शौर्य चक्र (Shaurya Chakra) भारत के राष्ट्रपति द्वारा शांति के समय प्रदान किया जाने वाला वीरता का पुरस्कार है। इस Gallantry Award को अशोक और कृति चक्र के बाद शांति के समय प्रदान किए जेने वाले पदकों की श्रेणी में तीसरा स्थान आता है।
शौर्य चक्र पदक सैनिकों, असैनिकों व सिविलियन्स नागरिकों को उनकी असाधारण वीरता या प्रकट शूरता या बलिदान के लिए प्रदान किया जाता है। भारत के सैन्य सम्मान की तरह ही शौर्य चक्र पुरस्कार को भी जीवित अथवा मरणोपरान्त प्रदान किया जा सकता है।
भारत के राष्ट्रपति इस पुरस्कार को साल में दो बार 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस ) और 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) के अवसर पर प्रदान करती है। अब तक 2123 लोगों को इस सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
शौर्य चक्र का इतिहास (Shaurya Chakra in Hindi)
भारत सरकार ने 26 जनवरी 1950 को जब हमारा देश गणतंत्र बना। तब भारत के राष्ट्रपति ने तीन वीरता पुरस्कारों की स्थापना की। इनके नाम परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र थे।
भारत सरकार द्वारा प्रदत वीरता का यह सैन्य सम्मान 1947 से प्रभावी किया गया। इस पुरस्कार के शुरुआत होने के करीब दो साल बाद जनवरी 1952 में भारत सरकार द्वारा तीन और वीरता पुरस्कारों की घोषणा की गई। उनके नाम अशोक चक्र श्रेणी-I, अशोक चक्र श्रेणी-II और अशोक चक्र श्रेणी-III रखे गए।
लेकिन 1967 में भारत सरकार ने अशोक चक्र श्रेणी-I, अशोक चक्र श्रेणी-II और अशोक चक्र श्रेणी-III का नाम परिवर्तित कर क्रमशः शोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र कर दिया गया। इनकी वरीयताक्रम की सूची इस प्रकार है-
- परमवीर चक्र
- महावीर चक्र
- वीर चक्र
- अशोक चक्र
- कीर्ति चक्र
- शौर्य चक्र
प्राप्त करने का पात्र-
इस पदक को सेना, नौसेना और वायु सेना, किसी अन्य रिजर्व फोर्स, नागरिक सेना (Militia), प्रादेशिक सेना तथा कानूनी रूप से गठित अन्य सेना के सभी रैंकों के अफसर और पुरूष और महिला को यह सम्मान दिया जा सकता है।
इसके साथ सशस्त्र सेना की नर्सिंग सेवा से जुड़े सदस्य भी एक चक्र को पाने का हकदार हो सकते हैं।
इसके अलावा यह सम्मान सिविलियन नागरिक और पुलिस फोर्स, केन्द्रीय पैरा-मिलिट्री फोर्स और रेलवे सुरक्षा फोर्स के सदस्यों को भी उनकी अदम्य वीरता, साहस या बलिदान के लिए प्रदान किया जा सकता है।
शौर्य चक्र बनावट और संरचना-
पदक–
शौर्य चक्र पदक कांस्य से बना हुआ आकार में गोलकर होता है। इसका व्यास 1.375 इंच है। इस पदक के सामने के मध्य में अशोक चक्र बना होता है, जो कमल की लताओं से घिरा हुआ है। इस चक्र के पीछे भाग पर हिंदी और अंग्रेजी में “शौर्य चक्र” अंकित होता है।
रिबन –
इसका रिबन हरे रंग का होता है जिस पर तीन सीधी रेखाएं होती हैं। ये रेखाएं फीते को चार बराबर भागों में विभक्त करती हैं।
शौर्य चक्र बार –
यदि चक्र विजेता फिर से इसी तरह की बहादुरी का कार्य करता है, जिससे वह चक्र प्राप्त करने के योग्य हो जाता है, तो बहादुरी के कार्य की स्मृति में रिबन से एक पट्टी जुड़ी होती है, जिस पर चक्र लटका दिया जाता है।
यदि केवल रिबन पहना जाता है, तो पदक प्रदान किए जाने की संख्या के आधार पर रिबन के साथ एक लघु प्रतिकृति भी पहनी जाती है।
पात्रता की शर्ते:
शौर्य चक्र असाधारण शौर्य के कारनामे के लिए शांति के समय प्रदान किया जाना वाला वीरता सम्मान है। इसमें दुश्मन से मुकाबला शामिल नहीं है। यह जीवित अथवा मरणोपरांत प्रदान किया जा सकता है।
शौर्य चक्र पाने वालों को मिलने वाली सुविधाएं
भारत सरकार ने 2017 से शौर्य चक्र पुरस्कार पाने वालों को हर महीने मिलने वाली राशि को 6000 रुपये कर दी है। यह राशि 2017 से पहले तीन हजार रुपया दी जाती थी। इसके बाद यह पदक जितनी बार प्रदान किया जाएगा, हर बार उतनी ही राद्गिा बढ़ती जाएगी।
इस मासिक भत्ते के अलावा वीरता पुरस्कार विजेताओं को राज्य सरकार भी एकमुश्त नकद पुरस्कार,पेट्रोल पंप या भूखंड प्रदान करती है। वीरता पुरस्कार के लिए राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि अलग-अलग राज्य द्वारा अलग-अलग हो सकती है।
शौर्य चक्र विजेताओं की सूची 2024
शौर्य चक्र विजेताओं के नाम | यूनिट |
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मानेओ फ्रांसिस | 21वीं बटालियन पैराशूट रेजिमेंट |
अमनदीप जाखड़ | चौथी बटालियन सिख रेजिमेंट |
एमवी प्रांजल | 63वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल |
अक्षत उपाध्याय | 20वीं बटालियन जाट रेजिमेंट |
बैरिया संजय कुमार | 21वीं बटालियन महार रेजिमेंट |
संजय कुमार | 9 असम राइफल्स |
आलोक राव | 18 असम राइफल्स |
परषोत्तम कुमार | सिविलियन |
लेफ्टिनेंट बिमल रंजन | इंडियन आर्मी |
शैलेश सिंह | भारतीय वायु सेना |
हृषिकेश जयन | भारतीय वायु सेना |
बिभोर कुमार सिंह | 205 कोबरा |
मोहन लाल | जम्मू-कश्मीर पुलिस |
अमित रैना | जम्मू-कश्मीर पुलिस |
फिरोज अहमद | जम्मू-कश्मीर पुलिस |
वरुण सिंह | जम्मू-कश्मीर पुलिस |
F.A.Qs
शौर्य चक्र कब दिया जाता है?
शौर्य चक्र को साल में दो बार 26 जनवरी और 15 अगस्त को दिया जाता है