भारत माता की जय के नारे, हमारे देश के हर राष्ट्रीय उत्सव के दौरान हमें सुनाई पड़ती है। स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के अवसर पर स्कूली बच्चे हाथों में तिरंगा लेकर Bharat Mata Ki Jai का नारे लगाते हुए प्रभात फेरी करते हैं।
हमारे देश के वीर जवान वतन की रक्षा हेतु दुश्मन से लोहा लेते समय Bharat mata ki jai के जय घोष के साथ आगे बढ़ते है। इस दौरान यह उद्घोष उन्हें अतिरिक्त साहस और ऊर्जा प्रदान करता है। इस लेख में हम जानेंगे ; –
जानिए भारत माता कौन है, भारत माता की जय का नारा किसने दिया (Bharat Mata Ki Jai In Hindi )
इसमें आप पढ़ेंगे।
- भारत माता कौन है ?
- भारत को भारत माता क्यों कहते हैं
- भारत माता की जय का नारा किसने दिया
- भारत माता की जय नारे क्यों लगायी जाती है?
- आखिर भारत माता की जय नारा कहां से आया
- भारत माता की जय का क्या मतलब है ?
- क्या है इस नारे का इतिहास कब से हुई शुरुआत ?
- हमारे देश में भारत माता के प्रसिद्ध मंदिर कहाँ अवस्थित हैं?
- क्यों भारत माता की जय का नारे विवाद में आया ?
भारत माता कौन है? Who is Bharat Mata
लेकिन कुछ लोग का सवाल है की राजा भरत के नाम पर जब इस देश का नाम भारत पड़ा, तो इसे भारत माता क्यों कहते हैं। भारत माता की जय हो का क्या मतलव है। इस शब्द का प्रचलन कव से शुरू हुआ।
भारतमाता की जो तस्वीर भगवा रंग के परिधान में शेर के साथ, हाथ में तिरंगा लिए देखते हैं, वह कहाँ से आया। ऐसे ही ढेर सारे सवालों का जवाव इस लेख में आपको मिलेगा।
भारत माता शव्द सर्वप्रथम किरन चंद्र बनर्जी द्वारा रचित एक नाटक के शीर्षक से सामने आया। यह नाटक बंगाल में अकाल के ऊपर लिखा गया था। इस नाटक का पहली वार मंचन, वर्ष 1873 में किया गया था।
कहा जाता है की इसी समय से यह नारा हर देश-प्रेमी के जुवान में बस गया। बंकिम चंद्र चटर्जी ने बंदे मातरम गीत की रचना के माध्यम से भारत को माता के रूप में वंदना की।
बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा रचित इसी गीत को आजादी के बाद भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में स्वीकार किया गया।
भारत माता की जय’ को लेकर विवाद (Bharat Mata ki jai controversy)
भारत विविधता में एकता का देश है। हमारे देश में विविधता में एकता ठीक वेसे समायी हुई है जैसे चंदन में खुशबू। बाहर से कई विभिनताओं के बावजूद भी भीतर से सारा देश एकता के सूत्र में वंधा हुआ है।
हाल के कुछ वर्षों में भारत माता की जय नारे को लेकर काफी विवाद पैदा हुआ। यह जयघोष बहस का मुद्दा बना और इसपर जमकर राजनीति हुई।
कुछ राजनीतिक पार्टियां द्वारा इसे भगवाकरण से जोड़कर राजनीति रोटी भी सेकने की कोशिश की गयी। लेकिन सच्चाई को जानने के लिए इतिहास में जाना जरूरी होगा।
स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा है यह नारा
लेकिन अगर इस नारे के मूल में देखा जाय तो इसकी कहानी भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हुई है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह नारे फ़्रीडम फाइटर में नई जान फुकने का काम किया।
देश के वीर सपूत भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और न जाने कितने फ़्रीडम फाइटर भारत माता की जय के जयघोष के साथ अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
कहते हैं की अजीमुल्ला खाँ 1857 की आंग्रेजों के विरुद्ध क्रांति के आधार स्तंभो में से एक थे। भारत की आजादी से पूर्व स्वतंत्रा संग्राम के शुरूयात में अजीमुल्ला खां ने मादरे वतन भारत की जय का नारा दिया।
तभी से भारत की आजादी की लड़ाई के दौरान स्वतंत्रता सेनानी के द्वारा भारत माता की जय के नारे को अपनाया गया।
भारत माता की जय का क्या अर्थ है (Bharat Mata ki jai meaning)
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में स्वतंत्रता की लड़ाई के समय ‘भारत माता की जय ’ के नारे खूब लगे। ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध हर जुलूस में भारत के वीर सपूत इस नारे के साथ आगे बढ़ता था।
लेकिन बहुत काम लोग जानते हैं की भारत माता की जय का अर्थ है अथवा मतलब क्या है। अंग्रेजों के अत्याचार के बक्त उनकी हर चीख में यही नारा मुँह से निकलता था। हमारे देश के न जाने कितने वीर सपूत इस उद्घोष के साथ हँसते-हँसते फांसी के फंदे को अपने गले से लगा लिया।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपनी पुस्तक ‘भारत की खोज’ में लिखा हैं। जब वे सभाओं में जाते, वहाँ जब लोग bharat mata ki jai के नारे लगते थे। तब वे लोगों से सवाल करते थे।
भारत माता कौन है तथा भारत माता की जय’ का मतलव क्या है। तब लोगों से तरह-तरह के उत्तर पाकर वह लोगों को संबोधित करते और लोगों को इस नारे और भारत माता की जय का आशय समझाते। वे लोगों को समझाते की आप सब लोग स्वयं भारत माता के अंग हैं।
भारत माता की जय का अर्थ है इस विशाल भूमि पर फैला पहाड़, नदियाँ, जंगल, हरे-भरे खेत के साथ यहॉं बसा हर इंसान। इस प्रकार भारत माता की जय का मतलब हर हिन्दुस्तान के लोगों तथा उनकी जीत है।
भारत को भारत माता क्यों कहते हैं ( About Bharat Mata in Hindi)
आस्था और परंपराओं का देश भारत जहॉं सिर्फ इंसान ही नहीं पशु, नदी और पत्थर भी पूजे जाते है। कहते हैं एक माता नौ माह अपने बच्चे को पेट में धारण करती है। लेकिन धरती माता जन्म से लेकर मरण तक धारण किए रहती है।
कहते हैं की भारत की आजादी से पूर्व स्वतंत्रा संग्राम के शुरूयात में अजीमुल्ला खां ने मादरे वतन भारत की जय का नारा दिया। तभी से स्वतंत्रता सेनानी के के द्वारा भारत माता की जय का नारा अपनाया गया।
इसीलिए हमारे देश में अन्न-धन प्रदान कर करोड़ों लोगों के जीवन का पालन करने वाली भारत भूमि को माता कह कर बुलाते हैं। इसी के बंदन और अभिनंदन में ही तो Bharat Mata Ki Jai बोला जाता है।
कहते हैं की भारत की आजादी से पूर्व स्वतंत्रा संग्राम के शुरूयात में अजीमुल्ला खां ने मादरे वतन भारत की जय का नारा दिया। तभी से स्वतंत्रता सेनानी के के द्वारा भारत माता की जय का नारा अपनाया गया।
स्वाधीनता संग्राम के समय से चली आ रही यह उद्घोष, आज भी देशवासी में एकता और नए उत्साह का संचार करती है। आज भी कई राष्ट्रीय अवसरों, कार्यक्रमों एवं प्रदर्शनों में Bharat Mata Ki Jai के नारे लगाये जाते है।
भारत माता की जय का नारा किसने दिया (Bharat mata ki jai ka nara kisne diya )
कहा जाता की की अजीमुल्ला खाँ 1857 में आंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई में आधार स्तंभो में से एक थे। जिन्होंने स्वतंत्रा संग्राम के दिनों में मादरे वतन अर्थात भारत की जय का नारा दिया।
तभी से इस नारे का प्रयोग स्वतंत्रता संग्राम के दौरान खूब किया जाता था। उस समय यह नारा, अंग्रेजों की गुलामी की वेड़ी से मुक्ति के लिए भारत की जनता को एक बंधन में बांधने का काम किया।
भारत माता का पहला चित्र कब बनाया गया
भारत माता की कहानी की शुरुआत आजादी के लड़ाई से मानी जाती है। स्वाधीनता संग्राम के समय, उन्नीसवीं शताब्दी के अन्तिम दिनों में इसे माता के रूप में चित्रण किया गया। भारत को माता के रूप में चित्रित करने का श्रेय बंगाल के चित्रकार अबनिंद्रनाथ टैगोर को जाता है।
उन्होंने भारत माता की पहली तस्वीर बंगाल के परंपरागत पोषक में वर्ष 1905 में बनाया था। उन्होंने उस तस्वीर में उन्हें भगवा रंग के वस्त्र में चार भुजाओं वाली देवी के रूप में दिखाया था।
जिसके हाथ में किताब, सफेद रंग के वस्त्र, धान की बाली और माला दिखाया था। बर्तमान समय में शेरों पर सबार, हाथ में तिरंगा लिए एक देवी के रूप में Bharat Mata की photo राष्ट्रीय पहचान बन चुकी है।
वेदों में भी धरती को माता कहा गया है।
पौराणिक समय से ही भारत को भारतभूमि को माता कह कर संबोधित किया जाता है। भारत के पौराणिक ग्रंथ और वेदों के श्लोक में भी इसका वर्णन मिलता है।
अथर्व वेद के श्लोक में लिखा गया है-‘माता भूमि: पुत्रोऽहं पृथिव्या:’ अर्थात धरती हमारी माता है और हमलोग पृथ्वी के पुत्र है।
वाल्मीकि रामायण में भी लिखा हुआ है-‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ (जननी और जन्मभूमि अर्थात मातृभूमि का स्थान स्वर्ग से भी उपर है। इस प्रकार bharat mata ki jai असल में मातृभूमि का वंदन है। यही कारण है की भारत देश को भारत माता कहा जाता है
भारत माता मंदिर – Bharat Mata temple
वैसे तो पूरे भारतबर्ष में इनके के बहुत से मंदिर होंगे, लेकिन दो मंदिर जो सवसे ज्यादा प्रसिद्ध है। पहला वाराणसी तथा दूसरा हरिद्वार में।
भारत माता मंदिर काशी विद्यापीठ वराणसी
डॉक्टर शिव प्रसाद गुप्त ने वाराणसी के काशी विद्यापीठ में भारत माता मंदिर का निर्माण कराया। इस मंदिर में प्रतिमा नहीं, बल्कि संगमरमर के ऊपर पहाड़, पठार, नदियों और समुन्द्र के साथ अखंड भारत की तस्वीर (map) था।
यह मंदिर वाराणसी के काशी विद्यापीठ परिसर में स्थित है। इस टेम्पल का उद्घाटन वर्ष 1936 में महात्मा गांधी के द्वारा किया गया था।
भारत माता मंदिर हरिद्वार
इनका दूसरा मंदिर उतराखंड के हरिद्वार में स्थित है। पद्मविभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद के प्रयास से इस भव्य मंदिर का निर्माण वर्ष 1983 में कराया गया।
इस तरह भारत माता की एक देवी के रूप में प्रस्तुति, लोगों को देशभक्ति के साथ धार्मिक कर्तव्य को दर्शाता है। इस मंदिर का उद्घाटन 15 मई 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी के द्वारा किया गया था।
इस साथ मंजिला भारत माता मंदिर की भव्यता लोगों को खूब आकर्षित करती है, जहां देश की सांस्कृतिक की विविधता की झलक और महापुरुषों की प्रतिमाएं देखी भी जा सकती हैं
भारत माता का तीसरा मंदिर कुरुक्षेत्र में
हमारे देश में भारत माता का तीसरा मंदिर हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ज्योतिसर के पास प्रस्तावित है। इसकी घोषणा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने हरिद्वार में की थी।
उपसंहार
जैसे हम बड़े-बुजुर्गों को प्रणाम कर उनके प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं। ठीक उसी तरह Bharat Mata Ki Jai बोलकर अपने देश भारत का भी सम्मान करते हैं। यह तो एक भाव हैं जो हर भारतवासी इस जयकारे के माध्यम से व्यक्त करता है।
भारत माता की जय के नारे को किसी खास धर्म से जोड़ कर देखना ठीक नहीं है। स्वाधीनता संग्राम के समय से ही Bharat Mata Ki Jai In Hindi का यह नर हमारे संस्कारों में बस चुका है।
किसी धर्म या मजहब का इस उद्घोष को जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिये और न ही इस पर राजनीति होनी चाहिये।
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भारत माता की जय का क्या अर्थ होता है?
भारत माता की जय का अर्थ है इस विशाल भूमि पर फैला पहाड़, नदियाँ, जंगल, हरे-भरे खेत के साथ यहॉं बसा हर इंसान। भारत माता की जय का मतलब हर हिन्दुस्तान के लोगों तथा उनकी जीत से है।
भारत माता की जय किसका नारा है?
इस नारे के मूल में देखा जाय तो इसकी कहानी भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हुई है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह नारे फ़्रीडम फाइटर में नई जान फुकने का काम किया।
kya bhaiya apki website per may guest post kar sakta hu arpitsharma12300@gmail.com yadi bade bhaiya muje permission dete hai toh please es mail per jarur reply dijiye