वैज्ञानिक गोविंदजी की जीवनी | Scientist Govindjee Biography in Hindi

वैज्ञानिक गोविंदजी की जीवनी | SCIENTIST GOVINDJEE BIOGRAPHY IN HINDI

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गोविंदजी (Govindji) कौन हैं?

गोविंदजी ( Govindjee ) एक प्रसिद्ध भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक (Indian-American biochemist ) हैं। प्रकाश संश्लेषण पर कार्य करने वाले प्रसिद्ध वैज्ञानिक रूप में इनकी खास पहचान है। इन्हें पौधे के प्रकाश संश्लेषण पर विशेष अनुसंधान के लिए जाना जाता है।

आज विश्व में उनकी पहचान प्रकाश संश्लेषण के प्रमुख विशेषज्ञ के रूप में की जाती है। वैज्ञानिक गोविंदजी ने बारीकी से पौधे के प्रकाश संश्लेषण पर शोध किया।

इस प्रकार उन्होंने प्रकाश संश्लेषण में रोशनी, क्लोरोफिल की भूमिका, पौधे के द्वारा ऑक्सीजन का निर्माण सहित कई चीजों का गहन अध्ययन किया।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान कायम करने वाले भारत के इस महान वैज्ञानिक ने प्रकाश संश्लेषण के कई राज से पर्दा उठाया। उनके इस योगदान के लिए उन्हें कई सम्मान और पुरस्कार से अलंकृत किया गया।

आईये इस लेख में वैज्ञानिक गोविंदजी की जीवनी ( Scientist Govindjee Biography in Hindi) विस्तार से जानते हैं।

वैज्ञानिक गोविंदजी की जीवनी | SCIENTIST GOVINDJEE BIOGRAPHY IN HINDI
वैज्ञानिक गोविंदजी की जीवनी

प्रसिद्ध वैज्ञानिक गोविंदजी की जीवनी – Scientist Govindjee Biography in Hindi

बचपन व प्रारंभिक जीवन

गोविंदजी का जन्म 24 अक्टूबर 1932 को उत्तर परदेश के प्रयागराज में हुआ था। कहते हैं की वे जाति-पाती में विश्वास नहीं करते थे। इसी कारण से वे अपने नाम के आगे उपनाम नहीं जोड़ा।

उनके पिता का नाम विश्वेश्वर प्रसाद था जो पेशे से टीचर थे। बचपन में ही उनके पिता का निधन हो गया। फलतः उनका लालन पालन उनके बड़े भाई ने किया।

शिक्षा-दीक्षा

गोविंदजी जी बचपन से ही अत्यंत कुशाग्र बुद्धि के थे। बचपन से इनकी रुचि जीव विज्ञान के प्रति गहरी थी। उनके अध्यापक ने भी जीव विज्ञान के प्रति उनकी रुचि जागृत करने में अहम भूमिका निभाई।

वे अपने पढ़ाई के अलाबा प्रैक्टिकल पर अधिक ध्यान देते। कहते हैं की जब वे बच्चे थे तो वे गौर से पेड़ पौधे को देखते और उनके बारे में सोचते।

गोविंदजी ने अपने प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद प्रयागराज विश्वविद्यालय में नामांकन लिया। प्रयागराज विश्वविद्यालय से इन्होंने सन 1952 में स्नातक की डिग्री हासिल की। उनके बाद यहीं से उन्होंने M.Sc तक की शिक्षा प्राप्त की।

पारिवारिक जीवन

गोविंदजी के पत्नी का नाम रजनी थी। उन्हें दो बच्चे हैं उनके लड़के का नाम संजय गोविंदजी और बेटी का नाम अनीता गोविंदजी है।

कैरियर  

प्रयागराज विश्वविद्यालय से M.Sc करने के बाद वे उच्च शिक्षा के लिए अमेरिकी चले गये। वहाँ उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस में रॉबर्ट एमर्सन के निर्देशन में पीएचडी की पढ़ाई शुरू की।

इस प्रकार उन्होंने बायोफिज़िक्स में पीएचडी की डिग्री हासिल की। बाद में वे अमेरिका के इलिनोइस विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की।

वे सन 1961 से लेकर 1999 तक इलिनोइस विश्वविद्यालय में बायोकेमिस्ट्री, बायोफिज़िक्स और प्लांट बायोलॉजी के प्रोफेसर रहे। यहाँ पर उन्होंने प्रकाश के द्वारा प्रकाश संश्लेषण पर अपना शोध जारी रखा।

सम्मान व पुरस्कार

पौधे के प्रकाश संश्लेषण को गहराई से समझने और उनके बारें में दुनियाँ को अवगत कराने हेतु वैज्ञानिक गोविंदजी को कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया। रेबीज फाउंडेशन फॉर बेसिक रिसर्च द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड पाने वाले वे वैज्ञानिक थे।

  • वर्ष 1976 – अमेरिकी एसोसिएशन ‘फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस’ के द्वारा फ़ेलो चुना गया।
  • वर्ष 1979 – भारत के नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा फ़ेलो मनोनीत
  • वर्ष 1981 – American Society for Photobiology के अध्यक्ष चुने गये।
  • वर्ष 2016 – भारत के फॉर द सोसाइटी फॉर प्लांट रिसर्च द्वारा बी.एम. जोहरी मेमोरियल अवार्ड

गोविंदजी का योगदान

पौधे में प्रकाश संश्लेषण को समझने में वनस्पति विज्ञानी गोविंदजी का उत्कृष्ट योगदान रहा है। बचपन से ही किताबों में पढ़ने को मिलता है की प्रकाश संश्लेषण की क्रिया सभी हरे पेड़-पौधों में होती है।

इसी क्रिया के फलस्वरूप सभी पेड़-पौधे अपना भोजन तैयार करते हैं। पौधे के प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के कारण ही पौधे वायुमंडल से CO2 ग्रहण कर ऑक्सीजन को छोड़ते हैं।

यह प्रक्रिया सभी हरे पेड़-पौधों में होती है। इसी क्रिया के द्वारा वायुमंडल में ऑक्सीजन संतुलित रहता है। लेकिन वैज्ञानिक गोविंदजी ने अपने अनुसंधान में पता लगाने की कोशिस की पेड़-पौधे में प्रकाश संश्लेषण की यह क्रिया किस तरह सम्पन्न होती है।

उनका मानना है की अगर मनुष्य द्वारा पादप के प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को पूरी तरह समझ लिया जाय तो। वनस्पति विज्ञान के क्षेत्र में अपार संभावना का जन्म होगा।

इसके द्वारा खाध्य पदार्थ देने वाले पौधों की वृद्धि पर नियंत्रिन पर कर आशातीत सफलता हासिल की जा सकती है। इन्होंने प्रकाश संश्लेषण से सम्बन्धीत अनेकों समीकरण का प्रतिपादन किया।

उन्होंने क्लोरोफिल और सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में होने वाली प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को समझने में अग्रणी योगदान दिया। इसके अलाबा उन्होंने शैवाल और पौधों में थर्मोल्यूमिनेसिस का पहला व्यापक सिद्धांत प्रतिपादित किया।

उपसंहार

प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को बारीकी से शोध करने का श्रेय वैज्ञानिक गोविन्द जी को जाता है। आपको वैज्ञानिक गोविंदजी की जीवनी (Scientist Govindjee Biography in Hindi) जरूर ज्ञानवर्धक लगी होगी।

F.A.Q

  1. गोविंदजी क्यों प्रसिद्ध हैं?

    गोविंदजी एक पादप वैज्ञानी हैं। जिन्हें पौधे में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया पर गहन शोध के लिए विश्व में पहचान है।

  2. वैज्ञानिक गोविंदजी का जन्म कहाँ हुआ था?

    गोविंद जी का जन्म 24 अक्टूबर 1932 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था।

इन्हें भी पढ़ें : –

शम्भूनाथ डेडॉ राज्य रमन्ना
आनद मोहन चक्रवर्तीएमएस स्वामीनाथन

बाहरी कड़ियाँ (External links)

The Photosynthesis Page Govindjee – Life Sciences

Govindjee: a lifetime in photosynthesis | SpringerLink


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