डॉ जीमन पन्नियमकल (Jeemon Panniyammakal) भारत के एक प्रसिद्ध चिकित्सा विज्ञानी हैं। नई दिल्ली स्थित AMCHSS में कार्यरत डॉ जीमन पन्नियमकल को भारत में हृदय रोगों की रोकथाम तथा पब्लिक हेल्थ सेक्टर में उत्कृष्ट योगदान के लिए जाना जाता है।
उन्होंने भारत में हृदय रोगों और मधुमेह की रोकथाम, नियंत्रण और रोगी के primary care के सुधार की दिशा में उत्कृष्ट योगदान दिया है। स्वस्थ्य विज्ञान में उनके उल्लेखनीय योगदान के कारण उन्हें उन 11 वैज्ञानिकों की सूची में सम्मिलित किया गया।
जिन्हें 2021 में भारत के सर्वोच्च विज्ञान पुरस्कार शांति स्वरूप भटनागर से सम्मानित किया गया। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए भारत का यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रतिवर्ष वैज्ञानिकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाता है।
2021 का यह पुरस्कार अचुता मेनन सेंटर फॉर हेल्थ साइंस स्टडीज (एएमसीएचएसएस), श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट के जीमन पन्नियमकल को उनके द्वारा चिकित्सा विज्ञान में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया।
वर्तमान में वे पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में क्रॉनिक डिजीज एपिडेमियोलॉजी में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।
साथ ही प्रो जीमन पन्नियमकल Achutha Menon Centre for Health Science Studies (AMCHSS) के संकाय सदस्य हैं। आईए इस लेख में भारत के इस प्रसिद्ध चिकित्सा विज्ञानी जीमन पन्नियमकल की जीवनी (Biography Jeemon Panniyammakal in Hindi) संक्षेप में जानते हैं।
डॉ जीमन पन्नियमकल की जीवनी – Biography Jeemon Panniyammakal in Hindi
प्रारंभिक जीवन व शिक्षा
डॉ जीमन पन्नियमकल का जन्म 07 मई 1978 को भारत के केरल राज्य के नीलांबुर नामक स्थान पर हुआ था। उन्होंने अपनी पीएचडी ब्रिटेन के ग्लासगो विश्वविद्यालय से पूरी की।
उसके बाद वे केरल के तिरुअनंतपुरम में स्थित Sree Chitra Tirunal Institute of Medical Sciences and Technology से एमपीएच की डिग्री हासिल किया।
कार्य
डॉ. जीमन पन्नियम्माकल एक ‘प्रशिक्षित महामारी विज्ञानी’ (trained epidemiologist) माने जाते हैं। उन्हें observational महामारी विज्ञान के अध्ययन और clinical trials का गहन अनुभव है।
वे पिछले एक दशक से हृदय रोग महामारी विज्ञान पर अध्ययन और शोध कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने देश में अनेकों महामारी विज्ञान अध्ययनों और नैदानिक परीक्षणों में हिस्सा लिया है।
उन्हें भारत में chronic diseases के translational trials, risk prediction, biomarkers के शोध में विशेष रुचि है।
योगदान
प्रो जीमन पन्नियमकल ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के अलावा खासकर देश हृदय रोगों और मधुमेह की रोकथाम और नियंत्रण हेतु बहुमूल्य भूमिका निभाई है।
उन्होंने महामारी विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्य करते हुए भारत में हृदय रोगों की रोकथाम हेतु गहन अनुसंधान कर उत्कृष्ट योगदान दिया।
सार्वजनिक स्वास्थ्य में उनके योगदान के लिए ही उन्हें मेडिकल साइंस में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार प्रदान किया गया। डॉ पन्नियमकल को अपने रिसर्च के दौरान कई संस्थानों ने अनुदानों द्वारा सहायता प्रदान की।
इन संस्थानों में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (USA), वेलकम ट्रस्ट, मेडिकल रिसर्च काउंसिल (UK), नेशनल हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च काउंसिल (ऑस्ट्रेलिया) तथा इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के नाम प्रमुख हैं।
सम्मान व पुरस्कार
चिकित्सा विज्ञान में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ पन्नियमकल को अनेकों सम्मान और पुरस्कार प्रदान कीये गए। वे दुनियाँ के कई प्रसिद्ध संस्थान के फ़ेलो हैं।
- वर्ष 2019 – इमर्जिंग लीडर की खिताब, वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन द्वारा
- वर्ष 2021 – चिकित्सा विज्ञान में शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार
इसके अलावा वे एनल्स ऑफ फैमिली मेडिसिन( यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन) यूएसए के एडिटोरियल फेलो, रॉयल सोसाइटी लंदन ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए अपना फेलो चुना।
यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी (FESC) के फेलो तथा डीबीटी-वेलकम ट्रस्ट इंडिया एलायंस के सीनियर क्लिनिकल एंड पब्लिक हेल्थ फेलो है।
डॉ जीमन पन्नियमकल (CONTACT DETAILS)–
Professor Jeemon Panniyammakal, Achutha Menon Centre for Health Science Studies, SreeChitra Tirunal Institute for Medical Sciences and Technology, Thiruvananthapuram – 695011, Kerala, E-Mail- jeemon[at]sctimst[dot]ac[dot]in
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डॉ जीमन पन्नियमकल कौन हैं?
डॉ जीमन पन्नियमकल भारत के प्रसिद्ध चिकित्सा विज्ञानी हैं। हृदय रोगों और मधुमेह रोगियों उपचार और रोकथाम के लिए उनके कदम सराहनीय रहें हैं।
डॉ जीमन पन्नियमकल क्यों प्रसिद्ध हैं?
क्योंकि उन्हें 2021 में भारत के सबसे बड़े विज्ञान पुरस्कार शांतिस्वरूप भटनागर से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें चिकित्सा विज्ञान में योगदान के लिए प्रदान किया गया।
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