Male Rao Holkar death reason – माले राव होलकर इंदौर की महान रानी अहिल्याबाई होल्कर के इकलौते पुत्र थे। यह लेख मालेराव होलकर की मृत्यु कैसे हुई इस टॉपिक पर आधारित है। माले राव होल्कर का पूरा नाम श्रीमंत सूबेदार माले राव होल्कर था। उनकी मृत्यु करीब 22 साल के उम्र में ही हो गई थी।
मालेराव होलकर की मृत्यु कैसे हुई
क्योंकि कुछ इतिहासकारों के अनुसार रानी अहिल्याबाई ने अपने पुत्र को मृत्यु दंड दिया था। वह अपनी प्रजा को अपने पुत्र के समान ही समझती थी। एक कहानी के अनुसार जब उनके पुत्र माले राव की गलती से एक दरबारी की मौत हो गई।
तब उन्होंने अपने पुत्र को हाथी के पैर के नीचे कुचलवा दिया था। लेकिन अधिकांश विद्वान इस बात से सहमत नहीं है। वे माले राव होलकर की मृत्यु को प्राकृतिक मानते हैं।
इंदौर के महाराजा के रूप में उनका शासन काल (1766-1767) मात्र एक साल के लिए माना जाता है।माले राव होलकर की मृत्यु के बारें में जानने से पहले उनके प्रारम्भिक जीवन के बारें में थोड़ा जानते हैं।
पूरा नाम | श्रीमंत सूबेदार माले राव होल्कर |
जन्म | 1745 ईस्वी |
पिता का नाम | खंडेराव होलकर |
माता का नाम | रानी अहिल्या बाई होल्कर |
दादा का नाम | मल्हारराव होलकर |
मृत्यु | 5 अप्रैल 1767 |
मृत्यु का कारण | मानसिक अस्वस्थता |
माले राव होलकर-अहिल्या बाई होल्कर के पुत्र की जीवनी
इतिहासकारों के अनुसार उनका जन्म 1745 ईस्वी में मराठा के होल्कर राजवंश में हुआ था। वे खांडेराव होल्कर के बहादुर और इकलौते पुत्र थे। उनकी माता अहिल्या बाई होल्कर एक धर्म परायण महिला थी। लेकिन राज-काज की कुशल क्षमता उनमें मौजूद थीं।
अहिल्याबाई होल्कर के पति खांडे राव होल्कर की असमय एक युद्ध के दौरान मौत हो गई। कुछ दिनों के बाद 1766 में उनके ससुर मल्हार राव की मृत्यु भी मृत्यु हो गई। मल्हारराव होलकर की समाधि मध्यप्रदेश के भिंड जिले में स्थित है।
फलतः सत्ता की सारी जिम्मेदारी अहिल्याबाई पर आ गई थी। लेकिन राज्य का संचालन अहिल्याबाई होल्कर ने बहुत ही सुचारु तरीके से किया। यधपी 1754 में कुंभेर की लड़ाई में अपने पति के मृत्यु के बाद अहिल्याबाई टूट सी गई थी।
लेकिन उन्होंने अपने प्रजा के मनोवल को टूटने नहीं दिया। उन्होंने सत्ता संचालन का सारे गूढ सीखते हुए अपने पुत्र माले राव को बड़ा किया। इस प्रकार उन्होंने 1766 ईस्वी में माले राव होल्कर को गद्दी पर बैठाया।
मालेराव होळकर wife name
उन्हें दो रानियाँ थी। उनके पत्नी नाम मैना वाई और पीरता बाई बताया जाता है।
मालेराव होलकर की मृत्यु से जुड़ी एक कहानी
कहा जाता है की मालेराव होल्कर एक रथ पर सवार होकर कहीं जा रहे थे। तभी एक गाय का नवजात बछड़ा उनके रथ के रास्ते में आ गया। उनके रथ की चपेट में आने से बछड़ा बुरी तरह घायल हो गया और मर गया।
उसके बाद बछडे की मां सड़क पर अपने मृत बच्चे के पास ही बैठ गई। गाय को सड़क पर बछड़े के पास बैठा देख सबको दया आ रही थी। उसे देखने के लिए सड़क पर भीड़ लग गई।
तभी कुछ देर बाद रानी अहिल्याबाई होल्कर का रथ भी उसी रास्ते से गुजर रहा था। जब उन्होंने लोगों से कारण जाना और गाय को मृत बछड़े के पास बैठे देखा, तो उन्हें भी दया आ गई। उन्हें पता चला की नवजात बछड़ा उनके ही पुत्र माले राव के कारण एक दुर्घटना में मारा गया है।
रानी अहिल्याबाई एक न्याय प्रिय थी। उन्होंने दरवार बुलाया और एक मां के सामने उसके बेटे की हत्या करने वाले को सजा के बारें में राय जाना। कहा जाता है की उसके बाद अहिल्याबाई ने अपने पुत्र को सजा सुनाया।
उन्होंने आदेश किया की मालेराव को हाथ-पैर बांधकर उसी सड़क रथ से कुचल कर मार डाला जाए। लेकिन कहा जाता है की कोई भी सारथी ऐसा करने का साहस नहीं जुटा सका। लेकिन अहिल्याबाई इतनी न्यायप्रिय थीं की जब कोई सारथी आगे नहीं आया तब उन्होंने खुद ही रथ पर सवार हो गईं।
तभी कहा जाता है की जब मालेराव के पास रथ आया तब वही, गाय रथ के रास्ते में आकार खड़ी हो गई। मानो वह कह रही हो की एक माँ के बेटे के बदले में दूसरे माँ की बेटे की जान नहीं लिया जाय।
बार -बार गाय को हटाने की कोसिस की गई लेकिन गाय रथ के सामने आ जाती है। कहा जाता है की इस प्रकार माले राव की उस दिन जान बच गई। इंदौर में जिस स्थान पर यह घटना घटित हुई थी वह वर्तमान में ‘अदा बाजार’ के नाम से प्रसिद्ध है।
माले राव होल्कर की मृत्यु से जुड़ी एक और कहानी प्रचलित है। कहा जाता है की एक बार मालेराव कुछ दरबारियों के जूते में बिच्छू पकड़ कर डाल दिए। बिच्छू इतना जहरीला था की उसके काटने से एक दरवारी की मौत हो गई।
जब अहिल्याबाई को पता चला तो उन्होंने अपने पुत्र को मौत की सजा सुना कर हाथी के पैर के नीचे कुचलवा दिया था।
मालेराव होलकर की मृत्यु कैसे हुई जानिये सच
कहते हैं की मालेराव होल्कर के अंदर एक बहादुर योद्धा का गुण था। जो उन्हें पाने दादा और पिता से विरासत में मिला था। लेकिन अपने जीवन के अंतिम दिनों में वे मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गए और सत्ता संभालने के मात्र एक साल में ही 1767 ईस्वी में उनकी मृत्यु हो गई।
मालेराव होलकर की मृत्यु को लेकर एक किंवदंती प्रचलित है की उन्होंने एक बार एक निर्दोष आदमी को गलती से मौत की सजा दे दी थी। जब उन्हें इस बात का पता चला तो उन्हें अपने फैसले पर बहुत ही अफसोस हुआ।
कहा जाता है की उसी दिन से मानसिक रूप से अस्वस्थ रहने लगे। उस चिंता में वे इतने डूब गए की उनसे उबर नहीं पाए। फलतः कहा जाता है की इसी कारण से 5 अप्रेल 1767 को उनकी असमय मृत्यु हो गई।
FAQ
माले राव होल्कर की पत्नी कौन थी?
इसकी को प्रामाणिक जानकारी नहीं मिलती लेकिन कहीं-कहीं मेनावाई के नाम से उनके पत्नी का जिक्र मिलता है।
माले राव होलकर की मृत्यु किस आयु में हुई थी?
माले राव होल्कर का जन्म 1745 में हुआ था तथा वे 1767 तक जीवित रहे। इस प्रकार कहा जा सकता है की माले राव की मृत्यु मात्र 22 वर्ष की आयु हुई।
माले राव होलकर की मृत्यु कैसे हुई
उनके मृत्यु का कारण मानसिक बीमारी माना जाता है।
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