City palace Jaipur history in Hindi – सिटी पैलेस जयपुर, राजस्थान की गिनती राज्य के प्रसिद्ध ऐतिहासिक और लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में होती है। सिटी पैलेस जयपुर का निर्माण शहर के संस्थापक महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने 1729 ईस्वी के आसपास बनवाया था।
वैसे तो जयपुर में कई महल और किले पर्यटक को खूब आकर्षित करते हैं। इसी कड़ी में जयपुर के सिटी पैलेस का नाम आता है। राजस्थान की राजधानी ‘गुलाबी शहर’ जयपुर के ठीक मध्य स्थित यह पैलेस शहर की पहचान है।
इस महल परिसर में स्थित कई भवन, विशाल आंगन और संग्रहालय देखने योग्य है। वास्तुकला का आकर्षक नमूना सिटी पैलेस जयपुर परिसर में स्थित ‘चंद्र महल’ और ‘मुबारक महल’ की अनुपम सुंदरता मंत्रमुग्ध करती है।
सिटी पैलेस की खूबसूरती को देखने लाखों पर्यटक जयपुर आते हैं। अगर आप सिटी पैलेस जयपुर के बारे में जानकारी चाहते हैं अथवा ऐसे और भी जयपुर में कितने पैलेस हैं उसके बारें में जानने के इच्छुक हैं तो आपको यह लेख जरूर पढ़ना चाहिए।
सिटी पैलेस जयपुर का इतिहास – city palace Jaipur history in Hindi
सिटी पैलेस जयपुर का निर्माण किसने करवाया ?
इतिहासकारों के अनुसार सिटी पैलेस जयपुर की आधारशील महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1729 में रखी थी। करीब चारों वर्षों के बाद 1732 में इसका निर्माण पूरा हुआ।
आपको बताते चले की महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय को जयपुर का संस्थापक भी माना जाता है। महाराजा सवाई जयसिंह कछवाहा राजपूत थे। जिनकी पहले राजधानी जयपुर से 11 किमी दूर आमरे थी।
लेकिन आमेर में कुछ प्राकृतिक कठिनाई के कारण उन्होंने अपनी राजधानी आमरे से जयपुर स्थानांतरित किया। इस क्रम में उन्होंने खूबसूरत जयपुर में सिटी पैलेस का करवाया।
इस महल के राजगद्दी पर बैठने वाले अंतिम शासक मान सिंह द्वितीय थे। इस पैलेस की खूबसूरती से आकर्षित होकर दुनिया भर के पर्यटक इसे देखने जयपुर आते हैं।
सिटी पैलेस जयपुर की बनावट और संरचना –
भारत के राज्य राजस्थान में एक नहीं तीन सिटी पैलेस अवस्थित है। सिटी पैलेस उदयपुर, सिटी पैलेस अलवर और सिटी पैलेस जयपुर। ये सभी सिटी पैलेस बनावट और संरचना की दृष्टि से एक दूसरे से काफी भिन्न हैं।
यहाँ केवल राजस्थान स्थित सिटी पैलेस जयपुर के बारें में जानेंगे। जैसा की जानते हैं की सिटी पैलेस जयपुर का निर्माण कछवाहा राजपूत महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने करवाया।
सिटी पैलेस जयपुर के वास्तुकार (Architect ) विद्याधर भट्टाचार्य और सर सैमुअल स्विंटन जैकब थे। वे दोनों अपने समय के जाने माने वास्तुशास्त्री थे जिन्होंने इस पैलेस का डिजाइन तैयार किया था।
सिटी पैलेस जयपुर के द्वार
सिटी पैलेस जयपुर के तीन मुख्य प्रवेश द्वार के नाम त्रिपोलिया गेट, वीरेंद्र पोल और उदय पोल हैं। मुख्य द्वार के सामने बने दो हाथी देखकर लगता है की महल के मुख्य द्वारा पर पहरेदारी कर रहा हो।
इसके अलावा मुख्य महल में प्रीतम निवास चौक नामक प्रांगण में चार छोटे-छोटे द्वार बने हैं। कहा जाता है की इन चार द्वारों का निर्माण चार मौसमों और चार हिंदू देवताओं भगवान विष्णु, भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान गणेश को समर्पित है।
इसमें मोर गेट भगवान विष्णु को समर्पित शरद ऋतु का प्रतिनिधित्व करता है। इस गेट पर मोर की सुंदर 3डी छवियां मौजूद हैं।
इसके अलावा कमल द्वार जहां गर्मी के मौसम का प्रतीक है वहीं लहरिया गेट वसंत ऋतु का प्रतीक माना जाता है। इसका अंतिम द्वार गुलाब का द्वार है जो अपनी गुलाब की सुंदर नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। यह द्वार सर्दियों के मौसम का प्रतीक है।
सिटी पैलेस जयपुर के वास्तुकार और डिजाइन – City palace Jaipur information in Hindi
जयपुर के इस पैलेस की सुंदरता बेमिशाल और अचंभित करने वाला है। कहा जाता है की जयपुर के महाराजा सवाई जय सिंह के पास अकूत संपत्ति थी।
इसी कारण उन्होंने इतना खूबसूरत सिटी पैलेस का निर्माण करवाया तथा उसके चारों तरफ बड़े ही सुनियोजित ढंग से जयपुर शहर का बसाया। राजपूत, मुग़ल और यूरोपियन शैलियों का सुंदर नमूना सिटी पैलेस जयपुर शहर की पहचान है।
सिटी पैलेस जयपुर की विशेषता – City palace jaipur information in Hindi
लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित इस पैलेस के दीवारों पर की गई सुंदर नक्कासी महल की खास विशेषता है। सिटी पैलेस के नक्काशीदार संगमरमर के सुंदर छत और भव्य स्तंभों के साथ महल की आंतरिक सज्जा देखने योग्य है।
महल में लगे क्रिस्टल झूमरों, सोने के पानी से सजी दीवार व स्तम्भ जटिल नक्काशी पर्यटक खूब आकर्षित करती है। सिकी पैलेस परिसर में बने उद्यानों, आंगनों, मंदिर और संग्रहालय का पैलेस को और भी भव्य बनाता है।
पैलेस परिसर के अंदर की सबसे प्रसिद्द इमारत में चंद्र महल, मुबारक महल, महारानी महल, महल, मुकुट, श्री गोविन्द देव मंदिर और सिटी पैलेस म्यूजियम शामिल है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज
पैलेस परिसर में स्थित ‘सर्वतोभद्र’ अर्थात ‘दीवान-ए-खास’ नामक हॉल में शुद्ध चांदी से निर्मित एक बड़ा सा जार रखा हुआ है। इस चांदी की जार की गिनती विश्व के सबसे बड़े जार में होती है।
चांदी के इस जार का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। कहा जाता है महाराजा माधोसिंह इस चांदी के जार में गंगाजल भरकर इंग्लैण्ड ले गए थे। इस कारण इस शुद्ध चांदी के जार को ‘गंगाजली’ भी कहा जाता है।
सिटी पैलेस जयपुर के बारे में खास बातें – Interesting facts about city palace Jaipur in Hindi
- सिटी पैलेस जयपुर का सबसे बड़ा आकर्षण के केंद्र है।
- गुलवी शहर जयपुर के ठीक मध्य स्थित यह पैलेस प्रसिद्ध ऐतिहासिक तथा दर्शनीय स्थलों में एक है।
- महल के सुंदर नक्काशीदार मेहराब, सोने व रंगीन पत्थरों की फूलों वाली आकृतियों से सुशोभित दीवार और छत पर्यटक को अचंभित करती है।
- इस खूबसूरत महल का निर्माण जयपुर शहर के संस्थापक सवाई जय सिंह माधो ने करवाया था।
- महल परिसर के अंदर स्थित इमारतें, विशाल आंगन और बाग़-बगीचे दर्शनीय है।
- सिटी पैलेस जयपुर के डिजायन दो वास्तुकारों विद्याधर भट्टाचार्य और सर सैमुअल स्विंटन जैकब ने किया था।
- सिटी पैलेस जयपुर के एक भाग को संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है। जबकि दूसरे हिस्से में अभी भी पूर्व शासकों के वंशज रहते हैं।
- सिटी पैलेस के संग्रहालय में ‘गंगाजली’ नामक चांदी के एक बड़े जार रखें हैं। यह जार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।
- सिटी पैलेस में महाराजा सवाई माधोसिंह द्वारा धारण किया गया 250 किलो का राजसी वस्त्र भी प्रदर्शित है।
- सिटी पैलेस परिसर में सबसे अधिक आकर्षक इमारत में ‘चंद्र महल’, ‘मुबारक महल’, ‘मुकुट महल’, ‘महारानी महल’, श्री गोविन्द देव मंदिर और सिटी पैलेस म्यूजियम हैं।
सिटी पैलेस जयपुर टिकट – City palace Jaipur, India entry fee.
भारतीय के लिए टिकट मूल्य (City Palace Jaipur Entry Fee for Indian Nationals) –
वयस्क – 300
बच्चे – 200
सेनीयर सिटीजन – 200
बिदेशी नागरिक के लिए (City Palace Jaipur Entry Fee for Foreign Nationals)
वयस्क – 700
बच्चे – 400
सेनीयर सिटीजन – 430
जयपुर में सिटी पैलेस किसने बनवाया था?
जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने जयपुर में मध्य में सिटी पैलेस बनवाया था। सिटी पैलेस के अधिकांश इमारतों के निर्माण का श्रेय उन्हें ही जाता है। लेकिन आगे चलकर अन्य शासकों ने भी इसके विस्तार में योगदान दिया।
जयपुर के सिटी पैलेस का निर्माण कब हुआ?
सिटी पैलेस का निर्माण 1729 से 1732 के मध्य हुआ। जब महाराज जय सिंह ने अपनी राजधानी आमेर से जयपुर लाने का फैसला किया।
वेबसटोरी सिटी पैलेस जयपुर : –
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