कीर्ति चक्र (Kirti Chakra) पुरस्कार भारत का शांति के समय वीरता का अशोक चक्र (पदक) के बाद दूसरा सबसे बड़ा सम्मान है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता या अद्भुत साहस या आत्म-बलिदान के लिए प्रदान किया दिया जाता है।
कृति चक्र (Kirti Chakra) सम्मान जीवित अथवा मरणोपरान्त दोनों दशा में प्रदान किया जा सकता है। अब तक 486 लोगों को यह सम्मान प्राप्त हो चुका है।
कीर्ति चक्र सम्पूर्ण जानकारी – Kirti Chakra Award in Hindi
कीर्ति चक्र का इतिहास
आजादी के बाद शौर्य के कारनामे को सम्मानित करने के लिए भारत के राष्टपति ने इस पुरस्कार की शुरुआत की थी। भारत के दूसरे शांतिकाल का सबसे बड़ा पदक कीर्ति चक्र की शुरूआत 04 जनवरी 1952 को हुई थी।
शुरुआत में इसका नाम अशोक चक्र वर्ग -2 रखा गया था। जिसे 27 जनवरी 1967 को इसका नाम परिवर्तित कर कीर्ति चक्र कर दिया गया। इसकी स्थापना से लेकर अवतक 486 लोगों को यह पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है।
कृति चक्र पदक की बनावट और संरचना-
कृति चक्र पदक का आकार गोलाकार होता है। मानक चांदी से निर्मित इस पदक का का व्यास में 1.375 इंच होता है। पदक के अग्रभाग पर ठीक मध्य में अशोक चक्र की प्रतिकृति उभरी हुई होती है।
इसके चारों तरफ कमल के फूलों की बेल की आकृति बनी होती है। कृति चक्र के पीछले हिस्से पर ऊपर हिंदी और नीचे अंग्रेजी में ‘कीर्ति चक्र’ शब्द उभरा होता है। इन हिंदी व अंग्रेजी के शब्दों के बीच कमल के फूल बने होते हैं।
कृति चक्र रिबन :
कृति चक्र के फीते का कलर हरे रंग का होता है। इस रिबन पर नारंगी कलर की दो खड़ी रेखा बनी होती है जो रिवन को तीन बराबर भागों में बांटती दिखती है।
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कृति चक्र बार :
अगर इस चक्र को एक बार पाने के बाद प्राप्तकर्ता दोबारा ऐसा ही वीरता का कार्य करता है और वह इस चक्र को दुबारा प्राप्त कर लेता है। उस परिस्थिति में दुबारा प्राप्त कृति चक्र (पदक) को एक एक बार के द्वारा दर्शाया जाता है। ऐसे बार को मरणोपरांत भी प्रदान कर सम्मानित किया जा सकता है।
कृति चक्र की पात्रता:
कृति चक्र पाने के निम्नलिखित श्रेणियों के कार्मिक पात्र हैं।
-सेना, नौसेना और वायु सेना, किसी भी रिजर्व सेना, प्रादेद्गिाक सेना, नागरिक सेना (मिलिद्गिाया) और कानूनी रूप से गठित अन्य सशस्त्र सेना के सभी रैंकों के अफसर और पुरूष व महिल सैनिक।
-सशस्त्र सेनाओं की नर्सिंग सेवाओं से जुड़े सदस्य,
-समाज के प्रत्येक वर्ग के सभी लिंगों के आम नागरिक, पुलिस फोर्स, केन्द्रीय पैरा-मिलिट्री फोर्स और रेलवे सुरक्षा फोर्स के कार्मिक शामिल हैं।
पात्रता की शर्ते:
यह पदक असाधारण शौर्य के कारनामे के लिए प्रदान किया जाता है, इसमें शुगमन का मुकाबला करना शामिल नहीं है। यह पदक मरणोपरांत भी प्रदान किया जाता है।
कृति चक्र प्राप्तकर्ता को मिलने वाली सुविधाएं
बर्ष 2017 से वीर चक्र विजेता को हर महीने सात हजार रुपये मिलते हैं। यह राशि पहले साढ़े तीन हजार रुपया थी। यह पदक जितनी बार प्रदान किया जाएगा, हर बार उतनी ही राद्गिा प्रदान बढ़ती जाएगी।
इसके अलावा वीरता पुरस्कार विजेताओं को भारत सरकार द्वारा मिलने वाली मासिक भत्ते के अलावा राज्य सरकार भी सम्मान में एकमुश्त नकद पुरस्कार,पेट्रोल पंप या भूखंड प्रदान करती है। राज्य सरकार द्वारा मिलने वाली राशि अलग-अलग राज्य द्वारा अलग हो सकती है।
कृति चक्र विजेता की सूची 2024
26 जनवरी 2024 को जिन वीरों को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया उनके नाम हैं:-
- मेजर दिग्विजय सिंह रावत – पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) की 21वीं बटालियन
- मेजर दीपेंद्र विक्रम बासनेत- सिख रेजिमेंट की चौथी बटालियन
- हवलदार पवन कुमार यादव – महार रेजिमेंट की 21वीं बटालियन के
- कैप्टन अंशुमान सिंह (मरणोपरांत) – पंजाब रेजिमेंट (आर्मी मेडिकल कोर) की 26वीं बटालियन
- हवलदार अब्दुल माजिद (मरणोपरांत) – पैराशूट रेजिमेंट की नौवीं बटालियन (विशेष बल)
- सिपाही पवन कुमार (मरणोपरांत)- राष्ट्रीय राइफल्स की 55वीं बटालियन