चक्र विजेता फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों (मरणोपरांत) के नाम शामिल हैं।
इसके अलावा कैप्टन विक्रम बत्रा को 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान मरणोपरांत परमवीर चक्र प्रदान किया गया था।
महावीर चक्र – Mahavir Chakra (MVC):
महावीर चक्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार माना जाता है। भारत के दूसरे सबसे बड़े सैन्य अलंकरण को दुश्मन की उपस्थिति में विशिष्ट वीरता के कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है।
यह पुरस्कार हमारे वीर जवानों को जमीन पर, समुद्र में या हवा में असाधारण वीरता के साथ दुश्मन से मुकाबला हेतु प्रदान किया जाता है। 26 जनवरी 1950 में स्थापित भारत के वीरता पुरस्कार की घोषणा साल में दो बार की जाती है।
महावीर चक्र से सम्मानित प्राप्तकर्ताओं में मेजर जनरल राजिंदर सिंह (मरणोपरांत), मेजर जनरल अनंत सिंह और लेफ्टिनेंट कर्नल जसवन्त सिंह रावत (मरणोपरांत) के नाम शामिल हैं।
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वीर चक्र -Vir Chakra (VC):
वीर चक्र भारत का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। 26 जनवरी 1950 में स्थापित इस पुरस्कार को भी युद्ध के मैदान में दुश्मन के सामने बहादुरी के कार्यों के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार को संयुक्त राज्य अमेरिका में सिल्वर स्टार और यूनाइटेड किंगडम में मिलिट्री क्रॉस के बराबर माना जाता है।
वीर चक्र के कुछ उल्लेखनीय प्राप्तकर्ताओं की बात करें तो इसमें मेजर संदीप उन्नीकृष्णन (मरणोपरांत), कैप्टन अनुज नैय्यर (मरणोपरांत), और लेफ्टिनेंट कर्नल जसबीर सिंह रैना (मरणोपरांत) के नाम शामिल हैं।
अशोक चक्र (AC):
अशोक चक्र भारत में शांतिकाल का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है, जो युद्ध के मैदान से दूर वीरता, अदम्य साहस अथवा आत्म-बलिदान के लिए प्रदान किया जाता है।
4 जनवरी 1952 को स्थापित अशोक चक्र को संयुक्त राज्य अमेरिका में एयर फ़ोर्स क्रॉस और यूनाइटेड किंगडम में जॉर्ज क्रॉस के समतुल्य माना जाता है।
अशोक चक्र पाने वाले उल्लेखनीय लोगों में मेजर मोहित शर्मा (मरणोपरांत), मेजर संदीप उन्नीकृष्णन (मरणोपरांत), और कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया (मरणोपरांत) आदि के नाम शामिल हैं।
कीर्ति चक्र (KC):
कीर्ति चक्र भारत में शांतिकाल का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है, जो ज़मीन, समुद्र या हवा में बहादुरी या आत्म-बलिदान के कार्यों के प्रदान किया जाता है।
4 जनवरी 1952 को स्थापित कीर्ति चक्र के कुछ उल्लेखनीय प्राप्तकर्ताओं की बात करें तो इसमें मेजर मोहित शर्मा (मरणोपरांत), मेजर संदीप उन्नीकृष्णन (मरणोपरांत), और कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया (मरणोपरांत) आदि नाम शामिल हैं।
शौर्य चक्र (SC):
शौर्य चक्र भारत में शांतिकाल का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। यह सम्मान जमीन, समुद्र या हवा में बहादुरी या आत्म-बलिदान के प्रदान किया जा सकता है।
4 जनवरी 1952 को स्थापित शौर्य चक्र को संयुक्त राज्य अमेरिका में कांस्य स्टार और यूनाइटेड किंगडम में रानी के वीरता पदक के बराबर का दर्जा प्राप्त है। शौर्य चक्र के कुछ प्रमुख प्राप्तकर्ताओं में मेजर विवेक गुप्ता, मेजर मोहित शर्मा (मरणोपरांत), और कैप्टन अनुज नैय्यर (मरणोपरांत) के नाम शामिल हैं।
युद्ध/शांति के दौरान सेवा और पराक्रम के पुरस्कार
सेना पदक
सेना पदक को सेना के किसी भी रैंक के लोगों को अपने कर्तव्य के प्रति असाधारण समर्पण या साहस भरे कार्यों के लिए प्रदान किया किया जाता है। भारतीय सेना के लिए यह सम्मान विशेष महत्व रखते हैं।
सेना पदक को जीवित अथवा मरणोपरांत भी प्रदान किए जा सकते हैं। इस पदक का डिज़ाइन गोलाकार सेप में चांदी से निर्मित होता है। इसके रिवन बीच में एक पतली सिल्वर-ग्रे पट्टी के साथ लाल रंग की होती है।
नौसेना मेडल:
यह मेडल नौसेना के सभी रैंक के कर्मचारियों को उनके अपने कर्तव्य के प्रति असाधारण समर्पण या साहस प्रदान किया जाता है। किसी भी नौसैनिक के लिए यह मेडल बड़ा ही सम्मान और विशेष महत्व रखता है। नौसेना मेडल को जीवित अथवा मरणोपरांत दोनों अवस्था में दिये जा सकते हैं।
पदक और रिबन का डिज़ाइन व कलर की बात करे तो यह पदक सिल्वर से निर्मित होता है। जिसका रिबन गहरा नीला होता है जिसके बीच में सफेद पतली पट्टी होती है।
वायु सेना पदक
वायु सेना मेडल भी वायु सेना के किसी भी रैंक के सैनिकों को उनके अपने कर्तव्य के प्रति समर्पण, सेवा या साहस भरे कार्यों के लिए सम्मानित किया जाता है। वायु सैनिकों के लिए यह मेडल बहुत बड़े सम्मान की बात होती है।
अन्य मेडल की तरह वायु सेना मेडल क भी जीवित अथवा मरणोपरांत भी दिये जा सकते हैं। वायु सेना मेडल की डिजाइन अन्य सेना पदक से थोड़ा अलग होता है। यह पदक चांदी से निर्मित पांच नोक वाला सितारा के समान दिखता है। इसके रिवन पर केसरिया और ग्रे कलर की धारियों बनी होती है।
युद्ध के दौरान विशिष्ठ सेवा हेतु
- सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक
- उत्तम युद्ध सेवा पदक
- युद्ध सेवा पदक
शांति के दौरान विशिष्ठ सेवा हेतु
- परम विशिष्ट सेवा पदक
- अति विशिष्ट सेवा पदक
- विशिष्ट सेवा पदक
प्रति माह मिलने वाली भत्ता
वीरता पुरस्कार के नाम | पहले (रुपए प्रति माह) | संशोधित भत्ता दर (2017 से ) |
---|---|---|
परमवीर चक्र (PVC) | 10,000 | 20,000 |
अशोक चक्र (AC) | 6,000 | 12,000 |
महावीर चक्र (MVC) | 5,000 | 10,000 |
कीर्ति चक्र (KC) | 4,500 | 9,000 |
वीर चक्र (VrC) | 3,500 | 7,000 |
शौर्य चक्र (SC) | 3,000 | 6,000 |
सेना / नौ सेना / वायु सेना पदक (वीरता) | 1,000 | 2,000 |
निष्कर्ष(Conclusion)
इस प्रकार हमने देखा की भारत के यह छह वीरता पुरस्कार विपरीत परिस्थितियों में असाधारण बहादुरी और अदम्य साहस की सर्वोच्च मान्यता के लिए प्रदान किया जाता है।
असल में गैलेन्ट्री अवार्ड उन वीर जवानों के प्रति सम्मान प्रकट करना है, जिन्होंने अपने देश और देशबासियों की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, शौर्य चक्र और कीर्ति चक्र उन लोगों के द्वारा प्रदर्शित असाधारण साहस और वीरता का प्रतीक हैं।