पंजाब का इतिहास और राज्य की महत्वपूर्ण जानकारी – Information About Punjab In Hindi
पंजाब दो शब्दों के मेल से बना है पंज+आब, जहाँ पंज मतलब पांच संख्या से है तथा आब एक फारसी शब्द है जिसका अर्थ होता है पानी या नदी। इन दोनो शब्दों के मेल से इस क्षेत्र का नाम पंजाब रखा गया।
कुछ विद्वानों के अनुसार कहते हैं की पंजाब का नाम संस्कृत के पंचनद शब्द निकला है। पंचनद अर्थात पाँच नदियों वाला क्षेत्र। इस क्षेत्र में बहने वाली पाँच नदियां झेलम, रावी, चिनाब, सतलज, और व्यास नदी के कारण ही इस प्रदेश का नाम पंजाब पड़ा।
पंजाब, यह भूमि हैं गुरु नानक देव की, गुरु गोविंद सिंह जी की, महाराजा रंजीत सिंह की जिन्होंने हमेशा से ही पंजाब को गौरान्वित किया। यह भूमि है लाला-लाजपत राय की जिन्होंने आजादी के
लिए अंग्रेजों के लाठी की मार सहे और देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। यह भूमि है उन शहीद देश भक्त की जिन्होंने जालियाँ वाला बाग में वतन के लिए अपने प्राण की आहुति दे दी।
पंजाब का इतिहास काफी प्राचीन है। आज से करीब 4000 वर्ष पहले इसी क्षेत्र में सिंधु नदी के किनारे विश्व की सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध सभ्यता नदी घाटी सभ्यता विकसित हुई।
अतीत से ही इस क्षेत्र के लोग स्वभाव से ही बहादुर और मेहनती होते हैं। पंजाब को भारत का अन्न भंडार भी कहा जाता है। पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्णमन्दिर सबसे पवित्र स्थल है।
पंजाब संक्षिप्त झलक – Information About Punjab In Hindi language
नाम | पंजाब (in English -Punjab) |
राजधानी | चंडीगढ़ |
स्थापना | 01 नवंबर 1966 |
जनसंख्या | 27704236 (जनगणना 2011) |
साक्षरता दर | 77% |
पंजाब का क्षेत्रफल | 50362 वर्ग कि मी |
पंजाब की भाषा | पंजाबी, हिन्दी, उर्दू |
विधान सभा की कुल सीट | 119 |
लोकसभा की कुल सीट | 13 |
राजकीय वृक्ष | शीशम |
राजकीय फूल | ग्लेडीओलस |
राजकीय पक्षी | बाज़ |
राजकीय पशु | काला हिरण |
राजकीय जलीय जीव | सिन्धु नदी डॉल्फिन |
प्रमुख दर्शनीय स्थल | स्वर्णमन्दिर अमृतसर, जलियाँवाला बाग आदि |
प्रमुख शहर | अंबाला, लुधियाना, जालंधर, अमृतसर चंडीगढ़, पटियाला, भटिंडा |
पंजाब राज्य का नाम पंजाब क्यों पड़ा INFORMATION ABOUT PUNJAB IN HINDI
कहते हैं की सिकंदर ने इस क्षेत्र का नाम पेण्डोपोटामिया रखा था। यह नाम उन्होंने अपने पंचनीति के तहत 327 ई. पू. रखा था। कहते हैं की कालांतर में इस क्षेत्र का नाम बदलकर भ्रद देश हुआ।
वैदिक काल में पंजाब को सप्त-सिंधु के नाम से भी जाना जाता था। बाद में सिन्धु के निवासी इस नाम से खुश नहीं थे क्योंकि सात सिन्धुओं की जगह अब केवल पांच ही सिन्धु रह गये थे।
फलतः क्षेत्र के वासीयों ने इस क्षेत्र का नाम पांच नदियों के आधार पर पंजाब रखा। सदियों से पंजाब यूनानियों, ईरान और अफ़गान के लोग के लिए भारत का प्रवेश द्वारा रहा है।
पंजाब का इतिहास – history of Punjab in Hindi
जैसा की हम जानते हैं की पंजाब का इतिहास अति प्राचीन है। प्राचीन नदी घाटी सभ्यता इस क्षेत्र में फला-फुला। हड़प्पा और मोहनजोदडो इसी क्षेत्र में विकसित हुई। इस क्षेत्र पर कलांतर में मौर्य, यूनानी, शक,
गुप्त बंश के शासकों ने राज्य किया। उसके बाद इस भु-भाग पर मुसलमानों का कब्जा रहा। उन्होंने वहादुरी पूर्वक दमनकारी और अत्याचारी का मुकाबला किया। पंजाब की धरती पर गुरु नानक देव जी के
अवतरण के बाद धार्मिक और समाजिक आंदोलन ने जोड़ पकड़ा। उन्होंने अपने प्रभाव से समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने का प्रयास किया। उसके बाद सिक्खों के अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ
की स्थापना की। उन्होंने लोगों को मुगलों के अत्याचार और दमन के खिलाफ एक जुट किया। इस प्रकार उन्होंने मानवीय मूल्यों पर आधारित पंजाबी राज की स्थापना की।
महाराज रंजीत सिंह के समय में पंजाब बहुत ही विस्तृत, खुशहाल, और आबाद हो गया। लेकिन महाराजा रंजीत सिंह के बाद उनका पूरा साम्राज्य तितर-बितर हो गया। अंग्रेजों ने अपनी कूटनीति से सन 1849
ईस्वी में पंजाब को ब्रिटिश सरकार के राज्य में विलय कर दिया। सन 1947 में जब देश का विभाजन हुआ तब पंजाब का कुछ भाग पाकिस्तान में चला गया। आजादी के बाद पूर्वी पंजाब के रियासत को मिलाकर
पेपसू राज्य तथा पूर्वी पंजाब राज्य संध पटियाला का गठन किया गया। पटियाला को इसकी संयुक्त राजधानी बनायी गई। उसके बाद पेपसू राज्य को 1956 में पंजाब में विलय कर दिया गया।
सन 1966 में पंजाब से कुछ भाग अलग कर नया प्रदेश हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की स्थापना हुई। वर्तमान पंजाब 01 नवंबर 1966 से आस्तित्व में है।
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पंजाब के लोग व वेशभूषा – information about punjab dress in hindi
पंजाब के लोग हमेशा से ही वहादुर और मेहनती रहे हैं। सदियों से विदेशी आक्रमणकारी की दमन और अत्याचार ने पंजाबियों के स्वभाव में तीखापन व पैनापन ला दिया।
क्योंकि जो भी विदेशी आक्रमणकारी हिंदुस्तान पर चढ़ाई की सबसे पहले उनका मुकाबला इसी क्षेत्र के लोगों ने किया। बार-बार हुई आक्रमणों के चलते स्वयं को सुरक्षित रखने की मजबूरी ने पंजाबियों के स्वभाव में पैनापन और मेहनती बना दिया।
कहीं भी और किसी भी परिस्थिति में स्वयं को ढाल लेने में भी माहिर हैं। पंजाब में अनेकों संत, आजादी के सेनानी और सुरवीर को जन्म दिया है। यहाँ हर धर्म के लोग सौहार्दपूर्ण रूप से रहते हैं,
जिसमें सबसे बहुल आबादी सिक्खों का है। सिक्ख लोग अपने पारंपरिक पोशाक कुर्ता, पायजामा और सर पर पगड़ी धारण करते हैं।
पंजाब की राजधानी capital of punjab
पंजाब के राजधानी गुलावों की नगरी चंडीगढ़ है। यह दो राज्य पंजाब और हरियाणा की राजधानी है। कहा जाता है की आजादी के बाद जब देश का बँटबारा हुया तब पंजाब की राजधानी लाहौर से स्थानतरित कर
शिमला बनाया गया। बाद में सन 1950 में चंडीगढ़ को पंजाब की राजधानी बनाया गया। 1966 में जब हरियाणा को पंजाब से अलग कर नया राज्य बनाया गया, तब से चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनो की राजधानी है।
पंजाब के सभी जिलों के नाम
1. अमृतसर, 2. भटिंडा जिला, 3. बरनाला, 4. फजीलका, 5. फिरोजपुर, 6. फरीदकोट, 7. फतेहगढ़ साहिब, 8. गुरदासपुर, 9. होशियारपुर जिला, 10. जलंधर, 11. कपूरथला, 12. लुधियाना, 13. मनसा,
14. मोगा, 15. मुक्तसर, 16. पठानकोट, 17. पटियाला, 18. रूपनगर, 19. संगरूर, 20. शहीद भगत सिंह नगर, 21. तरनतारन, 22. साहिबजादा अजीत सिंह नगर तथा मालेरकोटला पंजाब का 23वां जिला।
पंजाब के प्रसिद्ध मेले व उत्सव– facts about punjab in hindi
यहाँ के प्रमुख उत्सव में बैसाखी का त्योहार है। पूरे राज्य में बैसाखी के त्योहार को उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। Information About Punjab In Hindi – पंजाब का इतिहास
इसके अलाबा यहाँ दशहरा, दीपावली, होली, लोहड़ी भी बड़े ही धूम-धाम से मनाई जाती है। यहाँ के मुक्तसर में लगने वाला माघी मेला भी प्रसिद्ध है।
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पंजाब का भूगोल Information About Punjab In Hindi
वर्तमान पंजाब राज्य विशाल पंजाब क्षेत्र का एक भु-भाग है। इसका दूसरा भु-भाग आजादी के बाद पाकिस्तान में चला गया। पंजाब राज्य देश के उत्तर-पश्चिम भाग में स्थित है।
इसके उत्तर दिशा में जम्मू, दक्षिण में राजस्थान व हरियाणा स्थित हैं। इसके उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश और पश्चिम दिशा में पाकिस्तान से घिरा है।
information about agriculture in punjab in hindi
पंजाब का क्षेत्रफल 50,362 वर्ग किलोमीटर है। राज्य का ज्यादातर भु-भाग मैदानी और उपजाउ है। यहां कई नदियों वहती है। जो कृषि कार्य में बहुत ही सहायक है।
पंजाब राज्य कृषि प्रधान हैं लेकिन उधयोग-धंधे के क्षेत्र में भी यह राज्य अग्रणी है। राज्य में कृषि क्षेत्र भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र के मात्र 1.5% हैं। फिर भी अपनी मेहनत से यह राज्य भारत का अनाज भंडार के नाम से जाना जाता है।
खेती की बात करें या व्यापारिक क्षेत्र की हर क्षेत्र में इन्होंने तरक्की की हैं। कृषि के क्षेत्र के पंजाब हमेशा से अग्रणी रहा है। याहन चावल और गेहूं की खूब पैदावार होती है।
भारत के चावल, गेहूं की कुल पैदावार में 32% का योगदान अकेला पंजाब का रहता हा। दूध उत्पादन में भी पंजाब का स्थान देश में तीसरे नंबर पर है। इस प्रकार राष्ट्रीय आय में पंजाब का हमेशा से ही भारी योगदान रहा है।
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पंजाब का रहन सहन
पंजाब के लोगों का रहन सहन बहुत ही अच्छा है। इनके इसी मेहनती स्वभाव के कारण ही इतनी घुसपैठ व आक्रमण के बावजूद यह क्षेत्र हमेशा से ही समृद्ध व खुशहाल रहा है। भारत के विभाजनों के बाद पंजाब, भारत के अन्य राज्यों की तुलना में तेजी से सभी क्षेत्रों मे तरक्की कीया है।
पंजाब के दर्शनीय स्थल places to visit in punjab
पंजाब एतिहासिक भूमि रही है जो हमेशा से शि पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्थल के नाम हैं।
- अमृतसर का स्वर्णमन्दिर,
- महाराज पटियाला का किला,
- दुर्गीयाना मंदिर,
- जलियाँवाला बाग,
- सोदाल मंदिर जालंधर,
- जगतजीत पैलेस (कपूरथला),
- रॉक गार्डन (चंडीगढ़),
- महाराजा रणजीत सिंह वॉर म्यूजियम (लुधियाना),
- नूरपुर किला (पठानकोट) आदि।
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पंजाब की सीमा कितने राज्यों से लगती है?
पंजाब की सीमा उत्तर में जम्मू और कश्मीर, उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में हरियाणा तथा राजस्थान से लगती है।
पंजाब का पुराना नाम क्या है?
प्राचीन काल में युनान के लोग पंजाब को पैंटापोटाम्या के नाम से संबोधित करते थे। पारसी धर्म ग्रंथ में इस क्षेत्र का नाम हपता हेंदू या सप्त-सिंधु तथा ब्रिटीस लोग इसे प्रशिया के नाम से भी जानते थे।
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