अर्जुन पुरस्कार भारत के सबसे प्रतिष्ठित खेल पुरस्कारों में दूसरा स्थान रखता है। यह पुरस्कार खिलाड़ियों को उनके द्वारा खेल में उत्कृष्ट योगदान और प्रदर्शन के लिए दिया जाता है। भारत सरकार ने 1961 में इसकी स्थापना सर्वश्रेष्ठ एथलीटों को सम्मानित करने के लिए किया था।
राजीव गांधी खेल रत्न की शुरुआत से पहले(1991-92) तक यह भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान था। इस पुरस्कार को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति के हाथों युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है।
इस पुरस्कार का नाम महाभारत में वर्णित महान योद्धा अर्जुन के नाम पर रखा गया था।
भारत सरकार द्वारा खेल क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए वर्ष 2023 में क्रिकेटर मोहम्मद शमी, बैडमिंटन खिलाड़ी सात्विक-चिराग, हॉकी खिलाड़ी संधीप सहित 23 अन्य खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया गया।
आइए इस लेख में अर्जुन पुरस्कार के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अर्जुन पुरस्कार का इतिहास (About Arjuna Award in Hindi)
अर्जुन पुरस्कार की स्थापना भारत सरकर द्वारा वर्ष 1961 में खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये की गई थी। 1961 में तीरंदाजी के क्षेत्र में इस पुरस्कार के प्रथम प्राप्तकर्ता कृष्ण दास थे। इसने साथ कुल 6 लोगों को यह पुरस्कार प्रदान किया गया था।
अर्जुन पुरस्कार पाने वाली पहली महिला मीना शाह थी जिन्हें 1962 में बैडमिंटन के लिए is पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसकी स्थापना वर्ष 1961 से लेकर अबतक कुल — खिलाड़ियों को इस सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
प्रदान किए जाने वाली चीज-
भारत सरकार द्वारा किसी खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के तहद पुरस्कार विजेता को 15 लाख रुपये की राशि, एक अर्जुन की कांस्य प्रतिमा और राष्ट्रपति द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।
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अर्जुन पुरस्कर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य-
- अर्जुन पुरस्कार भारत में खेल रत्न पुरस्कार के बाद दूसरा सबसे बड़ा सम्मान है।
- इसकी स्थापना 1961 को हुई थी। तब से 1991-92 तक यह भारत का सबसे बड़ा खेल सम्मान था।
- इस पुरस्कार का नम महाभारत के मुख्य पात्र अर्जुन के नाम पर रखा गया।
- यह पुरस्कार खिलाड़ियों को उनके द्वारा पिछले चार वर्षों की अवधि में अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए दिया जाता है।
- केकी स्थापना 1961 में की गई थी। खेल रत्न के अस्तित्व में आने से पहले ये भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान था।
- इस खेल पुरस्कार में खिलाड़ियों को एक प्रतिमा, प्रमाण पत्र और कुछ नकद राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाती है।
- वर्तमान में इस पुरस्कार की राशि 2020 में 5 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी गई है।
- अर्जुन पुरस्कार विजेता प्रथम खिलाड़ी सलीम दुरानी थे, जो अपने समय के प्रसिद्ध ऑलराउंडर टेस्ट क्रिकेटर थे।
- अर्जुन पुरस्कार विजेता प्रथम महिला खिलाड़ी का नाम अन्ना लम्सडेन थीं जो एक हॉकी खिलाड़ी थी।
- वर्तमान नियमों के अनुसार खेल रत्न पुरस्कार विजेता को इस पुरस्कार के लिए नामांकित नहीं किया जा सकता है।
- लेकिन एक अर्जुनपुरस्कार विजेता को भारत के खेल के क्षेत्र का सर्वोच्च सम्मान खेल रत्न के लिए चुना जा सकता है।
अर्जुन पुरस्कार 2023 list
खिलाड़ियों के नाम | खेल |
---|---|
ओजस प्रवीण देवताल | तीरंदाजी |
अदिति गोपीचंद स्वामी | तीरंदाजी |
मुरली श्रीशंकर | एथलेटिक्स |
पारुल चौधरी | एथलेटिक्स |
मोहम्मद हुसामुद्दीन | मुक्केबाजी |
आर वैशाली | शतरंज |
मोहम्मद शमी | क्रिकेट |
अनुश अग्रवाल | घुड़सवारी |
दिव्यकृति सिंह | घुड़सवारी ड्रेसेज |
दीक्षा डागर | गोल्फ़ |
कृष्ण बहादुर पाठक | हॉकी |
F.A.Qs
एक खिलाड़ी को अर्जुन पुरस्कार कितनी बार दिया जा सकता है।
अर्जुन पुरस्कार के पात्र होने के एक खिलाड़ी के पिछले चार साल का रिकॉर्ड को देखा जाता है। प्रत्येक वर्ष यह सम्मान अधिकतम 15 खिलाड़ी को प्रदान किया जाता है लेकिन 2010 में यह सम्मान 19 खिलाड़ी को दिया गया था।
अर्जुन पुरस्कार की शुरुआत कब हुई?
इस पुरस्कार का प्रारंभ 1961 में हुआ था। उस बक्त यह खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान था। वर्तमान में सबसे बड़ा सम्मान मेजर ध्यानचंद्र खेल रत्न पुरस्कार है।
अर्जुन पुरस्कार किस खेल से संबंधित है
यह पुरस्कार किसी भी खेल में उत्कृष्ट योगदान देने वाले खिलाड़ी को प्रदान किया जाता है।