वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन की जीवनी | Biography of K Kasturirangan in Hindi

वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन की जीवनी | Biography of K Kasturirangan in Hindi

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के कस्तूरीरंगन का पूरा नाम कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन है। इनका नाम भारत के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक के रूप में प्रसिद्ध है। उनका खगोल विज्ञान, अंतरिक्ष अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है।

के कस्तूरीरंगन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(ISRO) के अध्यक्ष भी रहे। महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन ने सन 1994 से 2003 तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का नेतृत्व किया।

उनका भारत उपग्रह भास्कर-1 और भास्कर-2 में भी उल्लेखनीय योगदान रहा। भारत सरकार ने इन्हें विज्ञान में योगदान के लिए देश के बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण प्रदान किया।

वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन की जीवनी | <strong>Biography of K Kasturirangan in Hindi</strong>

उनके द्वारा खगोल विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान, अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के क्षेत्रों में देशी व विदेशी कई पत्र-पत्रिकाओं में 200 से अधिक शोधपत्र का प्रकाशन हो चुका है।

अंतरिक्ष वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन की जीवनी – Biography of K Kasturirangan in Hindi

प्रारम्भिक जीवन

डॉ कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन का जन्म 20 अक्टूबर 1940 में भारत में केरल राज्य के एर्नाकुलम में हुआ था। डॉ के कस्तूरीरंगन के पिता का नाम सी एम कृष्णास्वामी तथा माता का नाम विशालम कृष्णास्वामी था।

शिक्षा

डॉ कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा एस आर वी गवर्मेंट स्कूल से प्राप्त की। उसके बाद उन्होंने मुंबई विश्वविधालय से भौतिक विज्ञान में 1961 में स्नातक की डिग्री हासिल की।

फिर उन्होंने इसी मुंबई विश्वविधालय से 1963 में मास्टर डिग्री (स्नातकोतर) पास किया। उसके बाद उन्होंने खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी में शोध करते हुए 1971 में गुजरात विश्वविद्यालय अहमदाबाद स्थित फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी से Ph.D. हासिल की।

पारिवारिक जीवन

डॉ कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन की शादी, 18 मई, 1969 को हुई। उनकी पत्नी का नाम लक्ष्मी रंगन है। उन्हें दो बच्चे हैं।

करियर

उन्होंने एक विज्ञानी के रूप में ISRO से अपने कैरियर की शुरुआत की। डॉ कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन करीब 09 साल (1994-2003) तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष पद पर रहे।

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भारत सरकार के योजना आयोग के सदस्य के रूप में भी उन्होंने सेवाएँ दी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संस्था अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट्स इंटरनेशनल कमेटी के चेयरमैन के पद को भी सुशोभित किया। वे राज्यसभा के सांसद के रूप में भी चुनकर सरकार में भी शामिल हुए।

महत्वपूर्ण योगदान (Krishnaswamy Kasturirangan Space scientist in hindi )

डॉ॰ कस्तूरीरंगन का इनसैट -2, भारतीय दूरसंवेदी उपग्रह को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा। इसके अलावा भी उन्हें कई अन्य वैज्ञानिक उपग्रह के विकास में भूमिका रही। उन्होंने कई वर्षों तक भारत सरकार के सचिव के रूप में कार्य किया।

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम उनके निर्देशन में काफी तरक्की की। उनके निर्देशन में ही भारत में ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान(PSLV) और भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान(GSLV) का सफल प्रक्षेपण संभव हुआ।

वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन की जीवनी | K KASTURIRANGAN IN HINDI
अंतरिक्ष वैज्ञानिक कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन ( Krishnaswamy Kasturirangan )

उपलब्धियां

उन्होंने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की। वर्तमान वे राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं। वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व चांसलर और कर्नाटक ज्ञान आयोग के अध्यक्ष भी हैं।

अंतरिक्ष वैज्ञानिक कृष्णास्वामी ने 1994-2003 तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ) को भली-भांति नेतृत्व किया। वे 2003 में राज्य सभा के सदस्य चुने गए और 2009 तक सांसद के रूप में देश की सेवा की।

उन्होंने 2004 से 2009 के बीच नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज, बैंगलोर के निदेशक पद को सुशोभित किया। मार्क्विस हूज़ हू द्वारा उन्हें के. कस्तूरीरंगन को एक प्रसिद्ध खगोल भौतिक विज्ञानी के रूप में सूचीबद्ध किया है।

डॉ के कस्तूरीरंगन समिति

भारत सरकार द्वारा देश में नई शिक्षा नीति (New Education Policy) लागू कर दी गई है। इस नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट डॉक्टर कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन (Dr. Krishnaswamy Kasturirangan) के मार्गदर्शन में तैयार किया गया था।

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भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अवलोकन करने और नई शिक्षा नीति बनाने के लिए कस्तूरीरंगन समिति का गठन किया। के कस्तूरीरंगन भारत के योजना आयोग के सदस्य रह चुके हैं।

के कस्तूरीरंगन समिति के सदस्य की बात करें तो इस 9 सदस्यीय कमेटी में डॉ. कस्तूरीरंगन समिति के अध्यक्ष थे। इनके अलावा इस समिति के सदस्य में निम्नलिखित हस्तीयां शामिल हैं:-

  1. कर्नाटक ज्ञान आयोग के पूर्व सदस्य सचिव एमके श्रीधर,
  2. आंध्र प्रदेश के केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति टीवी कट्टिमणि,
  3. जामिया मिलिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर,
  4. पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर जगबीर सिंह,
  5. भारतीय मूल के अमेरिकी गणितज्ञ मंजुल भार्गव,
  6. फ्रांसीसी मूल के भारतीय मिशेल डैनिनो,
  7. नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष गोविंद प्रसाद शर्मा,
  8. ‘महेश चंद्र पंत भारतीय प्रबंधन संस्थान,जम्मू’ के अध्यक्ष मिलिंद कांबले,
  9. गैर-लाभकारी क्षेत्र से, पूर्व नौकरशाह धीर झिंगरान

सम्मान व पुरस्कार

डॉ॰ कस्तूरीरंगन को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त हुए। देश के अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अहम योगदान के कारण भारत सरकार ने देश के बड़े नागरिक सम्मान से सम्मानित किया।

उन्हें देश के तीन बड़े नागरिक सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। भारत सरकार ने उन्हें 1982 में पद्म श्री, 1992 में पद्म भूषण तथा 2000 ईस्वी में पद्म विभूषण से अलंकृत किया।

राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी द्वारा 2001 में आर्यभट्ट पदक पुरस्कार प्रदान किया गया।  इसके साथ ही उन्हें निम्नलिखित पुरस्कार प्राप्त हुये।

  • इसमें इंजीनियरिंग में योगदान के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार,
  • एयरोस्पेस में श्री हरिओम आश्रम डॉ विक्रम साराभाई प्रेरिट पुरस्कार,
  • खगोल विज्ञान में एमपी बिरला मेमोरियल पुरस्कार,
  • एप्लाइड साइंस में श्री एम.एम.चुगानी मेमोरियल पुरस्कार,
  • विज्ञान प्रौद्योगिकी में एच.के.फिरोदिया पुरस्कार,
  • प्रसिद्ध विश्वभारती, शांतिनिकेतन द्वारा रवींद्र पुरस्कार,
  • अंतरिक्ष के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ.एम.एन.साहा जन्म-शताब्दी पदक,
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साथ ही वे भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियर्स संस्थान, भारतीय मौसम विज्ञान सोसायटी, तीसरी दुनिया विज्ञान अकादमी, केरल विज्ञान अकादमी, एरोनॉटिकल सोसाइटी इंडिया (मानद) और राष्ट्रीय टेलीमैटिक्स फोरम के फेलो हैं।

कस्तूरीरंगन समिति क्या है?

कस्तूरीरंगन समिति डॉक्टर कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन (Dr. Krishnaswamy Kasturirangan) की अध्यक्षता में नई शिक्षा नीति की मसौदा तैयार करने के लिए गठित एक कमिटी है।

कस्तूरीरंगन समिति किससे संबंधित है?

डॉ के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में गठित कस्तूरीरंगन समिति new education policy से संबंधित है।

डॉ के कस्तूरीरंगन कौन हैं।

डॉ के कस्तूरीरंगन भारत के महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं। उन्होंने सन 1994-2003 तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO ) के अध्यक्ष पद को सुशोभित किया।

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