परमवीर चक्र (Param Vir Chakra) भारत का सर्वोच्च सैन्य वीरता अलंकरण है, जो युद्ध के दौरान ज़मीन, समुद्र अथवा हवा में दुश्मन के सामने अदम्य साहस, वीरता और आत्म बलिदान के लिए प्रदान किया जाता है।
परमवीर चक्र क्या है – Param Vir Chakra in Hindi
भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र (पीवीसी) भारतीय सेना के किसी भी अंग के जवानों को युद्ध के दौरान वीरता के विशिष्ट कार्य प्रदर्शित करने के लिए दिया जाता है। इसे देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न के बाद सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है।
यह अलंकरण जीवित और मरणोपरांत दोनों अवस्था में प्रदान किया जा सकता है। अब तक कुल 21 वीर सैनिकों को परमवीर चक्र प्रदान किया जा चुका है जिसमें 14 वीर सैनिकों को मरणोपरांत इस अलंकरण से अलंकृत किया गया।
प्रथम परमवीर चक्र मेजर सोमनाथ शर्मा को मरणोपरान्त प्रदान किया गया था। उन्हें यह पुरस्कार वर्ष 1947-48 के भारत पाक युद्ध में अदम्य साहस प्रदर्शन के लिए मरणोपरांत प्रदान किया गया था। आइए इस लेख में परमवीर चक्र के बारें में विस्तार से जानते हैं।
परमवीर चक्र का इतिहास – (History of Param Vir Chakra in Hindi)
परमवीर चक्र की स्थापना 26 जनवरी 1950 में भारत के राजपत्र अधिसूचना संख्या 1-प्रेस/50 के आधार पर की गई थी। जिसे भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी द्वारा स्थापित किया गया था। इसे दुश्मन के संमने सबसे विशिष्ट बहादुरी अथवा आत्मबलिदान के लिए दिया जाता है।
अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी दुश्मनों के सामने अदम्य साहस और वीरता का प्रदर्शन करने वाले 21 बहादुर सैनिकों को अबतक इस चक्र से अलंकृत किया जा चुका है।
इन 21 परमबीर चक्र विजेताओं में से 14 को यह अलंकरण मरणोपरांत प्रदान किया गया। दूरी तरह कुल 21 परमवीर चक्र से सम्मानित होने वाले वीर सैनिकों में 20 सैनिक थल सेना के और 1 वायु सेना हैं।
परमवीर चक्र का महत्व (Importance of Param Vir Chakra)
भारत क्व सर्वोच्च सैन्य अलंकरण ‘परमवीर चक्र’ को ‘यूनाइटेड किंगडम’ के ‘विक्टोरिया क्रॉस’ और अमेरिका के ‘सम्मान पदक’ के समतुल्य का दर्जा प्राप्त है। परमवीर चक्र का डिज़ाइन विदेशी मूल की एक महिला ने किया था और 1950 से अब तक इसके आरंभिक स्वरूप में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
डिज़ाइन और प्रतीकवाद:
परमवीर चक्र की आकृति गोलाकारनुमा होती है जो कांस्य का होता है इसका व्यास करीब 1.38 इंच का होता है। पदक के एक साइड में बीच केंद्र में भारत का राष्ट्रीय चिन्ह अंकित होता है।
इस राष्ट्रीय चिन्ह के चारों तरफ इन्द्र वज्र की चार प्रतिकृतियों बनी होती है जिसके दोनों तरफ तलवार का आकृति है। पदक के पिछले भाग पर ऊपर हिंदी और नीचे अंग्रेजी में “परमवीर चक्र” शब्द अंकित होता है। पदक के रिबन की चौड़ाई 32 मिमी है जो पर्पल (बैगनी) कलर को होती है।
परमवीर चक्र के डिज़ाइनकर्ता
भारत के इस सर्वोच्च सैन्य वीरता अलंकरण के पदक का डिज़ाइन श्रीमती सावित्री खानोलकर ने तैयार किया था। श्रीमती सावित्री खानोलकर ने इस पदक का डिजाइन की प्रेरणा ऋषि दधीचि पायी।
जिन्होंने वैदिककाल में अपना शरीर त्यागकर सर्वोच्च बलिदान का परिचय दिया था। ताकि देवता उनकी हड्डियों से वज्र नामक हथियार तैयार कर असुरों का संहार कर सकें।
पुरस्कार मानदंड और पात्रता:
परमवीर चक्र अत्यंत कठिन परिस्थित में चाहे जमीन, समुद्र या हवा कहीं भी दुश्मन के सामने अदम्य साहस, विशिष्ट बहादुरी आत्म-बलिदान के लिए प्रदान किया जाता है। दुश्मन के सामने यह मुकाबला जमीन, समुद्र और हवा कही भी हो सकता है।
इस पुरस्कार को थल सेना, नौसेना और वायु सेना सहित किसी भी रिजर्व बल, प्रादेशिक सेना व किसी अन्य कानूनी रूप से गठित सशस्त्र बल के सभी रैंकों के जावनों को प्रदान किया जा सकता है।
इसके अलावा इसमें भारतीय सेना से जुड़े सिस्टर, नर्सें और नर्सिंग सेवाओं के कर्मचारी भी हो सकते हैं।
परमबीर चक्र प्राप्तकर्ता की सूची (list of Param Vir Chakra winners)
1950 में इसकी स्थापना के बाद से अव तक परमवीर चक्र 21 बहादुर सैनिकों को प्रदान किया जा चुका है। इनमें से 14 वीर सैनिकों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया पुरस्कार दिया गया है।
कुछ उल्लेखनीय प्राप्तकर्ताओं की बात करें परमबीर चक्र पाने वाले पहले व्यक्ति मेजर सोमनाथ शर्मा थे जो 1947 में बडगाम की लड़ाई के दौरान दुश्मन से लोहा लेते बक्त शहीद हो गए थे। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान कैप्टन विक्रम बत्रा को भी मरणोपरांत पीवीसी से सम्मानित किया गया था
परमवीर चक्र विजेता के नाम list
क्रमांक | परमवीर चक्र विजेता के नाम | रेजिमेंट | बर्ष |
---|---|---|---|
1 | मेजर सोमनाथ शर्मा | कुमाऊँ रेजीमेंट | 1947, मरणोपरांत |
2 | सेकेंड लेफ्टिनेंट रामा राघोबा राणे | बॉम्बे इंजीनियर्स | 8 अप्रैल 1948 |
3 | नायक जदु नाथ सिंह | राजपूत रेजिमेंट | 1948, मरणोपरांत |
4 | कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह शेखावत | राजपूताना राइफल्स | 18 जुलाई 1948, मरणोपरांत |
5 | लांस नायक करम सिंह | सिख रेजिमेंट | 13 अक्टूबर 1948 |
6 | कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया | गोरखा राइफल्स | 5 दिसंबर 1961 |
7 | मेजर धन सिंह थापा | 8वीं गोरखा राइफल्स | 21 अक्टूबर 1962 |
8 | सूबेदार जोगिंदर सिंह | सिख रेजिमेंट | 1962, मरणोपरांत |
9 | मेजर शैतान सिंह | कुमाऊँ रेजीमेंट | 1962, मरणोपरांत |
10 | हवलदार अब्दुल हमीद | चौथी बटालियन, ग्रेनेडियर्स | 1965, मरणोपरांत |
11 | लेफ्टिनेंट-कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर | 17वाँ पूना घोड़ा | 11 सितंबर 1965, मरणोपरांत |
12 | लांस नायक अल्बर्ट एक्का | 14वीं बटालियन, ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स | 4 दिसंबर 1971, मरणोपरांत |
13 | फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों | भारतीय वायु सेना | 14 दिसंबर 1971, मरणोपरांत |
14 | सेकिन्ड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल | 17 पूना घोड़ा | 16 दिसंबर 1971, मरणोपरांत |
15 | मेजर होशियार सिंह | ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट | 17 दिसंबर 1971 |
16 | नायब सूबेदार बाना सिंह | जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फेंट्री | 23 मई 1987 |
17 | मेजर रामास्वामी परमेश्वरन | 8वीं बटालियन, महार रेजिमेंट | 25 नवंबर 1987, मरणोपरांत |
18 | कैप्टन मनोज कुमार पांडे | 11वीं गोरखा राइफल्स | 3 जुलाई 1999, मरणोपरांत |
19 | ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव | द ग्रेनेडियर्स | 4 जुलाई 1999 जीवित |
20 | राइफलमैन संजय कुमार | जम्मू कश्मीर राइफल्स | 5 जुलाई 1999, जीवित |
कैप्टन विक्रम बत्रा | जम्मू कश्मीर राइफल्स | 6 जुलाई 1999, मरणोपरांत |
परमवीर चक्र विजेता को मिलने वाली राशि – Cash Award for Gallantry award winners
2022 के अधिसूचना के बाद अब परमवीर चक्र (पीवीसी) पाने वाले भावी बहादुर सैनिकों को एकमुश्त 2 करोड़ रुपये की अनुदान राशि प्रदान की जायेगी। यह रकम पहले 30 लाख रुपये से बढ़ाकर थी।
इसके अलावा परमवीर चक्र विजेता बहादुर सैनिकों को मासिक भत्ता भी प्रदान किया जाता है जो पहले 15,400 मासिक से बढ़ाकर 41,580 मासिक रुपये कर दिया गया है।
निष्कर्ष (Conclusion)
फलतः परमवीर चक्र (पीवीसी) भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान है जो दुश्मन की उपस्थिति में अदम्य वीरता या आत्म-बलिदान के लिए प्रदान किया जाता है। यह चक्र भारतीय सशस्त्र बल के जवानों की बहादुरी और बलिदान का प्रतीक है जिन्होंने दुश्मन के सामने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया है।
यह सम्मान इन बहादुर सैनिकों द्वारा ड्यूटी के दौरन अदम्य साहस, आत्म-बलिदान और राष्ट्र की रक्षा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता की याद दिलाता है। इसके अलावा यह पुरस्कार आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा अपने वतन के प्रति समर्पण की भी प्रेरणा देता है।
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FAQs
परमवीर चक्र किस योगदान के लिए प्रदान किया जाता है
26 जनवरी 1950 को शुरुआत हुई इस पदक को दुश्मन का मुकाबला करते हुए अदम्य साहस, बहादुरी अथवा जान न्योछावर करने वाले वीर सैनिकों को प्रदान किया जाता है।
पहला परमवीर चक्र सोमनाथ शर्मा को दिया गया वह किस रेजिमेंट के थे
प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा, कुमाऊँ रेजिमेंट की चौथी बटालियन के थे। यह सम्मान उन्हें मरणोपरान्त प्रदान किया गया था।
परमवीर चक्र से सम्मानित होने वाले प्रथम राजस्थानी
परमवीर चक्र से सम्मानित प्रथम राजस्थानी वीर सैनिक हवलदार मेजर पीरू सिंह थे।
मेजर धन सिंह थापा को परमवीर चक्र किसने प्रदान किया था
मेजर धन सिंह थापा को यह सम्मान भारत सरकार ने 1962 में भारत चीन युद्ध के बाद प्रदान किया था।
कारगिल युद्ध में किन सैनिकों को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया
कारगिल युद्ध के परमवीर चक्र विजेता चार बहादुर सैनिकों के नाम कैप्टन विक्रम बत्रा, राइफलमैन संजय कुमार, ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव और लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे हैं।