आदिनाथ लाहिड़ी जीवन परिचय | Biography of Adinath Lahiri in hindi

वैज्ञानिक आदिनाथ लाहिड़ी जीवन परिचय - Biography of Adinath Lahiri in hindi

पूरा नाम : आदिनाथ लाहिडी
जन्म की तारीख : 24 अगस्ता 1916
जन्म स्थान : पश्चिम बंगाल, भारत
प्रसिद्धि – एक भूविज्ञानी के रूप में पत्नी का नाम श्रीमती कोहिनूर देवी
मृत्यु – 26 अगस्त 1975

वैज्ञानिक आदिनाथ लाहिड़ी जीवन परिचय – Biography of Adinath Lahiri in hindi

आदिनाथ लाहिड़ी का नाम भारत के प्रसिद्ध भू-रसायनज्ञ और ईंधन प्रौद्योगिकीविद् की सूची में शामिल है। धनबाद स्थित केंद्रीय ईंधन अनुसंधान संस्थान, (CARI) के विकास में इनका अहम योगदान रहा।

आज इस संस्थान की गिनती भारत के प्रमुख अनुसंधान संस्थानों में की जाती है। भारत सरकार ने उन्हें विज्ञान में अहम शोध तथा देश के विकास में योगदान के लिए पद्म श्री, पद्म भूषण से सम्मानित किया।

डॉ. आदिनाथ लाहिड़ी को विज्ञान के साथ-साथ बागवानी, फोटोग्राफी, चित्रकारी तथा शास्त्रीय संगीत में गहरी रुचि थी। अपने जीवन में उन्होंने अनेकों पी एच डी छात्रों का मार्गदर्शन किया।

डॉ. आदिनाथ लाहिड़ी के करीब 400 से अधिक शोधपत्र का प्रकाशन हो चुका है। उन्होंने अपने अनुसंधान और मेहनत से 50 से अधिक पेटेंट तैयार किए।  इनमें में कुछ का उद्योग जगत में सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा रहा है ।

वैज्ञानिक आदिनाथ लाहिड़ी जीवन परिचय - Biography of Adinath Lahiri in hindi
वैज्ञानिक आदिनाथ लाहिड़ी जीवन परिचय – Biography of Adinath Lahiri in hindi

आदिनाथ लाहिड़ी की जीवनी – Adinath Lahiri Biography in Hindi language

प्रारंभिक जीवन व शिक्षा दीक्षा

वैज्ञानिक आदिनाथ लाहिड़ी का जन्म ब्रिटिश इंडिया में 24 अगस्त 1916 को बंगाल में हुआ था। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की। बाद में इन्होंने इसी विश्वविद्यालय से सन 1938 में स्नातकोतर की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की।

अपने प्रतिभा के वल पर वे Sir Palit Foreign Fellowship छात्रवृत्ति पाने में सफल हुए। इस प्रकार वे उच्च शिक्षा के लिए लंदन चले गए। इंगलेंड में उन्हें लंदन विश्वविद्यालय के इंपीरियल कॉलेज में दाखिला मिला।

यहाँ उन्होंने प्रो. एच. एच. रोड के मार्गदर्शन में जिओ रसायन मे शोध किया। इस प्रकार सन् 1941 में लंदन विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें पी-एच. डी. और डी. आई. सी. की उपाधियाँ प्राप्त हुई। 

पारिवारिक जीवन

डॉ आदिनाथ लाहिड़ी के धर्मपत्नी का नाम श्रीमती कोहिनूर देवी थी। उन्हें दो संतान हैं।

कैरियर

उन्होंने अपने कैरीयर की शुरुआत लंदन के इम्पीरियल कॉलेज में रासायनिक प्रौद्योगिकी संकाय में एक शोध-सहयोगी के रूप में शुरू किया। बाद में वे एक वैज्ञानिक अधिकारी के रूप में रॉयल एयर फ़ोर्स में शामिल होकर सेवा करने लगे।

आगे चलकर उन्होंने रॉयल एयरक्राफ्ट एस्टैब्लिशमेंट, फ़ार्नबोरो एयरफ़ील्ड में ईंधन और तेल अनुसंधान अनुभाग के प्रमुख के रूप में कार्य किया।

उन्होंने सन 1953 तक भारतीय वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् के अधीन केन्द्रीय ईधन अनुसंधान संस्थान के सहायक निदेशक रहे। बाद में वे 1953 में इस संस्थान के निदेशक बने। 

अपने कैरियर के करीब 20 साल सन 1954 से 1974 तक केंद्रीय ईधन अनुसंधान संस्थान और कोयला सर्वेक्षण कार्यक्रमों से जुड़े रहे। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय ईधन अनुसंधान संस्थान के निदेशक के पद की जिम्मेदारी को सफलता से निर्वहन किया।

कुछ समय तक उन्होंने वैज्ञानिक डॉ. आत्माराम के स्थान पर वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् के महानिदेशक के पद पर भी कार्य किया। 1974 में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद वे संयुक्त राष्ट्र में एक सलाहकार के रूप में शामिल होकर चिली में सेवा की।

योगदान

आदिनाथ लाहिड़ी देश के प्रतिस्थित संस्थान राष्ट्रीय कोयला विकास निगम (NCDC) के डायरेक्टर के पद पर रहे। डॉ लाहिड़ी का केंद्रीय खनन अनुसंधान स्टेशन की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान रहा। बाद में इस संस्थान का CFRI के साथ विलय कर केंद्रीय खनन और ईंधन अनुसंधान संस्थान की स्थापना की गई।

साथ ही उनका राष्ट्रीय कोयला विकास निगम, हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड, में भी योगदान रह। इसके अलावा रेलवे तथा अन्य केंद्रीय और राज्य सरकार के परियोजनाओं के विकास में भी उनका सराहनीय योगदान रहा।

अनुसंधान कार्य

डॉ लाहिडी के अनुसंधान के क्षेत्र में पेट्रोग्राफी ऑक्सीकरण तंत्र, विलायक निष्कर्षण, कोयले की सतह रसायन विज्ञान, उत्प्रेरक और ॲड्रोसॉरबन्टा(catalysts and adsorbents) आदि सम्मिलित रहे।

लंदन में इंपीरियल कॉलेज ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी में उन्होंने तेल पाषाणों (Oil Shales) के उपयोग पर उन्होंने अनुसंधान किया।

साथ ही उन्होंने सर एल्फ्रेड इजर्टन (Sir Alfred Egerton) के निर्देशन में उच्च राख-कार्बनिक पदार्थों के राख विहीनीकरण पर शोधकार्य किया।

उपलब्धियां

विज्ञान में अहम योगदान के कारण कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने उन्हें अपना फ़ेलो बनाया। उन्होंने 1968 से 1970 तक INSA काउंसिल के सदस्य के रूप में भी कार्य किया। अपने जीवन काल में वे निम्न प्रमुख संस्थान के फ़ेलो रहे।

  • औद्योगिक विकास कौंसिल, असम के सदस्य,
  • औद्योगिक विकास कौंसिल मद्रास के सदस्य,
  • इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (भारत) के सदस्य,
  • भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान((INSA) के फ़ेलो (सदस्य)
  • इंगलेंड के ईधन संस्थान (Institute of Fuel), के फ़ेलो,
  • भारतीय मानक संस्थान की पैट्रोलियम मानक समिति के अध्यक्ष,
  • भारतीय मानक संस्थान की ठोस खनिज ईंधन समिति के अध्यक्ष,
  • इंग्लैंड के पैट्रोलियम संस्थान (Institute of Petroleum), के फ़ेलो (सदस्य),
  • रॉयल रसायन संस्थान (Royal Institute of Chemistry) इंग्लैंड के फ़ेलो (सदस्य)
  • केंद्रीय इस्पात, खान और धातु मंत्रालय की कोयला विकास कौंसिल के सदस्य,
  • तीसरी और चौथी पंचवर्षीय योजनाओं के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान दल के सदस्य,
  • हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड के केंद्रीय वैज्ञानिक और अनुसंधान सेवा संगठन की कार्यकारिणी के सदस्य,

विदेश यात्रा

आदिनाथ लाहिड़ी ने कई बार अध्ययन एवं निरीक्षण के उद्देश्य से विदेश की यात्रा की। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में विदेशी छात्र सौभकालीन प्रायोजना के अंतर्गत मैसाचूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भाग लिया।

उन्होंने टोकियो, जापान में खनिज संसाधनों के विकास पर क्षेत्रीय सम्मेलन में भाग लिया उन्होंने कोयला तकनीक के अध्यापन हेतु जर्मन सरकार के आमंत्रण पर जर्मनी का दौरा किया।

वे भारतीय वैज्ञानिकों के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में सोवियत रूस की भी यात्रा की। सन 1962 में आस्ट्रेलिया में हुए विश्व ऊर्जा सम्मेलन और कॉमनवैल्थ ईधन सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया।

सम्मान व पुरस्कार

भू-रसायन में अहम अनुसंधान कार्य के लिए उन्हें जूड मेमोरियल पुरस्कार(Judd Memorial Prize) प्रदान किया गया। भारत सरकार द्वारा उन्हें सन 1960 में देश का उच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री प्रदान किया गया।

सन 1969 में भारत सरकार ने उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी में विशेष योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। केंद्रीय इंधन अनुसंधान संस्थान में स्थित कॉन्फ्रेस हॉल को उनके सम्मान में नाम बदलकर अदिनाथ लाहिडी हॉल रखा गया।

आदिनाथ लाहिड़ी का निधन

आदिनाथ लाहिड़ी का अचानक दिल का दौरा पड़ने से 26 अगस्त 1975 में निधन हो गया। हमें आशा है की वैज्ञानिक आदिनाथ लाहिड़ी की जीवनी (Biography of Adinath Lahiri in hindi ) शिक्षाप्रद लगी होगी, अपने कमेंट्स से अवगत करायें।

आदिनाथ लाहिड़ी कौन थे?

आदिनाथ लाहिड़ी भारत के प्रसिद्ध भू-रसायनज्ञ और ईंधन प्रौद्योगिकीविद् थे।

आदिनाथ लाहिड़ी का जन्म कहाँ हुआ था?

भू-विज्ञानी आदिनाथ लाहिड़ी का जन्म 24 अगस्ता 1916 को पश्चिम बंगाल में हुआ था।

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बाहरी कड़ियाँ (External links)

adinath kothare residence – Culturised


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