Dilip Mahalanabis in Hindi – ORS के जनक डॉ. दिलीप महालनोबिस की जीवनी

Dilip Mahalanabis in Hindi - ORS के जनक डॉ. दिलीप महालनोबिस की जीवनी
Dilip Mahalanabis in Hindi - ORS के जनक डॉ. दिलीप महालनोबिस की जीवनी

ORS के जनक डॉ. दिलीप महालनोबिस की जीवनी (Dilip Mahalanabis ) – भारत के राज्य पश्चिम बंगाल के रहने वाले डॉक्टर दिलीप महालनाबिस को 26 जनवरी 23 को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

दुनियाँ भर में ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन के प्रयोग द्वारा करोड़ों लोगों की जान बचाई जाती है। लेकिन हमारे देश में इसके व्यापक इस्तेमाल का श्रेय वेस्ट बंगाल के डॉ. महालनाबिस को जाता है। डॉ. महालनाबिस ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन के जनक कहलाते हैं।

Dilip Mahalanabis in Hindi - ORS के जनक डॉ. दिलीप महालनोबिस की जीवनी
Dilip Mahalanabis in Hindi – ORS के जनक डॉ. दिलीप महालनोबिस की जीवनी

उन्होंने 1971 के बंगलादेश मुक्ति संग्राम के दौरान ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS)  का व्यापक उपयोग कर काफी सुर्खियां बँटोरी थी। बंगलादेश युद्ध के दौरान शरणार्थी शिविर में हैजा का प्रकोप काफी बढ़ गया था।

तब डॉक्टर दिलीप महालनाबिस ने लोगों की सेवा करते हुए ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन की मदद से  करोड़ों लोगों की जान बचाई थी। उन्होंने अपने आविष्कार ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन के लिए कभी पेटेंट नहीं लिया। 

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वर्ष 2022 में 87 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। उन्होंने अपनी सारी उम्र लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया।

ORS क्या है और क्यों चुने गए डॉ. महालनाबिस?

डॉ. महालनाबिस को ORS का जनक माना जाता है। ORS असल में चीनी, नमक और पानी के मिश्रण से तैयार किया गया घोल है। हमारे किचन में हजारों साल से यह किचन का हिस्सा है। लेकिन लोगों के इसके बारें में पता नहीं था।

कहा जाता है की इस घोल को बनाने में किस अनुपात में क्या चीज मिलाई से ताकि यह जीवन रक्षक घोल बन जायेगा। इसका पता सबसे पहले डॉ महालनाबिस द्वारा पता चला था।

रिहाइड्रेशन की समस्या से निजात पाने के लिए यह एक सरल और सस्ता तरीका है। जिसका उपयोग आज भी बड़े पैमाने पर किया जाता है।

डॉ. दिलीप महालनोबिस की जीवनी – about Dilip Mahalanabis in Hindi

पूरा नाम डॉ. दिलीप महालनोबिस (in English -Dilip Mahalanabis)
राष्ट्रीयता भारतीय
पेशा चिकित्सक
जन्म 12 नवंबर 1934
निधन 16 अक्टूबर 2022
प्रसिद्धि ORS के जनक के रूप में

डॉ. महालनाबिस का प्रारम्भिक जीवन Early life and education

डॉक्टर दिलीप महालनाबिस का जन्म 2 नवंबर 1934 को अविभाजित बंगाल के किशोरगंज में हुआ था। उनकी शिक्षा दीक्षा कोलकता और लंदन में हुई थी। उन्होंने कोलकाता मेडिकल कॉलेज से स्नातक तक की पढ़ाई की। उसके बाद उच्च शिक्षा के लिए लंदन चले गए।

पारिवारिक जीवन

डॉ महालनाबिस की पत्नी का नाम जयंती महालनाबिस है।

कैरीयर

कहा जाता है की डॉ दिलीप लंदन स्थित क्वीन एलिजाबेथ हॉस्पिटल फॉर चिल्ड्रेन के रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त होने वाले पहले भारतीय थे.

कार्य व उप्लावधियाँ

डॉ महालनोबिस ने कोलकाता के जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी इंटरनेशनल सेंटर फॉर मेडिकल रिसर्च एंड ट्रेनिंग से जुड़कर ओरल रिहाइड्रेशन थेरेपी में शोध किया। जिसका प्रयोग उन्होंने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान शरणार्थी शिविरों में किया।

उनके प्रयोग से शरणार्थियों के बीच हैजा से मरने वालों की मृत्यु दर 50% से घटाकर 3% प्रतिशत हो गई थी। उन्होंने WHO के तत्वाधान में 1975 से लेकर 1979 तक मिस्र और यमन देशों में भी हैजा नियंत्रण पर कार्य करते हुए भारत का प्रतिनिधित्व किया।

बाद में 80 के दशक में WHO के डायरिया रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत चिकित्सा अधिकारी बने।

वे कभी पेटेंट के पीछे नहीं भागे

60-70 के दशक में रिहाइड्रेशन का उपचार महंगा पड़ता था जो नस के माध्यम से किया जाता था। उस बक्त सेलाइन की कमी को उन्होंने ORS से दूर किया। उन्होंने नमक, गलूकोज और पानी से तैयार घोल की मदद से लाखों लोगों की जान बचाई।

जो सेलाइन की तुलना में काफी सस्ता और सुगम भी था। इसी कारण से उन्हें भारत सरकार द्वारा देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने आविष्कार को पेटेंट के लिए कोई इच्छा नहीं जताई।

सम्मान व पुरस्कार Awards and honours

  • डॉ महालनोबिस को वर्ष 1994 में रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज़ का फ़ेलो सदस्य चुना गया।
  • वर्ष 2002 में उन्हें रिहाइड्रेशन थेरेपी  कार्यान्वयन में उल्लेखनीय योगदान के लिये बाल चिकित्सा अनुसंधान द्वारा प्रथम पोलिन पुरस्कार से अलंकृत किया गया।
  • वर्ष 2006 में उन्हें ओरल रिहाइड्रेशन थेरेपी के क्षेत्र में उनके योगदान और अनुप्रयोग के लिए थाइलेंड में प्रिंस महिदोल पुरस्कार प्रदान किया गया।
  • वर्ष 2023 देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण प्रदान किया गया।

डॉ दिलीप महालनोबिस का निधन

बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर दिलीप महालनोबिस (Dilip Mahalanabis) का 16 अक्टूबर 2022 को 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से फेफड़ों के संक्रमण और वृद्धावस्था की की बीमारी से जूझ रहे थे।

डॉ दिलीप महालनाबिस कौन हैं?

दिलीप महालनाबिस एक भारतीय बाल रोग विशेषज्ञ थे, जिन्हें ORS के जनक के रूप मे जाना जाता है। उन्होंने ORS की मदद से 1971 में करोड़ों लोगों को डायरिया के कारण मरने से बचाया था।

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